हार्ट फेलियर (Heart Failure) तब होता है जब हार्ट बॉडी की जरूरत के हिसाब से पर्याप्त मात्रा में ब्लड पंप नहीं कर पाता। एंड स्टेज हार्ट फेलियर (End stage heart failure) गंभीर स्थिति है। हार्ट फेलियर के मरीज का हृदय समय के साथ कमजोर होता जाता है। मैनेजमेंट और ट्रीटमेंट ऑप्शन व्यक्ति की मदद कर सकते हैं और लक्षणों से राहत प्रदान कर सकते हैं, लेकिन हार्ट फेलियर क्रोनिक कंडिशन है इसका उपचार संभव नहीं है।
एंड स्टेज हार्ट फेलियर (End stage heart failure) में शरीर हृदय के द्वारा पंप की जाने वाली रक्त की कम मात्रा की भरपाई नहीं कर पाता। इस दौरान पीड़ित व्यक्ति को आराम करते समय भी सांस लेने में तकलीफ होती है। सबसे पहले हृदय अपनी कमजोरी की भरपाई करने के लिए कुछ बदलाव करता है। जिसमें वह फैल सकता है, बड़ा हो सकता है और तेजी से पंप कर सकता है। इस दौरान शरीर भी बदलता है। ब्लड वेसल्स को संकुचित करता है और कुछ अंगों से ब्लड को हटाता है। इसलिए कुछ लोगों में हार्ट फेलियर की प्रारंभिक अवस्था परेशानियों का पता ही नहीं लग पाता।
इन एडजस्टमेंट के बावजूद हार्ट फेलियर की स्थिति बिगड़ती जाती है और मरीज को थकान, सांस लेने में कठिनाई और दूसरे लक्षण दिखाई देने लगते हैं और वह एंड स्टेज हार्ट फेलियर में पहुंच जाता है।
एंड स्टेज हार्ट फेलियर के लक्षण (End stage heart failure symptoms)
हार्ट फेलियर की स्थिति समय के साथ बिगड़ती जाती है। इसलिए एंड स्टेज हार्ट फेलियर (End stage heart failure) तक पहुंचते-पहुंचते गंभीर लक्षण दिखाई देने देते हैं। इससे बॉडी में फ्लूइड का बिल्ड अप होने लगता है। जिसकी वजह से निम्न लक्षण दिखाई देते हैं। ये लक्षण पूरे समय महसूस किए जा सकते हैं।
- सांस लेने में परेशानी (Difficulty breathing) (हार्ट फेलियर की फाइनल स्टेजज के दौरान लोगों को एक्टिविटीज और आराम करते समय दोनों स्थितियों में सांस लेने में परेशानी होती है)
- खांसी का लगातार बने रहना (Persistent coughing) (इस दौरान व्हाइट या पिंक म्यूकस का निमार्ण हो सकता है।
- खांसी की समस्या रात को और लेटते वक्त बिगड़ सकती है)
- वजन का बढ़ना और एडिमा (Edema) (इसमें पैरों, एड़ियों, एब्डोमिनल और नेक वेन्स में सूजन आ सकती है)
- हार्ट रेट का बढ़ना (इस दौरान ऐसा महसूस हो सकता है कि धड़कनें बहुत तेजी से चल रही हैं)
- सोचने की क्षमता में कमी (भ्रम, याद्दाश्त में कमी)
- थकान
- एब्डोमिनल पेन
- वजन का बहुत कम होना
- अनियमित दिल की धड़कन
- बार-बार पेशाब लगना
हार्ट फेलियर की आखिरी स्टेज पर लोग डिप्रेशन (Depression), डर, इंसोम्निया (Insomnia), चिंता आदि का सामना भी करते हैं। इसके साथ ही एंड स्टेज हार्ट फेलियर (End stage heart failure) कुछ लोगों में किडनी और लिवर कंडिशन्स का भी कारण बनता है। लोगों को रेगुलर हॉस्पिटलाइजेशन की भी जरूरत पड़ सकती है।
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एंड स्टेज हार्ट फेलियर के कारण (End stage heart failure Causes)
हार्ट फेलियर एक क्रोनिक कंडिशन है जो धीरे-धीरे डेवलप होती है और हार्ट का काम करना मुश्किल बनाती है। यह हार्ट को धीरे-धीरे डैमेज भी करती जाती है। यह एक्यूट कंडिशन हो सकती है या ऐसी कंडिशन के साथ भी डेवलप हो सकती है जो हार्ट को अचानक नुकसान पहुंचाती है जैसे कि इंफेक्शन, लंग्स में ब्लड क्लॉट होना।
धीरे धीरे माइनर हार्ट डिजीज इतनी गंभीर हो जाती हैं कि दवाएं और दूसरे ट्रीटमेंट ऑप्शन असर नहीं करते और हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत तक पड़ जाती है। जब ऐसा होता है तो इसका मतलब है कि व्यक्ति हार्ट फेलियर एंड स्टेज में पहुंच गया है। हार्ट फेलियर हार्ट के राइट या लेफ्ट हिस्से को प्रभावित करता है, लेकिन दोनों ही मामलों में हार्ट ब्लड को पंप करने में असमर्थ हो जाता है। कई स्थितियां एंड स्टेज हार्ट फेलियर (End stage heart failure) का कारण बन सकती हैं:
- कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease)
- हार्ट अटैक (Heart attack)
- डायबिटीज (Diabetes)
- हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure)
- मोटापा (Obesity)
- हार्ट डिजीज (Heart disease)
- वालव्यूलर हार्ट डिजीज (Valvular heart disease)
- टॉक्सिन जैसे कि एल्कोहॉल (Alcohol) और कोकेन (Cocaine)
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एंड स्टेज हार्ट फेलियर का निदान (End stage heart failure Diagnosis)
एंड स्टेज हार्ट फेलियर को फाइनल स्टेज ऑफ हार्ट फेलियर भी कहते हैं। डॉक्टर्स हार्ट फेलियर को ए से डी (A-D) स्टेज में क्लासीफाय करते हैं और इसे गंभीरता और लक्षणों के आधार पर I-VI लेबल तक बांटा जाता है। एंड स्टेज हार्ट फेलियर (End stage heart failure) को डी स्टेज में और क्लास फ़ोर (Class IV) में रखा गया है। इस स्टेज का निदान मरीज के गंभीर लक्षणों के आधार पर किया जाता है। डॉक्टर मरीज की मेडिकल हिस्ट्री को भी मॉनिटर कर सकते हैं।
एंड स्टेज हार्ट फेलियर का ट्रीटमेंट (End stage heart failure treatment)
एंड स्टेज हार्ट फेलियर (End stage heart failure) का कोई उपचार नहीं है। दवाएं और हेल्दी लाइफस्टाइल हार्ट फेलियर के मरीजों को लंबे समय तक जीने में मदद कर सकती है। पैलिएटिव केयर (उपशामक देखभाल एक मेडिकल केयरगिविंग अप्रोच है जिसका उद्देश्य जीवन की गुणवत्ता को अनुकूलित करना और गंभीर, जटिल बीमारी वाले लोगों की पीड़ा को कम करना है।) कंफर्ट को बढ़ाने के साथ ही लक्षणों को कम कर सकती है। दूसरे मेडिकल ट्रीटमेंट्स के साथ ये दी जा सकती है।
एंट स्टेज हार्ट फेलियर के कुछ लोगों को इंप्लांटेड डिवाइस की मदद से राहत प्राप्त होती है। जो हार्ट को ब्लड पंप करने में मदद करती है। इसके अलावा हार्ट ट्रांसप्लांट भी एक ऑप्शन होता है। हालांकि इन इनवेसिव ट्रीटमेंट्स के कुछ रिस्क भी होते हैं।
ट्रीटमेंट के तौर पर लक्षणों में राहत के लिए व्यक्ति और होसपीस केयर की मदद ले सकते हैं। इस दौरान मरीज को अपने डॉक्टर और परिवार से विचार-विमर्श करके अपने लिए उपयुक्त ऑप्शन चुनना चाहिए। डॉक्टर और पैलिएटिव केयर प्रोवाइडर हेल्थ इमरजेंसी को प्लान करने और क्राइसिस के दौरान सही निणर्य लेने में मदद करते हैं।
जब मरीज की लाइफ एक्सपेक्टेंसी 6 महीने या इससे भी कम हो तो वे होसपीस केयर के लिए इलिजिबल हो जाते हैं। यह एक प्रकार की पैलिएटिव केयर (Palliative Care) का प्रकार है जो जीवन के आखिरी समय में दी जाती है। हॉस्पीस केयर प्रोवाइडर एक्सट्रा केयर और सपोर्ट प्रदान करते हैं जाकि व्यक्ति अपना आखिरी समय अच्छी तरह निकाल सके। ये लोग ऐसे गंभीर बीमारियों को हैंडल करने में प्रशिक्षित होते हैं।
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पैलिएटिव केयर (Palliative Care)
पैलिएटिव केयर का उद्देश्य जानलेवा बीमारी का सामाना कर रहे लोगों की क्वालिटी ऑफ लाइफ में सुधार करना है। इसमें ऐसे ट्रीटमेंट को भी शामिल किया जा सकता है जो लक्षणों में सुधार करने के साथ ही मरीज की मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मक जरूरतों को पूरा करने में मदद करते हैं।
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होसपीस केयर (Hospice care)
होसपीस केयर का उद्देश्य किसी व्यक्ति की लाइफ को बढ़ाना नहीं ब्लकि बीमारी के लक्षणों को मैनेज करना होता है। लोगों को हॉसपीस केयर तब ही दी जाती है जब वे आगे ट्रीटमेंट लेने से मना कर देते हैं।
मेडिकल ट्रीटमेंट (Medical treatment)
दवाएं लोगों के लक्षणों को मैनेज करने में मदद कर सकती हैं। जिसमें निम्न शामिल हैं।
- एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम इनहिबिटर्स और एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin-converting enzyme inhibitors and angiotensin receptor blockers) ये दवाएं एंजियोटेंसिन हॉर्मोन के लेवल को कम करने में मदद करती हैं जो ब्लड प्रेशर को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है।
- बीटा ब्लॉकर्स (Beta blocker)- ये दवाएं हार्ट रेट को कम करने में मदद करती हैं।
- सकुबिट्रिल और वालसार्टन (Sacubitril/valsartan)- ये दवाएं रेनिन एंजियोटेंसिन के प्रभाव को ब्लॉक करके ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करती हैं।
- डायूरेटिक्स (Diuretics) ये दवाएं यूरिन को बढ़ाकर फ्लूइड को निकालने में मदद करती हैं।
किसी दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें। साथ ही अगर डॉक्टर ने ये दवाएं प्रिस्क्राइब की हैं तो उनका सेवन समय पर करें।
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हार्ट फेलियर से कैसे बचा जा सकता है? (Prevention from Heart failure)
हार्ट फेलियर बचने का सबसे अच्छा तरीका अपने आदतों और व्यवहार में परिवर्तन लाना है। इससे ऐसी कंडिशन्स का रिस्क कम हो सकता है जो हार्ट फेलियर का कारण बनती हैं। इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखें।
- हार्ट हेल्दी डायट को फॉलो करें
- फैट इंटेक को लेना कम कर दें
- जिन फूड्स और ड्रिंक्स में रिफाइंड शुगर का उपयोग किया जाता है उनका उपयोग कम करें
- एल्कोहॉल का उपयोग सीमित मात्रा में करें
- रोज एक्सरसाइज करें
- पानी पीते रहें
- पर्याप्त मात्रा में नींद लें
- स्ट्रेस को कम करें या इसे मैनेज करें
- स्मोकिंग ना करें
- मेडिकल कंडिशन्स का इलाज कराएं
- वजन को संतुलित रखें
- प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन कम से कम करें
- सोडियम इंटेक को कम करें
- प्रिस्क्राइब की गईं दवाओं को समय पर लें
उम्मीद करते हैं कि आपको एंड स्टेज हार्ट फेलियर (End stage of heart failure) संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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