पैनिक अटैक आमतौर पर वह होता है, जो डर के कारण आता है। इसे डर की वजह से घबराहट होना कहा जाता है। यह एक मानसिक समस्या हो सकती है। जबकि, एंग्जायटी अटैक इसी की तरह मिलता-जुलता हो सकता है लेकिन, दोनों में बहुत बड़ा फर्क होता है। इस लेख में हम बात करेंगे एंग्जायटी अटैक और पैनिक अटैक (Anxiety attack and panic attack) में क्या अंतर होता है?
आपने लोगों को कहते सुना होगा कि पैनिक अटैक और एंग्जायटी अटैक एक ही होते हैं। कई लोगों को यह नहीं पता होता कि पैनिक अटैक और एंग्जायटी अटैक में काफी फर्क होता है। पैनिक अटैक अचानक से पड़ते हैं और उनमें तीव्र व कभी-कभी सौम्य डर होता है। इनमें शारीरिक रूप से डरना शामिल होता है, जैसे कि दिल की धड़कन का तेज हो जाना, सांस की कमी होना या जी मिचलाना। डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैन्युअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर के लेटेस्ट एडिशन के अनुसार पैनिक अटैक को अपेक्षति व अनपेक्षित की श्रेणी में रखा गया है।
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अनपेक्षित पैनिक अटैक बिना किसी साफ कारण के आते हैं, जबकि अपेक्षित पैनिक अटैक के पीछे कोई न कोई वजह जरूर होती है। जिसे व्यक्ति आसानी से पहचान सकता है। अगर व्यक्ति को बार-बार उसी स्थिति या वजह से पैनिक अटैक आते हैं, तो इसे फोबिया भी कहा जाता है। पैनिक अटैक किसी को भी कभी भी हो सकते हैं। हालांकि, एक से अधिक पैनिक अटैक पैनिक डिसऑर्डर का संकेत होता है।
दूसरी तरफ एंग्जायटी अटैक को डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैन्युअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर की किसी भी श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है। हालांकि, डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैन्युअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर का मानना है कि एंग्जायटी में कुछ ऐसे लक्षण जरूर होते हैं, जो सायकियाट्रिक डिसऑर्डर से मेल खाते हैं। एंग्जायटी के लक्षणों में स्ट्रेस, चिंता और डर शामिल होता है। एंग्जायटी आमतौर पर किसी स्थिति, अनुभव या क्रिया में उतपन्न हुए तनाव के कारण होती है। एंग्जायटी धीरे-धीरे बढ़ती चली जाती है। डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैन्युअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर में इसे शामिल न करने का मतलब है कि एंग्जायटी के लक्षण और कारण किसी भी प्रकार के हो सकते हैं और यह व्यक्ति दर व्यक्ति विभिन्न रूप से सामने आते हैं।
एंग्जायटी और पैनिक अटैक के बारे में और अधिक जानने के लिए निचे विस्तार से पढ़ें –
पैनिक अटैक (Panic Attack) क्या है?
रिसर्च के मुताबिक, पैनिक अटैक की संभावना अब अधिकतर लोगों में बढ़ गई है। एक स्टडी में दावा किया गया है कि शहरों की लगभग 30 फीसदी आबादी के लोग अपने पूरे जीवन में कम से कम एक बार पैनिक अटैक का सामना करते हैं।
डायग्नोस्टिक एंड स्टेटिस्टीकल मैन्युअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर नाम के एक जर्नल के मुताबिक, आमतौर पर पैनिक अटैक एक तरह का मानसिक डर होता है, जो अचानक से किसी भी बात की वजह से हो सकता है और अगले ही कुछ मिनटों में अपने आप ठीक भी हो जाता है।
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पैनिक अटैक (Panic Attack) के लक्षण क्या हैं?
- अचानक से घबराहट होना
- तेजी से पसीना आना
- हाथ-पैर कांपना
- सांस लेने में तकलीफ महसूस करना
- गला सूखना
- उल्टी होना
- पेट में तेज दर्द होना
- चक्कर आना
- दिल तेजी से धड़कने लगना
- आंखों के सामने अंधेरा महसूस करना
- बैठे रहने पर भी चक्कर महसूस करना
- ब्लड प्रेशर हाई होना
- सीने में दर्द और बेचैनी होना
- छोटी-छोटी बातों पर डर महसूस करना
- कुछ मामलों में पैनिक अटैक आने पर व्यक्ति खुद को और दूसरों को भी पहचानने में असमर्थ हो जाता है।
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एंग्जायटी अटैक (Anxiety Attack) क्या है?
एंग्जायटी अटैक साइकोलॉजी की समस्या नहीं होती है। अलग-अलग लोगों में इसके अटैक के अलग-अलग अनुभव देखे जाते हैं। एंग्जायटी अटैक की समस्या तब आती है, जब कोई व्यक्ति किसी लंबे समय से किसी वजह से परेशान हो। जिसकी चिंता बढ़ने के कारण उसे अटैक आ सकता है, उसे ही एंग्जायटी अटैक कहते हैं। इसके अलावा, भावनाओं के साथ-साथ मांसपेशियों में तनाव के कारण भी एंग्जायटी अटैक का खतरा बढ़ सकता है।
हालांकि, एंग्जायटी अटैक का खतरा पैनिक अटैक के खतरे से कम गंभीर हो सकता है।
एंग्जायटी अटैक (Anxiety Attack) के लक्षण क्या हैं?
एंग्जायटी अटैक के लक्षण भी काफी हद तक पैनिक अटैक से मिलते-जुलते होते हैः
- घबराहट होना
- डर लगना
- दिल की धड़कन बढ़ना
- देखने में परेशानी महसूस करना
- सीने में तेज दर्द होना
- सांस लेने में कठिनाई महसूस करना
- मन में बुरे विचार आना
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एंग्जायटी अटैक (Anxiety Attack) के कारण क्या हैं?
- काम का दबाव
- आर्थिक दबाव
- परिवार या रिश्तों की समस्या
- साथी के साथ बिगड़ते रिश्ते
- बदलती जीवन की परिस्थितियां
- मल्टिपल स्केलेरोसिस (एमएस), डायबिटीज या अन्य पुरानी बीमारी, जिसका इलाज लंबे समय से चल रहा हो।
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एंग्जायटी अटैक और पैनिक अटैक के बीच अंतर को कैसे समझें?
देखा जाए तो एंग्जायटी अटैक और पैनिक अटैक (Anxiety attack and panic attack) के लक्षण लगभग एक जैसे हीन हैं, ऐसे में इनके बीच का अंतर बता पाना बहुत मुश्किल हो सकता है। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो एंग्जायटी अटैक और पैनिक अटैक के बीच के अंतर को समझने में आपकी मदद कर सकते हैं:
- एंग्जायटी अटैक के लक्षण आमतौर पर बिना किसी स्थिति के ट्रिगर हुए किसी भी समय आ सकते हैं। जबकि, पैनिक अटैक तनाव या डिप्रेशन के बढ़ते स्तर के कारण आ सकता है।
- पैनिक अटैक के लक्षण तीव्र होते हैं, लेकिन इसके लक्षण धीरे-धीरे करते तेज होते है जिन्हें उपचार की मदद से ठीक किया जा सकता है। जबकि, एंग्जायटी अटैक के लक्षण अचानक से आते हैं और इसका प्रभाव एक घंटा से लेकर सालों तक भी रह सकता है और यह कुछ ही मिनटों में अपने आप ठीक भी हो सकता है।
- एंग्जायटी अटैक के हमले आमतौर पर कुछ मिनटों के बाद कम हो जाते हैं, जबकि पैनिक अटैक के लक्षण लंबे समय तक रह सकते हैं।
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एंग्जायटी अटैक और पैनिक अटैक (Anxiety attack and panic attack) के कारण क्या हो सकते हैं?
एंग्जायटी अटैक के लक्षण पहले से ही पता नहीं लगाएं जा सकते हैं। यह अचानक ही आता है। हालांकि, पैनिक अटैक के लक्षणों की समय रहते पहचान की जा सकती है और उनके लक्षणों को बढ़ने से रोका भी जा सकता हैः
- बहुत ज्यादा काम का तनाव होना
- सामाजिक तनाव होना
- बहुत ज्यादा ड्राइविंग करना
- कैफीन का सेवन बहुत ज्यादा करना
- शराब या ड्रग्स का आदी होना
- कोई पुराना रोग या पुराना दर्द
- किसी दवा का रिएक्शन या इंटरैक्शन
- किसी तरह का फोबिया होना
- अतीत के बुरी की यादें
एंग्जायटी अटैक और पैनिक अटैक (Anxiety attack and panic attack) के जोखिम के खतरे को कैसी स्थितियां बढ़ा सकती हैं?
निम्नलिखित स्थितियां एंग्जायटी अटैक और पैनिक अटैक (Anxiety attack and panic attack) के जोखिम के खतरे को बढ़ा सकती हैं, जिनमें शामिल हैंः
- मन का बेचैन रहना
- बिगड़ा हुआ मानसिक स्वास्थ्य
- अवसाद की समस्या
- द्विध्रुवी विकार
- परिवार के सदस्यों में एंग्जायटी अटैक और पैनिक अटैक का इतिहास रहना
- कोई पुरानी चिकित्सा स्थिति, जैसे कि थायरॉयड विकार, मधुमेह (डायबिटीज) या हृदय रोग
- शराब या नशीली दवाओं के दुरुपयोग करना
- व्यक्तिगत या व्यावसायिक जीवन में चल रहा तनाव
- तलाक या ब्रेकअप या किसी परिचित को खोने का गम
- जीवन से जुड़ी कोई दर्दनाक घटना बार-बार याद आना
आंकड़ों पर गौर करें, तो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में एंग्जायटी अटैक और पैनिक अटैक के खतरे अधिक होते हैं।
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एंग्जायटी अटैक और पैनिक अटैक का सामना कैसे करें?
कैमोमाइल (Chamomile) का सेवन करें : कैमोमाइल दवा के जरिए मन को शांत किया जा सकता है। हालांकि, इसका इस्तेमाल हमेशा डॉक्टर की परामर्श पर ही करें। वहीं, एंग्जायटी अटैर से बचाव के लिए संज्ञानात्मक-व्यवहार चिकित्सा (सीबीटी) (Cognitive-Behavioral Therapy (CBT) और एंटीडिपेंटेंट्स दवाओं का सहारा लिया जा सकता है।
हर रोज एक्सरसाइज करें : मन और शरीर को रिलैक्स करने वाली एक्सरसाइज करें।
नींद : भरपूर नींद लें, ताकि आप अपने तानव को कम कर सकें। कोशिश करें कि हर दिन आप कम से कम आठ घंटे की नींद पूरी करें।
गहरी सांस लें : अचानक से घबराहट होने या चक्कर आने पर नीचे बैठ जाएं और गहरी सांसें लें। पहले नाक के द्वारा जल्दी-जल्दी सांस लें। फिर सांस को थोड़ा-सा रोककर धीरे-धीरे लंबी-लंबी सांसें लें।
इनके अलावा आपको निश्चित समय पर निम्न टेस्ट भी कराने चाहिएः
- शारीरिक परीक्षण
- ब्लड टेस्ट
- हार्ट रेट टेस्ट
इन सब उपायों के साथ ही, आप अपने किसी करीबी और भरोसेमंद व्यक्ति को अपनी परेशानी बता सकते हैं। अगर आपको एंग्जायटी अटैक और पैनिक अटैक (Anxiety attack and panic attack) से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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एंग्जायटी और पैनिक अटैक का परीक्षण कैसे करवाएं
डॉक्टर एंग्जायटी अटैक के बारे में नहीं बता सकते हैं, लेकिन वह एंग्जायटी के लक्षण, एंग्जायटी डिसऑर्डर, पैनिक अटैक और पैनिक डिसऑर्डर जैसी परिस्थितियों का परीक्षण जरूर कर सकते हैं। आपके डॉक्टर आप से लक्षणों के बारे में पूछेंगे और समस्या का पता लगाने के लिए आपको कुछ टेस्ट करवाने की सलाह भी देंगे। इस टेस्ट की मदद से रोग का पता लगाने में मदद मिलेगी जैसे कि हृदय रोग या थायरॉइड।
परीक्षण करने के लिए आपके डॉक्टर निम्न टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं –
- हार्ट टेस्ट, जैसे की इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम
- ब्लड टेस्ट
- शारीरिक परीक्षण
- सायकोलॉजिकल टेस्ट
एंग्जायटी और पैनिक अटैक के घरेलू उपाय
आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेकर यह जानने की कोशिश करनी चाहिए कि पैनिक और एंग्जायटी अटैक को कंट्रोल या रोकने के लिए आप किस प्रकार के उपाय या इलाज अपना सकते हैं। ट्रीटमेंट के बारे में जानने से आपको जब भी पैनिक या एंग्जायटी अटैक पड़ेगा, तो आप उसे सही तरह से कंट्रोल कर पाएंगे।
यदि आपको लगता है कि आपको एंग्जायटी या पैनिक अटैक पड़ने वाला है, तो उन्हें काबू करने के लिए निम्न तरीकों को अपनाएं –
धीरे-धीरे गहरी और लंबी सांस लें – अगर आपको महसूस होता है कि आपकी सांस कम होने लगी है या तेजी से बढ़ रही है तो हर सांस पर ध्यान दें। सांस लेते समय कोशिश करें कि हवा आपके पेट तक जा रही हो। सांस बाहर छोड़ते समय 4 तक गिने और इसी प्रक्रिया को सांस के नियंत्रित होने तक दोहराते रहें।
स्थिति जांचें, परखें और अनुभव करें – अगर आपको पहले कभी पैनिक या एंग्जायटी अटैक पड़ा है, तो आप यह समझ सकते हैं कि यह कितना डरा देना वाला होता है। दोबारा ऐसा होने पर खुद को यह समझाएं कि यह परिस्थिति केवल कुछ ही समय के लिए सीमित रहेगी और सब कुछ सामान्य हो जाएगा।
माइंडफुलनेस का अभ्यास करें – माइंडफुलनेस तकनीक का इस्तेमाल मुख्य रूप से एंग्जायटी और पैनिक अटैक को ठीक करने के लिए किया जाता है। ज्यादा से ज्यादा लोग अब इस तकनीक को अपनाने लगे हैं। इस तकनीक की मदद से आपको अपनी दिमागी स्थिति पर ध्यान लगाने की कोशिश करनी होती है। आप चाहें तो माइंडफुलनेस का अभ्यास भी कर सकते हैं। इसके लिए अपने विचार और उत्तेजना पर ध्यान केंद्रित करें और पहचानें कि आप किस स्थिति में कैसा महसूस करते हैं।
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निष्कर्ष
पैनिक अटैक और एंग्जायटी अटैक सामान्य नहीं होते हैं। हालांकि, कई बार इन दोनों को एक जैसा ही माना जाता है। लेकिन केवल पैनिक अटैक को ही डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैन्युअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर की श्रेणी में शामिल किया गया है। एंग्जायटी और पैनिक अटैक के लक्षण, कारण और जोखिम कारक सामान्य होते हैं। लेकिन पैनिक अटैक अधिक तीव्र और कई बार शारीरिक समस्याओं के साथ आता है। यदि आपको रोजाना पैनिक अटैक या एंग्जायटी अटैक के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।