यौन उत्तेजना के दौरान, कुछ महिलाएं यूरेथ्रा (urethra) से लिक्विड निकलने की रिपोर्ट करती हैं, इसे ‘फीमेल इजेकुलेशन (female ejaculation)’ या ‘स्क्विर्टिंग (squirting)’ भी कहा जाता है। एक्सपर्ट्स की माने तो लगभग एक तिहाई महिलाएं अपनी लाइफ में कभी न कभी इसे महसूस करती हैं। यह तब हो सकता है जब एक महिला शारीरिक संबंधों के दौरान यौन उत्तेजित हो जाती है। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि संभोग के साथ ऑर्गेज्म हो। लेकिन, क्या स्क्विर्टिंग रियल है? इस बारे में वैज्ञानिक भी स्योर नहीं हैं कि महिला स्खलन क्या है और यह कैसे काम करता है। इस बारे में सीमित शोध ही उपलब्ध हैं। वैसे तो फीमेल इजेकुलेशन पूरी तरह से सामान्य है, लेकिन शोधकर्ता इस को लेकर निश्चित नहीं हैं कि कितने लोग इसका अनुभव करते हैं। जानते हैं इस आर्टिकल में-
स्क्विर्टिंग (squirting) क्या है?
महिला स्खलन का मतलब है कि संभोग या यौन उत्तेजना के दौरान फीमेल के यूरेथ्रा (urethra) से एक तरह के लिक्विड का निकलना है। यूरेथ्रा एक तरह की डक्ट है जो यूरिन को ब्लैडर (bladder) से शरीर के बाहर ले जाती है। फीमेल एजेकुलेशन के दो अलग-अलग प्रकार हैं:
स्क्विर्टिंग फ्लूइड (squirting fluid) : यह लिक्विड आमतौर पर रंगहीन और गंधहीन होता है और यह बड़ी मात्रा में रिलीज होता है।
इजेकुलेट फ्लूइड (ejaculated fluid) : ऐसा लिक्विड मेल सीमेन (male semen) जैसा दिखता है। यह आमतौर पर थिक और दूधिया रंग का दिखाई देता है।
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फ्लूइड क्या है?
विश्लेषण से पता चला है कि इस लिक्विड में प्रोस्टेटिक एसिड फॉस्फेटस (PSA) मौजूद होता है। पीएसए मेल सीमेन में मौजूद एक एंजाइम है जो स्पर्म की गतिशीलता में मदद करता है। इसके अलावा, महिला स्खलन में आमतौर पर फ्रुक्टोज होता है। फ्रुक्टोज भी आमतौर पर पुरुष के वीर्य में मौजूद होता है और यह स्पर्म के लिए ऊर्जा स्रोत के रूप में कार्य करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि तरल पदार्थ में मौजूद पीएसए और फ्रुक्टोज स्कीनी ग्रंथि से आते हैं। इस ग्रंथि को पैराओर्थ्रल ग्रंथि (paraurethral gland), गार्टर डक्ट (Garter’s duct) और फीमेल प्रोस्टेट के नाम से जाना जाता है।
जी-स्पॉट (G-spot) के पास वजाइना की दीवार के सामने, स्कीन ग्रंथियां मौजूद होती हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि स्टिमुलेशन से इन ग्रंथियों में पीएसए और फ्रुक्टोज का उत्पादन होता है, जो यूरेथ्रा में चले जाते हैं।
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क्या फीमेल इजेकुलेशन वास्तविक है?
कई सालों से, वैज्ञानिकों का मानना है कि जो महिलाएं सेक्स के दौरान स्खलन करती हैं, उन्हें कॉन्टिनेंस (continence) की समस्या का सामना करना पड़ता है। हालांकि, रिसर्च से महिला स्खलन के अस्तित्व की पुष्टि की गई है। 2014 के एक शोध में पाया गया कि फ्लूइड ब्लैडर में उत्तेजना के दौरान जमा हो जाता है और एजेकुलेशन के दौरान यूरेथ्रा से निकल जाता है। इस स्टडी में सेक्स के दौरान महिला स्खलन का अनुभव करने वाली सात महिलाओं ने ट्रायल में भाग लिया।
पहले, शोधकर्ताओं ने अल्ट्रासाउंड से यह पुष्टि की कि प्रतिभागियों के ब्लैडर खाली थे। महिलाओं ने तब तक खुद को स्टिम्युलेट किया जब तक कि उनका एजेकुलेशन नहीं हुआ। अध्ययन में पाया गया कि सभी जो ब्लैडर शुरुआत में खाली था उत्तेजना के दौरान भरना शुरू हो गया। और स्खलन के बाद किए गए स्कैन से पता चला कि पार्टिसिपेंट्स के ब्लैडर फिर से खाली हो गए।
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फीमेल इजेकुलेशन कितना सामान्य है?
महिला स्खलन पूरी तरह से सामान्य है, फिर भी लोग बहुत बार इसकी चर्चा नहीं करते हैं। इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर सेक्सुअल मेडिसिन के अनुसार, अलग-अलग अनुमान बताते हैं कि 10 से 50 प्रतिशत महिलाओं में सेक्स के दौरान एजेकुलेशन होता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सभी महिलाएं स्खलन का अनुभव करती हैं, लेकिन उनमें से बहुत कम का ही ध्यान इस तरफ जाता है।
एक पुरानी स्टडी जिसमें 233 महिलाओं को शामिल किया गया, उनमें से 14 प्रतिशत प्रतिभागियों ने बताया कि उन्होंने सभी या ज्यादातर सेक्शुअल इंटरकोर्स के दौरान स्खलन का अनुभव किया। वहीं, 54 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि उन्होंने कम से कम एक बार एजेकुलेशन का अनुभव किया था।
जब शोधकर्ताओं ने संभोग से पहले और बाद में यूरिन सैम्पल्स की तुलना की, तो पाया कि बाद वाले यूरिन सैंपल में अधिक पीएसए था। इससे उन्होंने रिजल्ट निकाला कि सभी महिलाएं इजेकुलेशन फील करती हैं लेकिन, इसे हमेशा बाहर नहीं निकालती हैं। इसके बजाय, स्खलन कभी-कभी ब्लैडर में वापस लौट जाता है, जो बाद में यूरिन के दौरान बाहर निकलता है।
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फीमेल इजेकुलेशन के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं?
इस बात का कोई सबूत नहीं है कि महिला स्खलन के कोई स्वास्थ्य लाभ हैं। हालांकि, शोध से सेक्स के स्वास्थ्य लाभ जरूर पता चलते हैं। सेक्स के दौरान, शरीर-दर्द से राहत देने वाले हार्मोन रिलीज करता है जो पीठ, पैर, सिरदर्द और पीरियड्स क्रैम्प्स में राहत देता है। वहीं, ऑर्गेज्म के तुरंत बाद, बॉडी से जो हार्मोन निकलते हैं वे आरामदायक नींद को बढ़ावा देता है। ये हार्मोन प्रोलैक्टिन (prolactin) और ऑक्सीटोसिन (oxytocin) हैं। सेक्स के अन्य स्वास्थ्य लाभ में शामिल हैं:
- स्ट्रेस कम होना,
- प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को बढ़ावा देना,
- हृदय रोग से बचाव,
- रक्तचाप कम होना आदि।
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अक्सर पूछें जाने वाले सवाल
स्क्विर्टिंग के दौरान कैसा महसूस होता है?
यह हर महिला के लिए एक अलग अनुभव है। कुछ महिलाओं के अनुसार यह सेक्स के दौरान मिलने वाले ऑर्गेज्म की तरह ही महसूस होता है। कुछ महिलाओं का मानना है कि स्खलन के दौरान थाइज के बीच गर्माहट महसूस होती है। हालांकि, रियल फीमेल इजेकुलेशन ऑर्गेज्म के साथ ही होता है। लेकिन, कुछ रिसर्चर का मानते हैं कि जी-स्पॉट में उत्तेजना के माध्यम से ऑर्गेज्म के बिना भी हो सकता है।
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क्या स्खलन और जी-स्पॉट के बीच एक संबंध है?
कुछ वैज्ञानिक की लिटरेचर रिपोर्ट की माने तो जी-स्पॉट स्टिमुलेशन, ऑर्गेज्म और महिला स्खलन एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, जबकि अन्य कहते हैं कि इनके बीच कोई कनेक्शन नहीं है। जी-स्पॉट वजाइना से कोई अलग “स्पॉट’ नहीं है। यह क्लिटोरल (clitoral) का ही एक हिस्सा है। इसका मतलब यह है कि यदि आप अपने जी-स्पॉट को उत्तेजित करती हैं, तो आप वास्तव में अपने क्लिटोरिस (clitoris) के हिस्से को उत्तेजित कर रही हैं। इसे ढूंढना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। यदि आप अपने जी-स्पॉट को खोजने और उसे उत्तेजित करने में सक्षम हो जाती हैं, तो आप स्खलन करने में सक्षम हो सकती हैं।
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क्या पीरियड्स से स्क्विर्टिंग का कनेक्शन है?
यह स्पष्ट नहीं है कि महिला स्खलन और पीरियड्स साइकिल के बीच कोई संबंध है या नहीं। कुछ महिलाओं का कहना है कि उन्हें ओवुलेशन के बाद और पीरियड्स से पहले स्खलन होने की अधिक संभावना होती है, जबकि अन्य महिलाओं को ऐसा नहीं लगता है। इस बात की पुष्टि करने के लिए और अधिक शोध आवश्यक हैं।
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प्रेग्नेंसी और स्क्विर्टिंग का कनेक्शन क्या है?
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि महिला स्खलन गर्भावस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उनका मानना है कि क्योंकि फ्लूइड में पाया जाने वाला पीएसए (PSA) और फ्रुक्टोज (fructose) होते हैं, जो स्पर्म को एक अनफर्टिलाइज़्ड एग की ओर ले जाने में मदद करते हैं। हालांकि, कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि स्खलन में आमतौर पर यूरिन मौजूद होता है, जो स्पर्म को किल कर सकता है। साथ ही उनका यह भी मानना है कि फ्लूइड का यूरेथ्रा से वजाइना तक पहुंचना आसान नहीं है और गर्भधारण के लिए ऐसा होना जरूरी है।
फीमेल इजेकुलेशन पूरी तरह से सामान्य है और शोध से पता चलता है कि यह आम है। सेक्स के दौरान स्खलित होने वाली महिलाओं का अनुभव एक-दूसरे से अलग-अलग होता है। कुछ महिलाएं स्खलन महसूस करती हैं और कुछ नहीं। इसलिए, सेक्स को एन्जॉय करना जरूरी है न कि एजेकुलेशन के पीछे भागने की जरुरत है। चाहे आप एजेकुलेशन महसूस करें या न करें, आपकी सेक्स लाइफ फुलफिलिंग होनी चाहिए। यही सबसे ज्यादा मायने रखता है।
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