ज्यादातर त्वचा पर लगाने के लिए उपयोग किया जाने वाला टी ट्री ऑयल के फायदे तो आपने सुने ही होंगे। यह एक इसेंशियल ऑयल है, जो त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए रामबाण इलाज की तरह काम करता है। इसके औषधीय गुण स्वास्थ्य की अन्य समस्याओं को भी दूर करने में सहायक होते हैं। आज “हैलो स्वास्थ्य’ के इस आर्टिकल में टी ट्री ऑयल के फायदे के बारे में बताया जा रहा है। टी ट्री ऑयल के फायदे जानने से पहले जानते हैं आखिर यह टी ट्री ऑयल है क्या?
टी ट्री ऑयल क्या है?
टी ट्री का वैज्ञानिक नाम मेलेल्यूका ऑल्टरनिफोलिया है। यह एक छोटा सा पेड़ होता है, जिसकी लंबाई बस सात मीटर ही होती है। इसके पत्तों से ही तेल निकाला जाता है, जिसे हम टी ट्री ऑयल के नाम से जानते। इसके तेल का प्रयोग सालों से कई तरह की समस्याओं के उपचार में किया जा रहा है। टी ट्री ऑयल बैक्टीरिया, वायरस और अन्य हानिकारक प्रभावों से लड़ने में सहायक होता है। टी ट्री ऑयल नेचुरल रूप से एंटी माइक्रोबायल, एंटी सेप्टिक, एंटी वायरल, एंटी इंफ्लेमेटरी, बैल्सेमिक और एंटी फंगल गुणों से भरपूर होता है।
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टी ट्री ऑयल के फायदे-
एक्ने- पिंपल्स हो जाएंगे छू-मंतर
कई तरह की एंटी एक्ने स्किन क्रीम और फेस वॉश में टी ट्री ऑयल एक मुख्य इंग्रिडेंट के रूप में मौजूद होता है। यह एक्ने का निर्माण करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करता है। त्वचा को टी ट्री ऑयल के फायदे मिल सके। इसके लिए तो से तीन टी ट्री ऑयल की बूंदें लें, इसमें एक चम्मच शहद और एक चम्मच दही मिला लें। इस मिश्रण को एक्ने पर लगायें। 15- 20 मिनट के बाद चेहरे को धो लें। कुछ हफ्तों तक ऐसा ही करने से एक्ने की समस्या दूर हो जाएगी। त्वचा के लिए टी ट्री ऑयल के फायदे यही खत्म नहीं होते हैं। यह मुंहासों की समस्या को दूर करने के साथ ही ब्लेमिशेज, पिंपल मार्क्स को भी दूर भगाता है।
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डियोडरेंट का काम करे
जो लोग पसीने की बदबू से परेशान रहते हैं। कई तरह के डियोडरेंट के इस्तेमाल के बाद भी शरीर या पसीने की दुर्गंध दूर नहीं होती है। टी ट्री ऑयल एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टी से भरपूर होते हैं। तेल के ये गुण पसीने और शरीर की गंध से लड़कर बॉडी को दुर्गंध से बचाते हैं।
ओरल हेल्थ के लिए टी ट्री ऑयल के फायदे
ओरल हेल्थ के लिए टी ट्री तेल का उपयोग किया जा सकता है। यह मुंह के स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी ऑयल है। इसके प्रयोग से ओरल थ्रश (मुंह में फंगल इंफेक्शन) और मसूड़ों की समस्या दूर होती है। एक अध्ययन के अनुसार अगर टी ट्री जेल से दिन में दो बार दांतों की साफ-सफाई की जाए, तो मसूड़ों के दर्द और सूजन से बचा सकता है।
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वायरल इंफेक्शन में टी ट्री ऑयल के फायदे
टी ट्री ऑयल न सिर्फ शरीर की बदबू दूर करने के काम नहीं आता है, बल्कि इसका इस्तेमाल वायरल बुखार के इलाज में भी किया जा सकता है। वायरल फीवर संक्रामक होता है। वायरल बुखार के उपचार के रूप में टी ट्री तेल उपयोग किया जा सकता है। टी ट्री ऑयल एंटीवायरल गुणों से युक्त होता है और टी ट्री ऑयल के फायदे वायरल फीवर (viral fever) से निजात दिलाने का काम करते हैं।
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निमोनिया में टी ट्री ऑयल के फायदे
निमोनिया फेफड़े से जुड़ा एक इंफेक्शन है, जिसमें सांस लेने में काफी तकलीफ होने लगती है। इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को ठंड लगना, बुखार और खांसते वक्त बलगम निकलने जैसी प्रॉब्लम हो सकती है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए टी ट्री तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके एंटीमाइक्रोबियल गुण से आपकी समस्या दूर हो सकती है।
टी ट्री ऑयल के नुकसान
टी ट्री ऑयल के फायदे तो बहुत हैं लेकिन, इसके इस्तेमाल से कुछ दुष्प्रभाव भी देखने को मिलते हैं जैसे-
1. एलर्जी:
अगर किसी के मन में ये जिज्ञासा है कि ‘क्या टी ट्री ऑइल के इस्तेमाल से एलर्जी हो सकती है?’ तो इसका जवाब ‘हां’ है। टी ट्री ऑइल से होने वाली एलर्जी की हल्की सूजन से लेकर गंभीर चकत्तो तक हो सकती है। टी ट्री ऑइल का उपयोग वही लोग करते हैं, जिन्हें पहले से कोई स्किन संबंधित समस्या होती है पर अगर सामान्य रूप से इसका उपयोग करें तो किसी भी तरह की एलर्जी से बचा जा सकता है।
2. स्वाद का खराब होना:
एक अध्ययन के अनुसार टी ट्री ऑयल को माउथवॉश की तरह प्रयोग करने से मुंह में हमेशा एक कड़वा स्वाद बना रहता है, जिसकी वजह से आपके स्वाद की सेन्सेस कमजोर हो सकती है।
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3. स्कैल्प प्रोब्लेम्स:
ऐसे तो टी ट्री ऑयल को डैंड्रफऔर जैसे स्कैल्प समस्या के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है, लेकिन इसके लाभकारी गुणों को प्रमाणित करने के लिए अभी और भी अधिक शोध की आवश्यकता है। पर विशेषज्ञों के अनुभव की मानें तो टी ट्री ऑइल के प्रयोग से कुछ लोगों में स्कैल्प में एलर्जी भी हो सकती है।
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4. हार्मोनल साइड इफेक्ट्स:
कई किशोर लड़कों में स्तनों की समस्या का कारण टी ट्री ऑइल के उपयोग माना गया है। टी ट्री ऑइल एक एंडोक्राईन डिसरप्टर के रूप में कार्य करता है, जिसकी वजह से ऐसी समस्या किशोर वयीन लड़कों में देखने को मिलती है। कुछ रिसर्च में यह पाया गया हैं लेकिन अब तक इसका कोई भी सबुत मौजूद नहीं हैं।
5. दस्त:
टी ट्री ऑयल के साइड इफेक्ट में से एक दस्त है। टी ट्री ऑइल का सेवन कुछ मामलों में दस्त का कारण बन सकता है। यह टी ट्री ऑइल के कुछ गंभीर साइड इफेक्ट्स में से एक हो सकता है।
6. कान की परेशानी:
यदि टी ट्री ऑयल को बगैर डायलूट किए कान साफ करने के लिए प्रयोग किया जाता है, तो यह कान में सूजन पैदा कर सकता है। यदि इसका उपयोग कान के संक्रमण के इलाज के लिए किया जा रहा है, तो इसे किसी और तेल के साथ मिक्स करना हमेशा ही अच्छा होता है। जब आप घर पर खुद से कान के संक्रमण का इलाज कर रहे हों तो सावधानी बरतें।
टी ट्री ऑयल के फायदे जादुई रूप से शरीर को लाभ पहुंचाते हैं। लेकिन, इसका अधिक और गलत उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है। हालांकि, इसके सर्वोत्तम गुणों का लाभ उठाने और बुरे इफेक्ट से बचने के लिए आप अपने डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं।