इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile dysfunction) पुरुषों में होने वाली समस्या है, जिसे हिंदी में स्तंभन दोष कहा जाता है। भारतीय पुरुषों में यह एक व्यापक और बहुत ही आम शारीरिक परेशानियों में से एक है। स्तंभन दोष सिर्फ यौन सुख तक ही सीमित नहीं है बल्कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या होने पर व्यक्ति अपने आप में शर्म महसूस करने लगता है। हालांकि ये बेहद ही भावनात्मक और संवेदनशील विषय है, जिसपर चर्चा करने से परहेज करते हैं। लेकिन कई बार बात चीत नहीं करने के कारण अनजाने में लोग अपनी तकलीफ बढ़ा लेते हैं। जबकि अगर इस विषय पर बातकर और डॉक्टर से कंसल्ट कर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या से निजात पाया जा सकता है। आज इस आर्टिकल में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का यूनानी इलाज (Unani treatment for Erectile dysfunction) कैसे किया जाता है और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का यूनानी इलाज (Unani treatment for Erectile dysfunction) कौन सी दवाओं से किया जा सकता है, यह भी समझेंगे। लेकिन सबसे पहले समझेंगे-
- इरेक्टाइल डिस्फंक्शन क्या है?
- इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लक्षण क्या हैं?
- इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कारण क्या हैं?
- इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का यूनानी इलाज कैसे किया जाता है?
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile dysfunction) क्या है?
इरेक्टाइल डिसफंक्शन एक ऐसी परेशानी है। जब कोई व्यक्ति इस तकलीफ से पीड़ित होते हैं, तो सेक्स के दौरान उत्तेजित महसूस नहीं करते हैं। इरेक्टाइल डिसफंक्शन इरेक्शन प्रक्रिया के कई कारण हो सकते हैं, जिसे इस आर्टिकल में आगे समझेंगे। लेकिन यह अवश्य ध्यान रखें की प्राइवेट पार्ट में ब्लड फ्लो कम होने की वजह से ऐसी तकलीफ शुरू हो सकती है। हालांकि कभी-कभी इरेक्शन की समस्या होना स्वास्थ्य के प्रति चिंता का विषय नहीं हो सकता है, लेकिन अगर ऐसा लगातार हो रहा है, तो यह व्यक्ति के लिए चिंता का विषय है। दरअसल इरेक्टाइल डिसफंक्शन के ओर अगर ध्यान नहीं दिया जाय तो यह धीरे-धीरे इनफर्टिलिटी (नपुंसकता) की ओर इशारा करता है।
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इरेक्टाइल डिसफंक्शन कितने प्रकार के होते हैं?
इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Types of Erectile dysfunction) दो अलग-अलग तरह के होते हैं। जैसे:
1.इस्कीमिक प्रियपिज्म (Ischemic priapism)- इसके अर्थ होता है लो फ्लो इरेक्टाइल डिसफंक्शन। इस प्रकार के इस्कीमिक प्रियपिज्म में ब्लड इरेक्शन चेंबर में फस जाता है, जिसके कारण लिंग उत्तेजित होने में असक्षम होता है।
2. नॉन-इस्कीमिक प्रियपिज्म (Non-ischemic priapism)- इरेक्टाइल डिसफंक्शन का यह प्रकार लो फ्लो के मुकाबले अधिक दुलर्भ होता है। इसे आसान भाषा में हाई फ्लो इम्पोटेंस कहते हैं। यह स्थिति कम दर्दनाक होती है और आमतौर पर किसी चोट के कारण विकसित होती है। इंजरी के कारण लिंग सही तरीके से गतिविधि नहीं कर पाता है।
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इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लक्षण क्या हैं?
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Symptoms of Erectile dysfunction) के निम्लिखित लक्षण हो सकते हैं। जैसे:
- लिंग को इरेक्ट और मजबूत बनाए रखने में समस्या होना
- इरेक्शन (लिंग उत्तेजित होना) में परेशानी महसूस होना
- कामोत्तेजना में कमी होना
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के ऊपर बताये लक्षणों (Symptoms of Erectile dysfunction) के अलावा निम्नलिखित लक्षण भी देखे जा सकते हैं। जैसे:
- स्खलन में देरी होना
- शीघ्रपतन की परेशानी होना
- अनोर्गास्मिया (इस स्थिति में व्यक्ति उत्तेजित होने के बाद भी चरम-सुख प्राप्त नहीं कर पाता है)
अगर आपको तीन या उससे ज्यादा वक्त से इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। हेल्थ एक्सपर्ट मेडिकल चेकप से यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि आपको यह स्थिति किसी अन्य रोग के कारण हो रही है और इसके इलाज की जरूरत है या नहीं।
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इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कारण क्या हैं?
स्तंभन दोष (Cause of Erectile Dysfunction) के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। इन कारणों में शामिल है:
- प्राइवेट पार्ट में ब्लड फ्लो ठीक तरह से नहीं होना या ब्लड वेसल्स का नैरो होना। ऐसे प्रायः हाय ब्लड प्रेशर, हाय कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज के कारण हो सकता है।
- हॉर्मन से संबंधित परेशानी।
- पहले करवाई गई सर्जरी या चोट लगना।
इन ऊपर बताये कारणों के अलावा मेंटल हेल्थ (Cause of Erectile Dysfunction) ठीक नहीं की वजह से भी ऐसा हो सकता है, जिसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। जैसे:
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के ये ऊपर बताए कारण हो सकते हैं। इस आर्टिकल में आगे जानेंगे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का यूनानी इलाज के बारे में।
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इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का यूनानी इलाज (Unani treatment for Erectile dysfunction) कैसे किया जाता है?
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का यूनानी इलाज (Unani treatment for Erectile dysfunction) विशेष रूप से यूनानी दवाओं को प्रिस्क्राइब कर किया जाता है। रिसर्च के अनुसार स्तंभन दोष के उपचार के लिए यूनानी दवाएं बहुत प्रभावी होती हैं। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के इलाज के लिए यूनानी दवाओं में शामिल है:
- एल-अर्गिनीन (L-Arginine)
- प्रोपियोनील-एल-कार्निटाइन (Propionyl-L-Carnitine)
- जिनको (Gingko)
- जिंक (Zinc)
- अश्वगंधा (Ashwagandha)
- योहिम्बे (Yohimbe)
इन यूनानी दवाओं से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का इलाज किया जाता है। नीचे पढ़ें इन दवाओं के बारे में।
1. एल-अर्गिनीन (L-Arginine)-
एल-अर्गिनीन का उपयोग विशेष तौर से इसका उपयोग हॉर्मोन संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए दी जाने वाली दवा है एल-अर्गिनीन। हॉर्मोन में हो रहे बदलाव की वजह से किसी पेशेंट में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की परेशानी है, तो इसका इलाज एल-अर्गिनीन यूनानी दवा से की जाती है। इसी के साथ इस दवा से सूजन को कम करने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होती है।
2. प्रोपियोनील-एल-कार्निटाइन (Propionyl-L-Carnitine)-
प्रोपियोनील-एल-कार्निटाइन दो अलग-अलग कम्पाउंड एल-कार्निटाइन (L-carnitine) एवं एसिटाइल-एल-कार्निटाइन (acetyl-L-carnitine) से मिलाकर बनाई गई यूनानी दवा है। इस दवा के सेवन से शरीर के हर एक हिस्से में ब्लड फ्लो यानी ब्लड सर्क्युलेशन ठीक तरह से होती है। कई लोगों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण ब्लड सर्क्युलेशन होता है। इसलिए अगर किसी पेशेंट में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण ब्लड सर्क्युलेशन है, तो ऐसी स्थिति में प्रोपियोनील-एल-कार्निटाइन प्रिस्क्राइब की जाती है।
3. जिनको (Gingko)-
शरीर में ब्लड फ्लो कम होने पर हेल्थ एक्सपर्ट जिनको के सेवन की सलाह दे सकते हैं। लेकिन पहले पेशेंट की हेल्थ हिस्ट्री को समझने के बाद ही डॉक्टर दवा प्रिस्क्राइब करते हैं। गिनको ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने के साथ-साथ मेंटल हेल्थ जैसे तनाव, हार्ट प्रॉब्लम या दर्द की तकलीफ को दूर करने में सहायक है।
4. जिंक (Zinc)-
रिसर्च के अनुसार टिनिटस, क्रोनिक डिजीज, अल्जाइमर, डाउन सिंड्रोम, पेप्टिक अल्सर, पुरुष बांझपन, स्तंभन दोष, ऑस्टियोपोरोसिस और मांसपेशियों में ऐंठन के उपचार में किया जा सकता है।
5. अश्वगंधा (Ashwagandha)-
आयुर्वेद और यूनानी दवाओं की लिस्ट में अश्वगंधा शामिल है। मस्तिष्क को शांत करने, सूजन को कम करने, ब्लड प्रेशर को नॉर्मल रखने और इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बनाये रखने में अश्वगंधा बेहद लाभकारी माना जाता है। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बैलेंस रहता है।
6. योहिम्बे (Yohimbe)-
पुरुषों में होने वाली इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के इलाज के लिए योहिम्बे यूनानी दवा प्रिस्क्राइब की जाती है। इसके साथ ही डायबिटीज एवं वैस्कुलर डिजीज का इलाज भी योहिम्बे दवा से की जा सकती है।
नोट: इन ऊपर बताई गई दवाओं का सेवन अपनी इच्छा अनुसार ना करें। डॉक्टर से सलाह लेने के बाद या डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब करने के बाद ही इनका सेवन करें।
स्तंभन दोष के इलाज के लिए यूनानी उपचार पर आधारित कई अलग-अलग हर्बल दवाएं हैं। उन्हें आमतौर पर हर्बल पुरुष वृद्धि उत्पादों कहा जाता है और पूरी तरह से औषधीय पौधों और जड़ी बूटियों से बनाया जाता है। बिना किसी साइड इफेक्ट के यौन क्रिया को बढ़ाने के लिए इन दवाओं का उपयोग दुनिया भर के पुरुषों द्वारा बड़े पैमाने पर किया जाता है।
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स्तंभन दोष (Erectile dysfunction) के उपचार के लिए कुछ सामान्य यूनानी दवाओं के बारे में इस आर्टिकल में आगे जानेंगे।
1.गोली वाजिद शाइ (Goli Wajid Shai)- यह यौन अंगों को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण टॉनिक माना जाता है। यह इरेक्शन की शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। इस टैबलेट में मौजूद तत्व यौन अंगों के पोषण में मदद करते हैं। यह वीर्य के उत्पादन को बढ़ाने में भी मदद करता है।
कैसे करें इसका सेवन?
सेक्शुअल पवार को बढ़ाने के लिए गोली वाजिद शाइ का सेवन दूध के साथ किया जा सकता है। इस दवा से शीघ्रपतन की समस्या भी ठीक हो सकती है।
2.जौहर ई खुसिया (Jauhar E Khusia)- सेक्शुअल पवार को बढ़ाने के लिए इस यूनानी दवा का सेवन किया जा सकता है।
कैसे करें इसका सेवन?
इसका सेवन भी दूध के साथ किया जा सकता है।
3.माजून जलाली (Majoon Jalali)- यह एक टॉनिक है, जो बहुत अच्छे यौन उत्तेजक के रूप में काम करता है। यह स्पर्म काउंट बढ़ाने और ओर्गास्म बढ़ाने में मदद करता है।
कैसे करें सेवन?
इसके टैबलेट के सेवन किया जा सकता है, लेकिन इसकी सलाह आपकी हेल्थ को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर इसके डोज की सलाह देते हैं।
नोट: ऊपर बताई गई यूनानी दवाओं का सेवन बिना डॉक्टर के सलाह से ना करें।
स्तंभन दोष न केवल आपके यौन जीवन को बाधित करता है, बल्कि इसका आपके रिलेशनशिप पर भी नेगेटिव प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही यह आपके आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को भी प्रभावित करता है। इसलिए, यूनानी दवाओं का उपयोग करने से आप स्तंभन दोष और शीघ्रपतन का प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है।
इन ऊपर बताई गई दवाओं के अलावा इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज टॉक थेरिपी से भी की जा सकती है।
टॉक थेरिपी (Talk Therapy)
कई प्रकार के साइकोलॉजिकल कारक इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण बन सकते हैं। जैसे कि चिंता, तनाव, डिप्रेशन और पोस्ट ट्रॉमेटिक डिसऑर्डर।
यदि आप साइकोलॉजिकल परेशानियां महसूस कर रहे हैं, तो आपको टॉक थेरिपी से मदद मिल सकती है। आप थेरिपी सेशन के दौरान अपने थेरिपिस्ट से अपनी निम्नलिखित बातों को शेयर कर सकते हैं। जैसे –
- आपके तनाव या चिंता का कारण क्या है?
- सेक्स को लेकर आप क्या महसूस करते हैं?
- सेक्स के दौरान आपको क्या अनुभव होता है?
यदि इरेक्टाइल डिसफंक्शन की वजह से इसका आपके रिलेशनशिप पर नेगेटिव प्रभाव पड़ रहा है, तो किसी रिलेशनशिप काउंसलर से बात करने की कोशिश करें। यह ध्यान रखें कि रिलेशनशिप में कोई परेशानी की वजह से भी यह परेशानी हो सकती है। इसलिए बेहतर होगा रिलेशनशिप काउंसलर की मदद लें और इरेक्टाइल डिसफंक्शन से आप छुटकारा पा सकते हैं।
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इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का यूनानी इलाज (Unani treatment for Erectile dysfunction) अपनाने के साथ-साथ लाइफ स्टाइल को भी हेल्दी बनाये रखें। इसलिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें। जैसे:
- हार्ट प्रॉब्लम और डायबिटीज की बीमारी को कंट्रोल में रखें। बेहतर होगा डॉक्टर के कंसल्ट में रहें।
- नियमित रूप से वर्कआउट या योग करें। अगर आप वर्कआउट या योग नहीं कर पा रहें हैं, तो नियमित मॉर्निंग या इवनिंग वॉक पर जाएं।
- बॉडी वेट मेंटेन रखें।
- हेल्दी फूड हैबिट्स बनायें।
- मेडिटेशन या अन्य विकल्पों की मदद से स्ट्रेस को कम करने की कोशिश करें।
- अगर आप डिप्रेशन में हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करें।
- एल्कोहॉल का सेवन न करें।
- बिना डॉक्टरी के एडवाइस लिए किसी भी दवा का सेवन ना करें।
छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या से बचा जा सकता है। वहीं अगर आप इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के शिकार हैं, तो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का यूनानी इलाज (Unani treatment for Erectile dysfunction) से इस परेशानी को दूर की जा सकती है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन हो या कोई नहीं शारीरिक या मानसिक परेशानी, तो इनके बारे में बात करें हेल्थ एक्सपर्ट से मिलें। बजाये इसके की एक बीमारी की वजह से दूसरी बीमारियों को इन्वाइट कर लें। अगर आप इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का यूनानी इलाज (Unani treatment for Erectile dysfunction) समझना चाहते हैं, इससे जुड़े किसी तरह के कोई भी सवालों का जवाब जानने के लिए इससे जुड़े विशेषज्ञों से संपर्क करें।