
बच्चों की परवरिश अच्छी हो…बच्चे सेहतमंद रहें और बच्चे को कोई परेशानी न हो इसलिए पेरेंट्स एक-एक बातों का ध्यान रखते हैं। इसलिए माता-पिता अपने बच्चों के पौष्टिक आहार का भी विशेष ख्याल रखते हैं। लेकिन, लाख कोशिशों के बाद भी कुछ बच्चे कुछ न कुछ परेशानियों से ग्रस्त हो ही जाते हैं। आज इस आर्टिकल में जानते हैं कि बच्चों का बाल झड़ना क्या आम होता है? बड़ों की तरह बच्चों का बाल झड़ना भी सामान्य होता है लेकिन, इसके पीछे कुछ कारण होते हैं। अगर बड़ों के बाल झड़ते हैं, तो कई बार हम सभी ये बोलते हैं की टेंशन की वजह से ऐसा हो रहा है लेकिन, छोटे बच्चे तनाव के तो शिकार नहीं होते हैं फिर भी उनके बाल झड़ने लगते हैं। क्या हैं इसके कारण?
बच्चों का बाल झड़ना: क्यों झड़ते हैं बच्चों के बाल?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों का बाल झड़ना एक सामान्य परेशानी है। अगर सिर्फ 2 महीने से 16 महीने के बच्चों की बात करें तो इन बच्चों में आयरन और जिंक की कमी की वजह से हेयर लॉस की समस्या होती है। अमेरिकन अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक के रिसर्च के अनुसार कुछ बच्चों के जन्म के एक महीने बाद ही थोड़े बाल झड़ते हैं तो वहीं कई बच्चे ऐसे भी होते हैं, जिनके पूरे-पूरे बाल झड़ जाते हैं। ऐसी स्थिति में पेरेंट्स को घबराना या परेशान नहीं होना चाहिए। जिस तरह से बड़े व्यक्ति एलोपेसिया समस्या पीड़ित होते हैं, ठीक वैसे ही बच्चों में भी एलोपेसिया की समस्या होती है। हालांकि बच्चों में इसे तुरंत ही किसी बीमारी से जोड़ देना ठीक नहीं है।
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बच्चों के बाल झड़ने के क्या कारण हैं?
नवजात या बच्चों के बाल झड़ने की वजह आयरन और जिंक की कमी होती है। इनके साथ-साथ निम्नलिखित कारणों की वजह से भी बच्चों का बाल झड़ना संभव हो सकता है। इन कारणों में शामिल है:
बच्चों का बाल झड़ना: कारण 1. टेलोजेन एफ्लुवियम (Telogen effluvium)
सिर्फ कुछ समय (टेम्पररी) के लिए बाल झड़ने की समस्या को टेलोजेन एफ्लुवियम कहते हैं। ऐसा शारीरिक परेशानी इमोशनल शॉक की वजह से होता है। झड़े हुए बाल फिर से बढ़ने में कभी-कभी 2 से 6 साल का भी वक्त लग सकता है। ऐसे बालों के ग्रोथ को टेलोजेन फेज कहते हैं। अगर बाल हेल्दी होंगे तो 80 से 90 प्रतिशत तक तेजी से बाल बढ़ते हैं। कुछ बच्चों के बाल झड़ने की निम्नलिखित वजह हो सकती हैं। जैसे:-
- फिजिकल इंजुरी
- तनाव में रहना
- बुखार होना
- इंफेक्शन की समस्या
- जेनेरल एनेस्थीसिया से की गई सर्जरी
- कुछ दवाओं के सेवन से
- विटामिन-ए की कमी
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बच्चों का बाल झड़ना: कारण 2. नियोनेटल ऑक्सिपिटल एलोपेसिया
ऐसे छोटे बच्चों में खासकर ढाई से तीन साल तक बच्चों में होता है। ये बच्चे ज्यादातर लेटे हुए होते हैं जिस वजह से उनके सिर के पिछले हिस्से पर अत्यधिक दवाब पड़ता है जिस वजह उनके पीछे के बाल झड़ने लगते हैं। इस तरह की परेशानी को मेडिकल टर्म में नियोनेटल ऑक्सिपिटल एलोपेसिया (Neonatal occipital alopecia) कहते हैं और सामान्य भाषा में इसे फ्रिक्शन एलोपेसिया भी कहते हैं। यह परेशानी जब बच्चे घुटने के बल चलना शुरू कर दें या फिर जन्म से 7 महीने के बाद धीरे-धीरे दूर होने लगती है। रिसर्च के अनुसार कुछ बच्चों में बाल झड़ने की समस्या गर्भ से शुरू हो जाती है। इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। जैसे-
- जन्म देने वाली मां की उम्र 34 साल से ज्यादा हो
- शिशु का जन्म वजायना से हुआ हो
- बच्चा पूरे नौ महीने के बाद जन्म हुआ हो
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बच्चों का बाल झड़ना: कारण 3. टीनिया केपिटिस (Tinea Capitis)
टीनिया केपिटिस की वजह से सिर के बाल, भौं (आइब्रो) और पलक (आई लेसेस) के बाल झड़ने लगते हैं। ऐसा फंगल इंफेक्शन के कारण होता है। फंगल इंफेक्शन के साथ-साथ बैड बैक्टीरिया की वजह से भी ऐसा होता। बैड बैक्टीरिया बालों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं।
बच्चों का बाल झड़ना: कारण 4.ट्राइकोटिलोमेनिया (Trichotillomania)
ट्राइकोटिलोमेनिया एक तरह की मानसिक बीमारी है। इस समस्या से पीड़ित बच्चे बालों को खींचते रहते हैं। बाल पर लगातार पड़ने वाले प्रेशर की वजह से बाल झड़ने लगते हैं। अगर आपका बच्चा भी बार-बार अपने बाल खींचता है तो उसे ऐसा न करने की सलाह दें और उसे समझाएं।
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बच्चों का बाल झड़ना: कारण 5. स्कैल्प इंजुरी
अगर किसी कारण बच्चे के सिर की त्वचा जल जाए या किसी अन्य वजह से डैमेज हो जाए तो बाल झड़ जाते हैं और फिर से बालों की ग्रोथ में वक्त लगता है। ऐसी स्थिति में खुद से या घरेलू इलाज सार्थक नहीं होते हैं। डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर होगा।
पेरेंट्स को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
बच्चों के माता-पिता को बच्चों के बाल झड़ने की समस्या की वजह से निम्नलिखित लक्षणों को ध्यान रखना चाहिए। इन लक्षणों में शामिल है:
- स्कैल्प का गंदा रहना या इंफेक्शन की वजह से स्कैल्प पर पपड़ी जमना
- उलझे हुए बाल होना
- सामान्य से अलग बालों का होना
- सिर में अत्यधिक खुजली होना
- स्कैल्प में दर्द की समस्या रहना
अगर ऊपर बताये गए लक्षण नजर आ रहें हैं, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह सोच के न टाले की बच्चा है ठीक हो जायेगा।
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स्वास्थ्य विशेषज्ञों से कब मिलना चाहिए?
निम्नलिखित परिस्थिति होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जैसे:-
- बच्चा अगर बार-बार शिकायत करे की उसके स्कैल्प में दर्द हो रहा है या उसे खुजली होती है।
- बच्चे की भौं और पलकों के बाल झड़ने लगें।
- बच्चे के सिर पर गंजापन दिखने लगने या बाल्ड स्पॉट जैसे लक्षण नजर आने लगे।
- सामान्य से ज्यादा बाल झड़ने लगे।
- बच्चे के बीमार होने के बाद और ठीक होने के बाद भी बाल झड़ने लगे।
- बच्चे को सिर पर चोट लगने पर
इन ऊपर बताई गई स्थितियों में पेरेंट्स को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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बच्चों का बाल झड़ना, इस परेशानी से बचने के लिए क्या हैं उपाय?
बच्चों के बालों के अच्छे ग्रोथ और उन्हें स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए प्रोटीन, आयरन और जिंक जैसे पोषक तत्वों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। प्रोटीन, आयरन और जिंक न सिर्फ बालों को जड़ों से मजबूत बनाने में मदद करते हैं बल्कि इससे बाल में चमक भी आती है और बाल घने होते हैं। बच्चों के आहार में अन्य पौष्टिक तत्वों के साथ-साथ प्रोटीन, आयरन और जिंक की अवश्य शामिल करना चाहिए। आप अपने बच्चों को आहार में दाल, हरी सब्जियां, मौसमी फल, राजमा, चने, योगर्ट, टोफू, डेयरी प्रोडक्ट और सोयाबीन जैसे आवश्यक खाद्य पदार्थों का सेवन जरूर करवाएं। इसके साथ ही निम्नलिखित बातों का भी ख्याल रखें। जैसे:-
- अगर आपका बच्चा कैप पहनता है, तो उसकी फेब्रिक अच्छी होने चाहिए और समय-समय पर उसे धोना चाहिए।
- बालों की मसाज नारियल तेल या सरसों के तेल से करें।
- दो दिनों के अंतराल पर शैम्पू करें।
- समय-समय पर बालों को ट्रिम भी करवाते रहें।
- बच्चों के बालों पर हेयर कलर न लगवाएं।
- बच्चे को बाल खींचने के आदत से दूर करें।
अगर आप बच्चों का बाल झड़ना या एलोपेसिया से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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