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प्रीकॉर्डियल कैच सिंड्रोम (Precordial Catch Syndrome) में न तो कोई अन्य लक्षण महसूस होता है और न ही शरीर में कोई बदलाव आता है। हालांकि, कुछ मरीज चक्कर आना और बेहोशी सी महसूस कर सकते हैं और उन्हें सांस लेने में भी समस्या होती है। लेकिन, उनकी पल्स रेट और रिदम सामान्य रहती है। अगर आपको छाती में दर्द के साथ कुछ अन्य लक्षण भी नजर आते हैं, तो यह किसी अन्य हार्ट प्रॉब्लम (Heart Problem) के लक्षण हो सकते हैं। अब जान लेते हैं इससे जुड़ी जटिलताओं के बारे में।
प्रीकॉर्डियल कैच सिंड्रोम (Precordial Catch Syndrome) से जुड़ी जटिलताएं कौन सी हैं?
प्रीकॉर्डियल कैच सिंड्रोम (Precordial Catch Syndrome) के कारण होने वाली छाती में दर्द (Chest pain) से सांस लेने में समस्या होती है, जिससे चक्कर आ सकते हैं। इस तरह का दर्द होने से मरीज घबरा सकता है और ऐसा सोच सकता है कि यह किसी गंभीर कार्डिएक कंडिशन जैसे हार्ट अटैक (Heart Attack) का संकेत है। अगर ऐसा है तो तुरंत डॉक्टर से बात करें ताकि सही समस्या का निदान हो सके।
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार प्रीकॉर्डियल कैच सिंड्रोम (Precordial Catch Syndrome) टीनएजर्स और यंग एडल्ट्स में होना सामान्य है। लेकिन, 6 साल की उम्र के छोटे बच्चे भी इसका अनुभव कर सकते हैं। दुर्लभ मामलों में वयस्कों को भी यह समस्या हो सकती है। अब जानिए क्या हैं इस समस्या के कारण?
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प्रीकॉर्डियल कैच सिंड्रोम के कारण (Causes of Precordial Catch Syndrome)
प्रीकॉर्डियल कैच सिंड्रोम (Precordial Catch Syndrome) के सही कारणों की जानकारी नहीं है। न ही इस बारे में जानकारी है कि इस रोग को कौन सी चीजें बदतर बना सकती हैं। लेकिन, डॉक्टर्स के अनुसार यह समस्या हार्ट या लंग प्रॉब्लम के कारण नहीं होती। लेकिन कुछ डॉक्टर्स यह मानते हैं कि यह दर्द शायद लंग की लायनिंग की नर्व्स में समस्या के कारण होती है। हालांकि, चेस्ट वॉल में पसलियों या कार्टिलेज से दर्द भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है। इन नर्वज को नुकसान किसी भी चीज से हो सकता है जैसे पुअर पोस्चर (Poor Posture) और कोई इंजरी (Injury) आदि। यह तो थे इस सिंड्रोम के कारण, अब जानिए कैसे संभव है इसका निदान?
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