डॉक्टर शिशुओं के लिए केवल मां के दूध की सलाह देते हैं। इसे शिशु के लिए पूर्ण भोजन माना जाता है। स्तनपान के फायदे के बारे में अगर आप अपने डॉक्टर से पूछें तो वो भी सलाह देते हैं। स्तनपान के फायदे को नवजात शिशु के लिए महिलाएं इग्नोर नहीं कर सकती। स्तनपान के फायदे आप ऐसे समझ सकती है कि मां के दूध में एंटीबॉडी होता हैं जो बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने के लिए बच्चे की इंम्यूनिटी सिस्टम के लिए जरुरी होता हैं। यही कारण है कि लगभग सभी डॉक्टर बच्चों को जन्म के बाद शुरुआती महीनों में स्तनपान कराने की सलाह देते हैं। स्तनपान के फायदे शायद बच्चे को पहले ना दिखे लेकिन बाद के सालों में ब्रेस्टफीड किए हुए बच्चे फॉर्मूला वाले बच्चों से ज्यादा शक्तिशाली होते हैं।
हाल ही में किए गए एक अध्ययन में खुलासा हुआ कि गाय का दूध या बेबी फॉर्मूला (बच्चों के लिए मिलने वाला बेबी फूड) की तुलना में मां का दूध शिशुओं के लिए बेहतर है। अध्ययन में पाया गया है कि मां के दूध में एक मॉलिक्यूल ग्लिसरॉल मोनोलॉरेट (जीएमएल) होने के कारण ब्रेस्ट मिल्क में एंटी-इन्फ्लेमेट्री और एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं। अध्ययन से पता चला है कि यह मॉलिक्यूल भैंस के दूध की तुलना में महिलाओं के दूध में बहुत अधिक मात्रा में मौजूद है। स्तनपान के फायदे इसलिए ज्यादा है क्योंकि इसमें ग्लिसरॉल मोनोलॉरेट (जीएमएल) मौजूद होता है।
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स्तनपान के फायदेः
स्तनपान के फायदे में आप नवजात शिशु को बहुत कुछ दे सकते हैंः
- मां के दूध में नेचुरल एंटीबॉडी होता है जो आपके बच्चे को कान के संक्रमण (Ear Infection) जैसी बीमारियों से बचाने में मदद करता है।
- यह आमतौर पर बेबी फॉर्मूला की तुलना में ज्यादा आसानी से पचता है। इसलिए स्तनपान करने वाले शिशुओं को अक्सर कब्ज और गैस की परेशानी नहीं होती है।
- यह शिशु के जीवन के पहले वर्ष में अचानक होने वाली मृत्यु (sudden infant death syndrome) के जोखिम को कम कर सकता है।
- यह आपके बच्चे की बुद्धिमत्ता को बढ़ा सकता है। अध्ययन से पता चलता है कि स्तनपान करने वाले शिशुओं में कॉगनेटिव फंक्शन (Cognitive function) के उच्च स्तर होते हैं।
- मां का दूध बाद के वर्षों में भी आपके बच्चे की मदद कर सकता है, जिससे वजन बढ़ने का खतरा कम हो जाता है, और अस्थमा, टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, ल्यूकेमिया और लिम्फोमा जैसी बीमारियों से भी बचाता है।
स्तनपान के फायदे के साथ कुछ नुकसान भी हो सकते हैंः
- मां को दूध पिलाने के लिए उपलब्ध होना चाहिए या पंप करना चाहिए
- अगर मां को कहीं जाना पड़े तो बच्चे का दूध छूट सकता है
- शुरुआती स्तनपान असहज हो सकता है
- कुछ दवाएं स्तनपान को बाधित कर सकती हैं
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बेबी फॉर्मूला के फायदेः
- बेबी फॉर्मूला का इस्तेमाल आसान है। यह किसी भी समय शिशु को पिलाया जा सकता है।
- इसका इस्तेमाल फ्लेक्सिबल है। वर्किंग वूमेन के लिए यह एक आसान ऑप्शन है। मां के अलावा कोई भी इसे बच्चे को पिला सकता है।
- शेड्यूलिंग फीडिंग आसान हो सकती है। मां के दूध के मुकाबले बेबी फॉर्मूला देर में पचता है, इसलिए बेबी फार्मूला पीने वाले बच्चों को ज्यादा खाने की ज़रूरत नहीं होती है, खासकर शुरुआती महीनों में।
- आप क्या खाते हैं इसके बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। स्तनपान कराने वाली महिलाओ को खाने की कुछ ऐसी चीजों को अवॉयड करना पड़ता है जिससे बच्चे को एलर्जी होती है।
- बच्चों को बेबी फॉर्मूला देने वाली महिलाएं दिन में एक ग्लास वाइन या कॉकटेल ले सकती है लेकिन जो महिलाएं ब्रेस्ट फीड कराती है उन्हें शराब या कॉकटेल का सेवन कतई नहीं करना चाहिए।
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स्तनपान के फायदे बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए
अपना ध्यान रखना, सफल स्तनपान को बढ़ावा देने की दिशा में एक लंबा रास्ता तय कर सकता है। एक स्वस्थ आहार खाएं, बहुत सारे तरल पदार्थ पीएं और जितना संभव हो उतना आराम करें।
अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए, जितना हो सके आप स्तनपान कराएं। पर्यावरण को शांत और तनावमुक्त रखें। समर्थन के लिए अपने साथी और अन्य प्रियजनों को देखें। मदद के लिए पूछने से डरें मत। जिन दोस्तों ने सफलतापूर्वक स्तनपान कराया है वे जानकारी का एक अच्छा स्रोत हो सकते हैं। कई अस्पतालों और क्लीनिकों में स्तनपान सलाहकार उपलब्ध हैं। आपके बच्चे के डॉक्टर भी मदद करने में सक्षम हो सकते हैं।
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क्या मैं स्तनपान और फार्मूला-फीडिंग को मिला सकती हूं?
जन्म के बाद पहले छह महीनों के लिए विशेष स्तनपान की सलाह दी जाती है। स्तनपान के फायदे इतने है कि यह आहार ही बच्चे को सबसे अच्छा पोषण प्रदान करता है। फॉर्मूला स्तनपान को बाधित कर सकती है और साथ ही दूध की आपूर्ति को भी प्रभावित कर सकती है। हालांकि, कुछ माताएं स्तनपान और फॉर्मूला-फीडिंग को संयोजित करने में सक्षम हैं। जो महिलाएं स्तनपान के साथ फॉर्मूला फीडिंग कराती है वह यह दोनों चीजें मैनेज कर लेती हैं। महिलाएं समय के साथ यह मैनेज करना सिख लेती है। शुरूआत में महिलाओं को इसमें परेशानी हो सकती है लेकिन धीरे-धीरे उन्हें इसकी आदत हो जाती है।
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कुछ मामलों में हर मां शारीरिक रूप से अपने बच्चे को स्तनपान कराने में सक्षम नहीं होती है। दूध की कमी, शिशु के वजन में कमी, बीमारी, गोद लेने, सरोगेसी, और इसके अलावा बहुत से कारणों से एक मां स्तनपान नहीं कर सकती है। शिशुओं के जीवन के पहले साल के दौरान मां का दूध बेहतर होता है। यह भी ध्यान रखना जरुरी है कि बेबी फॉर्मूला को अलग-अलग तरह से तैयार किया जाता है और फॉर्मूला चुनने से पहले माता-पिता को उसके बारे में रिसर्च कर लेनी चाहिए। स्तनपान के फायदे बच्चे की सेहत पर नजर आता है। मां का दूध बच्चे के पोषण का पहला और सबसे जरूरी सामान है।
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