नोट: माता-पिता यह ध्यान रखें कि नवजात शिशु भी आंखें खोलता या खोलती है। वह अपने आंखों को आसपास घुमाता है और इधर-उधर देखता भी है। अगर शिशु ऐसा नहीं कर रहा है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
इन बातों को ध्यान रखने के साथ-साथ अपने मेंटल हेल्थ का भी ध्यान रखें, क्योंका आपकी मेंटल हेल्थ का भी असर बच्चों पर पड़ सकता है। नवजात शिशु या छोटे बच्चे अपनी परेशानी बताने में असमर्थ होते हैं। ऐसे इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना विशेष जरूरी है।
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नवजात शिशु की देखभाल कैसे करें? (Tips to care infants)

इन्फेंट मेंटल हेल्थ का ध्यान रखने के साथ-साथ निम्नलिखित बातों का भी ध्यान रखें। जैसे:
- नवजात शिशु की देखभाल के दौरान यह हमेशा याद रखें कि शिशु को मां के पास रहने दें।
- शिशु के जन्म के बाद आधे घंटे के पहले ब्रेस्टफीडिंग जरूर करवाएं। क्योंकि मां का पहला पीला दूध जिसे कोलोस्ट्रम कहा जाता है। इससे शिशु के इम्यून की इम्यून पावर (Immune power) भी स्ट्रॉन्ग होती है। जन्म के बाद के छह महीने तक बच्चे के लिए मां का दूध (Mother’s milk) ही संपूर्ण आहार है।
- शुरूआती छह महीनों तक स्तनपान करने वाले शिशु अच्छी तरह से विकसित होते हैं। संक्रमण से उनका बचाव होता है।
- छह माह से ज्यादा उम्र के बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग के साथ ऊपरी आहार भी देना चाहिए।
- जन्म के तुरंत बाद शिशु को पोलियो की दवा, बीसीजी और हेपेटाइटिस का टीका लगवाना चाहिए।
- सभी नवजात शिशुओं की बेबी मसाज ऑयल से मालिश करना चाहिए। इससे शिशु की मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होती हैं। मालिश करते समय ध्यान रखें कि हल्के-हल्के हाथों से ही मालिश करें।
नवजात शिशु की देखभाल (Newborn baby care) के लिए शिशु का नियमित रूप से हेल्थ चेकअप करवाना बहुत जरूरी होता है। हो सकता है कि बच्चा हेल्दी और स्वस्थ लग रहा है लेकिन, उसको कोई स्वास्थ्य समस्या हो। ऐसे में माता-पिता बच्चे का रेगुलर चेक-अप (Health checkup) करवाना न भूलें। साथ ही शिशु की किसी भी बीमारी के लिए घरेलू उपाय (Home remedies) ट्राई करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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इन्फेंट मेंटल हेल्थ (Infant mental health) ख़राब होने पर पेरेंट्स को घबराना नहीं चाहिए। क्योंकि इसका इलाज किया जा सकता है, लेकिन ठीक तरह से डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह को ध्यान में रखना आवश्यक होता है। हालांकि इन्फेंट मेंटल हेल्थ (Infant mental health) की समस्या होने पर इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। इसलिए बच्चे की पूरी हेल्थ कंडिशन (Babies health condition) को ध्यान में रखकर इन्फेंट मेंटल हेल्थ (Infant mental health) की समस्या का इलाज किया जाता है।
बच्चों के लिए मां का दूध सर्वोत्तम माना जाता है। नीचे दिए वीडियो लिंक पर क्लिक करें और हेल्थ एक्सपर्ट से जानिए ब्रेस्टमिल्क एवं फॉर्मूला मिल्क (Breast milk and formula milk) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी।