एलर्जी और फ्लू जैसी बीमारियां गर्मी के मौसम में अधिक फैलती हैं। खांसी, छींक और खारिश इस दौरान होने वाली सामान्य समस्याएं हैं और यह एलर्जी के लक्षण भी हैं। इसके होने का मुख्य कारण है, इम्यूनिटी का कमजोर होना। शरीर का इंफेक्शन के प्रति प्रतिरोध कई कारणों से कम हो सकता है, जैसे असंतुलित खाना और शरीर में विटामिन, मिनरल और प्रोटीन की कमी होना। इंफेक्शन की समस्या किसी भी मौसम में हो सकती है। कई बच्चों को छोटी उम्र में इंफेक्शन अधिक होता है लेकिन, उम्र के बढ़ने के साथ-साथ एलर्जी की समस्या कम होती जाती है। इस आर्टिकल में हम इसी बारे में विस्तार से बात करेंगे। सबसे पहले जानिए एलर्जी है क्या?
एलर्जी क्या है?
एलर्जी बाहरी तत्वों के प्रति हमारे शरीर की अतिसंवेदनशीलता हैं। जब हमारा शरीर किसी खास चीज के प्रति संवेदनशीलता या कोई प्रतिक्रिया महसूस करता है, तो इसे एलर्जी का नाम दिया जाता है। दरअसल, लोगों का कई बार यह पता ही नहीं चलता कि उन्हें इसकी समस्या है। अगर आपको एलर्जी है, तो आपके लिए कुछ खास तरह की चीजों को खाने की सलाह दी जाती है, जो इसमें पावर फूड की तरह काम करते हैं। जानिए कौन-कौन से हैं वो पावर फूड, जिन्हें खाने से आपको इससे राहत मिलती है।
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एलर्जी से बचाने वाले फूड कौन-से हैं?
कच्चा लहसुन
कुछ ऐसी कच्ची सब्जियां हैं, जिन्हें खाने से शरीर का इंफेक्शन दूर होता है। इसके साथ ही, आपकी त्वचा के लिए भी यह लाभदायक है। कच्चा लहसुन खाने से शरीर के वायरस और बैक्टीरिया खत्म होते हैं। दरअसल, जब लहसुन को पीसा जाता है, तो उसमें से एल्लीसिन नाम का कंपाउंड निकलता है लेकिन, जब लहसुन को पका दिया जाता है, तो यह कंपाउंड अपनी शक्ति खो कर प्रभावहीन हो जाता है। इसलिए, इंफेक्शन दूर करने के लिए कच्चा ही लहसुन खाने की सलाह दी जाती है। आप इसे सलाद के रूप में खा सकते हैं या लहसुन की कली को ऐसे भी खा सकते हैं लेकिन, एक या दो से अधिक कलियां न खाएं, इससे पेट में समस्या हो सकती है।
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प्रोबायोटिक
अच्छे बैक्टीरिया इम्यूनिटी को बढ़ने में मददगार होते हैं, क्योंकि यह शरीर को उन बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं जिनसे इंफेक्शन होता है। इसलिए, अच्छे बैक्टीरिया युक्त आहार का सेवन करें जैसे दही। दही में विटामिन-डी भी अधिक होता है, जिससे वो इंफेक्शन जैसे फ्लू से लड़ने में सहायक है। इसके लिए सामान्य दही का सेवन करें। अपने शरीर का प्रोबायोटिक लेवल बढ़ाने के लिए आप खमीर युक्त खाद्य पदार्थ को भी खा सकते हैं, जैसे इडली, डोसा, खांडवी या जलेबी आदि। इनमें भी अच्छे बैक्टीरिया होते हैं। इन्हें खाने से एलर्जी जैसी समस्या से छुटकारा मिलता है।
ओट्स
रोजाना एक कप ओट्स खाने से शरीर अंदर से भी मजबूत होता है। इनमें फाइबर होता है, जो शरीर के कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के साथ-साथ इम्यूनिटी को बढ़ने में भी सहायक है। ओट्स उन लोगों के लिए भी अच्छा है, जो शारीरिक और भावनात्मक तनाव में हैं। अपने आहार में एक कटोरी ओट्स, दूध, शहद, मेवे जैसे बादाम, अलसी के बीज आदि शामिल करें। त्वचा में इंफेक्शन या रैशेस होने पर एक चम्मच ओट्स, अंडे का सफेद भाग और एक चम्मच ऑलिव ऑयल को मिला कर लगाने से राहत मिलती है।
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प्याज
मिर्च, जामुन,प्याज और पार्सले आदि में क्वेरसेटिन नामक तत्व होता है, जो एक प्राकृतिक रसायन है। यह रसायन हिस्टामाइन प्रतिक्रियाओं को कम करने में सहायक है, जो इंफेक्शन का एक हिस्सा है।
कीवी
कीवी में विटामिन-सी बहुत अधिक होता है, जो इंफेक्शन को दूर करने में प्रभावी है। विटामिन-सी से भरपूर फल जैसे संतरे, स्ट्रॉबेरी, सेब, तरबूज आदि भी एलर्जी को दूर करने में सहायक हैं।
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अनानास
पाइनएप्पल यानी अनानास में ब्रोमेलिन नाम का एंजाइम होता है, जो एलर्जी में होने वाली समस्याओं जैसे अस्थमा या अन्य सांस संबंधी समस्या को दूर करने में सहायक है।
मछली
मछलियां जैसे टूना, साल्मन में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो एलर्जी में होने वाली जलन को दूर करने में सहायक है। इसलिए, हफ्ते में दो बार इनका सेवन करें। एक शोध के मुताबिक, जो महिलाएं अधिक मछली खाती हैं, उन्हें बुखार कम होता है, जिसे एलर्जी राइनाइटिस कहा जाता है।
ताजे फल और सब्जियां
ताजे फल और सब्जियां के एंटी-इंफ्लमेटरी प्रभाव से एलर्जी दूर होती है। इसलिए, अपने आहार में इन्हें शामिल करें। जब कुछ बच्चों पर शोध किया गया तो पाया गया कि जो बच्चे अधिक सब्जियां और फल खाते हैं। उन्हें सांस की समस्याएं, छींक, खांसी या अन्य समस्याएं नहीं होती, जबकि ब्रेड आदि खाने वाले बच्चों में यह परेशानियों अधिक देखी गई हैं।
एलर्जी भी कई प्रकार की होती हैं। कई लोगों को तो खाने की चीजों से भी एलर्जी हो जाती है। एलर्जी के लिए हमारा लाइफस्टाइल और वातावरण मुख्य रूप से जिम्मेदार है। इसके साथ ही, मौसम, प्रदूषण आदि भी इनके कारण हैं। खाने से होने वाली एलर्जी को ही फूड एलर्जी कहते हैं।
क्या है फूड एलर्जी
जब हमारी बॉडी किसी एक फूड आयटम को स्वीकार नहीं करती है, तो इसके कुछ साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं। साथ ही हमारी बॉडी इस तरह के फूड आयटम्स को बॉडी के लिए खतरनाक समझने लगती है। ऐसे में शरीर इन फूड्स को खाने पर रिएक्ट करने लगता है। साथ ही बॉडी इनसे बचने के लिए एक खास किस्म का प्रोटेक्टिव केमिकल रिलीज करने लगती है। इसे हिस्टेमाइन कहते हैं। हिस्टेमाइन के रिलीज होने के कारण बॉडी पर लाल धब्बे, रैशेज और अन्य स्किन की समस्याएं दिखने लगती है। इसके अलावा फूड एलर्जी होने पर चक्कर आना, उल्टी और सांस लेने में समस्या हो सकती है। इसके अलावा कई बार डायरिया के लक्षण भी दिखते हैं।
कितने प्रकार की होती हैं एलर्जी
एलर्जी होने के कई कारण हो सकते हैं। इसमें खाने-पीने की चीजों से लेकर वातावरण और प्रदूषण भी शामिल हैं। लेकिन फूड एलर्जी के लिए मुख्य रूप से ग्लूटन से लेस फूड आयटम्स, डेयरी प्रोडक्ट्स, सोयाबीन और कुछ मामलों में अंडे भी कारण भी हो सकते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों को ज्यादा नमी वाली जगह सासं लेने से भी एलर्जी हो सकती है। इसके अल्वा कुछ मामलों में एलर्जी का प्रभाव तुरंत दिखता है, तो कुछ मामलों में इसके प्रभाव में दिखने में 48 से 72 घंटों का समय लग सकता है।
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