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अगर बच्चे का रात में रोना बन गया है आपका सिरदर्द, तो पढ़ें ये आर्टिकल

अगर बच्चे का रात में रोना बन गया है आपका सिरदर्द, तो पढ़ें ये आर्टिकल

जब बच्चा सोते समय रोना शुरू कर देता है तो माता-पिता को लगता है कि वह किसी पीड़ा से गुजर रहा है। बच्चे का रोना हालांकि, ज्यादातर मामलों में सोते समय सिर्फ एक साधारण प्रक्रिया होती है और ये किसी गंभीर स्थिति का संकेत नहीं होता है।

शिशु के जन्म के शुरुआती वर्षों में माता-पिता के लिए बच्चे का स्लीप रूटीन बनाना सबसे ज्यादा मुश्किल और चुनौती भरा होता है। नींद से संबंधित समस्या शिशु में बेहद सामान्य होती हैं जो लगभग 30 प्रतिशत शिशुओं में पाई जाती हैं।

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि बच्चे का रात में रोने का क्या मतलब होता है और इसके क्या कारण हो सकते हैं। इसके साथ ही हम आपको बच्चे को चुप करवाने के कुछ बेहतरीन उपायों के बारे में भी बतांएगे।

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बच्चे रात में क्यों रोते हैं

जब बच्चा रोना बंद नहीं करता है तो यह माता-पिता के लिए एक बेहद मुश्किल घड़ी होती है। आपको ऐसा लग सकता है कि शिशु किसी परेशानी की वजह से रो रहा है और ये बात सोचकर आप भी बेहद परेशान हो उठते हैं। आपको लगेगा कि आपकी पेरेंटिंग स्किल में कोई कमी है जिसके कारण आपका बच्चा रात के समय रो रहा है। यदि आपको लगता है कि आप अपने शिशु से जुड़ नहीं पा रहे हैं तो आपको बता दें कि ऐसा बिलकुल नहीं है। आपको खुद पर थोड़ा विश्वास और संयम बना कर रखना होगा और इससे आप इस स्थिति को संभाल सकते हैं।

बच्चे के रात में रोने के कई कारण हो सकते हैं  जिनमें से मुख्य कारण शिशु का आपसे बात करने की कोशिश होता है। वह ऐसा आपका अपने ऊपर ध्यान केंद्रित करवाने और अपनी जरूरत को बताने के लिए करते हैं। शुरुआत में बच्चे के रोने के कारण की पहचान करना मुश्किल हो सकता है लेकिन जैसे-जैसे आप उसके साथ समय बिताएंगे आप उसके बारे में बेहतर ढंग से समझने लगेंगे और उसकी जरूरतों को पूरा कर सकेंगे।

निम्न कुछ सामान्य कारण हैं जिनकी वजह से बच्चे रात के समय रोते हैं :

बच्चे का रात में रोना हो सकता है सामान्य प्रक्रिया (रूटीन साइकिल)

इस प्रकार का रोना शिशु का सामान्य स्वभाव होता है और यह भूख लगने या किसी अन्य असुविधा के कारण नहीं होता है। हो सकता है कि आपके शिशु को नींद, खाने या अत्यधिक जागने के कारण रोना आ रहा है।

कैसे चुप कराएं – बच्चे का रात में रोना बंद करवाने के लिए उसे गोद में उठा लें, उसकी पीठ थपथपाएं, उसे प्यार करें और उसके साथ थोड़ा चलें। इससे शिशु को गतिशीलता और आपके शरीर का स्पर्श प्राप्त होगा जिसके बाद शिशु चुप हो जाएगा। आप चाहें तो कमरे में चल रहे पंखे को बंद कर के भी देख सकते हैं कि शिशु के रोने का कारण कहीं वही तो नहीं।

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भूख के कारण रात में रोना

आपके नवजात शिशु को हर कुछ घंटे बाद खाने की आवश्यकता होती है क्योंकि उसका पेट अभी बहुत छोटा है। ज्यादातर बच्चे रात में भूख के कारण रोते हैं।

कैसे चुप करवाएं – भूख की वजह से रोना दरअसल बाद के लक्षण होते हैं, शिशु इससे पहले अपने होंठो को हाथ से छूकर या अपनी हथेली को चूस कर अपनी भूख का संकेत देता है। समय का महत्वपूर्ण ध्यान रखें यदि शिशु को दूध पिए 2 से 3 घंटे हो चुके हैं तो यानी उसके फिर से खाने का समय हो चुका है।

गैस के कारण रोता है बच्चा

शिशु रात के समय यदि भूख की वजह से रोता है तो दूध मिलने पर वह चुप हो जाता है। हालांकि, कई बार शिशु दूध पीते समय अपने मुंह में हवा भर लेता है जिसके कारण उसके पेट में गैस जैसी समस्या उत्पन्न होने लगती है। यह शिशु के लिए बेहद असुविधाजनक स्थिति हो सकती है जिसकी वजह से वह खाना खाने के बाद भी सो नहीं पाता है और रोने लगता है।

कैसे चुप करवाएं – शिशु को केवल तभी भोजन करवाएं जब वह पूरी तरह से भूखा हो। भोजन करवाते समय बीच-बीच में डकार आने के लिए गैप लेते रहें। यदि आप अपने शिशु को फॉर्मूला दूध का सेवन करवा रहे हैं तो डॉक्टर से संपर्क कर के उसे बदलने के बारे में सलाह लें।

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एलर्जी के कारण बच्चे का रात में रोना

बच्चे के रात में रोने का कारण जरूरी नहीं की भूख, नींद या अन्य सामान्य समस्याओं से जुड़ा हो। गाय का प्रोटीन भरा दूध बच्चे में एलर्जी का कारण हो सकता है। गाय के दूध में मौजूद प्रोटीन के कारण होने वाली एलर्जी की वजह से शिशु तीन तरह से रोने का पैटर्न बनाते हैं – दिन में तीन घंटे से ज्यादा देर रोना, हफ्ते में तीन बार से ज्यादा रोना और तीन हफ्तों से ज्यादा रोना। शिशु गाय के दूध के प्रोटीन से एलर्जी होने पर इस प्रकार के पैटर्न में रोने लग सकता है।

कैसे मदद करें – इस बात की पुष्टि करने के लिए कि आपके शिशु को गाय के दूध से एलर्जी है या नहीं तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

बच्चे के रात में रोने के अन्य कारण

निम्न बातों की पुष्टि करें –

  • डायपर बदलना
  • किसी जगह उंगली का फंसना
  • कमरे का तापमान अत्यधिक गर्म या ठंडा तो नहीं
  • बुखार (सर्दी या कान में संक्रमण होने पर शिशु रात के समय सामान्य से ज्यादा रोते हैं)

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बच्चे के रोने पर डॉक्टर से कब संपर्क करें

नए पेरेंट्स व देखभाल करने वाले व्यक्ति को बच्चे के रात में रोने या अन्य नींद संबंधित समस्याओं के लिए डॉक्टर को निम्न स्थिति में संपर्क करना चाहिए :

  • शिशु किसी दर्द के कारण रो रहा हो
  • शिशु के सोने की प्रक्रिया में अचानक बदलाव
  • कई रातों से लगातार रोना और माता-पिता को मदद न करने देना

इनमें से किसी भी लक्षण के दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।   

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

When Your Baby Won’t Stop Crying/https://www.helpguide.org/articles/parenting-family/when-your-baby-wont-stop-crying.htm/accessed on 04/04/2020

How to soothe a baby crying in their sleep/https://www.medicalnewstoday.com/articles/324327//accessed on 04/04/2020

How to Stay Calm When Baby Won’t Stop Crying/https://www.zerotothree.org/resources/2171-how-to-stay-calm-when-baby-won-t-stop-crying/accessed on 04/04/2020

New study says that it’s okay to let babies cry at night/https://www.health.harvard.edu/blog/new-study-says-okay-let-babies-cry-night-201605319774/accessed on 04/04/2020

Current Version

06/04/2020

Shivam Rohatgi द्वारा लिखित

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ

Updated by: Mousumi dutta


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के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड

डॉ. पूजा दाफळ

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Shivam Rohatgi द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/04/2020

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