backup og meta

अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन : एक जनरेशन से दूसरी जनरेशन को बना सकती है अपना शिकार!

अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन : एक जनरेशन से दूसरी जनरेशन को बना सकती है अपना शिकार!

हार्ट संबंधी समस्याओं की वजह से व्यक्ति जीवन भर परेशान रहता है। यह समस्याएं व्यक्ति के रोजाना के कामों को भी प्रभावित करती हैं। लेकिन हार्ट से जुड़ी हुई कई समस्याएं ऐसी हैं, जो न सिर्फ आप तक, बल्कि आपकी आने वाली जनरेशन को भी अपनी गिरफ्त में ले लेती है। इन समस्याओं को अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन का नाम दिया गया है। अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन (Cardiac conditions) की समस्या समय के साथ गंभीर रूप ले सकती है, इसलिए यदि आपकी फैमिली हिस्ट्री में हार्ट से जुड़ी समस्याएं हुई हों, तो आपको अपना खास ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन आपके जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है, इसलिए इसके बारे में जानना बेहद जरूरी माना जाता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन से जुड़ी कुछ खास बातें। लेकिन इससे पहले आइए जानते हैं अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन (Inherited cardiac conditions) क्या होती है।

और पढ़ें: ब्लड प्रेशर डायट चार्ट : हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए डायट चार्ट

क्या होती हैं अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन? (Inherited cardiac conditions)

हार्ट से जुड़ी कई ऐसी समस्याएं हैं, जो भविष्य में आने वाली जनरेशन इन्हेरिट कर सकती है। इसका अर्थ है कि यह जेनेटिक डिसऑर्डर्स में से एक मानी जाती है। इन समस्याओं में आमतौर पर हार्ट एरिथिमिया, कंजेनिटल हार्ट डिजीज, कार्डियोमायोपैथी, हाय ब्लड कोलेस्ट्रॉल, कोरोनरी आर्टरी डिजीज और हार्ट अटैक एक मानी जाती है। कई बार लोगों में अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन (Inherited cardiac conditions) के अंतर्गत स्ट्रोक और हार्ट फेलियर जैसी समस्याएं भी देखी गई हैं। आपके शरीर में मौजूद जीन्स हार्ट डिजीज के रिस्क को बढ़ाने के लिए एक फ़ैक्टर के तौर पर काम करते हैं। आपके जीन्स आपके कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease) सिस्टम को कंट्रोल करते हैं, जिसमें ब्लड वेसल्स भी समावेश होता है। वहीं एकलौता जेनेटिक वेरिएशन या जेनेटिक म्यूटेशन हार्ट रिस्क को बढ़ा सकता है और समय के साथ आप हार्ट संबंधित समस्याओं के शिकार हो सकते हैं। यदि आपके शरीर में किसी तरह के जेनेटिक वेरिएशन की वजह से प्रोटीन के काम में बदलाव आता है, तो इसका सीधा प्रभाव आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल के काम पर पड़ता है। यही कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाने पर आपकी आर्टरी ब्लॉक होने लगती हैं। इस तरह अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन (Cardiac conditions) हार्ट की समस्याओं मे अपना रोल निभाती है।

और पढ़ें: कार्डिएक अरेस्ट से बचने के लिए रखें इन बातों का खास ख्याल

यह जेनेटिक वेरिएशन (Genetic variation) पेरेंट्स से बच्चों में एग्स और स्पर्म के जरिए पहुंच सकती है। क्योंकि पेरेंट्स के जेनेटिक कोड बच्चों में दिखाई देते हैं, इसलिए बच्चों के डेवलपमेंट के दौरान उन्हें हार्ट डिजीज की समस्या हो सकती है। यही वजह है कि जब किसी फैमिली मेंबर को हार्ट से जुड़ी समस्या होती हैं, तो उनके परिवार को भी हार्ट से संबंधित स्क्रीनिंग करवानी चाहिए। इससे हार्ट डिजीज के लिए उनका रिस्क कम किया जा सकता है। यदि समय पर ध्यान ना दिया जाए, तो हार्ट से संबंधित समस्या व्यक्ति के लिए जान का जोखिम भी खड़ा कर सकती है। आइए अब जानते हैं अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन (Inherited cardiac conditions) के कौन से प्रकार आमतौर पर लोगों में दिखाई देते हैं।

और पढ़ें: खतरा! वजन नहीं किया कम तो हो सकते हैं हृदय रोग के शिकार

अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन : भविष्य में हो सकती हैं ये दिक्कतें (Inherited cardiac conditions)

अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन (Inherited cardiac conditions)

जिस प्रकार आपके शरीर का डीलडौल, आपकी शक्ल और आपका बर्ताव आपके माता पिता जैसा होता है, उसी तरह माता-पिता की समस्याएं जेनेटिक डिजीज के तौर पर आपको मिल सकती हैं। अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन (Inherited cardiac conditions) के अंतर्गत कई हार्ट समस्याएं ऐसी हैं, जो एक जनरेशन से दूसरी जनरेशन तक पहुंच सकती है और समय के साथ इनका रिस्क और भी बढ़ सकता है। यही वजह है कि समय पर इसके लक्षणों पर ध्यान देकर और पारिवारिक हार्ट संबंधित हिस्ट्री होने पर सही लाइफस्टाइल अपनाना आपके लिए सही माना जाता है। आइए जानते हैं अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन (Cardiac conditions) के अंतर्गत आपको हार्ट से संबंधित कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

और पढ़ें: भारत में हृदय रोग के लक्षण (हार्ट डिसीज) में 50% की हुई बढोत्तरी

अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन : हायपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (Hypertrophic cardiomyopathy)

जेनेटिक हायपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (Hypertrophic cardiomyopathy) आमतौर पर एक जनरेशन से दूसरी जनरेशन तक जा सकती है। यह किसी भी एज ग्रुप के लोगों को बीमार कर सकती है। यह आपके हार्ट के मसल्स को मोटा बनाती है, जिसकी वजह से हार्ट ठीक ढंग से काम नहीं कर पाता और इसकी गंभीर स्थिति में आप की मौत भी हो सकती है। इंटरवेंट्रीकुलर सेप्टम हार्ट का वह भाग है, आमतौर इस समस्या में जिसकी सतह मोटी हो जाती है। ये वो वॉल मानी जाती है, जो हार्ट के लेफ्ट और राइट वेंट्रीकल्स को दो भागों में विभाजित करती है। जिसकी वजह से ब्लड फ्लो सामान्य बना रहता है। जब इसमें मोटापा बढ़ता है, तो हार्ट को ब्लड सप्लाय करने में ज्यादा जोर लगाना पड़ता है। जिसका सीधा प्रभाव आपके शरीर के कार्य पर पड़ता है। कई बार इसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है और हार्ट रिदम में बदलाव आता है। यह समस्या एक जेनेटिक समस्या मानी जा सकती है, इसलिए इससे जुड़े लक्षणों को देखने के बाद डॉक्टर आपकी फैमिली हिस्ट्री के बारे में जानते हैं। इस समस्या से बचने के लिए आपको समय रहते लाइफस्टाइल में बदलाव और अपने वजन को नियंत्रित करके हेल्दी आहार खाने की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा यदि इस समस्या की शुरुआत हो चुकी है, तो आपको डॉक्टर द्वारा प्रिसक्राइब दवाइयां भी लेनी भी पड़ सकती हैं। अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन (Inherited cardiac conditions) के अंतर्गत यह समस्या में कई बार सर्जरी से भी ठीक होती है। आपकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर आपके लिए सही ट्रीटमेंट प्रिस्क्राइब कर सकते हैं।

और पढ़ें: मेनोपॉज और हृदय रोग : बढ़ती उम्र के साथ संभालें अपने दिल को

अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन  : डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी (Dilated cardiomyopathy)

जिस तरह हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी आपके हार्ट की मसल्स को मोटा बनाती है, इसी के विपरीत डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी (Dilated cardiomyopathy) में यह मसल्स पतली हो जाती है। इसकी वजह से हार्ट के दोनों वेंट्रिकुलर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस स्थिति में हार्ट की मसल ठीक ढंग से फैल नहीं पाती और ब्लड पंप करने में समस्याएं उत्पन्न होती है। यह समस्या हार्ट फेलियर का कारण बनती है। इसकी वजह से व्यक्ति में इरेगुलर हार्टबीट, कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना और सूजन की समस्या देखी जाती है। यदि आपको यह लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यदि डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी का निदान न किया जाए, तो हार्ट फेलियर और अर्ली डेथ की समस्या हो सकती है। अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन () के अंतर्गत यह समस्या जानलेवा भी साबित हो सकती है।

और पढ़ें: आपके मोटापे से आर्थराइटिस की परेशानी है जुड़ी, जानें कैसे?

अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन : हायपरकोलेस्ट्रोलीमिया (Hypercholesterolemia)

अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन (Cardiac conditions) के अंतर्गत हायपरकोलेस्ट्रोलीमिया (Hypercholesterolemia) की समस्या आम मानी जाती है। कोलेस्ट्रॉल एक तरह का फैट माना जाता है, जो आपके शरीर के हर सेल में मौजूद होता है। आपके शरीर को कार्य करने के लिए सीमित मात्रा में कोलेस्ट्रॉल की जरूरत पड़ती है। पर जब यह कोलेस्ट्रॉल लो डेंसिटी लिपॉप्रोटीन में बदलता है, तो यह बैड कोलेस्ट्रॉल कहलाता है। यह आपकी आर्टरी में जमा होकर प्लाक में तब्दील हो जाता है और इसकी वजह से आर्टरी में ब्लॉकेज की समस्या होती है। अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन (Inherited cardiac conditions) के अंतर्गत हायपरकोलेस्ट्रोलेमिया एक गंभीर समस्या मानी जाती है, जो आगे चलकर कोरोनरी आर्टरी डिजीज में तब्दील हो सकती है। यदि इसका इलाज समय पर ना कराया जाए, तो आपको स्ट्रोक और हार्ट अटैक की समस्या हो सकती है। यदि आपकी फैमिली में किसी को कोरोनरी आर्टरी डिजीज या हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो, तो आप को समय रहते अपने एलडीएल (LDL) का लेवल जांच करवाना चाहिए। जिससे समय पर आप इस तकलीफ से बच सकें। इसके अलावा यदि आपके परिवार में हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या रही है, तो आपको सही लाइफस्टाइल और सही आहार लेने की जरूरत पड़ती है। साथ ही साथ रोजाना एक्सरसाइज के जरिए आप इस तरह की जेनेटिक कंडिशन के रिस्क को कम कर सकते हैं। 

और पढ़ें : Congestive heart failure: कंजेस्टिव हार्ट फेलियर

अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन (Inherited cardiac conditions) के अंतर्गत यह सभी हार्ट संबंधित समस्याएं आपको भविष्य में परेशान कर सकती हैं, इसलिए समय रहते अनुवांशिक कार्डिएक कंडिशन (Cardiac conditions) के बारे में जानिए और इसके अनुसार अपनी लाइफ स्टाइल को बदलें, जिससे आप एक हेल्दी और अच्छी जिंदगी जी पाएं।

[embed-health-tool-heart-rate]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Acccessed on 28 Oct, 2021

Common Inherited Heart Diseases

https://www.pennmedicine.org/updates/blogs/heart-and-vascular-blog/2019/january/inherited-heart-diseases

Inherited heart disease

https://www.aurorahealthcare.org/services/heart-vascular/conditions/inherited-heart-disease

Inherited heart disease

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3769178/

Inherited heart disease

https://www.rwjbh.org/treatment-care/heart-and-vascular-care/diseases-conditions/inherited-cardiovascular-disease/

Inherited heart disease

https://www.hopkinsmedicine.org/heart_vascular_institute/cardiology/inherited-heart-disease/

Current Version

28/10/2021

Toshini Rathod द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari

Updated by: Bhawana Awasthi


संबंधित पोस्ट

कार्डिएक अरेस्ट से बचने के लिए रखें इन बातों का खास ख्याल

कार्डिएक कैथेटेराइजेशन: कई प्रकार की हार्ट डिजीज का पता लगाने के लिए किया जाता है ये टेस्ट


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Sayali Chaudhari

फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/10/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement