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Child Tantrums: बच्चों के नखरे का कारण कैसे जानें और इसे कैसे हैंडल करें

Child Tantrums: बच्चों के नखरे का कारण कैसे जानें और इसे कैसे हैंडल करें

अगर आप किसी बच्चे की परवरिश कर रहे हैं या आपका कोई बच्चा है तो आप बच्चों के नखरों (Cause of child tantrums) से अच्छी तरह वाकिफ होंगे। दरअसल, बच्चों की परवरिश करना न सिर्फ जिम्मेदारी का काम है, बल्कि इसमें काफी सब्र की भी जरूरत होती है। कई बार आपका बच्चा जिद करने लगता है, आपकी बात नहीं सुनता, गुस्सा करने लगता है, चिड़चिड़ा हो जाता है या रोने लगता है। यह सभी हरकतें बच्चों के नखरे करना दिखाती हैं। ऐसे में आप काफी चिंता में या गुस्से में आ सकते हैं कि आखिर इस स्थिति से कैसे निपटें? बच्चों के नखरे (Cause of child tantrums) दिखाने पर माता-पिता द्वारा उन पर चिल्ला देना या उन्हें थप्पड़ मार देना जैसी चीजें होती हैं, जो नहीं होना चाहिए है। इस आर्टिकल में आप जानेंगे के बच्चों के नखरे का कारण और इससे कैसे निपटा जाए।

बच्चों के नखरे का कारण क्या हो सकता है? (Cause of child tantrums)

बच्चों के नखरे का कारण बड़ों की तरह ही उनकी मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर निर्भर करता है। बच्चों के साथ सबसे बड़ी दिक्कत यह होती है, कि वह अपने नखरों के पीछे की वजह को खुद नहीं समझ पाते। जिस वजह से न वो उसके बारे में आप से बात कर पाते हैं और न ही उसे ठीक कर पाते हैं। इसके दूसरी तरफ, बच्चों में मानसिक और भावनात्मक बदलाव होने पर नखरे दिखाना सामान्य बात है। लेकिन, चिंता की बात तब हो जाती है, जब बच्चों के नखरे ज्यादा बढ़ जाएं या वो हर चीज में ही नखरे दिखाने लगे। बच्चों के नखरे का कारण उनका हाइपर एक्टिव, मूडी, नए माहौल में तालमेल न बैठा पाना, शारीरिक समस्या (Physical problem), मानसिक समस्या (Mental problem) या उनका तीव्र होना हो सकता है।

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बच्चों के नखरे (Child tantrums) दिखाने का तरीका

बच्चों के नखरे का कारण (Cause of Child tantrums) और तरीका कुछ भी हो सकता है। क्योंकि, बच्चों के मानसिक विकास होने की वजह से उनकी आदतों या व्यवहार में बदलाव आता रहता है। हो सकता है कि एक बच्चा अपने नखरे दिखाने के लिए रोना शुरू कर दे और दूसरा बच्चा अपने नखरे दिखाने के लिए सभी से दूर होकर बैठ जाएं।

इसलिए, यह नहीं कहा जा सकता कि बच्चों के नखरे का कारण आसानी से पहचाना जा सकता है। इसके अलावा, हो सकता है कुछ बच्चे अपने नखरे दिखाने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल करें या दीवार पर पेंसिल चलाने जैसा कोई नया ही तरीका खोज लें। लेकिन, फिर भी बच्चों के नखरे दिखाने के मुख्य तरीके निम्नलिखित हैं। जैसे-

  • चीजें फेंकना
  • जिद करना
  • रोना
  • पैर पटकना
  • मारना
  • काटना
  • चिल्लाना
  • चीजें या आपको खींचना या झकझोरना
  • पटक-पटक कर कदम रखना

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बच्चों के नखरे दिखाने का कारण ऐसे समझें

बच्चों के नखरे दिखाने का कारण और तरीके अलग-अलग तरह के हो सकते हैं। जैसे-जैसे उनका मानसिक विकास होता है, वैसे-वैसे ही उनके व्यवहार और आदतों में बदलाव आते हैं। जिस वजह से उनके नखरे दिखाने के पीछे कई सारी वजहें या कारणों में बदलाव आ सकते हैं। इसके अलावा, हो सकता है कि आपके बच्चे को कुछ और ही समस्या मानसिक (Mental problem) या शारीरिक स्तर पर परेशान कर रही हो। लेकिन, फिर भी बच्चों के नखरे दिखाने के पीछे निम्नलिखित कारण मुख्य होते हैं। जैसे-

  • भूख लगना
  • थकान (Fatigue)
  • स्कूल न जाने का मन करना
  • किसी कार्य को करने में मुश्किल आना
  • अपनी बातें न समझा पाना
  • भावनाओं को कंट्रोल न कर पाना
  • दोस्तों या भाई-बहन से लड़ाई होना
  • चाहने पर कुछ न मिल पाना

इसके अलावा, बच्चों के नखरे दिखाने का कारण कुछ शारीरिक और मानसिक स्थिति भी हो सकती है, जो कि उनके स्वास्थ्य पर आगे चलकर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। आइए, ऐसे कारणों के बारे में जानते हैं।

  • स्ट्रेस (Stress)
  • डिप्रेशन (Depression)
  • जेनेटिक (Genetic)
  • माहौल में बदलाव
  • फैमिली तनाव
  • मौसम में बदलाव
  • शारीरिक हिंसा
  • यौन हिंसा
  • माता-पिता का नकारात्मक (Negative) प्रभाव

अगर, आपको ऊपर बताए गए बच्चों के नखरे के कारण में से काेई गंभीर कारण लगता है, तो कृपया किसी डॉक्टर या बाल-रोग चिकित्सक से मिलें। हो सकता है कि डॉक्टर आपको इन समस्या के निदान के लिए किसी मनोचिकित्सक के पास जाने की भी सलाह दे दे।

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बच्चों के नखरे का कारण कब चिंता का विषय बन सकता है?

बच्चे सामान्यतः दिन में एक या दो बार जरूर किसी न किसी बात पर नखरे दिखाते ही हैं, जो कि कुछ देर तक ही जारी रहता है। ऐसा होना बिल्कुल सामान्य बात है। लेकिन, अगर आपका बच्चा दिन में हर किसी चीज पर नखरे दिखाने लगता है या उसका नखरा कई-कई घंटे या दिनों तक चलता है, तो चिंता की बात हो सकती है। इसके साथ ही, बच्चे नखरे या गुस्सा दिखाने के लिए कुछ ऐसी गंभीर गतिविधियां कर सकते हैं, जिससे उन्हें या किसी और को शारीरिक या आर्थिक नुकसान हो सकता है। जिसके भविष्य में परिणाम काफी घातक हो सकते हैं। अगर, आपके बच्चे के नखरे दिखाने के तरीकों में भी ऐसे ही किसी नतीजे की आशंका है, तो डॉक्टर या किसी मनोचिकित्सक की मदद लें।

बच्चों के नखरे के पीछे एडीएचडी

बच्चों के नखरे का कारण कुछ भी हो सकता है पर इसके पीछे हाइपरएक्टिविटी भी हो सकती है, जो कि एक समस्या है। इस समस्या को अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) कहते हैं। इस समस्या में बच्चे के अंदर ऊर्जा का स्तर काफी ज्यादा होता है, जो कि उससे संभाला नहीं जाता। जिसकी वजह वो ऐसी हरकतें करना लगता है, जो कि आपको इरिटेट करती हैं या उसके नखरे लगते हैं।

एडीएचडी की वजह से बच्चों में यह लक्षण दिखने लगते हैं। जैसे

  1. बार-बार बीच में टोकना
  2. बातें न सुनना
  3. किसी काम को व्यवस्थित तरीके से न कर पाना
  4. बहुत ज्यादा बोलना
  5. बेसब्र होना

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बच्चों के नखरे का कारण और खाना

बच्चों के नखरे में सबसे ज्यादा बार खाना खाने में दिक्कत करना होता है। जिसकी वजह से उन्हें विकास के लिए जरूरी पोषण नहीं मिल पाता है। दरअसल, बच्चों के खाना खाने में नखरे दिखाने के पीछे कई सारी वजहें हो सकती है। ऐसे में आप कुछ टिप्स की मदद से इस परेशानी कम कर सकते हैं, जिससे उन्हें पर्याप्त पोषण भी मिलता है।

  1. बच्चों के खाने के साथ क्रिएटिविटी दिखाएं, जिससे खाने में उनकी रुचि बढ़ेगी।
  2. एक ही बार अपने बच्चे को चम्मच भर-भर के खिलाने की कोशिश ना करें। इससे बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है।
  3. बच्चे को खाना खिलाने का समय फिक्स करें। हर रोज उसी टाइम पर खिलाएं।
  4. बच्चों को खाना खिलाने के दौरान उनका फेवरेट कार्टून या शो के हीरो की तरह बनने के बारे में बात करें और खाने के फायदे को उनके फेवरेट हीरो या कार्टून से संबंध जोड़ें।
  5. खाना बनाने से पहले दो पोषक आहार में चुनाव करने को बोलें।
  6. उनसे उनकी स्वस्थ आहार की पसंद के बारे में पूछें।
  7. उनसे खाना पसंद न करने की वजह के बारे में पूछें।

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बच्चों के नखरे को कम करने के टिप्स

आमतौर पर, बच्चों के नखरे अस्थायी होते हैं। जिसके लिए आपको थोड़ा सब्र करने की जरूरत होती है या फिर उनकी परवरिश के दौरान कुछ टिप्स को अपनाने की जरूरत होती है। जो कि उनके मानसिक स्तर या व्यवहार में बदलाव लाते हैं और बच्चों के नखरे कम करने में मदद करते हैं। आप, बच्चों के नखरे को झेलने या कम करने के लिए निम्नलिखित टिप्स का उपयोग कर सकते हैं।

बच्चों को स्पेस दें- कई बार  कुछ माता-पिता बच्चों पर ज्यादा ही नियंत्रण बनाने की कोशिश करते हैं या फिर उनकी हर गतिविधि में हस्तक्षेप करने लगते हैं। जिससे, बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है या उसे गुस्सा आने लगता है। ऐसी स्थिति में बच्चे को स्पेस दें, क्योंकि, अधिकतर बार बच्चा कुछ नखरों को खुद ही छोड़ देता है या खुशनुमा होने की वजह से नखरे नहीं करता है।

खाना खिलाएं- कई बार बच्चे भूखा होने की वजह से नखरे दिखाने लगते हैं। इसलिए, अगर आपका बच्चा भी भूख की वजह से नखरे दिखा रहा है, तो उसे खाना दें या फिर कुछ उसका मनपसंद खिलाएं। ऐसा करने से स्थिति काबू में आ सकती है।

उन्हें हग करें- बच्चों के नखरे कम करने के लिए आप उन्हें हग करें। क्योंकि, कई बार बच्चे पर्याप्त आकर्षण न मिलने के कारण चिड़चिड़े हो जाते हैं। ऐसा उनके माता-पिता के व्यस्त होने की वजह से हो सकता है।

बच्चों की तरह सोचें- कई बार आप एक व्यस्क की तरह सोचने से बच्चे की परेशानी को नहीं समझ पाते। लेकिन, बच्चों के नखरे या परेशानी को समझने के लिए आपको बच्चों की तरह सोचना पड़ता है।

बच्चों से बात करें- कई बार बच्चों के नखरे कम करने के लिए उन्हें प्यार से समझाना या उनसे बात करने की जरूरत होती है। आप बच्चे से उसके नखरे के बारे में बात करें कि वो ऐसा क्यों कर रहा है और उसे प्यार से समझाने की कोशिश करें।

गुस्सा न करें- बच्चों के साथ सबसे जरूरी बात यह है कि आपको गुस्सा करने से बचना चाहिए। क्योंकि, गुस्सा करने या उन पर हाथ उठाने से उनके नखरों में इजाफा ही होगा। इसके अलावा, उन्हें मानसिक स्तर पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ेगा। इसलिए, बच्चों के नखरे करने पर सब्र रखें और ठंडे दिमाग से काम लें।

बच्चों के नखरे का कारण अगर आप जान गए हैं, तो उम्मीद है कि आप इससे आसानी से सुलझा लेंगे।

हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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Anxiety in children – https://www.nhs.uk/conditions/stress-anxiety-depression/anxiety-in-children/ – Accessed on 9/1/2020

 

Current Version

05/07/2021

Surender aggarwal द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

Updated by: Nidhi Sinha


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Surender aggarwal द्वारा लिखित · अपडेटेड 05/07/2021

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