थायरॉइड क्या है?
थायरॉइड (Thyroid) एक तरह की ग्रंथि होती है जो गले के ठीक सामने की ओर होती है। यह ग्रंथि तितली के आकार की होती है और शरीर के मेटाबॉल्जिम को नियंत्रण करती है। यह ग्रंथि आयोडीन का इस्तेमाल कर कई जरूरी हॉर्मोन भी पैदा करती है। थायरॉक्सिन यानी टी-4 एक ऐसा ही प्रमुख हार्मोन इस ग्रंथि द्वारा बनाया जाता है। थायरॉक्सिन को खून के द्वारा शरीर के टिशुओं में पहुंचाने के बाद इसका कुछ हिस्सा ट्रायोडोथायरोनाइन यानी टी-3 नाम सबसे सक्रिय हॉर्मोन में बदल जाता है।
इसके अलावा जो खाद्य पदार्थ हम ग्रहण करते हैं यह उसे उर्जा में बदलने का काम करती है। इसके अलावा यह आपके हृदय, मांसपेशियों, हड्डियों और कोलेस्ट्रॉल को भी प्रभावित करती है। थायराइड को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। क्योंकि इसके लक्षण एक साथ नही दिखते है। पुरूषों में थायरॉइड की समस्या के लक्षण समस्या के प्रकार पर निर्भर करता है, यह किसी भी अंतर्निहित कारण, समग्र स्वास्थ्य, जीवन शैली में परिवर्तन और दवाओं के साथ चल रहे इलाज के कारण हो सकता है।
थायरॉइड ग्रंथि पूरी तरह से दिमाग द्वारा नियंत्रित होती है। जब थायरॉइड हार्मोन का स्तर कम होता है तो दिमाग का हाइपोथैलामस hypothalamus नामक हिस्सा थाइरोट्रापिन thyrotropin नामक एक हार्मोन छोड़ता है। इसकी वजह से दिमाग के निचले हिस्से में मौजूद पीयूष ग्रंथि pituitary gland थाइरॉइड उत्तेजक हार्मोन पैदा करती है जिसकी वजह से थाइरॉइड ग्रंथि ज्यादा थाइरॉक्सन छोड़ने लगती है। हालांकि थायरॉइड से कैसे बचें यह जानना बेहद जरूरी है।
भारत में लगभग 4 करोड़ से ज्यादा लोग थायरॉइड का शिकार हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जिसके लक्षण बहुत कम नजर आते हैं। अगर आपको थायरॉइड है तो इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है। अगर किसी व्यक्ति को हाइपोथायराॅइड हो जाए, तो उसका शरीर धीमा पड़ जाता है। शरीर की सारी प्रक्रिया और मेटाबॉलिक रेट इतना धीमा हो जाता है कि व्यक्ति का कम खाने पर भी वजन बढ़ने लगता है। ऐसे स्थिति में कुछ एक्सरसाइज आपके लिए मददगार साबित हो सकती हैं।
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थायरॉइड से बचें?
इस समस्या से बचने के लिए निम्नलिखित एक्सरसाइज की जा सकती है। जैसे-
1. थायरॉइड से बचाने वाली एक्सरसाइज- मेडिटेशन: तनाव बहुत सी समस्याओं का कारण है। इसकी वजह से हाइपोथायराॅइड भी बढ़ने की संभावना होती है। बहुत से लोग तनाव में ज्यादा खाना खाते हैं, जिससे वजन बढ़ने का खतरा होता है। तनाव एड्रेनल ग्रंथि द्वारा नियंत्रित की जाती हैं। जो पहले से ही हाइपोथायराॅइडिज्म के कारण कर कार्यरत होती है। तनाव कोर्टिसोल लेवल को भी बढ़ाता है। जिससे भूख बढ़ती है, जिससे इंसुलिन का स्तर पर काफी असर होता है। इसलिए आपको मेडिटेशन या योगा करना फायदेमंद साबित हो सकता है, जिससे आपका मानसिक तनाव भी कम महसूस होगा।
2. थायरॉइड से बचाने वाली एक्सरसाइज- सांस पर ध्यान लगाना : थायरॉइड पेशेंट्स गहरी सांस लेने पर ध्यान केंद्रित करें। यह आपको अधिक ऑक्सिजन लेने में और अधिक कार्बन डायऑक्साइड बाहर निकलने में मदद करती है। ये व्यायाम वजन को घटाने, तनाव को कम करने और शरीर को आराम दिलाने में भी मदद करता है।
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3. थायरॉइड से बचाने वाली एक्सरसाइज- योगा: योग आपकी ऊर्जा को बढ़ाता है साथ ही शरीर का लचीलापन बढ़ा सकता है और तनाव दूर कर सकता है।
4. थायरॉइड से बचाने वाली एक्सरसाइज- वॉकिंग: अंडरएक्टिव थायरॉइड से वजन बढ़ाने का खतरा हो सकता है। वॉकिंग सबसे अच्छा व्यायाम मन जाता है। थायरॉइड पेशेंट्स वॉकिंग से कोर की मांसपेशियों में सुधार कर सकते हैं और हाइपोथायराॅइड से जुड़े पीठ और कूल्हे के दर्द को भी कम कर सकते है।
4. थायरॉइड से बचाने वाली एक्सरसाइज- ताई ची: यह एक ऐसा व्यायाम है जिससे आप चलते हुए ध्यान करते हैं, ये एक मार्शल आर्ट का प्रकार हैं जिसका स्वरुप धीमा होता है। यह सबसे व्यायाम तनाव को दूर करने में मदद करता है।
5. थायरॉइड से बचाने वाली एक्सरसाइज- स्ट्रेंथ ट्रेनिंग: स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में आपके मांसपेशियों का निर्माण आपको अधिक कैलोरी जलाने में मदद करता है और इम्यून सिस्टम में सुधार आता है।
डॉक्टर अक्षय जैन कहते हैं,’ यदि आपकी थायरॉइड स्थिति अच्छी तरह से नियंत्रित नहीं है या अभी तक उसका निदान नहीं किया गया है, तो बाद में एक्सरसाइज करना उल्टा नुकसानदायक साबित हो सकता है। यदि आपके थायरॉइड हार्मोन को नियंत्रित नहीं किया जा रहा है, तो अधिक व्यायाम आपके हार्ट फेलियर का कारण बन सकता है।’
27 साल की कीर्ति शर्मा मद्रास में रहती हैं। कीर्ति वर्किंग लेडी हैं। जब कीर्ति से हमने जानना चाहा की वो थायरॉइड पेशेंट हैं तो ऐसे में वो अपना ख्याल कैसे रखती हैं? कीर्ति कहती हैं ‘वो डॉक्टर के संपर्क में हमेशा रहती हैं और जो सलाह उन्हें डॉक्टर देते हैं वही वो करती हैं। इसके साथ ही डायट का भी वो पूरा-पूरा ध्यान रखती हैं। ‘
कैसा हो थायरॉइड पेशेंट का आहार?
निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है। जैसे-
फाइबर युक्त भोजन का सेवन करें:
वजन को मेंटेन रखने के लिए जितना हो सकें फाइबर से समृद्ध भोजन का सेवन करें। कम वसा वाले आहार को डायट में शामिल करें।
कॉपर और आयरन युक्त आहार को करें डायट में शामिल:
कॉपर और आयरन युक्त चीजों को डायट में शामिल करें। कॉपर के लिए आप काजू, बादाम और सूरजमुखी के बीजों का सेवन करें। आयरन के लिए पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।
विटामिन और मिनरल्स:
विटामिन और मिलरल्स से भरपूर चीजों का सेवन करें। इससे अनियमित पीरिड्स में फायदा होता है। इसके लिए आप टमाटर, प्याज, हरी मिर्च, पनीर, लहसुन, मशरूम आदि को डायट का हिस्सा बनाएं।
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कैफीन युक्त चीजों का सेवन न करें:
कैफीन हमारे शरीर में सीधे थायरॉइड को तो नहीं बढ़ाता, लेकिन यह थायरॉइड के कारण होने वाली समस्याओं को बढ़ाता है। इससे अनिद्रा और बेचैनी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
वनस्पति घी:
जो लोग थायरॉइड के कारण बढ़ते वजन से परेशान हैं उन्हें वनस्पति घी को नहीं लेना चाहिए। क्योंकि यह गुड कोलेस्ट्रॉल को खत्म करता है। इससे थायरॉइड के कारण हो रही समस्याएं और अधिक हो जाती हैं। इसलिए यदी आप बाहर फ्राइड खाना खाते हैं तो ध्यान रखें ज्यादातर जगहों पर इसी घी का इस्तेमाल किया जाता है।
एल्कोहॉल से करे परहेज:
थायरॉइड से ग्रसित लोगों को नींद न आने और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा रहता है। एल्कोहॉल का सेवन करने से इन दोनों परेशानियों के होने की संभावना पहले से ज्यादा हो जाती है।
इन चीजों से भी करें परहेज:
- सोया और उससे बनी चीजों का सेवन न करें
- ब्रोकली, गोभी, पत्तागोभी से दूरी बनाकर रखें।
ऊपरी बातों को ध्यान में रखते हुए अपने थायरॉइड को नियंत्रित करें और अगर आप थायरॉइड से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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