ग्रोइन स्ट्रेन (Groin strain) को ग्रोइन पुल (Groin pull) भी कहा जाता है। ग्रोइन, पेट और जांघ के बीच के भाग को कहा जाता है। ग्रोइन स्ट्रेन की समस्या पेट और जांघ के बीच के भाग व जांघ की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण होती है। अगर शरीर में इन अंगों की मांसपेशियों में एकदम से खिंचाव आ जाएं, तो यह जरूरत से अधिक खींच या टूट सकती हैं। ग्रोइन पुल उन लोगों में सामान्य है,जो कोई खेल खेलते हैं, क्योंकि खेल में दौड़ने और कूदने की जरूरत पड़ती है। यह समस्या सॉकर या फुटबॉल खेलने वाले लोगों में अधिक देखी जाती है। बहुत अधिक खांसने या भारी चीजों को उठाने से भी यह समस्या हो सकती है।
इस समस्या की वजह से होने वाली दर्द कई सप्ताह या दिनों तक रह सकती है। यह बात इस चीज पर निर्भर करती है कि आपका ग्रोइन स्ट्रैच (Groin stretches) या मांसपेशियों में आया खिंचाव कितना दर्दनाक है। लेकिन, मांसपेशियों में लगने वाली यह चोट दर्दनाक हो सकती है और उसे ठीक होने में समय भी लग सकता है।
ग्रोइन स्ट्रेन (Groin strain) की परेशानी आमतौर पर आराम करने, बर्फ लगाने और एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाईयों से ठीक हो जाती है। अगर स्ट्रेन अधिक हो तो फिजिकल थेरेपी की सलाह भी दी जा सकती है और साथ ही व्यायाम करने के लिए भी कहा जा सकता है। इस समस्या की स्थिति में धीरे-धीरे मूवमेंट जरूरी है। इस दौरान कुछ हफ्तों या महीनों के लिए अधिक फिजिकल एक्टिविटी करने से बचना चाहिए। ग्रोइन स्ट्रेन के बारे में जानिए विस्तार से।
ग्रोइन स्ट्रेन (Groin strain) के प्रकार
जैसा की पहले ही बताया गया है कि ग्रोइन स्ट्रेन मांसपेशियों के खींचने के कारण लगने वाली चोट है। इस समस्या के प्रकारों को तीन लेवल में विभाजित किया गया है। मांसपेशियों को कितना नुक्सान हुआ है इस पर ही इसके लेवल को आप जांच सकते हैं।
और पढ़ें : Neck Strain: गर्दन में खिंचाव क्या है? जानिए इसके लक्षण, कारण और उपचार
लेवल 1 : कम स्ट्रैच
कम स्ट्रेच यानी अगर मांसपेशियों में खिंचाव कम हो तो कुछ ही मसल फाइबरस को नुकसान होना। इसके साथ ही अगर आपकी मांसपेशियां कोमल हैं और दर्द हो रहा हो तो यह लेवल 1 की चोट है। इसमें पैर से आप सामान्य रूप से चल पाएंगे व मांसपेशियों की मजबूती बनी रहेगी।
लेवल 2 : मध्यम स्ट्रैच
मध्यम ग्रोइन स्ट्रैच (groin stretches) या मसल फाइबर को अधिक नुकसान होना। इसमें आपके अंग अधिक कोमल होंगे और दर्द के साथ ही मांसपेशियों की ताकत भी कम होगी। ग्रोइन स्ट्रेन(groin strain) के इस प्रकार में कभी-कभी चोट के निशान भी हो सकते हैं। माध्यम स्ट्रेच के कारण आपको चलने में समस्या होगी और चलने पर लंगड़ाना सामान्य है।
लेवल 3 : अधिक स्ट्रैच
मांसपेशियों के अधिक स्ट्रैच होने पर मसल फाइबर में बहुत अधिक नुकसान होना और कई बार मसल्स का पूरी तरह खराब हो सकते हैं। लेवल तीन की चोट जब लगती है तो आप आवाज भी सुन सकते हैं। यानी चोट लगने पर पॉपअप जैसी आवाज आती है और नील भी आ सकते हैं। ग्रोइन स्ट्रेन(groin strain) के इस प्रकार में चलने और टांग पर भार डालने पर दर्द होती है और टांग का प्रयोग करने में भी मुश्किल होती है।
और पढ़ें : वर्कआउट के बाद मांसपेशियों के दर्द से राहत दिला सकते हैं ये फूड, डायट में कर लें शामिल
ग्रोइन स्ट्रेन के लक्षण (Groin strain symptoms)
ग्रोइन स्ट्रेन के लक्षण (Groin strain symptoms) में सबसे पहला है दर्द होना। ग्रोइन स्ट्रेन(groin strain) के कारण प्रभावित स्थान पर दर्द हो सकता है। अगर यह गंभीर चोट है तो यह दर्द जांघ के अंदर के हिस्से भी हो सकती है। यही नहीं, ठीक होने के बाद अगर खिलाडी फिर से शारीरिक गतिविधियां करना शुरू करते हैं, तो दर्द फिर से वापस आ सकता है। इसके साथ ही प्रभावित स्थान पर सूजन और कई मामलों में नील भी पड़ सकते हैं। ऐसा घटना होने के दो या तीन दिन बाद होता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है।
World Spine day: झुक कर बैठने की है आदत? तो जरा इस क्विज को खेल कर देखें:
और पढ़ें : मांसपेशियों में दर्द की समस्या क्यों होती है, क्या है इसका इलाज?
ग्रोइन स्ट्रेन का उपचार (Groin strain treatment)
आपके डॉक्टर ग्रोइन स्ट्रेन की समस्या के निदान के लिए आपसे इसके लक्षण, एक्टविटीज और मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछेंगे और जांच करेंगे। वैसे तो यह समस्या खुद ही ठीक हो जाती है। लेकिन, आपको इसके लिए कुछ समय और आराम की जरूरत होती है। जल्दी ठीक होने के लिए आप यह उपाय अपना सकते हैं।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी पेनकिलर लें नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रगस (NSAIDs), जैसे इबुप्रोफिन( ibuprofen) और नेप्रोक्सेन (naproxen), ग्रोइन स्ट्रेन(groin strain) में होने वाली दर्द और सूजन से छुटकारा पाने में मददगार है। लेकिन, एक अध्ययन के अनुसार अगर इन्हें लंबे समय तक लिया जाए तो इनके प्रभाव के बारे में सही से जानकारी नहीं है। यही नहीं ,इन दवाईयों के कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। इसलिए , इन्हे डॉक्टर की सलाह के बाद कभी -कभी ही लिया जाना चाहिए।
- मसल्स के टिश्यू जल्दी ठीक हो, इसके लिए डॉक्टर आपको स्ट्रेचिंग और स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइजेज की सलाह दे सकते हैं। आपकी चोट किस प्रकार की है उसके अनुसार ही इनकी शुरुआत की जाती है।
अन्य उपचार
- ग्रोइन स्ट्रेन का उपचार(groin strain treatment) घर पर भी किया जा सकता है। दर्द और सूजन को कम करने के लिए आप बर्फ का प्रयोग कर सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक बर्फ का उपयोग हर तीन से चार घंटे में 20 -30 मिनटों तक करना चाहिए। इस प्रक्रिया को दो से तीन दिन दोहराएं या तब तक दोहराएं जब तक दर्द कम न हो जाए।
- एथलेटिक गतिविधियों को अस्थायी रूप से बंद कर दें। क्योंकि, ग्रोइन स्ट्रेन(groin strain) के जल्दी ठीक होने के लिए यह जरूरी है।
- जांघ को इलास्टिक बैंडेज या टेप के प्रयोग से दबाएं।
- अगर आपको हलकी या सामान्य ग्रोइन स्ट्रेन(groin strain) है। तो भी आपको कम से कम 4 हफ्तों तक आराम करना चाहिए और गंभीर चोट की स्थिति में कम से कम 6 से लेकर 8 हफ्तों तक आराम करना जरूरी है।
अगर आप चाहते हैं की ग्रोइन स्ट्रेन(groin strain) से आपको जल्दी राहत मिले, तो आप खुद का ध्यान रखें। भारी चीज उठाने से बचे। इससे भी ग्रोइन पेन हो सकती है। अपने डॉक्टर के बताई सलाह का पालन करें अगर आपको ग्रोइन स्ट्रेन(groin strain) वाले स्थान पर गांठ दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से मिले।
[mc4wp_form id=’183492″]
और पढ़ें : मुझे अक्सर मांसपेशियों में ऐंठन रहती है, इसका क्या उपाय है?
किन स्थितियों में आपको तुरंत मेडिकल सलाह की जरूरत हो सकती है?
ग्रोइन स्ट्रेन की कुछ स्थितियों में आपको तुरंत मेडिकल सलाह की जरूरत हो सकती है। यह स्थितियां इस प्रकार हैं:
- ग्रोइन स्ट्रेन (Groin strain) वाले स्थान पर दर्द का बढ़ना
- पेट के निचले भाग में दर्द या सूजन
- 24 से 48 घंटे 100.4°F (38°C) या इससे अधिक दर्द होना
- ठंड लगना
- उलटी आना
- ऐसी दर्द होना जो पेट के निचले भाग में दाहिनी तरफ से पेट तक जा रही हो
- अगर ग्रोइन दर्द(groin strain) घरेलू उपचार के बाद भी कुछ दिनों में ठीक न हो
- अंडकोष(testicle) में या इसके आसपास एक गांठ या सूजन होना
- पेशाब में खून आना
योग और स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी के लिए क्लिक करें
और पढ़ें : अर्थराइटिस से आराम पाने के तेल व सप्लीमेंट का इस्तेमाल कर जोड़ों के दर्द से पाएं निजात
ग्रोइन स्ट्रेन (Groin strain) से कैसे बचा जा सकता है ?
ग्रोइन स्ट्रेन दर्दनाक और कमजोर करने वाली समस्या है। ऐसे में इससे बचना ही बेहतर उपाय है। आप इन तरीकों से इस समस्या से बच सकते हैं।
- किसी भी शारीरिक गतिविधि से पहले अपनी टांगों और ग्रोइन मसल्स को गर्म कर लें।
- शरीर के तामपान को बढ़ाने वाली हलकी जॉगिंग या अन्य गतिविधियां मसल्स के स्ट्रेन के खतरे को कम कर सकते हैं।
- हमेशा ऐसे जूते पहने जो आपको अच्छे से फिट हों ।
- अगर आप ग्रोइन या जांघ के अंदर के हिस्से में दर्द या कसाव अनुभव करते हैं तो व्यायाम करना बंद कर दें।
- थाई मसल्स को मजबूत करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें। खासतौर, पर अगर आप पहले कभी इसका शिकार हुए हों।
ग्रोइन स्ट्रेन या हर्निया (Groin strain or hernia)
ग्रोइन स्ट्रेन या हर्निया (Groin strain or hernia) जिसे स्पोर्ट्स हर्निया कहा जाता है इन दोनों के लक्षण एक जैसे हो सकते हैं। इसलिए अगर आपको ग्रोइन या जांघ पर चोट लगती है तो आपको इस बात का पता होना चाहिए कि यह ग्रोइन स्ट्रेन (Groin strain) है या हर्निया ताकि सही उपचार हो सके। लेकिन, इन दोनों के लक्षण एक जैसे होते हैं जैसे अचानक तेज दर्द होना, क्रैम्पिंग , चोट लगना, मांसपेशियों में खिंचाव होना आदि। ऐसे में आप के लिए इन दोनों के बीच में अंतर् करना मुश्किल हो सकता है। इसके लिए एडक्शन (Adduction) मूवमेंट की मदद ली जा सकती है।
एडक्शन मूवमेंट में आप किसी हलकी चीज को अपने पैरों के बीच रखें। यह हलकी चीज एक मुलायम सी गेंद हो सकती है। अब इस चीज को अपने पैरों से दबाने की कोशिश करें अगर आपको दर्द हो रहा हो तो यह ग्रोइन स्ट्रेन(groin strain) की तरफ इशारा हो सकता है। लेकिन आपको ग्रोइन स्ट्रेन है या हर्निया (Groin strain or hernia) इसके बारे में जानने और सही उपचार व सलाह के लिए अपने डॉक्टर से मिले।