वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) में पब्लिश्ड साल 2016 की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सालभर में 17.9 मिलियन लोगों की मौत कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular diseases) के कारण हुई थी। ये आंकड़ें आपको परेशान कर सकते हैं, लेकिन ये सच है। दरअसल छोटे से दिल में एक नहीं, बल्कि कई अलग-अलग बीमारियां हो सकती हैं। आज ऐसी ही दिल की बीमारी (Heart disease) एरिथमिया और डिसरिथमिया (Arrhythmia and Dysrhythmia) के बारे में समझने की कोशिश करेंगे। इस आर्टिकल में एरिथमिया और डिसरिथमिया के लक्षण (Symptoms of Arrhythmia and Dysrhythmia) और इन दोनों से जुड़े कई सवालों के जवाब जानेंगे। वैसे अगर आप एरिथमिया और डिसरिथमिया को दिल की एक ही बीमारी मान रहें हैं, तो यह अलग-अलग बीमारी है, जिसे बारे में आर्टिकल में आपको आवश्यक जानकारी दी जा रही है।
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एरिथमिया और डिसरिथमिया (Arrhythmia and Dysrhythmia) क्या है?
एरिथमिया (Arrhythmia)- अनियमित दिल की धड़कन को एरिथमिया कहते हैं। दरअसल किसी भी कारण से हार्ट इलेक्ट्रिकल सिस्टम में हुए बदलाव की वजह से ऐसी स्थिति शुरू होती है। कुछ लोगों में एरिथमिया की वजह से कोई विशेष शारीरिक परेशानी नहीं देखी जाती है, लेकिन कुछ लोगों में एरिथमिया के कारण शारीरिक परेशानियां बढ़ भी जाती हैं।
डिसरिथमिया (Dysrhythmia)- डिसरिथमिया को अगर सामान्य शब्दों में समझें, तो हार्ट बीट या हार्ट रिदम में हुए बदलाव की स्थिति डिसरिथमिया कहलाती है। यह स्थिति सामान्य, लेकिन कई बार खतरनाक भी हो सकती है।
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एरिथमिया और डिसरिथमिया में अंतर क्या है? (Difference between Arrhythmia and Dysrhythmia)
एरिथमिया और डिसरिथमिया एक ही तरह के कंडिशन माने जाते हैं। दरअसल दोनों ही स्थिति में हार्ट बीट स्पीड और रिदम से जुड़ी समस्या होती है, लेकिन जब पेशेंट को किसी कारण से हार्ट रिदम से जुड़ी समस्या होती है, तो इसे मेडिकल टर्म में एरिथमिया (Arrhythmia) कहते हैं। वहीं डिसरिथमिया की स्थिति भी हार्ट बीट स्पीड और रिदम से जोड़कर देखी जाती है। इस दौरान कार्डियोलॉजिस्ट बहुत ही बारीकी से हार्ट बीट स्पीड और रिदम को मॉनिटर करते हैं। हेल्थ एक्क्सपर्ट कई बार एरिथमिया या डिसरिथमिया दोनों स्थिति को एरिथमिया के नाम से भी एक्सप्लेन कर सकते हैं, क्योंकि यह दोनों तकरीबन एक ही स्थिति होती है। हालांकि रिसर्च रिपोर्ट्स की मानें, तो एरिथमिया या डिसरिथमिया का इलाज इसके कारणों को ध्यान में रखकर किया जाता है।
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एरिथमिया और डिसरिथमिया के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Arrhythmia and Dysrhythmia)
एरिथमिया और डिसरिथमिया के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- बार-बार व्यक्ति का बेहोश (Faint) होना।
- चक्कर (Dizzy) आने की परेशानी होना।
- हल्का सिरदर्द (Headed) महसूस होना।
- दिल की धड़कन अनियमित (Heart palpitations) होना।
- पल्स इरेग्यूलर (Irregular pulse) होना।
- सीने में दर्द (Chest pain) महसूस होना।
- चेहरे का रंग हल्का (Pale skin) पड़ना।
- जरूरत से ज्यादा पसीना (Sweating) आना।
- बढ़ती उम्र।
अगर आप ऊपर बताये गए लक्षणों को महसूस कर रहें हैं या कोई अन्य व्यक्ति आपसे इन लक्षणों की चर्चा करते हैं, तो इसे इग्नोर ना करें और डॉक्टर से जल्द से जल्द कंसल्ट करें, जिससे एरिथमिया या डिसरिथमिया (Arrhythmia or Dysrhythmia) के शुरुआती स्टेज में ही इलाज आसानी से किया जा सके।
नोट : अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार नॉर्मल हार्ट बीट यानी दिल की धड़कन (Heart beat) 1 मिनट में 60 से 100 बार धड़क सकती है, लेकिन 1 मिनट में दिल की धड़कन इससे कम या ज्यादा होना एरिथमिया की ओर इशारा करते हैं। इसलिए अगर आप ब्लड प्रेशर चेक करने के दौरान या पल्स रेट (Pulse rate) मॉनिटर करने के दौरान ऐसी कोई स्थिति पाते हैं, तो डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है।
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डॉक्टर से कब करें कंसल्ट?
अगर एरिथमिया या डिसरिथमिया के लक्षण आप महसूस कर रहें हैं, तो डॉक्टर से कंसल्ट करें।
एरिथमिया और डिसरिथमिया के कारण क्या हैं? (Cause of Arrhythmia and Dysrhythmia)
हार्ट के इलेक्ट्रिकल सिग्नल (Electrical signaling) में बदलाव होने पर एरिथमिया और डिसरिथमिया की समस्या हो सकती है। इलेक्ट्रिकल सिग्नल के अलावा एरिथमिया और डिसरिथमिया के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। जैसे:
- जेनेटिक (Genetic factors) समस्या होना।
- हार्ट सर्जरी (Heart surgery) या हार्ट अटैक (Heart attack) होना।
- हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) की समस्या होना।
- थायरॉइड (Thyroid) की समस्या होना।
- स्लीप एप्निया (Sleep apnea) की समस्या होना।
- वायरल इंफेक्शन (Viral infection) होना।
- ओवर-द-काउंटर (OTC) दवाओं का सेवन अपनी मर्जी से करना।
- स्मोकिंग (Smoking) करना।
- अत्यधिक एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन करना।
- अत्यधिक तनाव (Stress) में रहना।
- कोकेन या मेथामफेटामाइन्स (Cocaine or Methamphetamines) का सेवन करना।
इन कारणों के अलावा किसी अन्य हेल्थ कंडिशन की भी वजह से एरिथमिया और डिसरिथमिया की समस्या हो सकती है।
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एरिथमिया और डिसरिथमिया का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Arrhythmia and Dysrhythmia)
एरिथमिया और डिसरिथमिया के निदान के लिए निम्नलिखित टेस्ट की सलाह दी जाती है। जैसे:
- इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)
- हॉल्टर मॉनिटर (Holter monitor)
- स्ट्रेस टेस्ट (Stress test)
- ब्लड एवं यूरिन (Blood and urine) टेस्ट
- चेस्ट एक्स रे (Chest X-ray)
इन तीन अलग-अलग टेस्ट के अलावा पेशेंट अगर किसी अन्य शारीरिक परेशानियों या मानसिक परेशानी से गुजर रहें हैं, तो ऐसी स्थिति में अन्य बॉडी चेकअप (Body checkup) की भी सलाह दी जा सकती है। बॉडी चेकअप रिपोर्ट्स को ध्यान में रखकर एब्नॉर्मल हार्ट रिदम के इलाज की प्रक्रिया शुरू की जाती है।
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योग (Yoga) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें। योग से संपूर्ण शरीर को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
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एरिथमिया और डिसरिथमिया का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Arrhythmia and Dysrhythmia)
एरिथमिया और डिसरिथमिया का इलाज निम्नलिखित तरह से किया जाता है। जैसे:
एरिथमिया और डिसरिथमिया का इलाज में पेशेंट की हेल्थ कंडिशन और बीमारी की गंभीरता को भी मेडिकल एक्सपर्ट ध्यान में रखते हैं और पेशेंट ही हेल्थ पर नजर बनाये रखने के लिए समय-समय पर चेकअप की सलाह देते हैं। इसके साथ ही निम्नलिखित तरह से इलाज शुरू किया जाता है। जैसे:
- कैथेटर एब्लेशन (Catheter ablation) की मदद से वैसे टिशू को नष्ट किया जाता है, जो एरिथमिया की समस्या में सहायक होते हैं।
- मेडिकेशन प्रिस्क्राइब की जाती है।
- पेसमेकर इम्प्लांटेशन (Pacemaker implantation) किया जा सकता है।
- आवश्यकता पड़ने पर सर्जरी की जा सकती है।
एरिथमिया और डिसरिथमिया के इलाज के दौरान इन ऊपर बताये गए ट्रीटमेंट विकल्पों के अलावा आवश्यकता पड़ने पर अन्य ट्रीटमेंट की मदद ली जा सकती है।
अगर आप एरिथमिया और डिसरिथमिया (Arrhythmia and Dysrhythmia) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे। हालांकि अगर आप एरिथमिया या डिसरिथमिया (Arrhythmia or Dysrhythmia) की समस्या से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से कंसल्टेशन करें, क्योंकि ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपके हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखकर एरिथमिया और डिसरिथमिया (Arrhythmia and Dysrhythmia) का इलाज शुरू करेंगे।
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