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मुलेठी
मुलेठी एक औषधीय जड़ी-बूटी है। जिसका सेवन गर्म पानी के साथ करने पर एसिडिटी में राहत मिलती है। इसका सेवन आप काढ़े के रूप में या पाउडर के रूप में कर सकते हैं।
नारियल पानी
नारियल पानी का सेवन करने से भी एसिडिटी दूर होती है। 100 से 500 मिलीलीटर नारियल पानी दिन में दो बार पीने से एसिडिटी में राहत मिलती है।
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एसिडिटी का आयुर्वेदिक इलाज औषधियों के द्वारा
एसिडिटी का आयुर्वेदिक इलाज निम्न औषधियों के द्वारा की जाती है :
सूतशेखर रस
सूतशेखर रस एक प्रकार का एंटाएसिड जूस है। जिसका इस्तेमाल एसिडिटी का आयुर्वेदिक इलाज करने में किया जाता है। इसमें सोंठ, सफेद हल्दी, पिप्पली, दालचीनी, इलायची आदि मिला होता है। ये पित्त दोषों को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। सूतशेखर रस का प्रयोग गर्म पानी के साथ कर सकते हैं। लेकिन बिना डॉक्टर के परामर्श के इसका प्रयोग ना करें।
पटोलादि क्वाथ
पटोलादि क्वाथ एक प्रकार का आयुर्वेदिक काढ़ा होता है। ये काढ़ा परवल, धतूरा, अडूसा, त्रिफला आदि से मिल कर बना होता है। इसका सेवन करने से पेट के अम्ल में कमी होती है और एसिडिटी में राहत मिलती है।
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अविपत्तिकर चूर्ण
अविपत्तिकर चूर्ण एक प्रकार का पाउडर होता है, जिसका सेवन डॉक्टर एसिडिटी में करने के लिए कहते हैं। अविपत्तिकर चूर्ण में लौंग, पिप्पली, सोंठ, काली मिर्च आदि मिला होता है। शहद या गर्म पानी के साथ इस दवा का सेवन करने पर एसिडिटी में राहत मिलती है।
कपर्दिका भस्म
कपर्दिका भस्म एक नेचुरलएंटाएसिड है जिसकी सहायता से एसिडिटी बनाने वाले एसिड को कम किया जाता है। वहीं, ये कैल्शियम से भी भरपूर होता है। कपर्दिका भस्म को गर्म पानी या छाछ के साथ डॉक्टर के दिशा निर्देश के अनुसार खाना चाहिए।
शंख भस्म
शंख भस्म बाजार में प्रवाल पंचामृत रस के रूप में पाई जाती है। प्रवाल पंचामृत रस में प्रवाल भस्म, मोती का भस्म, सीप का भस्म, शंख का भस्म और कपर्दिका भस्म मिला हुआ एक चूर्ण होता है। ये टैबलेट के रूप में भी पाया जाता है। गर्म पानी से प्रवाल पंचामृत रस लेने पर एसिडिटी में राहत देता है।
आप उपरोक्त दी गई औषधियों का सेवन विशेषज्ञों की राय पर ही करें। बिना राय लिए किसी भी औषधी का सेवन न करें वरना आपको शरीर में दुष्प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं। आप विशेषज्ञ को अपनी पहले की बीमारी या फिर अन्य दवाओं के सेवन की जानकारी जरूर दें ताकि औषधियों के साथ दवा का रिएक्शन न हो पाएं।
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साइड इफेक्ट
एसिडिटी का आयुर्वेदिक इलाज करने वाली औषधियों से कोई साइड इफेक्ट हो सकता है?
जैसा कि आपको हमने बताया उपरोक्त दी गई औषधियों का उपयोग बिना विशेषज्ञ की सलाह के बिल्कुल भी न करें। जानिए किन परिस्थितियों में दवा का सेवन करने से शरीर में दुष्प्रभाव हो सकता है।
- अगर महिला गर्भवती है या बच्चे को स्तनपान करा रही है तो एसिडिटी का आयुर्वेदिक इलाज में प्रयुक्त होने वाली औषधियों के सेवन से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह ले लेनी चाहिए।
- अगर आप किसी अन्य रोग की दवा का सेवन कर रहे हैं तो भी एसिडिटी की औषधि की शुरुआत करने से पहले आपको अपने डॉक्टर की सलाह लेनी जरूरी है।
- अगर आपको पित्त दोष है तो सोंठ का सेवन ना करें। इसके लिए अपने डॉक्टर से आप अधिक जानकारी ले सकते हैं।
- जिन लोगों में वात दोष हो, उन्हें शोधन विधि नहीं करना चाहिए।
- प्रेग्नेंसी में मुलेठी का सेवन ना करें।