ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस(human immunodeficiency virus) को एचआईवी (HIV) के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि भारत में लगभग 2.1 मिलियन लोग अभी एचआईवी के साथ जी रहे हैं। हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में एचआईवी के अनेकों रोगी हैं। इंडिया में पहली बार इस बीमारी का पता 1986 में चला था। इसका पहला रोगी चन्नेई में पाया गया था। एचआईवी (HIV) का कोई इलाज नहीं है। यही नहीं, एक बार जब कोई व्यक्ति इससे संक्रमित हो जाता है, तो उसका शरीर इससे छुटकारा नहीं पा सकता। हालांकि, कई दवाएं हैं जो एचआईवी को नियंत्रित कर सकती हैं और जटिलताओं को रोक सकती हैं। जानिए क्या है एचआईवी (HIV) और किसे कहते हैं HIV विंडो पीरियड(HIV Window Period)। एचआईवी नियंत्रण के तरीकों के बारे में जानना न भूलें।
एचआईवी (HIV) क्या है?
ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (human immunodeficiency virus) एक ऐसा वायरस है, जो मनुष्य के इम्यून सिस्टम में सेल्स पर हमला करता है और उनको नष्ट करता है। यह वायरस प्रतिरक्षा प्रणाली में मौजूद एक प्रकार के सफेद रक्त कोशिका को नष्ट कर देता है जिसे टी-हेल्पर सेल कहा जाता है और इन कोशिकाओं का उपयोग खुद की प्रतियां बनाने के लिए करता है। अगर ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस(human immunodeficiency virus) का इलाज नहीं किया जाता तो पीड़ित व्यक्ति की इम्युनिटी बहुत कमजोर हो जाती है। इम्युनिटी कमजोर होने पर व्यक्ति किसी भी संक्रमण और बीमारियों से नहीं लड़ पाता है। एचआईवी संक्रमण(HIV infection) शरीर के तरल जैसे खून, सीमेन या वजाइनल फ्लूइड से ट्रांसमिटेड हो सकता है। अगर इसका उपचार न किया जाए तो यह अक्वायर्ड इम्युनोडिफीसिअन्सी सिंड्रोम (AIDS) का रूप ले लेता है। इसके लिए समय पर एचआईवी टेस्ट(HIV test) करना जरूरी है। जानिए, एचआइवी टेस्ट((HIV test)) कब कराना चाहिए?
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एचआइवी (HIV) टेस्ट कब कराना चाहिए?
कोई भी व्यक्ति जो ऐसा महसूस करता है कि वो इस वायरस से सम्पर्क में आया है या उसे एचआईवी इंफेक्शन(HIV infection) होने का जोखिम है, उसे टेस्ट कराना चाहिए। एचआइवी इंफेक्शन(HIV infection) का जोखिम कुछ गतिविधियों से बढ़ सकता है। अधिक जोखिम वाली गतिविधियों में असुरक्षित यौन संबंध या नशीली दवाओं का उपयोग भी शामिल है। अगर आपको यह पता चलता है कि शायद आप एचआईवी के सम्पर्क में आएं हैं तो उस तिथि के तीन महीने बाद एक टेस्ट कराएं। एक्सपोज़र के तीन महीने बाद टेस्ट करना 99% सटीक टेस्ट परिणाम सुनिश्चित करेगा। एचआईवी के लिए आप अस्पताल, क्लिनिक, फार्मेसी, सामुदायिक क्लिनिक, परिवार नियोजन क्लिनिक, आदि में टेस्ट करा सकते हैं या इसके लिए टेक-होम टेस्ट लेने का विकल्प भी मौजूद है।
HIV विंडो पीरियड क्या है?
जब बात ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस ((human immunodeficiency virus) की टेस्टिंग की आती है, तो अक्सर लोग एक सवाल पूछते हैं कि उन्हें ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस का टेस्ट कब कराना चाहिए? एचआईवी टेस्ट(HIV test) को लेकर लोग बहुत परेशानी में रहते हैं। वो समय जब पीड़ित व्यक्ति एचआइवी से संक्रमित होता है या उसे संदेह होता है कि वो एचआईवी से संक्रमित हो सकता है और जब इसका पता करने के लिए टेस्ट किया जाता है, उसके बीच के समय को HIV विंडो पीरियड((HIV Window Period)) कहा जाता है। HIV विंडो पीरियड(HIV Window Period) आखिरी सम्पर्क से 90 दिन का होता है। यानी, अगर आपने किसी एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति से रिलेशन बनाया है या आपको यह संदेह है कि आपको HIV हो सकता है तो रिलेशन बनने के 90 दिन तक कभी भी यह टेस्ट में डिटेक्ट हो सकता है।
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इस पीरिएड के बाद टेस्ट करवाने की कोई जरूरत नहीं होती है।लेकिन, अपने विंडो पीरियड के दौरान टेस्ट करवाने पर आपका एचआईवी टेस्ट(HIV test) नेगेटिव भी आ सकता है, भले ही आप उससे संक्रमित हों। क्योंकि वायरस के प्रति प्रतिक्रिया के लिए शरीर को समय लगता है। विंडो पीरियड के दौरान, एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति अभी भी दूसरों को वायरस पास कर सकता है। सामान्य रूप से, वर्तमान में, कोई भी एचआईवी टेस्ट(HIV test) वायरस के संपर्क में आने के तुरंत बाद एचआईवी का पता नहीं लगा सकता है। जानिए HIV विंडो पीरियड(HIV Window Period) के बारे में विस्तार से।
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एचआईवी टेस्ट के बाद परिणाम में सटीकता(accuracy) के बारे में जानिए
अलग-अगल तरह के एचआईवी टेस्ट(HIV test) के बाद परिणाम में सटीकता इस प्रकार हैं:
न्यूक्लेइक एसिड टेस्ट (Nucleic acid test):
न्यूक्लेइक एसिड टेस्ट(NAT) से आपको इस बात का पता चल सकता है कि एक्सपोजर (जब आप HIV के जोखिम इस वायरस से सम्पर्क में आएं हो या आपको HIV इंफेक्शन होने का जोखिम हो) के 10 से 33 दिनों के बाद आपको एचआईवी इन्फेक्शन है या नहीं। जब तक आप HIV के संपर्क में नहीं आते हैं, तब तक डॉक्टर आमतौर पर इसका उपयोग नहीं करते हैं।
इन स्थितियों में न्यूक्लेइक एसिड टेस्ट(Nucleic acid test) कराने की संभावना बढ़ जाती है अगर:
- एचआईवी(HIV) से संक्रमित मां के पैदा हुए बच्चे का नुक्लेइक एसिड टेस्ट(Nucleic acid test) कराया जा सकता है।
- आपने एचआईवी वैक्सीन टेस्ट में भाग लिया हो।
- पिछले परीक्षण से आपको अस्पष्ट परिणाम मिले थे।
- आप एक ज्ञात जोखिम के बाद लेकिन एचआईवी एंटीबॉडीज का पता लगने से पहले टेस्ट करा रहे हों।
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एंटीजन/एंटीबॉडी टेस्ट:
एक एंटीजन/एंटीबॉडी टेस्ट आमतौर पर जोखिम के 18 से 45 दिनों के बाद एचआईवी संक्रमण(HIV infection) का पता लगा सकता है। एक उंगली से रक्त के साथ किए गए एंटीजन/एंटीबॉडी टेस्ट एचआईवी(HIV) का पता लगाने में अधिक समय लेते हैं, आमतौर पर एक जोखिम के 18 से 90 दिनों के बाद।
एंटीबॉडी टेस्ट
एक एक्सपोजर के बाद एचआईवी(HIV) संक्रमण का पता लगाने के लिए एक एंटीबॉडी टेस्ट में 23 से 90 दिन लग सकते हैं।
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पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PEP)
पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस(PEP) किसी व्यक्ति को तब दिया जाता है अगर उन्हें लगता है कि वे पिछले 72 घंटों के भीतर एचआईवी के संपर्क में आए हैं। यह एक शॉर्ट-कोर्स उपचार है जो वायरस को आपके शरीर में जाने से रोकता है। लेकिन, इसे एक्सपोज़र के 72 घंटों के भीतर शुरू किया जाना चाहिए, अन्यथा यह काम नहीं करेगा। पीईपी उपचार की अवधि 28 दिन है।
क्या आपकी सेक्स ड्राइव है कम? ऐसे लगाएं पता :
आपको पीईपी की सलाह दी जा सकती है यदि :
- आपको ऐसा लगता है कि आप सेक्स के दौरान एचआईवी के संपर्क में आ गए होंगे।
- आप शेयर्ड सुइयों का प्रयोग या दवाओं को तैयार करने के लिए काम करते हैं।
- अगर आपका यौन उत्पीड़न किया गया है।
- नीडलस्टिक इंजरी के माध्यम से आप में एचआईवी संक्रमण(HIV infection) की संभावना हो।
हालांकि पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस भी पूरी तरह से प्रभावी नहीं है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति एक्सपोज़र के ठीक बाद इसे लेना शुरू कर देता है तो यह एचआईवी संक्रमण(HIV infection) को रोकने में बहुत प्रभावी है। इसके कुछ साइड इफेक्टस भी हो सकते हैं या अगर आप कोई और दवाई ले रहे हैं इनके साथ यह इंटरैक्ट भी कर सकता है। इसलिए अपने डॉक्टर से पहले ही इसके सभी जोखिमों के बारे में बात कर लें। पीईपी लेते समय भी, एचआईवी की रोकथाम के अन्य तरीकों का उपयोग करना भी महत्वपूर्ण है।
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HIV विंडो पीरियड(HIV Window Period) के दौरान बरतें ये सावधानियां
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि एक व्यक्ति HIV विडो पीरियड(HIV Window Period) के दौरान असुरक्षित यौन संबंध और सुइयों को शेयर करने के माध्यम से किसी और व्यक्ति को एचआईवी पास कर सकता है। अगर किसी को भी ऐसा लगता है कि वे HIV के संपर्क में हैं, तो उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए और इस समय के दौरान वायरस फैलाने से बचना चाहिए। जिन लोगों को संदेह है कि वे एचआईवी के संपर्क में हैं, उन्हें अभी भी विंडो पीरियड के दौरान HIV ट्रांसमिशन से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। यह आप इन तरीको से कर सकते हैं:
- सम्भोग के दौरान कंडोम का प्रयोग करें।
- एक ही सेक्शुअल पार्टनर रखें।
- प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (प्रीपी) का उपयोग करने पर विचार करें, यह एक ऐसी दवा है जो एचआईवी(HIV) होने की संभावना को कम करती है।
- STDs के लिए टेस्ट कराएं और अपने पार्टनर को भी कराने के लिए कहें।
- गुदा मैथुन जैसे जोखिम भरे यौन व्यवहार से बचें।
- दूसरों के साथ दवा की सुइयों को साझा न करें।
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HIV विंडो पीरियड(HIV Window Period) के दौरान HIV टेस्ट के परिणामों की प्रतीक्षा करना निराशाजनक या परेशान करने वाला हो सकता है। क्योंकि,आप जल्द से जल्द यह जानना चाहेंगे कि आप एक्सपोज्ड हुए हैं या नहीं। हालांकि, इस दौरान आपके लिए धैर्य रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि टेस्ट के लिए विंडो पीरियड के बाद तक का इंतजार आपको सबसे सही परिणाम देगा। यहां तक कि अगर आपको विंडो पीरियड के दौरान नकारात्मक परिणाम मिलता है, तो परिणाम की पुष्टि करने के लिए विंडो पीरियड समाप्त होने के बाद आपको फिर से टेस्ट कराना होगा। इस समय के दौरान, वायरस फैलने से बचने के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरतना महत्वपूर्ण है। एचआईवी टेस्ट और HIV विंडो पीरियड(HIV period window) के बारे में पूरी जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह लें और उनके द्वारा दिए जाने वाले निर्देशों का पालन करना न भूलें।
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