लंबे समय तक शराब का सेवन एक नहीं बल्कि कई बीमारियों का कारण बनता है। शराब न केवल लिवर को खराब करने का काम करती है बल्कि हार्ट के लिए भी बहुत नुकसानदायक होती है। लंबे समय तक शराब का सेवन करने से हार्ट की मांसपेशियों कमजोर और पतली हो जाती है, जिसके कारण ब्लड पंप करने की क्षमता प्रभावित होती है।जब हार्ट पर्याप्त मात्रा में रक्त को पंप नहीं कर पाता है, तो ब्लड फ्लो की कमी के कारण शरीर के सभी प्रमुख कार्यों में बाधा पैदा होती है। इस कारण से हार्ट फेल होने के साथ ही जीवन भर गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको एल्कोहॉलिक कार्डियोमायोपैथी (Alcoholic Cardiomyopathy) के बारे में अहम जानकारी देंगे और साथ ही इस समस्या से बचने के बारे में भी बताएंगे।
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एल्कोहॉलिक कार्डियोमायोपैथी (Alcoholic Cardiomyopathy)
शराब शरीर को अधिक नुकसान पहुंचाएगी या फिर कम, ये बात रोजाना शराब के सेवन की मात्रा पर निर्भर करती है। एनसीबीआई में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार पुरुषों में रोजाना एक से दो ड्रिंक और महिलाओं द्वारा ली गई एक ड्रिंक कोरोनरी आर्टरी डिजीज (coronary artery disease), हार्ट फेलियर (Heart failure), डायबिटीज (Diabetes), इस्केमिक और हेमेरेजिक स्ट्रोक (Hemorrhagic stroke) के खतरे को कुछ हद तक कम कर सकती है। जो लोग अधिक मात्रा में एल्कोहॉल का सेवन करते हैं, उनमें एल्कोहॉलिक कार्डियोमायोपैथी (Alcoholic Cardiomyopathy) की संभावना बढ़ जाती है। जिसे एथेनॉल और इसके मेटाबोलाइट्स द्वारा हार्ट की मांसपेशियों में एल्कोहॉलिक टॉक्सीसिटी (Alcohol toxicity) के रूप में जाना जाता है। जानिए एल्कोहॉलिक कार्डियोमायोपैथी (Alcoholic Cardiomyopathy) होने पर किस प्रकार के लक्षण नजर आते हैं।
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एल्कोहॉलिक कार्डियोमायोपैथी के लक्षण (Symptoms of alcoholic cardiomyopathy)
एल्कोहॉलिक कार्डियोमायोपैथी (Alcoholic Cardiomyopathy) होने पर शरीर में विभिन्न प्रकार के परिवर्तन नजर आते हैं। जरूरी नहीं है कि आपको सभी लक्षण नजर आएं। बीमारी के अधिक बढ़ जाने पर लक्षण दिख सकते हैं।
- सांस लेने में कठिनाई (Shortness of breath)
- पैरों में सूजन (Swelling of the legs)
- थकान (Fatigue)
- दुर्बलता (Weakness)
- चक्कर आना (Dizziness)
- बेहोशी (Fainting)
- भूख में कमी (Loss of appetite)
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी (Trouble concentrating)
- पल्स का अनियमित और तेज होना (a rapid and irregular pulse)
- खांसी के साथ ही गुलाबी रंग का म्यूकस आना
- यूरिन में बदलाव महसूस होना
यह बात का ध्यान रखना जरूरी है कि एल्कोहॉलिक कार्डियोमायोपैथी (Alcoholic Cardiomyopathy) के कारण लक्षण तभी दिखते हैं, जब बीमारी एडवांस स्टेज में पहुंच जाती है। कई बार बीमारी के लक्षण हार्ट फेलियर (Heart failure) से भी जुड़े हो सकते हैं।
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एल्कोहॉलिक कार्डियोमायोपैथी के कारण (Causes of alcoholic cardiomyopathy)
एल्कोहॉलिक कार्डियोमायोपैथी का मुख्य कारण शराब का अधिक मात्रा में सेवन करना है। एल्कोहॉल एब्यूज के कारण शरीर के विभिन्न ऑर्गन में टॉक्सिक इफेक्ट पड़ता है। इसमें हार्ट भी शामिल है। एल्कोहॉल टॉक्सिसिटी के कारण हार्ट पर्याप्त मात्रा में ब्लड पंप नहीं कर पाता है। इस कारण से हार्ट में एक्सट्रा ब्लड इकट्ठा होने लगता है। इस कारण से हार्ट इंलार्ज्ड और मोटा हो जाता है। इस कारण से हार्ट मसल्स और ब्लड वैसल्स प्रॉपर काम नहीं कर पाते हैं।
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एल्कोहॉलिक कार्डियोमायोपैथी का डायग्नोसिस (Diagnosis of alcoholic cardiomyopathy)
अगर आपको उपरोक्त दिए गए एल्कोहॉलिक कार्डियोमायोपैथी के लक्षण नजर आते हैं, तो आपको डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। जांच के लिए डॉक्टर सबसे पहले फिजिकल एक्जामिनेशन करते हैं और फिर मेडिकल हिस्ट्री के बारे में भी जानकारी लेते हैं। आपको कुछ लैबोरेटरी टेस्ट के लिए या फिर एक्स-रे जांच के लिए भी कहा जा सकता है। फिजिकल एक्जाम के दौरान डॉक्टर पेशेंट की पल्स के साथ ही ब्लड प्रेशर की जांच भी करते हैं। डॉक्टर फिजिकल एक्जाम के दौरान पैर, एंकल और फीट में सूजन की जांच भी कर सकते हैं। डॉक्टर फैमिली में ड्रिंकिंग हैबिट के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं। आपको डॉक्टर को सही जानकारी देनी चाहिए और कुछ भी छुपाना नहीं चाहिए।
किए जा सकते हैं ये टेस्ट
डॉक्टर लैब टेस्ट भी कर सकते हैं। लैब टेस्ट के दौरान डॉक्टर को हार्ट डिस्फंक्शन के बारे में जानकारी मिलती है और साथ ही शरीर के अन्य ऑर्गन के डैमेज होने के बारे में भी पता चल जाता है। डॉक्टर ब्लड केमिस्ट्री पैनल (Blood chemistry panel) की हेल्प से खून में उपस्थित तत्वों के बारे में पता लगाते हैं। वहीं लिवर डिस्फंक्शन टेस्ट की हेल्प से लिवर डैमेज या फिर लिवर में आई सूजन के बारे में जानकारी मिलती है। डॉक्टर कोलेस्ट्रॉल टेस्ट के लिए भी कह सकते हैं। इस टेस्ट के माध्यम से ब्लड में कोलेस्ट्रॉल लेवल (Cholesterol levels) के बारे में जानकारी मिलती है।
डॉक्टर एक्स-रे और सीटी स्कैन के जरिए हार्ट इंलार्ज्ड होने या ना होने के बारे में जानकारी लेते हैं। इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram) आपके हार्ट की तस्वीरें दिखाता है और इंलार्ज्ड हार्ट (enlarged heart), लीकिंग हार्ट वाल्व, उच्च रक्त चाप, खून के थक्कों के बारे में भी जानकारी देता है।
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एल्कोहॉल के कारण हो जाए हार्ट प्रॉब्लम, तो इन बातों पर दें ध्यान
हार्ट को हेल्दी बनाने के लिए आपको ऐसी किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए, जो आपके हार्ट को नुकसान पहुंचाए। शराब का सेवन और स्मोकिंग शरीर में कई बीमारियों को पैदा कर सकते हैं। आपको इन्हें छोड़ने का प्रयास करना चाहिए। आप चाहे तो इसमें डॉक्टर की मदद भी ले सकते हैं। अगर आप चाहे, तो शराब से छुटकारा पा सकते हैं लेकिन इसके लिए आपकी इच्छा शक्ति का मजबूत होना बहुत जरूरी है। हेल्दी लाइफस्टाइल (Healthy lifestyle) में पौष्टिक आहार का सेवन, रोजाना एक्सरसाइज और सात से आठ घंटे की रोजाना नींद जरूर लें।
खाने में लो सॉल्ट डायट यानी कम नमक का इस्तेमाल करें। डॉक्टर पेशाब के माध्यम से शरीर से पानी और नमक को हटाने के लिए डाययूरेटिक्स लेने की सलाह दे सकते हैं। आपको रोजाना समय पर जरूरी दवाओं का सेवन करना चाहिए। डॉक्टर बीटा ब्लॉकर्स के साथ ही एसीई इनहिबिटर्स लेने की भी सलाह दे सकते हैं। दोनों ही हाय बीपी को नॉर्मल करने का काम करती हैं। अगर समय पर आप जांच कराने के साथ ही शराब को छोड़ देते हैं, तो ट्रीटमेंट की हेल्प से रिकवर हो सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की चिकित्सा सलाह नहीं देता है। ट्रीटमेंट के बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी लें।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से एल्कोहॉलिक कार्डियोमायोपैथी (Alcoholic Cardiomyopathy) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की चिकित्सा सलाह नहीं देता है।
आप एल्कोहॉल के बारे में रखते हैं अधिक जानकारी, तो खेलें क्विज –
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