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मक्खन और कोलेस्ट्रॉल के बीच तालमेल बिठाना हैं, तो पढ़ें ये लेख!

Written by डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


अपडेटेड 22/10/2021

    मक्खन और कोलेस्ट्रॉल के बीच तालमेल बिठाना हैं, तो पढ़ें ये लेख!

    हमारे शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) का लेवल सामान्य रहना बेहद जरूरी माना जाता है। कोलेस्ट्रॉल यदि बढ़ जाए, तो शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है और इन अंगों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है आपका हार्ट। यही वजह है कि हार्ट पेशेंट के लिए कोलेस्ट्रॉल का लेवल सामान्य बनाए रखना जरूरी होता है। इसके लिए लोग अपने खानपान पर खास तौर पर रोक लगाते हैं। कई ऐसी वसा युक्त चीजें हैं, जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ा सकती है। जिनमें से एक में मक्खन और कोलेस्ट्रॉल (Butter and Cholesterol) का संबंध भी है।  यही वजह है कि हार्ट समस्या और हायपरटेंशन (Heart problems and hypertension) से जूझ रहे लोग इन खास खाद्य पदार्थों से दूर रहते हैं, लेकिन अक्सर लोगों को इन खाद्य पदार्थों को लेकर असमंजस हो सकता है, इसलिए इन खाद्य पदार्थों की सही जानकारी होना आपके लिए बेहद जरूरी है।

    आज हम बात करने जा रहे हैं मक्खन और कोलेस्ट्रॉल (Butter and Cholesterol) एक दूसरे से किस तरह जुड़े हुए हैं और मक्खन और कोलेस्ट्रॉल का तालमेल कैसा माना जाता है, यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। लेकिन इससे पहले आइए जानते हैं आखिर कोलेस्ट्रॉल आख़िर क्या होता है।

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    क्या होता है कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol)?

    कोलेस्ट्रॉल शरीर में मौजूद एक वसायुक्त पदार्थ (Fatty substances) माना जाता है, जो शरीर के हर सेल में पाया जाता है। शरीर के कार्य के लिए कोलेस्ट्रॉल एक जरूरी तत्व माना जाता है। आमतौर पर पशुओं से प्राप्त होने वाले मास में कोलेस्ट्रॉल मौजूद होता है, जिसका इस्तेमाल शरीर अपनी जरूरत के अनुसार कर लेता है। लेकिन जब यह कोलेस्ट्रॉल जरूरत से ज्यादा हो जाए, तो इसका सीधा प्रभाव आपके हृदय पर पड़ता है। इस समस्या को हाय कोलेस्ट्रॉल के नाम से जाना जाता है। हाय कोलेस्ट्रॉल की वजह से आर्टरी में वसा जमा होने लगती है, जिसकी वजह से व्यक्ति को एथेरोस्कलेरोसिस (Atherosclerosis) की समस्या झेलनी पड़ती है। साथ ही इसी कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की वजह से ह्रदय संबंधी समस्याएं हो सकती है। इसलिए कोलेस्ट्रॉल को सामान्य बनाए रखना बेहद जरूरी माना जाता है। लेकिन इसे और भी बेहतर समझने के लिए आपको कोलेस्ट्रॉल के कॉम्बिनेशन के बारे में जानना चाहिए। 

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    क्या हैं कोलेस्ट्रॉल के अलग-अलग प्रकार? (Types of cholesterol)

    जैसा कि हमने पहले बताया, कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) शरीर के लिए जरूरी है। पर जब यह सीमित मात्रा से ज्यादा बढ़ने लगता है, तो यह शरीर के लिए नुकसानदेह साबित हो जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि कोलेस्ट्रॉल के तीन प्रकार हैं, एचडीएल (HDL), एलडीएल (LDL) और वीएलडीएल (VLDL)। यह तीनों ही लिपॉप्रोटीन माने जाते हैं। यह प्रोटीन और फैट के कॉम्बिनेशन होते हैं। एचडीएल (HDL) को हाय डेंसिटी लिपॉप्रोटीन (High density lipoprotein) माना जाता है, जो इसे गुड कोलेस्ट्रॉल बनाता है। वहीं एलडीएल (LDL) लो डेंसिटी लिपॉप्रोटीन माना जाता है, जो शरीर के लिए बैड कोलेस्ट्रॉल कहलाता है। यही कोलेस्ट्रॉल आर्टरी में जमा होकर इसे ब्लॉक करता है।  वीएलडीएल (VLDL) बहुत कम डेंसिटी वाले लिपॉप्रोटीन होते हैं और इसे भी खराब कोलेस्ट्रॉल माना जाता है, क्योंकि यह भी हार्ट को तकलीफ पहुंचाने का काम करते हैं।

    मक्खन और कोलेस्ट्रॉल , butter and cholesterol

    जाहिर सी बात है वीएलडीएल (VLDL) और एलडीएल दोनों ही शरीर के लिए नुकसानदेह साबित होते हैं। इसलिए इन दोनों की मात्रा शरीर में सीमित बनाए रखना बेहद जरूरी होता है। यही वजह है कि डॉक्टर कुछ खाद्य पदार्थों से दूरी बरतने की सलाह देते हैं। इन खाद्य पदार्थों में रिफाइंड ऑयल, लाल मांस, मिल्क प्रोडक्ट (Refined Oil, Red Meat, Milk Products) और अन्य वसायुक्त पदार्थ शामिल होते हैं। यही वजह है कि लोगों को अक्सर यह लगता है कि मक्खन (Butter) खाने से उनका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है। लेकिन मक्खन और कोलेस्ट्रॉल (Butter and Cholesterol) के बीच क्या संबंध है, यह जानने के लिए आपको एक रिसर्च के बारे में जानना जरूरी है। आइए मक्खन और कोलेस्ट्रॉल(Cholesterol) के बीच संबंध समझने के लिए जानते हैं इस रिसर्च के बारे में।

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    मक्खन और कोलेस्ट्रॉल : क्या है इन दोनों का संबंध? (Butter and Cholesterol)

    एक्स्पर्ट के अनुसार मक्खन (Butter) एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसमें सैच्युरेटेड फैट की मात्रा ज्यादा होती है। यही सैच्युरेटेड फैट शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाता है और हार्ट डिजीज को न्योता देता है, लेकिन यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन (US National Library of Medicine) में छपी एक रिसर्च के अनुसार यह बात सामने आई है कि सैच्युरेटेड फैट से बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholesterol) के स्तर में बढ़ोतरी का सीधा ताल्लुक नहीं है। वही आपके कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) के लेवल को मापने के लिए गुड कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल दोनों के ही स्तर को जांचना जरूरी माना जाता है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप हर तरह के सैच्युरेटेड फैट खा सकते हैं। एक्स्पर्ट के अनुसार आपको रोजाना टोटल केलोरी में से सिर्फ़ 5 से 6 परसेंट सैच्युरेटेड फैट का ही सेवन करना चाहिए। इस तरह आप सैच्युरेटेड फैट का सेवन भी कर पाएंगे और इससे आपके कोलेस्ट्रॉल के लेवल में बढ़ोतरी नहीं होगी।

    वहीं यदि आप शरीर के बढ़ते मक्खन और कोलेस्ट्रॉल (Butter and Cholesterol) के बीच तालमेल बैठाना चाहते हैं, तो आप मक्खन के साथ-साथ हरी सब्जियां, जैसे एवोकाडो, ऑलिव ऑयल इत्यादि का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये सभी खाद्य पदार्थ आपके एलडीएल (LDL) के स्तर को कम करते हैं और हार्ट डिजीज (Heart disease) होने की आशंका को घटाते हैं। साथ ही शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल का सामान्य बने रहना बेहद जरूरी है, इसलिए आपको पता होना चाहिए कि मक्खन में आखिर कितना कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है। दरअसल 1 टेबलस्पून अनसाल्टेड मक्खन (Butter) में 31 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल होता है। इस बात को ध्यान में रखकर आप मक्खन और कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) के बीच तालमेल बिठा सकते हैं।

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    कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) को सामान्य बनाए रखने के लिए आपको कितना मक्खन खाना चाहिए, ये जानने के लिए आप डॉक्टर की मदद ले सकते हैं। डॉक्टर की सलाह के बाद इसकी सीमित मात्रा तय की जा सकती है। यदि आप मक्खन (Butter) के बदले कुछ और बेहतर खाद्य पदार्थ खाना चाहते हैं, तो आपको इन खाद्य पदार्थों के बारे में सोचना चाहिए – 

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    इन सभी खाद्य पदार्थों की मदद से आप मक्खन और कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) के बीच तालमेल बिठा सकते हैं। मक्खन और कोलेस्ट्रॉल (Butter and Cholesterol) दोनों ही एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, यही वजह है कि अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल को सामान्य बनाए रखने के लिए आपको सीमित मात्रा में मक्खन खाना चाहिए। ऐसा न करने पर आपको हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) की समस्या हो सकती है। हाय कोलेस्ट्रॉल कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है, जिसमें हार्ट अटैक, एथेरोस्क्लेरोसिस और स्ट्रोक जैसी समस्याएं आम मानी जाती है। यही वजह है कि सेच्युरेटेड फैट (Saturated fat) के इस्तेमाल से पहले आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। डॉक्टर आपकी जरूरत के अनुसार, आपके लिए निर्धारित एक सीमित मात्रा में इसे खाने की सलाह देंगे। इस तरह आप मक्खन और कोलेस्ट्रॉल के बीच तालमेल बिठा सकते हैं और यदि आप मक्खन (Butter) पसंद करते हैं, तो एक सीमित मात्रा में इसका सेवन कर सकते हैं। 

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