फंडल हाइट को मापने के लिए डॉक्टर गर्भवती महिला के प्यूबिक बोन के ऊपर से यूटरस के टॉप तक जांच करते हैं। सेंटीमीटर (CM) में मापी जाने वाली फंडल हाइट लगभग 20वें सप्ताह के बाद प्रेग्नेंसी वीक्स की संख्या के बराबर होती है। जैसे 24 वीक्स जेस्टेशन में आपकी फंडल हाइट 24 cm होनी चाहिए। लेकिन, अगर यह इससे कम होती है, तो यह प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) (Fetal Growth Restriction in Pregnancy) का संकेत हो सकती है। अगर आपके डॉक्टर को लगता है कि आपको यह समस्या है तो वो अन्य कुछ टेस्ट्स करा सकते हैं, जैसे
अगर आपके डॉक्टर को लगता है कि आपके शिशु की ग्रोथ रुक गयी है या उसे कोई जोखिम है, तो आपको जल्दी डिलीवरी करानी भी पड़ सकती है। इसके बाद आपके शिशु को तब तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है, जब तक आपका शिशु सामान्य रूप से ब्रीद करने लग जाए। इसके साथ ही उसका सही से फीड करना और बॉडी टेम्प्रेचर को रेगुलेट करना भी जरूरी है। जानिए कैसे किया जा सकता है इस रोग को मैनेज?
और पढ़ें: गर्भावस्था में अंडे खाने से पहले जरूर जानें, गर्भावस्था में अंडा खाना सही या गलत ?
प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन को कैसे मैनेज करें (How to manage Fetal Growth Restriction in Pregnancy)
प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) (Fetal Growth Restriction in Pregnancy) की मैनेजमेंट इस बात पर निर्भर करता है कि यह समस्या कितनी गंभीर है? इसका निदान अल्ट्रासाउंड और डॉप्लर अल्ट्रासाउंड (Doppler Ultrasound) से किया जा सकता है। इसके साथ ही इसका निदान इसके रिस्क फैक्टर्स और जेस्टेशन वीक्स के नंबर्स पर भी निर्भर करता है। प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) (Fetal Growth Restriction in Pregnancy) को इस तरह से मैनेज किया जा सकता है?
लगातार मॉनिटरिंग (Frequent monitoring)
लगातार मॉनिटरिंग का मतलब है कि आपको गर्भावस्था की स्थिति में लगातार प्रीनेटल विजिट्स करनी चाहिए। इसके साथ ही अल्ट्रासाउंड और डॉप्लर अल्ट्रासाउंड भी जरुरी है। यही नहीं, यह टेस्ट्स कराने भी जरूरी हैं:
ट्रैकिंग फीटल मूवमेंट्स (Tracking fetal movements)
आपके डॉक्टर आपको अपनी फीटल मूवमेंट्स को ट्रैक करने के लिए कह सकते हैं। अगर ऐसा है तो आपको यह इनकी सलाह भी दे सकती है