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गैस और ब्लोटिंग की समस्या से हैं परेशान, तो हो सकता है हाइपोक्लोरहाइड्रिया

गैस और ब्लोटिंग की समस्या से हैं परेशान, तो हो सकता है हाइपोक्लोरहाइड्रिया

पेट में भोजन पचाने वाले एसिड की कम मात्रा यानी स्टमक एसिड के कम स्तर को ही हाइपोक्लोरहाइड्रिया (Hypochlorhydria) कहते हैं, जो एक मेडिकल टर्म है। हाइपोक्लोरहाइड्रिया(Hypochlorhydria) से पीड़ित व्यक्ति को पाचन संबंधी समस्या, पोषक तत्वों की कमी और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शन (gastrointestinal infections) हो सकता है, हालांकि सही इलाज से इसकी गंभीरताओं से बचा जा सकता है। हाइपोक्लोरहाइड्रिया (Hypochlorhydria) के कारण और उपचार क्या है जानिए इस आर्टिकल में।

हाइपोक्लोरहाइड्रिया (Hypochlorhydria) क्या है?

हाइपोक्लोरहाइड्रिया पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड (Hydrochloric acid) की कमी होती है। पेट में होने वाला स्राव जिसे स्टमक एसिड कहते हैं और जो भोजन पचाने में मदद करता है वह हाइड्रोक्लोरिक एसिड (hydrochloric acid), कई तरह के एंजाइम्स और म्यूकस कोटिंग (mucus coating) से बना होता है जो पेट की लाइनिंग को सुरक्षा प्रदान करता है। हाइड्रोक्लोरिक एसिड आपके शरीर को पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन को तोड़ने, पचाने और अवशोषित करने में मदद करता है। साथ ही यह पेट में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस को बाहर निकालकर आपको इंफेक्शन से भी बचाता है। हाइड्रोक्लोरिक एसिड (Hydrochloric acid) कम होने पर शरीर की पाचन क्षमता और पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता पर असर पड़ता है। यदि इसका समय पर उपचार न किया जाए तो यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम (gastrointestinal (GI) को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा संक्रमण और कई अन्य क्रॉनिक स्वास्थ्य समस्याएं भी खड़ी कर सकता है।

हाइपोक्लोरहाइड्रिया के कारण (Hypochlorhydria causes)

हाइपोक्लोरहाइड्रिया कई कारणों से हो सकता है। इसके सामान्य कारणों में शामिल है-

उम्र (Age)- उम्र बढ़ने पर हाइपोक्लोरहाइड्रिया (Hypochlorhydria) होना आम है। 65 साल से अधिक उम्र के लोगों में अक्सर हाइड्रोक्लोरिक एसिड (Hydrochloric acid) का स्तर कम हो जाता है।

तनाव (Stress)- लंबे समय तक रहने वाले तनाव की वजह से स्टमक एसिड (stomach acid) का उत्पदान कम हो जाता है।

विटामिन की कमी (Vitamin deficiency)- जिंक (zinc) और बी विटामिन (B vitamins) की कमी से भी स्टमक एसिड कम बनता है। इनकी कमी का कारण हो सकता है पोषक तत्वों का सही मात्रा में सेवन न करना, तनाव, स्मोकिंग और एल्कोहल का सेवन आदि।

दवा (Medications- एंटासिड्स (antacids) या अल्सर और एसिड रिफ्लक्स के इलाज के लिए लंबे समय तक ली जाने वाली दवाओं से भी हाइपोक्लोरहाइड्रिया (Hypochlorhydria) हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से बात करना जरूरी है।

बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection)- बहुत से लोग हेलीकोबैक्टर पायलॉरी (Helicobacter pylori) से संक्रमित होते हैं। ऐसे लोगों में संक्रमण के कारण पेट में बनने वाला एसिड (stomach acid) कम हो जाता है।

पेट की सर्जरी (Stomach surgery)- कुछ सर्जरी जैसे गैस्ट्रिक बायपास सर्जरी (gastric bypass surgery) की वजह से भी पेट में बनने वाला एसिड (stomach acid) कम हो जाता है।

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हाइपोक्लोरहाइड्रिया के लक्षण (Hypochlorhydria  symptoms)

हाइपोक्लोरहाइड्रिया होने पर आपका शरीर कई तरह के संकेत देता है। इसके मुख्य लक्षणों में शामिल है-

  • ब्लोटिंग (bloating)
  • बर्पिंग (burping)
  • डायरिया (diarrhea)
  • गैस (gas)
  • बालों का झड़ना (hair loss)
  • हार्ट बर्न (heartburn)
  • आंत में संक्रमण (intestinal infections)
  • सप्लीमेंट लेते समय मितली आना (nausea while taking supplements)
  • पोषक तत्वों की कमी (nutrient deficiencies) जिसमें आयरन (iron) और विटामिन बी-12 (vitamin B-12
  • पेट की समस्या (upset stomach)
  • नाखून कमजोर होना (weak fingernails)

हाइपोक्लोरहाइड्रिया (hypochlorhydria) और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में भी संबंध है जैसे-

हाइपोक्लोरहाइड्रिया के जोखिम कारक (Hypochlorhydria risk factors)

Hypochlorhydria- हाइपोक्लोहाइड्रिया

हाइपोक्लोरहाइड्रिया का खतरा इन स्थितियों में अधिक होता है-

  • यदि उम्र 65 साल से अधिक है तो आपको हाइपोक्लोरहाइड्रिया (Hypochlorhydria) होने का खतरा अधिक है।
  • कुछ खाद्य पदार्थ भी हाइपोक्लोरहाइड्रिया (Hypochlorhydria) के जोखिम को बढ़ा देते हैं।
  • कुछ दवाएं भी स्टमक एसिड का उत्पादन घटा देती है।
  • बहुत अधिक तनाव लेना
  • डायट में जिंक (zinc) की पर्याप्त मात्रा न होना या जिंक ((zinc) का सही अवशोषण नहीं होना
  • हेलीकोबैक्टर पायलॉरी (Helicobacter pylori) संक्रमण
  • पेट की सर्जरी (stomach surgery) होना

हाइपोक्लोरहाइड्रिया का निदान (Hypochlorhydria diagnosis)

हाइपोक्लोरहाइड्रिया के निदान के लिए डॉक्टर आमतौर पर मरीज की मेडिकल हिस्ट्री पूछता है और उसके आधार पर शारीरिक परीक्षण करता है। वह एक छोटे कैप्सूल जिसमें ट्रांसमीटर होता है के जरिए पेट की एसिडिटी की भी जांच करता है। मरीज वह कैप्सूल निगल लेता है और उसमें मौजूद ट्रांसमीटर गैस्ट्रोइंटेस्टाइल ट्रैक्ट (gastrointestinal tract) में मौजूद एसिड की मात्रा का पता लगाता है।

डॉक्टर pH स्केल से एसिडिटी को मापता है। pH वैल्यू 3-5 का मतलब है कि आपको हाइपोक्लोरहाइड्रिया है, जबकि pH लेवल 3 से कम होने का मतलब है पेट में एसिड की समान्य मात्रा। यदि pH वैल्यू 5 से अधिक है तो इसका मतवब है कि पेट में एसिड की मात्रा बहुत कम है, इस स्थिति को एक्लोहाइड्रिया (achlorhydria) कहते हैं।

यदि निदान में हाइपोक्लोरहाइड्रिया (Hypochlorhydria) या एक्लोहाइड्रिया (achlorhydria) का पता चलता है तो डॉक्टर आयरन (iron) और अन्य पोषक तत्वों की कमी का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट करेगा।

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हाइपोक्लोरहाइड्रिया का उपचार (Hypochlorhydria treatment)

हाइपोक्लोरहाइड्रिया का उपचार इसके अंतर्निहित कारकों पर निर्भर करता है। इलाज के विकल्पों में शामिल है-

हेलीकोबैक्टर पायलॉरी (Helicobacter pylori) संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक

हेलीकोबैक्टर पायलॉरी (Helicobacter pylori) संक्रमण के उपचार के लिए एंटीबायोटिक दी जाती है। डॉक्टर आमतौर पर एकसाथ दो एंटीबायोटिक देता है। दो एंटीबायोटिक साथ में लेने से बैक्टीरिया किसी एक दवा के प्रति रेसिस्टेंट (resistance) पैदा नहीं कर पाता है। डॉक्टर को दवा देने के 4 हफ्ते के बाद एक बार फिर से हेलीकोबैक्टर पायलॉरी की उपस्थिती की जांच करनी होगी। यदि वह अब भी शरीर में है तो दूसरी दवाओं का कॉम्बिनेशन दिया जाता है।

ली जाने वाली दवाओं को रिव्यू करना (Reviewing medication use)

यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से एंटासिड (antacids) और प्रोटॉन पंप इन्हिबिटर्स (proton pump inhibitors) का सेवन कर रहा है तो हाइपोक्लोरहाइड्रिया हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर दवाओं को बंद करके उपचार के तरीके को बदलने के लिए कह सकता है। ध्यान रहे कोई भी दवा बंद करने या बदलने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

डायजेस्टिव एंजाइम्स और एचसीएल सप्लीमेंट्स (Digestive enzymes and HCL supplements)

मरीज को एचसीएल सप्लीमेंट्स (HCL supplement) और पेप्सिन एंजाइम (pepsin enzyme) देने से पेट का एसिड बढ़ने लगता है। बुजुर्गों के लिए उपचार का यह तरीका कारगर है क्योंकि उम्र के साथ उनके पेट का एसिड कम होने लगता है।

मेडिकल स्टोर पर नेचुरल डायडेस्टिव एंजाइम्स (Natural digestive enzymes) उपबल्ध है। इनमें पपाया और पाइनेप्पल एक्स्ट्रैक्ट होता है जो पेट में एसिड के उत्पदान को उत्तेजित करता है। कई डायजेस्टिव एंजाइम सप्लीमेंट्स भी ऑनलाइन उपलब्ध है। एचसीएल सप्लीमेंट्स (HCL supplement) लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।

स्ट्रेस मैनेजमेंट (Stress management)

यदि आपको बहुत अधिक तनाव की समस्या है तो नियमति रूप से योग करने से बहुत फायदा होगा।

क्रॉनिक स्ट्रेस यानी तनाव कम होने पर डायजेस्टिव सिस्टम फिर सामान्य रूप से काम करने लगता है। डायडेस्टिव सिस्टम को ठीक तरह से काम करने में मदद के लिए आप जीवनशैली में निम्न बदलाव कर सकते हैं-

  • तनाव कम करने की कोशिश (reducing of stress)
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज करना (exercising regularly)
  • डीप ब्रीदिंग और प्रोग्रेसिव मसल्स रिलैक्सेशन तकनीक (progressive muscle relaxation techniques)
  • मेडिटेशन और माइंडफुलनेस की प्रैक्टिस (practicing meditation and mindfulness)
  • योगा का नियमित अभ्यास (practicing yoga)
  • अटेंडिंग थेरेपी (attending therapy)
  • खानपान की आदतों में बदलाव (Changing eating habits)
  • डायट में कुछ सामान्य बदलाव करके हाइपोक्लोरहाइड्रिया (Hypochlorhydria) के लक्षणों में सुधार लाने में मदद मिलती है।

ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें जो आसानी से नहीं पचते हैं जैसे तला हुआ और फैटी फूड (fatty food)। साथ ही खाने के हर एक निवाले को अच्छी तरह चबाएं। इससे भोजन मुंह के डायजेस्टिव एंजाइम्स (Digestive enzymes) में मिक्स हो जाएगा। छोटे फूड पार्टिकल्स पेट (stomach) में जाकर आसानी से पच जाते हैं।

रात में सोने से 3 घंटे पहले कुछ न खाएं। इससे सोने से पहले ही आपका भोजन अच्छी तरह पच जाएगा और रात में सोते समय हार्टबर्न (heartburn) की समस्या नहीं होगी।

साथ ही खाने के तुरंत बाद न सोएं। भोजन करने के बाद 20-25 मिनट वॉक करें। खाना हमेशा बैठकर खाएं, लेटे हुए नहीं।

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पोषक तत्वों की कमी को दूर करना (Addressing nutrient deficiencies)

पेट को हाइड्रोक्लोरिक एसिड (hydrochloric acid) बनाने के लिए, जरूरी है कि आपका शरीर भोजन से जिंक (zinc) को अवशोषित करे। जिंक से भरपूर चीजों (Zinc-rich foods) में शामिल है।

  • कद्दू के बीज (pumpkin seeds)
  • केकड़ा (crabs)
  • फोर्टिफाइड ब्रेकफास्ट सीरियल (fortified breakfast cereals)
  • बेक्ड बीन्स (baked beans)
  • काजू (cashews)

स्टमक एसिड की मात्रा कम होने के लिए अन्य पोषक तत्वों की कमी भी जिम्मेदार हो सकती है जैसे आयरन की कमी (lack of iron), विटामिन बी-12 (vitamin B-12) और कैल्शियम (calcium) की कमी। ऐसे में आपको सही और संतुलित डायट के लिए डायटिशियन से सलाह लेने की जरूरत है। वह आपको इन पोषक तत्वों की कमी दूर करने के लिए सही खाद्य पदार्थ या सप्लीमेंट लेने की सलाह देंगे।

हाइपोक्लोरहाइड्रिया का घरेलू उपचार (Natural Remedies for Hypochlorhydria)

Hypochlorhydria- हाइपोक्लोहाइड्रिया

स्टमक एसिड या पेट में बनने वाले एसिड की मात्रा को कुछ आसान घरेलू तरीके अपनाकर भी बढ़ाया जा सकता है जिसमें शामिल है-

प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का कम सेवन (Limit processed foods)

फल और सब्जियों (fruits and vegetables) से भरपूर संतुलित आहार पेट में बनने वाले एसिड की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता है। जबकि प्रोसेस्ड फूड (Processed foods) और शुगर पेट में सूजन, एसिड एक्टिविटी में कमी और एसिड रिफ्लक्स (acid reflux) के लक्षणों को ट्रिगर करता है। हेल्दी डायट को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाकर आप अपने पाचन तंत्र को दुरुस्त रख सकते हैं, यह पेट को खाद्य पदार्थों को तोड़ने और शरीर को जरूरी प्रोटीन का अवशोषण करने में मदद करता है। साथ ही एल्कोहल के सेवन से भी परहेज करें।

फर्मेन्टेड चीजें खाएं ( Eat fermented vegetables & food)

फर्मेंन्टेड चीजें जैसे अचार, इडली/डोसा आदि खाएं। ऐसे फूड्स में प्रोबायोटिक्स इफेक्ट (Probiotics effect) होता है जो हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने में मददगार है और लो स्टमक एसिड के कारण होने वाली सूजन को भी कम करता है। इसके अलावा फर्मेन्टेड (fermented) यानी खमीरयुक्त चीजें इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाती है, वजन घटाने (weight loss) और ब्लड प्रेशर (blood pressure) कम करने में मददगार है। हालांकि फर्मेन्टेड चीजों को डायट का हिस्सा बनाने से पहले इसके फायदे और जोखिम के बारे में डायटिशियन से सलाह ले लें।

एप्पल सिडर विनेगर पीएं (Drink apple cider vinegar)

रॉ एप्पल सिडर विनेगर (Raw apple cider vinegar) फर्मेन्टेड लिक्विट है जो क्रश किए हुए एप्पल, बैक्टीरिया और यीस्ट से बनता है। यह प्रोटीन और एंजाइम्स से भरपूर होता है जो भोजन में मौजूद बैक्टीरिया को तोड़ने में मदद करता है। इसमें एसिडि प्रॉपर्टीज भी होती है जो स्टमक एसिड को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा एप्पल सिडर विनेगर एसिड रिफ्लक्स, डायबिटीज (diabetes) और हाई बल्ड शुगर (high blood sugar) को भी कम करे में सहायक है।

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अदरक का सेवन (Eat ginger)

अदरक में एंटीइन्फ्लामेट्री गुण होते हैं, जो लो स्टमक एसिड के कारण होने वाली सूजन को कम करने में सहायक है। साथ ही यह एसिड रिफ्लक्स (acid reflux ) और दूसरे गैस्ट्रोइंटेस्टाइल डिसऑर्डर (gastrointestinal disorders) के लिए भी वैकल्पिक उपचार (alternative treatment) है।

भोजन को पचाने के लिए स्टमक एसिड की जरूरत होती है जो कई तरह के एंजाइम्स और हाइड्रोक्लोरिक एसिड से मिलकर बनता है। जब यह पेट में बनने वाला एसिड जब कम हो जाता है तो कई तरह की पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती है। हाइपोक्लोरहाइड्रिया (Hypochlorhydria) लो स्टमक एसिड की स्थिति है जिससे बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल और संतुलित आहार जरूरी है।

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डिस्क्लेमर

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Sources of Infection & Risk Factors/https://www.cdc.gov/cholera/infection-sources.html/Accessed on 28/01/2022

Current Version

28/01/2022

Toshini Rathod द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nidhi Sinha


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

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Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/01/2022

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