टोटल एनोमलस पल्मोनरी वेनस कनेक्शन (TAPVC) एक रेयर कॉन्जेनिटल हार्ट डिफेक्ट (Congenital heart defect) है। टीएपीवीसी की समस्या से ग्रस्त व्यक्ति में चारों वेन्स जो कि ब्लड को लंग्स से हार्ट तक ले जाती हैं बाएं एट्रियम (Atrium) (हार्ट के बाएं तरफ के ऊपरी चैम्बर में) से नहीं जुड़ती हैं। इसके बजाय, वे किसी अन्य ब्लड वेसल या हार्ट के गलत हिस्से से जुड़ जाती हैं। यह बीमारी जन्मजात है (कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज)। इस प्रकार लंग्स से ऑक्सिजन युक्त “रेड’ ब्लड के साथ शरीर के “ब्लू’ ब्लड (पुअर ऑक्सिजन ब्लड) के मिश्रण के कारण कई बच्चे नीले पड़ जाते हैं। इस लेख में कॉन्जेनिटल हार्ट डिफेक्ट टीएपीवीसी की समस्या को विस्तार में समझाया गया है। आइए जानते हैं कि टीएपीवीसी क्या है? साथ ही इसके लक्षण, कारण और उपचार के बारे में जान लेते हैं।
टोटल एनोमलस पल्मोनरी वेनस कनेक्शन (TAPVC) क्या है?
एक सामान्य हार्ट में, ब्लड शरीर की दाएं एट्रियम में प्रवाहित होता है। फिर यह ट्रायकसपिड वॉल्व (Tricuspid valve) के जरिए दाएं वेंट्रिकल में जाता है। फ्रेश ऑक्सिजन लेने के लिए ब्लड पल्मोनरी वॉल्व के जरिए फेफड़ों में जाता है। इसके बाद, रक्त बाएं एट्रियम में लौटता है और बाएं वेंट्रिकल में जाता है। इसके बाद ब्लड शरीर के बाकी हिस्सों में चला जाता है।
टीएपीवीसी (Total anomaly pulmonary venous connection) की समस्या से पीड़ित व्यक्ति में पल्मोनरी वेनस (Pulmonary venous) जो लंग्स से ऑक्सिजन युक्त ब्लड लौटाती हैं, बाएं एट्रियम के बजाय हार्ट के दाईं ओर से जुड़ जाती हैं। इससे ऑक्सिजनेटेड और डी- ऑक्सिजनेटेड ब्लड आपस में मिल जाता है। परिणामस्वरूप, शरीर के टिशू को उतनी ऑक्सिजन नहीं मिलती, जितनी उसे मिलनी चाहिए। टीएपीवीसी की समस्या मामूली और गंभीर भी हो सकती है। इसे टीएपीवीआर (टोटल एनोमलस पल्मोनरी वेनस रिटर्न) या टीएपीवीडी (टोटल एनोमलस पल्मोनरी वेनस ड्रेनेज) भी कहा जा सकता है। इससे कई प्रकार की अन्य समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही आपको इस बीमारी के चलते दिल की अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।
और पढ़ें: एब्सटीन एनोमली (Ebstein anomaly): जन्मजात होने वाली इस हार्ट कंडिशन के बारे में जानते हैं आप?
टीएपीवीसी की समस्या के लक्षण (TAPVC Symptom)
शिशु टीएपीवीसी की समस्या के कारण अधिक बीमार पड़ सकते है और उनमें टीएपीवीसी की समस्या (Total anomaly pulmonary venous connection) के निम्न लक्षण नजर आ सकते हैं:
- त्वचा का नीला पड़ना (सायनोसिस)
- बार-बार रेस्पिरेटरी इंफेक्शन होना
- सुस्ती
- उचित पोषण ना मिलना
- शिशु का उचित डेवेलपमेंट ना होना
- तेजी से सांस लेना
नोट: हालांकि, कभी-कभी बचपन में बीमारी होने पर कोई लक्षण नहीं भी दिखाई देते हैं।
और पढ़ें: ट्रायकसपिड अट्रीशिया : इस तरह से बचाएं अपने बच्चों को इस जन्मजात हार्ट डिफेक्ट से!
टीएपीवीसी की समस्या के कारण और रिस्क फैक्टर
अधिकांश शिशुओं में हार्ट डिफेक्ट जैसे टीएपीवीआर ((Total anomalous pulmonary venous return (TAPVR) के होने के कारण अज्ञात हैं। कुछ शिशुओं में हार्ट डिफेक्ट उनके जीन या क्रोमसोम में परिवर्तन के कारण होता है। हार्ट डिफेक्ट जीन और अन्य रिस्क फैक्टर के संयोजन के कारण भी हो सकते है, जैसे कि मां या फीटस जब पर्यावरण के संपर्क में आते हैं या मां क्या खाती या पीती है या दवाएं जो वह उपयोग करती हैं। ये कुछ कारण बच्चे में टीएपीवीसी की समस्या में योगदान दे सकते हैं।
टीएपीवीसी के प्रकार (TAPVC Types)
जहां पल्मोनरी वेनस जुड़ती हैं उसके आधार पर टीएपीवीआर (Total anomalous pulmonary venous return (TAPVR) के विभिन्न प्रकार हैं:
सुप्राकार्डियक टीएपीवीसी (Supracardiac TAPVC)
सुप्राकार्डियक टीएपीवीसी में, पल्मोनरी वेनस एक साथ आती हैं और हार्ट के ऊपर सुपीरियर वेना कावा (Superior vena cava) से एक असामान्य कनेक्शन बनाती हैं, जो एक मुख्य ब्लड वेसल है जो शरीर के ऊपरी हिस्से से हार्ट तक ऑक्सिजन-पुअर ब्लड लाती है। इस प्रकार के टीएपीवीआर में, ऑक्सिजन-पुअर और ऑक्सिजन रिच ब्लड का मिश्रण सुपीरियर वेना कावा के जरिए दाहिने एट्रियम में लौटता है।
कार्डिएक टीएपीवीसी (Cardiac TAPVC)
कार्डिएक टीएपीवीसी में, पल्मोनरी वेनस हार्ट के पीछे मिलती हैं और दाएं एट्रिअम से जुड़ जाती हैं। कोरोनरी साइनस, जो एक वेन है हार्ट की मसल्स से ऑक्सिजन-पुअर ब्लड को वापस हार्ट में लाने में मदद करती है, इस प्रकार के टीएपीवीसी में पल्मोनरी वेनस को दाहिने एट्रियम से जोड़ने में मदद करती है।
इन्फ्राकार्डिएक टीएपीवीसी (Infracardiac TAPVC)
इन्फ्राकार्डियक टीएपीवीसी में, पल्मोनरी वेनस एक साथ आती हैं और हार्ट के नीचे असामान्य संपर्क बनाती हैं। ऑक्सिजन-पुअर ब्लड और ऑक्सीजन-रिच ब्लड का मिश्रण वेनस और इंफीरियर वेना कावा (Inferior vena cava (IVC) से दाहिने एट्रियम में वापस लौटता है, जो कि मुख्य ब्लड वेनस है जिसका कार्य शरीर के निचले हिस्से से ऑक्सिजन-पुअर ब्लड को शरीर के निचले हिस्से से हार्ट तक पहुंचाना है। इसका मतलब है कि ऑक्सिजन-पुअर ब्लड और ऑक्सिजन रिच ब्लड हृदय के राइट एट्रियम में प्रवेश कर रहा है।
और पढ़ें: अओर्टिक कोआर्कटेशन : समय रहते ना हो इलाज, तो जान पर भारी पड़ सकती है ये समस्या
टीएपीवीसी की समस्या को डायग्नोस कैसे किया जाता है? (TAPVC Diagnosis)
एक हेल्थ केयर प्रोफेशनल, प्रेग्नेंसी के दौरान किए जाने वाले अल्ट्रासाउंड से बच्चे में टीएपीवीआर (TAPVC) का पता लगा सकता है। जन्म के बाद, यदि आपके बच्चे में टीएपीवीआर के लक्षण हैं, तो बाल रोग विशेषज्ञ या नियोनेटोलॉजिस्ट उसकी जांच करेंगे। इसके बाद, आपके बच्चे का डॉक्टर हार्ट की समस्याओं की जांच के लिए परीक्षण कर सकता है। आपके बच्चे के लिए आवश्यक परीक्षण उसकी उम्र और स्थिति पर निर्भर करते हैं। साथ ही वे डॉक्टर की प्राथमिकताओं पर भी निर्भर करते हैं।
चेस्ट एक्स-रे (Chest X ray)
चेस्ट एक्स-रे के जरिए टीएपीवीआर के कारण हार्ट और लंग्स में आए असामान्य बदलावों को देखा जा सकता है।
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG)
ईसीजी हार्ट की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटीज को रिकॉर्ड करता है। इसके साथ ही यह एब्नार्मल रिदम और हार्ट मसल स्ट्रेस को दिखाता है। ये समस्याएं टीएपीवीसी के कारण हो सकती हैं।
इकोकार्डियोग्राम (ECO)
यह परीक्षण हार्ट और हार्ट के वाल्वों की मूविंग पिक्चर बनाने के लिए साउंड वेव्स का उपयोग करता है। एक इकोकार्डियोग्राम टीएपीवीसी के स्ट्रक्चरल परिवर्तन को दिखा सकता है।
कार्डिएक कैथेटेराइजेशन (Cardiac catheterization)
कार्डिएक कैथीटेराइजेशन हृदय की संरचना के बारे में विस्तृत जानकारी देता है। इस परीक्षण में, एक छोटी, पतली, लचीली ट्यूब (कैथेटर) को आपके बच्चे की ग्रोइन एरिया की ब्लड वेसल में डाला जाता है। फिर हेल्थ केयर प्रोफेशनल इसे आपके बच्चे के हार्ट तक ले जाता है। कार्डिएक कैथीटेराइजेशन सभी पल्मोनरी वेनस के असामान्य कनेक्शन को डायग्नोस करता है।
और पढ़ें: कार्डिएक कैथेटेराइजेशन: कई प्रकार की हार्ट डिजीज का पता लगाने के लिए किया जाता है ये टेस्ट
सीटी (CT) और मैग्नेटिक रेजोनेंस एंजियोग्राफी (Magnetic resonance angiography)
सीटी और एमआरए (MRA) के माध्यम से पल्मोनरी वेनस के मार्ग और कनेक्शन के बारे में विस्तृत से जानकारी प्राप्त करी जा सकती है।
टीएपीवीसी की समस्या का इलाज (TAPVC Treatment)
टीएपीवीआर से पीड़ित शिशुओं की समस्या को ठीक करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है। जिस उम्र में सर्जरी की जाती है वह इस बात पर निर्भर करता है कि बच्चा कितना बीमार है और पल्मोनरी वेनस और दाहिने एट्रियम के बीच में कितनी असामान्यता है। टीएपीवीआर सर्जिकल रिपेयर का लक्ष्य हार्ट के माध्यम से सामान्य ब्लड फ्लो को रिस्टोर करना है। इस डिफेक्ट को ठीक करने के लिए, डॉक्टर आमतौर पर पल्मोनरी वेनस को बाएं एट्रिअम से जोड़ते हैं, ब्लड वेसल के बीच आने वाले किसी भी असामान्य कनेक्शन को बंद कर देते हैं और एट्रिअल सेप्टल डिफेक्ट को बंद कर देते हैं।
टीएपीवीसी की समस्या से बचाव ( TAPVC Prevention)
इस हार्ट डिफेक्ट को रोकने के लिए कोई ज्ञात दिशानिर्देश नहीं हैं। जब शिशु की सर्जरी बचपन में ही कर दी जाती है, तो लॉन्ग टर्म आउटलुक बहुत अच्छा होता है, लेकिन फिर भी, आजीवन फॉलो अप का सुझाव दिया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बीमारी का कोई भी लक्षण ना बचा हो, जैसे; पल्मोनरी वेनस में समस्या या हार्ट रिदम में अनियमितता। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि पल्मोनरी वेनस में किसी प्रकार की रुकावट विकसित ना हुई हो या जहां वे एट्रियम से जुड़ी होती हैं वहां कोई परेशानी उत्पन्न ना हो गई हो।
हार्ट रिदम की अनियमितताएं (arrhythmias) सर्जरी के बाद किसी भी समय हो सकती हैं। बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Bacterial endocarditis) से बचने के उपायों की आवश्यकता जीवन भर हो सकती है। इसलिए, जरूरी है कि बच्चे को समय-समय पर रूटीन चेक अप के लिए ले जाएं।
उम्मीद करते हैं कि आपको टोटल एनोमलस पल्मोनरी वेनस कनेक्शन (Total anomaly pulmonary venous connection) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
[embed-health-tool-heart-rate]