हार्ट मस्कुलर ऑर्गन है, जो पूरे शरीर को ब्लड पंप करने का काम करता है। पंप हुआ ब्लड और न्यूट्रिएंट्स शरीर के विभिन्न हिस्सों में जाते हैं। अगर किन्हीं कारणों से हार्ट ठीक तरह से ब्लड को पंप नहीं कर पाता है, तो शरीर के विभिन्न हिस्सों में खून नहीं पहुंच पाता है। ऐसा कई कारणों से हो सकता है। रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी (Restrictive cardiomyopathy) के कारण हार्ट मसल्स के काम करने के तरीके में बदलाव आ जाता है। इस कारण से हार्ट में खून सही तरीके से नहीं पहुंच पाता है और हार्ट कुछ सिकुड़ भी जाता है। रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी (Restrictive cardiomyopathy) में इन दोनों समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी (Restrictive cardiomyopathy) के बारे में जानकारी देंगे।
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रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी के लक्षण (Restrictive cardiomyopathy Symptoms)
रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी (Restrictive cardiomyopathy) की समस्या में वेंट्रिकल्स नॉर्मल हो सकती हैं लेकिन वेंट्रीकल में पर्याप्त ब्लड नहीं पहुंच पाता है। समय के साथ ही हार्ट भी ब्लड को ठीक तरह से पंप करने में सक्षम नहीं हो पाता है। इस कारण से हार्ट फेलियर ( Heart failure) की समस्या हो सकती है। जिन लोगों को ये समस्या होती है, उनमें कुछ लक्षण भी दिख सकते हैं। जानिए इस हार्ट डिजीज या दिल की बीमारी के कारण क्या लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं।
- एक्सरसाइज या आराम के दौरान सांस लेने तकलीफ (Shortness of breath)
- थकान (Fatigue)
- एक्सरसाइज करने में असमर्थता (Inability to exercise)
- पैरों में सूजन ( Swelling of the legs and feet
- वजन बढ़ना (Weight gain)
- जी मिचलाना (Nausea)
- ब्लोटिंग (Bloating)
- भूख कम लगना (Poor appetite)
- अनियमित धड़कन (Palpitations)
- बेहोशी (Fainting)
- सीने में दर्द (Chest pain)
अगर आपको उपरोक्त दिए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सही समय पर बीमारी का इलाज आपको कई बीमारियों से बचा सकता है।
रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी (Restrictive cardiomyopathy) के कारण
रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी के कारण अज्ञात हैं लेकिन ये बीमारी यहां हम आपको उन कारणों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जो समस्या का कारण बन सकते हैं।
- स्कार टिशू का निर्माण (Buildup of scar tissue)
- हार्ट मसल्स में प्रोटीन का निर्माण (Amyloidosis)
- कीमोथेरिपी या रेडिएशन से चेस्ट एक्सपोजर (Chest exposure to radiation)
- हार्ट में अधिक आयरन बनना (Hemochromatosis)
बीमारी के कारणों के बारे में आपको डॉक्टर जांच के बारे में बता सकते हैं। आपको बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर आप देरी करेंगे, तो हार्ट अटैक (Heart attack) या दिल का दौरा होने का खतरा बढ़ सकता है और जान जा सकती है।
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कैसे की जाती है ये हार्ट डिजीज डायग्नोज? (Restrictive cardiomyopathy)
कुछ मामलों में रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी (Restrictive cardiomyopathy) के साथ ही कंस्ट्रक्टिव पेरिकार्डिटिस (Constrictive pericarditis) के लक्षण कंफ्यूज कर सकते हैं। बीमारी के लक्षणों की सही जानकारी बीमारी डायग्नोज होने के बाद ही मिलती है। डॉक्टर आपसे बीमारी के लक्षणों के बारे में जानकारी लेंगे और साथ ही जांच भी करेंगे, ताकि बीमारी के बारे में पता लगाया जा सके। जानिए डॉक्टर डाग्नोज के दौरान क्या कर सकते हैं।
- लक्षणों के बारे में जानकारी
- फैमिली की हार्ट डिजीज की हिस्ट्री
- फिजिकल एक्जाम (Physical exam)
- ब्लड टेस्ट (Blood test)
- एलेक्ट्रोकार्डियम (Electrocardiogram)
- चेस्ट एक्स-रे (A chest X-ray)
- इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)
- एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट (Exercise stress test)
- कार्डियक कैथीटेराइजेशन (Cardiac catheterization)
- सीटी स्कैन (CT scan)
- एमआरआई ( MRI)
- हार्ट मसल्स की बायोप्सी (A biopsy of the heart muscle)
हार्ट मसल्स की बायोप्सी की हेल्प से बीमारी के कारण के बारे में पता लगाने की कोशिश की जाती है। हार्ट टिशू का सैम्पल लेने के बाद माइक्रोस्कोप से उसकी जांच की जाती है। रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी (Restrictive cardiomyopathy) की जांच कैसे की जाती है, आप इसके बारे में डॉक्टर से जानकारी ले सकते हैं।
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रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी ट्रीटमेंट (Restrictive cardiomyopathy Treatment)
रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी (Restrictive cardiomyopathy) ट्रीटमेंट के दौरान बीमारी के कारणों पर फोकस किया जाता है। डॉक्टर बीमारी के कारणों को जानकर उन्हें कम करने की कोशिश करेंगे और साथ ही लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव के लिए भी कहेंगे। जानिए कैसे किया जा सकता है रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी (Restrictive cardiomyopathy) का ट्रीटमेंट।
मेडिकेशन (Medication) से ट्रीटमेंट
डॉक्टर रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी में बीटा ब्लॉकर्स ( Beta-blockers) और एसीई इनहिबिटर्स ( ACE inhibitors) लेने की सलाह दे सकते हैं। आपको समय पर दवाओं का सेवन करना चाहिए।
डायट (Diet) से हेल्दी हार्ट
अगर आपको सांस लेने में दिक्कत हो रही है या फिर थकान का एहसास (Fatigue) हो रहा है, तो आपको डॉक्टर से पूछना चाहिए कि खाने में कितनी मात्रा में नमक लेना सही रहेगा। खाने में कम नमक की मात्रा को शामिल करने के लिए जब भी बाजार से प्रोडक्ट खरीदें, उसके लेबल में सोडियम से संबंधित जानकारी जरूर पढ़ें। हो सके तो बाहर के पैक्ड फूड्स को अवॉयड ही करें क्योंकि इनमें अधिक मात्रा में नमक होता है। आपको खाने में ग्रीन वेजीटेबल्स के साथ ही फ्रेश वेजीटेबल्स भी शामिल करनी चाहिए। आप हेल्दी कोलेस्ट्रॉल के लिए खाने में ड्राय फ्रूट्स का चुनाव कर सकते हैं।
एक्सरसाइज (Exercise) से हेल्दी हार्ट
एक्सरसाइज सभी के लिए बहुत जरूरी होती है। अगर आपको हार्ट डिजीज है, तो आपको डॉक्टर से परामर्श के बाद रोजाना एक्सरसाइज (Daily exercise) करनी चाहिए। आप वॉक से भी शुरुआत कर सकते हैं लेकिन हैवी वेट लिफ्टिंग (Weight lifting) से बचना चाहिए।
अगर आपकी लाइफस्टाइ में सुधार के बाद भी लक्षण दिखाई पड़ते हैं, तो डॉक्टर कुछ मेडिसिंस जैसे कि डिगॉक्सिन (Digoxin), डाययूरेटिक्स (diuretics), एल्डोस्टेरोन इनहिबिटर्स (Aldosterone inhibitors) लेने की सलाह भी दे सकते हैं।
अगर आपको हार्ट रिदम डिसऑर्डर (Arrhythmia) की समस्या है, तो डॉक्टर आपको हार्टबीट को नियंत्रित करने के लिए कुछ दवाएं लिख सकते हैं। डॉक्टर सारकॉइडोसिस (Sarcoidosis), अमाइलॉइडोसिस (amyloidosis) और हेमोक्रोमैटोसिस (Hemochromatosis) की समस्या से निपटने के लिए थेरिपी की सलाह दे सकते हैं। आपको डॉक्टर से ट्रीटमेंट के बारे में अधिक जानकारी लेनी चाहिए।
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अगर आपको किसी प्रकार की समस्या महसूस हो रही है या फिर कोई लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर जांच कराएं। सही समय पर किसी बीमारी का इलाज कराने पर बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। डॉक्टर से परामर्श के बाद ही दवाओं का इस्तेमाल करें। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी (Restrictive cardiomyopathy) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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