जो लोग स्मोकिंग छोड़ने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का सेवन करते हैं उन्हें ई-सिगरेट का सेवन न कर हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए।
वैसे लोग जो इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का सेवन कर चुके हैं या कर रहें हैं उन्हें भी सिगरेट छोड़ने में परेशानी होती है और ज्यादातर लोग सिगरेट का सेवन करना नहीं छोड़ पाते हैं।
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इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का सेवन वैसे लोगों को नहीं करना चाहिए जिन्होंने कभी स्मोकिंग नहीं की है। इसके सेवन से व्यक्ति को परेशानी हो सकती है। इसलिए बेहतर होगा इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का भी सेवन न करें।
ई-सिगरेट में सामान्य सिगरेट की तुलना में कम केमिकल होता है। लेकिन इसमें लेड जैसे कई अन्य केमिकल्स की मौजूदगी फेफड़े की बीमारी से जुड़ा हो सकता है। इससे भी कैंसर का खतरा हो सकता है। ई-सिगरेट का उपयोग करने वाले व्यक्तियों के पास खड़े रहने से सामने खड़े हुए व्यक्ति पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ये सामान्य सिगरेट की तरह ही शरीर पर बुरा प्रभाव डालता है।
बाजार में ऐसे भी इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट आसानी से उपलब्ध हैं जिन पर लिखा होता है निकोटिन फ्री लेकिन, ऐसा नहीं होता है। उनमें भी निकोटिन मौजूद होता है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट यानी ई सिगरेट के एक नहीं, बल्कि कई तरह के साइड इफेक्ट्स का खतरा बढ़ जाता है। जैसे:
- डीएनए पर नेगेटिव प्रभाव पड़ना।
- सांस, हृदय और फेफड़े से जुड़ी समस्या होना।
- महिलाओं में गर्भधारण के दौरान परेशानी होना।
ऐसी किसी भी परेशानियों से बचने के लिए स्मोकिंग की लत से दूर रहें।
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट या वेपिंग के अत्यधिक सेवन से अन्य ड्रग्स के भी व्यक्ति शिकार हो सकते हैं। दरअसल ई-सिगरेट के सेवन से आपको ड्रग्स की भी लत लग सकती है।
अगर आप इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।