मरिजुआना या गांजा केनबिस प्लांट (cannabis plant) को सुखाकर उसकी पत्तियां, फ्लावर्स, बीज, जड़ और टहनियों आदि से तैयार किया जाता है। इसे पोट, वीड, हैश और डोजन के नाम से भी जाना जाता है। ज्यादातर लोग गांजा को स्मोकिंग कर पीना पसंद करते हैं। वहीं आप चाहें तो मरिजुआना का इस्तेमाल खाद्य पदार्थ के रूप में, शराब और तेल के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
गांजा पीना इस बात पर निर्भर करता है कि आप मरिजुआना का सेवन किस प्रकार करते हैं, आपके सेवन करने की प्रवृत्ति के अनुसार ही आपकी सेहत को प्रभावित करता है। जब आप गांजा पीते हैं तो यह आपके लंग्स को प्रभावित करता है। गांजा पीने पर ड्रग्स हमारी रक्तकोशिकाओं से होते हुए हमारे दिमाग में जाने के साथ शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित करता है। जो लोग गांजा का मुंह से सेवन करते हैं या लिक्विड फॉर्म में किसी तरल पदार्थ में मिलाकर ग्रहण करते हैं वैसे लोगों को थोड़ी देर से नशा चढ़ता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो गांजा पीना सेहत के लिए काफी खतरनाक है।
गांजा पीने से शरीर पर पड़ने वाले असर को लेकर तर्क होते हैं। कई लोग इसे अच्छा तो कई सेहत के लिए नुकसानदेह बताते हैं। वहीं कुछ लोग बताते हैं कि गांजा पीने से फिजिकल और साइकोलॉजिकल इफेक्ट होता है। तो आइए इस आर्टिकल में हम जानते हैं कि यदि आप मारिजुआना धूम्रपान करते हैं तो क्या होता है?
जानें गांजा पानी कितना होता है खतरनाक
गांजा पीने पर शरीर में कई प्रकार के बदलाव होते हैं। जैसे
- इम्पेयर्ड जजमेंट : गांजा पीना नुकसानदेह तो है ही, इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि जो व्यक्ति गांजा पीता है वो सामान्य लोगों की तुलना में निर्णय नहीं ले पाता है। गांजा पीने पर टीएचसी (tetrahydrocannabinol) किसी भी सूचना पर अलर्ट हो जाता है। यही वजह है कि व्यक्ति समय पर निर्णय नहीं ले पाता है।
- मेमोरी से जुड़ी समस्या : टीएचसी हमारे दिमाग में सूचना की प्रक्रिया में ही बदलाव कर देता है, या यूं कहें यह हिप्पोकैंपस (hippocampus) में बदलाव करता है। ऐसे में व्यक्ति के साथ नशा करने के बाद क्या हो रहा है उसे याद नहीं रहता।
- डिप्रेशन से जुड़े लक्षणों का बढ़ना और घटना : यह संभव है कि कुछ मामलों में गांजा पीना नुकसान नहीं पहुंचाता है। डिप्रेशन के मामले में मरिजुआना का सेवन करने से लक्षणों में कमी आती है। लेकिन यदि कोई मरिजुआना का सेवन न करे तो ऐसे में संभावना है कि वो काफी ज्यादा डिप्रेशन में चला जाए।
- दिमाग के विकास में बाधा : गर्भवती महिलाएं जो शिशु के जन्म के समय मरिजुआना का सेवन करती हैं, संभावना रहती है कि इसका सेवन करने से उनके शिशु को मेमोरी प्रॉब्लम सहित उन्हें एकाग्र करने में समस्या आए।
- बर्निंग माउथ : गांजा पीने वाले लोगों का गला और थ्रोट में जलन की समस्या आ सकती है।
- ब्रोंकाइटिस : लगातार स्मोकिंग करने के साथ संभावना रहती है कि ब्रोंकिएल पैसेजेस में किसी प्रकार की समस्या आए, वहीं लोगों को ब्रोंकाइटिस की समस्या हो सकती है।
- फेल्गम कफ (Phlegmy Cough) : गांजा पीना इसलिए भी नुकसानदेह है क्योंकि यदि आप नियमित तौर पर गांजा का सेवन करते हैं जो संभावना रहती है कि इसका सेवन करने से आपको कफ की समस्या के साथ फेल्गम निकले।
- लंग्स में इरीटेशन : मरिजुआना का सेवन करने वाले लोग कई प्रकार के टॉक्सिक केमिकल्स और कारकीनोजेंस (Carcinogens) का भी सेवन कर लेते हैं। ऐसे में लोगों के लंग्स में इरीटेशन की समस्या हो सकती है। यह ठीक तंबाकू का सेवन करने के समान है।
- लंग्स कैंसर का होता है खतरा : गांजा पीना स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है, लंबे समय तक इसका सेवन करने वालों को लंग्स से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। वहीं वैसे लोगों में कैंसर होने की संभावनाएं भी अधिक बढ़ जाती है।
- कम हो जाती है रोग प्रतिरोधक क्षमता : गांजा पीना खतरनाक इसलिए भी है क्योंकि इसका सेवन करने वाले लोगों की इम्मयुनिटी काफी कम हो जाती है। वहीं वो आसानी से छोटी से छोटी बीमारी की चपेट में आकर बीमार पड़ जाते हैं।
- व्यक्ति का रिएक्शन हो जाता है धीमा : गांजा पीना इसलिए भी खतरनाक है क्योंकि व्यक्ति का रिएक्शन टाइम धीमा हो जाता है, किसी भी बात पर वो देर से प्रतिक्रिया देता है।
- विड्रॉल सिम्पटम्स : संभावनाएं रहती है कि गांजा पीने वाले लोग इसके आदि हो सकते हैं। वहीं लंबे समय तक गांजा पीने वाले लोगों में यह देखा गया है कि जब वो इसे छोड़ते हैं तो उनमें कुछ बदलाव होते हैं।
- दिल की धड़कन को बढ़ाता है : गांजा पीना इसलिए भी घातक हो सकता है क्योंकि जो व्यक्ति का इसका सेवन करते हैं उनकी दिल की धड़कन तेजी से बढ़ जाती है। वहीं घंटों तक हार्ट बीट बढ़ी हुई रहती है।
- आंखों का लाल होना : गांजा पीना इसलिए भी नुकसानदेह है क्योंकि वैसे लोग जो नियमित रूप से मरिजुआना का सेवन करते हैं उनमें देखा गया है कि इसका सेवन करने के बाद उनकी आंखें लाल हो जाती हैं।
- एंजायटी को बढ़ाने और घटाने का करता है काम : गांजा पीना जहां कुछ लोगों के लिए राहत भरा है तो कुछ लोगों के लिए गांजा पीने के बाद स्थिति बद से बदतर हो जाती है। एंजायटी के मामले में देखा गया है कि कुछ लोगों को जहां गांजा पीने के बाद राहत मिलती है वहीं कुछ लोगों की हेल्थ कंडीशन बद से बदतर हो जाती है।
- डोपेमाइन रिलीज को बढ़ाने का करता है काम : गांजा का सेवन करने पर दिमाग में डोपेमाइन हार्मोन रिलीज होता है। जो लोगों को अच्छा महसूस कराने का काम करती है। इसका अत्यधिकत सेवन किया जाए तो सेहत पर इसका बुरा असर देखने को मिलता है।
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