मिक्सड हायपरलिपिडिमिया (Mixed hyperlipidemia) एक जेनेटिक डिअसॉर्डर (Genetic disorder) है जो फैमिली मेम्बर्स में एक से दूसरी जनरेशन में पास होता है। आपको यह बीमारी है तो इसका मतलब है कि आपके ब्लड में कोलेस्ट्रॉल, ट्रायग्लिसराइड्स और दूसरे लिपिड्स का लेवल नॉर्मल लेवल से अधिक होगा। इस डिसऑर्डर की वजह से हार्ट डिजीज होने के साथ ही हार्ट अटैक भी आ सकता है। डायबिटीज, हायपोथायरॉइडिज्म, मोटापा और एल्कोहॉल एब्यूज इस कंडिशन को और भी बुरा बना सकते हैं। मिक्सड हायपरलिपिडिमिया को फैमिलियल कंबाइंड हायपरलिपिडिमिया (Familial combined hyperlipidemia) के नाम से भी जाना जाता है। इसमें हाय लिपिड लेवल की शुरुआत टीनएज से हो जाती है। कुछ बच्चों में भी इसके लक्षण दिखाई दिए हैं।
मिक्सड हायपरलिपिडिमिया के कारण क्या हैं? (Causes of mixed hyperlipidemia)
स्पेसिफिक जीन्स जो इस डिसऑर्डर का कारण बनते हैं उन पर रिसर्च जारी है। इस पर रिसर्च करना कठिन है क्योंकि इसकी कुछ लक्षण या मेटाबॉलिक सिंड्रोम (Metabolic syndrome) के साथ ओवरलेप करते हैं, लेकिन नई तकनीकों के द्वारा इसके कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। नई रिसर्च के अनुसार इसका कारण कोलेस्ट्रॉल को रेगुलेट करने वाले जीन्स में मिसकम्युनिकेशन हो सकता है। इसके अलावा भी कुछ रिस्क फैक्टर्स हैं जो मिक्सड हायपरलिपिडिमिया का कारण बन सकते हैं।
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मिक्सड हायपरलिपिडिमिया के रिस्क फैक्टर्स (Mixed hyperlipidemia risk factors)
स्टडीज में ऐसा पता चला है कि मिक्सड हायपरलिपिडिमिया उन लोगों में ज्यादा कॉमन है जिनमें निम्न कंडिशन पाई जाती हैं।
- मोटापा (बहुत अधिक वजन होना)
- इंसुलिन रेजिस्टेंस (वह स्थिति जब आपकी मसल्स, फैट और लिवर इंसुलिन हॉर्मोन की प्रति रिस्पॉन्ड नहीं करता)
- टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes)
- हायपरटेंशन (Hypertension)
- नॉनएल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (Nonalcoholic fatty liver disease)
- मेटाबॉलिक सिंड्रोम (हेल्थ कंडिशन का ग्रुप जो हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और टाइप 2 डायबिटीज का कारण बन सकता है)
- हायपोथायरॉइडिज्म (अंडरएक्टिव थायरॉइड)
- एल्कोहॉलिज्म (Alcoholism)
इसके अलावा मिक्सड हापयरलिपिडिमिया निम्न हेल्थ कंडिशन के जोखिमों को बढ़ा सकता है।
- कोरोनरी हार्ट डिजीज (Coronary heart disease)
- अर्ली हार्ट अटैक (Early heart attack)
- पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज (Peripheral vascular disease)
- स्ट्रोक (Stroke)
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हायपरलिपिडिमिया का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosing mixed hyperlipidemia)
मिक्सड हायपलिपिडिमिया का पता पहली बार तभी चलता है जब ब्लड टेस्ट्स में हाय लिपिड लेवल के बारे में पता चलता है। जरूरी नहीं है कि आप में बहुत सारे शारीरिक लक्षण नजर आएं, लेकिन खासतौर पर आपकी फैमिली हिस्ट्री जानने के बाद खासतौर पर हार्ट डिजीज और हाय कोलेस्ट्रॉल लेवल के बारे में जानने के बाद डॉक्टर को डायग्नोसिस में मदद मिलेगी। जेनेटिक रिचर्स (Genetic research) की जा रही है। किसी ना किसी दिन मिक्सड हायपरलिपिडेमिया के लिए जेनेटिक टेस्ट डेवलप कर सकते हैं। जिसके आधार पर ट्रीटमेंट किया जाएगा।
अभी फिलहाल डॉक्टर एक ब्लड टेस्ट करेंगे जिससे डायग्नोसिस किया जा सके। टेस्ट में लिपिड्स के लेवल को देखा जाएगा। वे निम्न दो चीजों को देखेंगे
- एवरेज लेवल से कम एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का लेवल
- एलडीएल, ट्रायग्लिसराइड्स और एपोलिपाप्रेाटीन
ये रिजल्ट्स मिक्सड हायपरलिपिडिमिया की तरफ इशारा कर सकते हैं।
इन सब्सटेंस की नॉर्मल रेंज निम्न है।
- एचडीएल कोलेस्ट्रॉल: 40-50 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर या अधिक
- एलडीएल कोलेस्ट्रॉल: 100 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से कम
- ट्राइग्लिसराइड्स: 150 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से कम
- टोटल कोलेस्ट्रॉल: 125-200 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर
इन ब्लड के लिए टेस्ट के पहले फास्टिंग की जरूरत होती है। जिसके बारे में डॉक्टर जानकारी देंगे। अगर आप कुछ दवाएं या सप्लिमेंट्स लेते हैं तो उन्हें भी टेस्ट से पहले लेने के लिए मना किया जा सकता है।
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मिक्सड हायपरलिपिडिमिया का इलाज क्या है? (Mixed hyperlipidemia treatment)
मिक्सड हायपरलिपिडिमिया एक जेनिटिक डिसऑर्डर है जिसका कोई इलाज नहीं है। ट्रीटमेंट का लक्ष्य हार्ट डिजीज के कॉम्प्लिकेशन को कम करना होता है। ट्रीटमेंट प्लान उम्र, डायग्नोसिस, लिपिड लेवल कितना हाय है, क्या लक्षण दिखाई दे रहे हैं आदि पर निर्भर करता है। ट्रीटमेंट का पहला स्टेप लाइफस्टाइल में बदलाव होता है इसके अलावा डॉक्टर दवाएं भी प्रिस्क्राइब कर सकते हैं।
लाइफस्टाइल चेंजेस (Lifestyle changes)
कई लोगों के लिए, जीवनशैली में बदलाव अकेले कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। आपके हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद के लिए, डॉक्टर लो फैट फूड्स, वजन घटाने और रेगुलर एक्सरसाइज करने का सुझाव दे सकता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, लो फैट डायट आपके हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकती है। एविडेंस यह भी बताते हैं कि शुगर और कार्बोहाइड्रेट को कम करना आपके वजन और ट्राइग्लिसराइड्स दोनों को कम करने में प्रभावी है। अपने कोलेस्ट्रॉल को मैनेज करने के लिए, इन टिप्स को आजमाएं:
धूम्रपान बंद करें (Quit smoking)
धूम्रपान से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए स्मोकिंग को पूरी तरह बंद कर दें।
एल्कोहॉल के इंटेक को सीमित करें (Limit alcohol intake)
अधिक मात्रा में एल्कोहॉल का सेवन कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का काम करता है। सीडीसी पुरुषों के लिए एक दिन में दो ड्रिंक्स और महिलाओं के लिए एक एल्कोहॉलिक ड्रिंक्स की सिफारिश करती है।
वजन कम करें (Reduce weight)
यदि आवश्यक हो, तो हेल्दी डायट का सिलेक्शन करने में डायटीशियन की मदद ले सकते हैं या वेट लॉस ग्रुप को जॉइन कर सकते हैं।
एक्सरसाइज करें (Get regular exercise)
यदि आप शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं, तो प्रति दिन 15 मिनट की मॉडरेट एक्सरसाइज से शुरुआत करें। एक रिकमंडेड गोल प्रति दिन कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करना है, भले ही इसे 10-मिनट के सेगमेंट में डिवाइड किया गया हो। कुछ ऐसी एक्सरसाइज खोजें जो आपको करना पसंद हो। यह वॉकिंग, स्विमिंग, बाइकिंग, डांस, जिम वर्कआउट, या कुछ और हो सकता है। जो भी आपको पसंद हो अपने रूटीन का हिस्सा बना लें।
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मेडिकेशन (Medication)
यदि जीवनशैली में बदलाव के बाद भी आपका कोलेस्ट्रॉल का स्तर उच्च बना रहता है, तो आपका डॉक्टर दवा लिख सकता है। कई दवाएं हैं जो मदद कर सकती हैं। प्रत्येक आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बदलने के लिए अलग तरह से काम करती है। उनमें शामिल हो सकते हैं:
- स्टेटिन (Statins) प्रिस्क्रिप्शन मेडिसिन्स हैं जिन्हें कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए डिजाइन किया गया है। ये लिवर में कोलेस्ट्रॉल उत्पन्न करने के लिए आवश्यक एंजाइम को रोकने ADD KA काम करते हैं।
- बाइल एसिड-बाइंडिंग रेजिन्स (Bile acid–binding resins) या सेक्वेस्ट्रेंट दवाएं आपकी आंतों में बाइल को बाइंड करके काम करती हैं और इस तरह आपके ब्लड स्ट्रीम में कोलेस्ट्रॉल के एब्जॉर्पशन को रोकती हैं।
- कोलेस्ट्रॉल एब्जॉर्पशन इन्हिबिटर्स ये दवाएं आपकी छोटी आंत को आपके द्वारा कंज्यूम किए जाने वाले डायट्री कोलेस्ट्रॉल को ठीक से अवशोषित करने से रोकती हैं। यदि इसे एब्सॉर्ब नहीं किया जाएगा, तो यह ब्लडस्ट्रीम तक नहीं पहुंचेगा।
- इनके अलावा डॉक्टर ओमेगा-3 फैटी एसिड लेने की सलाह भी ले सकते हैं। इन्हें ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (जिसे “अच्छा” कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है) को बढ़ाने के लिए इफेक्टिव पाया गया है।
उम्मीद करते हैं कि आपको मिक्सड हायपरलिपिडिमिया (Mixed hyperlipidemia) संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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