कुछ 2 साल से बड़े बच्चों को भी निमोनिया वैक्सीन या PCV13 का टीका लगाया जाता है, यदि उन्होंने पहले इसकी कोई डोज मिस कर दी है और उन्हें-
- क्रॉनिक हेल्थ कंडिशन (दिल और फेफड़ों की कोई बीमारी)
- कोई ऐसी स्वासथ्य समस्या जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो गया हो (अस्थमा, एचआईवी इंफेक्शन आदि)
- डॉक्टर बच्चे की स्थिति का जायजा लेने के बाद निर्णय लेगा कि उसे PCV13 की कितनी डोज देनी है।
डॉक्टर 2 से 18 साल के कुछ बच्चों को PPSV23 टीकाकरण की सलाह दे सकते हैं यदि उन्हें लंबे समय से कोई स्वास्थ्य समस्या है जैसे-
- हृदय, फेफड़े और लिवर से जुड़ी बीमारी
- डायबिटीज
- किडनी फेलियर
- कमजोर इम्यून सिस्टम (कैंसर या एचआईवी इंफेक्शन के कारण)
निमोनिया वैक्सीन: PCV और PPSV वैक्सीन की सलाह क्यों दी जाती है?
2 साल से कम उम्र के बच्चे और 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग जिन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं, उन्हें न्यूमोकोकल संक्रमण का खतरा अधिक होता है। यह वैक्सीन निमोनिया की स्थिति को गंभीर होने से, अस्पताल जाने से और मृत्यु से भी बचाती है।
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निमोनिया वैक्सीन: क्या PCV और PPSV वैक्सीन सुरक्षित है?
बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए दी जाने वाली दोनों वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। आमतौर पर किसी भी दवा के साथ गंभीर समस्या जैसे एलर्जिक रिएक्शन की संभावना बनी रहती है, लेकिन PCV (छोटे बच्चों के दिया जाने वाला टीका) और PPSV (बड़े बच्चों और व्यस्कों को दिया जाने वाला टीका) से गंभीर नुकसान पहुंचने की संभावना न के बराबर है। PCV वैक्सीन की करीब 60,000 डोज पर किए गए अध्ययन के मुताबिक, इसके कोई गंभीर रिएक्शन नहीं है, हां मामूली साइड इफेक्ट जरूर देखने को मिले हैं जिसमें शामिल हैं-
- 4 नवजात में से 1 को टीका लगाने वाले स्थान पर लालिमा, कोमलता या सूजन का अनुभव होता है
- 3 नवजात में से 1 में 100.4 F तक हाई फीवर देखा गया है
- कभी-कभी चिड़चिड़ापन, नींद जैसा आना या भूख न लगने की भी समस्या हो सकती है।
गंभीर एलर्जिक रिएक्शन आमतौर पर वैक्सीन लगाने के कुछ मिनट से लेकर कुछ घंटों के भीतर ही हो जाता है। गंभीर एलर्जिक रिएक्शन के संकेतों में शामिल हैं-