छोटे बच्चों के लिए वैक्सिनेशन के 3 फायदे ( benefits of vaccination for toddlers)

पेरेंट्स अपने बच्चों की परवरिश इतने अच्छे ढंग से करते हैं कि वे बच्चों से जुड़ी हर छोटी से छोटी बात का ध्यान रखते हैं, लेकिन हम आपको बता दें कि अगर आपकी किसी भी गलती या लापरवाही की वजह से छोटे बच्चे वैक्सिनेशन के बिना रह जाते हैं तो उनका जीवन खतरे में पड़ सकता है। आगे जानिए छोटे बच्चों के लिए वैक्सिनेशन क्यों फायदेमंद है।
1.छोटे बच्चों के लिए वैक्सिनेशन है लाइफ सेवर (life saver)
आज मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि वैक्सिनेशन के जरिए आपका बच्चा उन बीमारियों से बच सकता है जिनके कारण पहले कई बच्चों की जान गई है। पहले ऐसा संभव नहीं था। पोलियो (Polio) इसका एक उदाहरण है। पहले जहां पोलियो से लाखों बच्चे ग्रसित होते थे और विकलांग होने के साथ ही अपनी जान तक गंवाते थे, लेकिन अब इक्का दुक्का मामले ही कभी-कभार सामने आते हैं। यह सब निरंतर चलने वाले वैक्सिनेशन से ही संभव हो पाया है।
2.छोटे बच्चों के लिए वैक्सिनेशन: टीकाकरण से आप बचा सकते हैं फैमिली टाइम और पैसा भी (Immunizations can save your family time and money)
कई स्कूलों में वैक्सीन प्रिवेंटेबल डिजीज से पीड़ित बच्चों को प्रवेश नहीं मिलता। वहीं वैक्सीन प्रिवेंटेबल डिजीज के कारण लंबे समय तक चलने वाली डिसेब्लिटी (disabilities) फाइनेशियल टॉल का कारण भी बनती है और साथ ही तनाव का भी। इन सभी परेशानियों से बचने के लिए बच्चे का वैक्सिनेशन करवाना बेस्ट ऑप्शन है।
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3.टीकाकरण फ्यूजर जनरेशन को बचाने के लिए जरूरी है (Immunization protects future generations)
रूबेला (rubella)से लेकर चिकनपॉक्स ने कई बच्चों की जान ली है, लेकिन आज इनके टीकाकरण के चलते इनका रिस्क काफी कम हो गया है। यहां तक कि प्रेग्नेंट महिला से भ्रूण तक पहुंचने वाले इस वायरस का रिस्क बहुत कम हो चुका है। अगर इसी तरह वैक्सिनेशन की प्रॉसेस चलती रहेगी तो पेरेंट्स इस बात पर पूरा तरह विश्वास कर सकते हैं कि जिन बीमारियों का डर आज उन्हें हैं वो फ्यूचर में उनके बच्चों को नुकसान नहीं पहुंचाएगी।
इस तरह पैरेंट्स बच्चों का वैक्सिनेशर करवा अपने बच्चों औद दूसरों की भी सुरक्षा कर सकते हैं। उन्हें इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
छोटे बच्चों के लिए वैक्सिनेशन: पैरेंट्स छोटे बच्चों के वैक्सिनेशन का रिकॉर्ड रखें

ज्यादातर बच्चों में वैक्सिनेशन जन्म के बाद से 6 वर्षों तक कंप्लीट हो जाता है। कई टीके अलग-अलग उम्र में एक बार से ज्यादा दिए जाते हैं। इसलिए पेरेंट्स के लिए जरूरी है कि वे छोटे बच्चों को दिए जाने वाले टीकों का रिकॉर्ड मैंटेन करें। हालांकि जिस डॉक्टर या हॉस्पिटल से वे वैक्सिनेशन ले रहे होते हैं वे भी इसका पूरा रिकॉर्ड रखते हैं, लेकिन कई बार लोग डॉक्टर चेंज कर देते हैं जिससे रिकॉर्ड नहीं रह जाता। ऐसे में टीकों की पूरी जानकारी रखना आपकी जिम्मेदारी है। कई बार बच्चे के बीमार होने या किसी अन्य कारण के चलते कोई टीका छूट जाता है तो उसे बाद में जरूर लगवाएं। इसके लिए आपको पुराने टीके भी फिर नहीं लगवाना होंगे बस मिस हुए टीके को डॉक्टर को शेड्यूल कर देंगे। वैक्सिनेशन करवाएं और अपने बच्चे की संपूर्ण सुरक्षा करें।