प्रेग्नेंसी और प्रसव के समय एक मां को खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। प्रसव के दौरान होने वाली दर्द को लेकर हर महिला के मन में एक अजीब भय रहता है। क्योंकि, यह प्रक्रिया पेनफुल होती है। कई बार डॉक्टर लेबर को आसान बनाने के लिए लेबर इंडक्शन (Labor Induction) की सलाह देते हैं। इसे इंड्यूजिंग लेबर भी कहा जाता है। यह प्रेग्नेंसी के दौरान प्रसव से पहले यूटेरिन कॉन्ट्रैक्शन को स्टिमुलेट करने की प्रक्रिया है। इसका उद्देश्य वजाइनल बर्थ (Vaginal birth) की प्रक्रिया को तेज करना है। लेबर इंडक्शन (Labor Induction) के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं। उन्हीं में से एक है लेबर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure points to induce labor)। जानिए, लेबर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure points to induce labor) के बारे में विस्तार से। सबसे पहले एक्यूप्रेशर क्या है, यह जान लेते हैं।
एक्यूप्रेशर किसे कहा जाता है? (Acupressure)
अधिकतर लोग एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर को एक ही मानते हैं। क्योंकि, यह दोनों सुनने में एक जैसे लगते हैं। लेकिन, यह दोनों टेक्निक्स अलग-अलग हैं। एक्यूपंक्चर में नीडल्स का प्रयोग किया जाता है, जिन्हें उन जगहों पर इंसर्ट किया जाता है जहां आपको समस्या है। किंतु, एक्यूप्रेशर में नीडल्स का प्रयोग नहीं किया जाता है। एक्यूप्रेशर में शरीर के कुछ खास प्रेशर पॉइंट्स पर फाॅर्स लगाई जाती है। इस फाॅर्स को लगाने के लिए उंगलियों का प्रयोग किया जाता है या कई बार इसके लिए पैरों, घुटनों, कोहनी, और पैर का प्रयोग भी किया जा सकता है।
संक्षेप में कहें तो एक्यूप्रेशर मालिश का एक पुराना तरीका है, जिसका प्रयोग ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन (Traditional Chinese medicine) में किया जाता है। यह तकनीक एनर्जी फ्लो (Energy Flow) को प्रोत्साहित करने और शरीर को हील करने में मदद करती है। लेबर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure points to induce labor) से पहले जान लेते हैं कि क्या एक्यूप्रेशर प्रेग्नेंसी में सुक्षित है या नहीं?
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प्रेग्नेंसी के दौरान एक्यूप्रेशर सुरक्षित है या नहीं?
एक्यूप्रेशर के बहुत से लाभ हैं जैसे एनर्जी ब्लॉकेज को दूर करना, बच्चे को प्रसव के लिए उचित पोजीशन लेने के लिए प्रोत्साहित करना, दर्द से राहत दिलाना, उचित हार्मोनल स्तर बनाए रखना आदि। हालांकि,प्रेग्नेंसी या लेबर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure points to induce labor) से पहले आपको डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। क्योंकि, जरूरी नहीं है कि यह तकनीक सभी गर्भवती महिलाओं के लिए यह लाभदायक हो। चूंकि, एक्यूप्रेशर ऊर्जा रिलीज़ करती है, हार्मोन को प्रभावित करती है और इससे ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) बढ़ती है। इसलिए इसके प्रयोग से गर्भावस्था के पहले 3 महीनों और अंतिम महीने में काफी फायदा होता है। एक्यूप्रेशर से यूट्रस में कॉन्ट्रैक्शंस भी हो सकती हैं। अब जानिए लेबर के लिए एक्यूप्रेशर के बारे में।
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लेबर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स कितना लाभदायक है? (Benefits of Acupressure points to induce labor)
हालांकि, अभी लेबर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure points to induce labor) के फायदों के बारे में अधिक शोध नहीं किया गया है। लेबर इंडक्शन (Labor Induction) में एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर दोनों को लाभदायक माना जाता है। यही नहीं, लेबर पेन (Labor pain) से राहत पाने में भी यह प्रभावी हैं। ऐसा भी माना जाता है एक्यूप्रेशर तकनीक से लेबर की ड्यूरेशन कम हो सकती है, जिससे डिलीवरी में तेजी आती है। इस प्रोसेस में प्रयोग किये जाने वाले प्रेशर पॉइंट गर्भ में शिशु को मूव करने में मदद करते हैं, जिसे लेबर में आसानी होती है। संक्षिप्त में कहा जाए तो एक्यूप्रेशर न केवल गर्भावस्था बल्कि लेबर में भी सहायक है।
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लेबर में एक्यूप्रेशर कैसे काम करता है?
एक्यूप्रेशर की तकनीक शरीर के विभिन्न हिस्सों में ट्रेप्ड एनर्जी को रिलीव करने के सिद्धांत पर काम करती है। इससे शरीर के अंदर, एक्टिविटीज में एक नेचुरल फ्लो होता है जिससे हमारा शरीर बिना किसी समस्या के काम करने में सक्षम होता है। लेकिन, जब इस प्रवाह में समस्या आती हैं, तो इसका परिणाम शरीर के किसी हिस्से में दर्द या जकड़न आदि होता है। एक्यूप्रेशर इन बाधाओं को दूर करता है या उन्हें प्राकृतिक तरीके से कम करता है, ताकि शारीरिक प्रक्रियाएं बेरोकटोक जारी रह सकें। गर्भावस्था में, किन्हीं परिस्थितियों के कारण प्रसव में देरी हो सकती है। लेकिन, एक्यूप्रेशर किसी भी इशू के पाथवे को क्लियर करता है। जिससे लेबर सायकल की किसी भी समस्या को दूर किया जा सकता है।
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लेबर इंड्यूसिंग के लिए पॉइंट्स एक्यूप्रेशर का प्रयोग कब सुरक्षित है? (Acupressure points to induce labor)
लेबर इंड्यूसिंग (Labor inducing) के लिए एक्यूप्रेशर का प्रयोग करने से पहले यह जानना जरूरी है कि किन स्थितियों में इसका प्रयोग सुरक्षित है? गर्भवती महिलाओं के लिए, एक्यूप्रेशर स्पॉट तभी ट्रिगर होने चाहिए, जब:
- आपकी ड्यू डेट निकल चुकी है और आपमें लेबर या डिलीवरी का कोई भी लक्षण न हो।
- आपका लेबर इंड्यूस हो गया हो लेकिन आपकी मसल्स में कॉन्ट्रैक्शंस के लिए स्ट्रेंथ में कमी हो।
- एक्टिव लेबर अभी शुरू होने वाली हो, लेकिन एमनीओटिक सैक्स (Amniotic sac) पहले ही टूट चुके हों।
कुछ अन्य स्थितियों में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। इनके बारे में जानने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। अब जानते हैं इंड्यूस्ड लेबर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure points to induce labor) के बारे में।
इंड्यूस्ड लेबर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स कौन-कौन से हैं? (Acupressure points to induce labor)
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार अधिकतर महिलाएं गर्भावस्था और लेबर के दौरान कम दवाईयां लेना चाहती हैं। ऐसे में, लेबर की प्रक्रिया को बिना किसी मेडिकल प्रोसीजर के इंड्यूस्ड करने के लिए एक्यूप्रेशर को अच्छा तरीका माना जाता है। लेकिन, इसके बारे में अभी पर्याप्त सुबूत मौजूद नहीं हैं। इंड्यूस्ड लेबर (Induced labor) के लिए कुछ एक्यूप्रेशर पॉइंट्स को लाभदायक माना जाता है। आइए जानते हैं इन पॉइंट्स के बारे में।
स्प्लीन 6 पॉइंट (Spleen 6 point)
स्प्लीन 6 पॉइंट को SP6 भी कहा जाता है। इसे सबसे अधिक प्रयोग किया जाने वाले एक्यूप्रेशर पॉइंट्स में से एक माना जाता है। कई स्थितियों में इसका प्रयोग किया जाता है जिसमें लेबर इंडक्शन (Labor Induction) भी शामिल है। SP6 टखने के ऊपर, निचले काफ के पीछे स्थिति होता है। इंडेक्स फिंगर का प्रयोग कर के इस पॉइंट पर कुछ सेकंड्स के लिए प्रेशर डालें। एक मिनट के ब्रेक के बाद इसे फिर से दोहराएं।
लेबर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स में ब्लैडर 60 पॉइंट (Bladder 60 point)
SP6 से कुछ ही इंच नीचे ब्लैडर 60 होता है। इस पॉइंट को कुनलुन (Kunlun) भी कहा जाता है। यह पॉइंट पैर में होता है। इस पॉइंट पर प्रेशर से लेबर पैन से राहत मिलती है, ऑब्स्ट्रक्शन कम होती हैं और लेबर में तेजी आती है।
पेरीकार्डियम 8 पॉइंट (Pericardium 8 point)
पेरीकार्डियम 8 पॉइंट को लाओगोंग (Laogong), या लेबर पैलेस (Labor palace,) कहा जाता है। इस पॉइंट को भी लेबर इंड्यूसिंग (Labor inducing) में बहुत लाभदायक माना जाता है। यह पॉइंट हथेली के सेंटर में होता है। इस पॉइंट पर प्रेशर के लिए आपको अपने दूसरे हाथ के अंगूठे का प्रयोग करना है। हालांकि लेबर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Accpressure points to induce labor) को बहुत लाभदायक माना जाता है। लेकिन, इससे पहले एक बार अपने डॉक्टर से अवश्य पूछें।
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ब्लैडर 67 पॉइंट (Bladder 67 point)
ब्लैडर 67 पॉइंट को ज़ियिन (Zhiyin) या रीचिंग यिन (Reaching yin) भी कहा जाता है। यह पॉइंट पैर के अंगूठे के अंत में नाख़ून के छोर के पास होता है। ऐसा माना जाता है कि यूटेरियन कॉन्ट्रैक्शंस (Uterine contractions.) में इस पॉइंट पर प्रेशर का प्रयोग लाभदायक होता है
लेबर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स में लार्ज इंटेस्टाइन 4 पॉइंट (Large intestine 4 point)
एक्यूप्रेशर थेरेपी में यह सबसे सामान्य पॉइंट है। इस पॉइंट को हेगु (Hegu) भी कहा जाता है। यह पॉइंट हाथ के पिछले भाग पर स्थित होता है, जो अंगूठे और तर्जनी उंगली के बीच होता है। इंड्यूस्ड लेबर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure points to induce labor) में इस पॉइंट को लाभदायक माना गया है।
ब्लैडर 32 पॉइंट (Bladder 32 point)
ब्लैडर 32 को सिलियाओ (Ciliao) भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है सेकंड क्रेविस (Second crevice)। यह पॉइंट बटलॉक में स्थित होता है। इस पॉइंट को भी कॉन्ट्रेक्शसन को ट्रिगर करने के लिए लाभदायक माना जाता है। इसके साथ ही यह लेबर पेन (Labor pain) से राहत दिलाने में भी सहायक है। अब जानते हैं एक्यूप्रेशर के कुछ टिप्स के बारे में।
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लेबर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स संबंधित टिप्स (Tips for Acupressure points to induce labor)
लेबर के लिए एक्यूप्रेशर को लाभदायक और प्रभावी माना जाता है। लेकिन, न केवल आपको इसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। बल्कि, बिना एक्सपर्ट की राय के इनका प्रयोग भी आपको नहीं करना चाहिए। लेबर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure points to induce labor) को प्रभावी रूप से करने के लिए टिप्स इस प्रकार हैं:
- इस प्रक्रिया को शुरू करने से पहले अपने शरीर और खुद को शांत करने के लिए कुछ ब्रीदिंग एक्सरसाइजेज (Breathing exercises) अवश्य करें।
- लेबर को इंड्यूस करने के लिए एक्यूप्रेशर मसाज को करने से पहले अच्छे से जान लें कि यह अलग-अलग पॉइंट्स किन समस्याओं को दूर करने में प्रभावी हैं। जैसे कुछ पॉइंट्स लेबर पेन (Labor pain) से छुटकारा दिलाते हैं, तो कुछ गर्भवती महिलाओं के शरीर को डिलीवरी के तैयार करने में मदद करते हैं।
- एक्यूप्रेशर का प्रभाव हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकता है। गर्भवती महिला प्रेशर को अप्लाई करने के एक घंटे के अंदर ही लेबर का अनुभव कर सकती हैं या इसमें एक दिन भी लग सकता है।
- एक्यूप्रेशर में सब्सिटिव एरियाज में प्रेशर यानी दबाव बहुत गेंटल होना चाहिए। खासतौर पर जब आप गर्भवती हैं तो पेट, टांगों के कुछ पॉइंट्स या पीठ के निचले हिस्से पर एक्यूप्रेशर का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- अगर आपको कहीं चोट लगी है, नील पड़ा है, वैरिकोज वेंस (varicose veins) की समस्या है या सूजन है तो शरीर के उन हिस्सों पर भी एक्यूप्रेशर का प्रयोग न करने की सलाह दी जाती है।
- एक्यू प्रेशर कभी भी दर्दभरा नहीं होना चाहिए। अगर आप इस दौरान दर्द महसूस करते हैं तो तुरंत अपने थेरेपिस्ट को बता दें। इसके बाद कई लोग एक्यूप्रेशर पॉइंट्स में सूजन या नील जैसी समस्याओं को महसूस करते हैं। यही नहीं, कुछ लोग अस्थायी चक्कर आने की समस्या का अनुभव भी कर सकते हैं।
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यह तो थी लेबर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure points to induce labor) के बारे में पूरी जानकारी। इस बात को ध्यान में रखना भी जरुरी है कि एक्यूप्रेशर को डॉक्टर्स द्वारा मेडिकली अप्रूव नहीं किया गया है। यह केवल एक अल्टरनेटिव मेडिसिनल थेरेपी (Alternative medicinal therapy) है। हालांकि, लेबर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure points to induce labor) को लाभदायक माना जाता है और ऐसा भी माना जाता है कि सही समय पर इसके प्रयोग से एक्यूप्रेशर लेबर को प्रभावी तरीके से स्टिमुलेट करता है।
डिलीवरी में देरी के कई फिजिकल, इमोशनल या मानसिक कारण हो सकते हैं। लेकिन, लेबर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure points to induce labor) का प्रयोग करने से लेबर पेन (Labor pain) और डिलीवरी दोनों में मदद मिलती है। हालांकि, इसके बारे में अभी अधिक स्टडी की जानी जरूरी है। अगर गर्भवती महिलाएं लेबर के लिए एक्यूप्रेशर को ट्राय करना चाहती हैं, तो उन्हें पहले अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह लेनी चाहिए। उम्मीद करते हैं कि आपको एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure points to induce labor) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके दिमाग में इसके बारे में अन्य कोई प्रश्न है तो आप हमारे फेसबुक पेज पर उसे पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।
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