अगर आप ऊपर बताये गए लक्षणों को महसूस कर रहें हैं या कोई अन्य व्यक्ति आपसे इन लक्षणों की चर्चा करते हैं, तो इसे इग्नोर ना करें और डॉक्टर से जल्द से जल्द कंसल्ट करें, जिससे एरिथमिया या डिसरिथमिया (Arrhythmia or Dysrhythmia) के शुरुआती स्टेज में ही इलाज आसानी से किया जा सके।
नोट : अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार नॉर्मल हार्ट बीट यानी दिल की धड़कन (Heart beat) 1 मिनट में 60 से 100 बार धड़क सकती है, लेकिन 1 मिनट में दिल की धड़कन इससे कम या ज्यादा होना एरिथमिया की ओर इशारा करते हैं। इसलिए अगर आप ब्लड प्रेशर चेक करने के दौरान या पल्स रेट (Pulse rate) मॉनिटर करने के दौरान ऐसी कोई स्थिति पाते हैं, तो डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है।
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डॉक्टर से कब करें कंसल्ट?
अगर एरिथमिया या डिसरिथमिया के लक्षण आप महसूस कर रहें हैं, तो डॉक्टर से कंसल्ट करें।
एरिथमिया और डिसरिथमिया के कारण क्या हैं? (Cause of Arrhythmia and Dysrhythmia)
हार्ट के इलेक्ट्रिकल सिग्नल (Electrical signaling) में बदलाव होने पर एरिथमिया और डिसरिथमिया की समस्या हो सकती है। इलेक्ट्रिकल सिग्नल के अलावा एरिथमिया और डिसरिथमिया के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। जैसे:
- जेनेटिक (Genetic factors) समस्या होना।
- हार्ट सर्जरी (Heart surgery) या हार्ट अटैक (Heart attack) होना।
- हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) की समस्या होना।
- थायरॉइड (Thyroid) की समस्या होना।
- स्लीप एप्निया (Sleep apnea) की समस्या होना।
- वायरल इंफेक्शन (Viral infection) होना।
- ओवर-द-काउंटर (OTC) दवाओं का सेवन अपनी मर्जी से करना।
- स्मोकिंग (Smoking) करना।
- अत्यधिक एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन करना।
- अत्यधिक तनाव (Stress) में रहना।
- कोकेन या मेथामफेटामाइन्स (Cocaine or Methamphetamines) का सेवन करना।