ज्यादातर गर्भवती महिलाएं गर्भ में पल रहे बच्चे का किक चौथे या पांचवे महीने में पहली बार महसूस करती हैं। कई गर्भवती महिलाएं इसे मातृत्व के सुखद अनुभवों में से एक मानती हैं। गर्भ में बच्चे का किक मारना उसके हेल्दी होने का संकेत होता है। यहां यह जरूर ध्यान में रखें कि बच्चे के किक मारने का कोई तय समय नहीं होता। कई माएं बच्चे के किक के बारे में चिंतित होती हैं कि बच्चा कैसे किक कर रहा है? कितनी बार बच्चा किक मार रहा है? और ऐसे ही बहुत से सावल मां के दिमाग में चलते रहते हैं।
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आकांक्षा तिवारी (जूनियर डॉक्टर, प्रसूति विभाग, PMCH, पटना) बच्चे का किक मारने के बारे में कहती हैं कि,’जब बच्चे का स्वास्थ्य अच्छा होता है तो वह मां के गर्भ में मूवमेंट करता रहता है। इसके अलावा बच्चा गर्भ के बाहर की दुनिया में हो रही चीजों को महसूस करने पर भी तुरंत प्रतिक्रिया देता है। विशेष रूप से जब वह कोई बाहरी आवाज सुनता है तब वह किक मारता है। अगर बच्चे की किक मारना कम हो तो इससे पता चलता है कि उसे ऑक्सिजन की आपूर्ति ठीक से नहीं हो रही है।
अगर आप गर्भावस्था में हैं और बच्चे का किक महसूस कर रही हैं और इसे लेकर मन में कोई सवाल है तो उन सवालों के सारे जवाब जानने के लिए पढ़ें हैलो स्वास्थ्य के इस आर्टिकल को।
रात में बच्चे का किक मारना:
अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन का रात में बच्चे का किक मारने के बारे में कहना है कि कुछ बच्चे रात में अधिक एक्टिव होते हैं। यह भी संभव है कि दिन के दौरान जब मां कहीं ट्रेवल कर रहीं हो तो वह शिशु की हलचल ज्यादा महसूस न करें। रात में या किसी वक्त जब गर्भवती महिला आराम कर रही हों तब बच्चे का किक मारना उन्हें ज्यादा महसूस होता है।
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बच्चे का किक मारना कब शुरू होता है?
गर्भावस्था के नौवें सप्ताह के बाद अमूमन बच्चे किक मारना शुरू करते हैं। जो महिलाएं दूसरी बार मां बनने वाली होती हैं उनमें गर्भावस्था के 13वें सप्ताह में शिशु किक मारना शुरू कर देते हैं। 36वें हफ्ते के बाद बच्चे का किक मारना धीरे-धीरे कम होता जाता है। गर्भावस्था के 36वें हफ्ते के बाद गर्भ में शिशु का आकार बढ़ जाता है। जिसकी वजह से वह गर्भ में ज्यादा मूवमेंट नहीं कर पाता है। जिसके कारण बच्चे की किकिंग कम हो जाती है।
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बच्चे का किक मारना: इन तथ्यों के बारे में भी जानें
जब बच्चा गर्भ में किक मारता है तो वह अपने किक से निम्नलिखित संकेत मां या डॉक्टर को दे रहा होता है।
आहार पर प्रतिक्रिया
जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि गर्भ में पल रहा शिशु मां की बाहरी दुनिया में हो रही गतिविधियों पर किक मारकर प्रतिक्रिया देता है। मसलन मां क्या खा रही हैं?
प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला जो भी आहार लेती हैं, उसका स्वाद शिशु मां के शरीर में पाए जाने वाले एम्नियोटिक लिक्विड की मदद से पहचानने लगता है। जिस कारण मां द्वारा लिए जा रहे आहार के पसंद या नापसंद आने पर शिशु प्रतिक्रिया देता है। अपनी प्रतिक्रिया में शिशु कभी हाथ तो कभी पैर मां के गर्भ की बाहरी दीवारों पर मारता है।
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बच्चे का किक मारना आवाजों पर प्रतिक्रिया हो सकता है
गर्भावस्था के 20वें सप्ताह में शिशु गर्भ के अंदर और मां के माध्यम से हल्की आवाजें सुनता है। फिर धीरे-धीरे वह ऊंची आवाजें भी सुनने के काबिल हो जाता है। इससे पता चलता है कि शिशु स्वस्थ तरीके से गर्भ में विकसित हो रहा है।
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एक करवट लेते रहने से गर्भ में शिशु की हलचल बढ़ती है
एक गर्भवती महिला कैसे लेटती है, इसका प्रभाव शिशु के हलचल पर भी पड़ता है। डॉक्टर आकांक्षा के मुताबिक अगर गर्भवती महिला बाईं करवट होकर लेटती है तब शिशु ज्यादा हलचल ज्यादा करता है। क्योंकि बाईं करवट लेटने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है। इसलिए शिशु के ज्यादा हलचल से बचने या बच्चे का किक मारने को कम करने के लिए सीधे सोएं। आप पैरों के बीच तकिया लगा सकती हैं।
28वें सप्ताह में बच्चे का किक कम हो तो परेशानी का संकेत
तीसरी तिमाही में शिशु हिचकी लेना शुरू कर सकता है। जिसे आप महसूस कर सकती हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर बच्चे का किक गिनने के लिए कह सकते हैं। इस दौरान आप पाएंगी कि किसी एक समय पर शिशु अधिक हलचल कर सकता है। अगर कुछ दिनों बाद उस समय पर बच्चे का किक मारने में कमी महसूस करें तो एक बार डॉक्टर से मिलकर परामर्श जरूर लें।
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डिलिवरी के पास आने पर शिशु का किक कम हो तो घबराएं नहीं:
गर्भावस्था के आखिरी दिनों में भ्रूण पूरी तरह से विकसित होकर बाहरी दुनिया के लिए तैयार हो जाता है। जिसके कारण मां के गर्भ में उसे हलचल करने किक मारने के लिए उचित जगह नहीं मिल पाती। अतः बच्चे का किक कम होना सामान्य बात है। इससे घबराएं नहीं। अब आपको अपने पार्टनर और परिवार के साथ शिशु के स्वागत की तैयारियों में जुट जाना चाहिए।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
गर्भ में शिशु का हलचल करना सामान्य है, फिर भी अगर नीचे बताए गए कोई भी लक्षण नजर आते हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करने में हिचकिचाना नहीं चाहिए।
1. अगर आप कुछ घंटों से एक करवट लेटी हैं और बच्चे का किक दस या इससे कम बार हो।
2. आपके आसपास बहुत शोर-गुल हो रहा हो और गर्भाशय में किसी तरह का शिशु की हलचल महसूस न हो। क्योंकि जैसा कि हमने बताया है बाहरी तेज आवाजों पर शिशु प्रतिक्रिया देते हैं।
अगर शिशु बहुत कम हलचल कर रहा है या बच्चे का किक बहुत कम हो तो संभव है कि उसे ऑक्सिजन की पर्याप्त मात्रा नहीं मिल पा रही है। गर्भ के अंदर शिशु को प्लेसेंटा से ऑक्सिजन की प्राप्ति होती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से मिलना अनिवार्य समझें ताकि वे शिशु के स्वास्थ्य को जांच-परख सकें।
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