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किडनी पेशेंट डायट में अंगूर है बेहद जरूरी, जानें कैसे करता है ये अमृत का काम

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 12/01/2024

    किडनी पेशेंट डायट में अंगूर है बेहद जरूरी, जानें कैसे करता है ये अमृत का काम

    किडनी ऑर्गनाइजेशन के अनुसार वर्तमान में दुनियाभर के लगभग 10 प्रतिशत लोग किडनी डिजीज का सामना कर रहे हैं। वहीं हर साल इलाज न मिलने के चलते लोगों की मृत्यु हो रही है। किडनी हमारे शरीर का बेहद महत्वपूर्ण अंग है। इसका आकार बीन की तरह होता है। किडनी शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम देती है। किडनी वेस्ट प्रोडक्ट्स को फिल्टर करती है, हॉर्मोन रिलीज करती है और ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करती है। इसके अलावा बॉडी में फ्लूइड को बैलेंस करना, यूरिन प्रोड्यूस करना भी किडनी का ही काम है। इस आर्टिकल में जानें कि किडनी पेशेंट डायट की डायट में क्या चीजें जरूरी हैं।

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    किडनी पेशेंट डायट कैसी हो?

    अगर आप किडनी का ख्याल रखना चाहते हैं, तो कुछ चीजों का विशेष ध्यान रखना होगा। जिसमें एक आहार भी है। कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे हैं जो किडनी किडनी पेशेंट डायट में होने जरूरी हैं और हेल्थ के लिए बेस्ट माने जाते हैं। अगर आप इन्हें अपने डेली रूटीन में शामिल कर लेते हैं, तो आपको किडनी के रोग होने के चांसेज बेहद कम हो सकते हैं। इसके साथ ही किडनी रोगी डायट में इन खाद्य पदार्थों को शामिल करके किडनी की हेल्थ को बेहतर कर सकते हैं। इन्हीं खाद्य पदार्थों में से एक है अंगूर।

    किडनी पेशेंट डायट में अंगूर शामिल करना इसलिए है जरूरी

    • एक मुठ्ठी अंगूर किडनी फ्रेंडली डायट का महत्वूपर्ण हिस्सा बन सकते हैं। ये खाने में टेस्टी होते हैं और इनको खाना बेहद आसान होता है। इनमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं।
    • इनमें फाइटोकैमिकल्स (phytochemicals) होते हैं। फाइटोकैमिकल प्लांट कंपोनेट्स हैं जो कि हेल्थ बेनिफिट प्रदान करते हैं। ये रक्त वाहिकाओं को आराम देकर, इंफ्लामेशन को कम करने का काम करते हैं।
    • साथ ही ये फ्री रेडिकल्स के ऑक्सीडेशन का काम करते हैं।
    • यह किडनी डिजीज से परेशान किसी भी व्यक्ति के लिए लाभदायक हो सकते हैं, क्योंकि आम लोगों की तुलना में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और इंफ्लामेशन का रिस्क किडनी के मरीजों में ज्यादा होता है।
    • फाइटोकैमिकल्स को कैंसर की रोकथाम और नर्व डीजनरेशन के बचाव में भी सहायक हो सकते हैं जो कि बढ़ती उम्र के साथ होता है।
    • भारतीयों में किडनी डिजीज का प्रमुख कारण डायबिटिक नेफ्रोपैथी है। कई स्टडीज में ऐसा दावा किया गया है कि अंगूर के बीज के एक्सट्रेक्ट और अंगूर में पाए जाने वाले कंपोनेंट रेस्वेट्रॉल किडनी की बीमारियों को रोकने के लिए असरकारक है।
    • नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार आप किडनी की हेल्थ को 15 ग्रेप्स का जूस पीकर इम्प्रूव कर सकते हैं।
    • अंगूर हाई फैट डायट के कारण होने वाले किडनी डैमेज को कम कर सकते हैं। मोटे लोगों को किडनी खराब होने का खतरा अधिक होता है क्योंकि इससे किडनी से कॉपर की कमी हो सकती है। अंगूर के छिलके और बीज में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो इस परेशानी को दूर करने में मदद करते हैं।
    • लगभग 50% मरीज किडनी की अपर्याप्त रक्त आपूर्ति के कारण एक्यूट रेनल फेलियर से पीड़ित होते हैं, जिसे इस्किमिया के रूप में जाना जाता है। अंगूर में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लमेटरी गुण होते हैं क्योंकि यौगिक रेस्वेट्रॉल इस्किमिया के कारण होने वाले नुकसान के जोखिम को कम करता है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि किडनी रोगी की डायट में अंगूर शामिल करने की सलाह क्यों दी जाती है।
    • बता दें कि एंथोकायनिन एक पॉलीफेनोल एंटीऑक्सिडेंट है जो अंगूर, अंगूर के रस और रेड वाइन को लाल बैंगनी रंग देता है। रेस्वेरेट्रॉल (Resveratrol) अंगूर में पाया जाने वाला एक और पॉलीफेनोल एंटीऑक्सिडेंट है। रेड ग्रेप्स में विटामिन सी और फ्लेवेनॉइड्स नामक एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं।

    आधे कप अंगूर में निम्न मिनरल्स पाए जाते हैं:

    सोडियम – 1.5 mg

    पौटेशियम- 144 mg

    फास्फोरस- 15 mg

    वहीं लगभग 110 ग्राम अंगूर के जूस में निम्न मिनरल्स पाए जाते हैं:

    सोडियम – 4 mg

    पौटेशियम- 167 mg

    फास्फोरस- 14 mg

    अब तो आप समझ ही गए होंगे कि अंगूर किडनी के लिए कितना हेल्दी है। इसके पहले हम आगे बढ़ें, आपकाे बता दें कि अगर आप किडनी को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो आपको अपने आहार में सोडियम की मात्रा कम करनी होगी। क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ किडनी सोडियम वाटर बैलेंस को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं रह जाती। आपके आहार में कम सोडियम निम्न रक्तचाप और आपके शरीर में फ्लूइड बिल्डअप को कम करने में मदद करेगा, जो कि किडनी की बीमारी में आम है। ठीक इसी तरह पौटेशियम और फास्फोरस को भी लेवल में रखना किडनी की हेल्थ के जरूरी है। साथ ही किडनी पेशेंट डायट में हेल्दी प्रोटीन को शामिल करें।

    अंगूर के अलावा कुछ ऐसे दूसरे फल भी हैं जो आपकी किडनी को हेल्दी रखने में मदद कर सकते हैं। अब जानते हैं उनके बारे में। 

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    पाइनेप्पल भी हो सकता है किडनी पेशेंट डायट का बेस्ट ऑप्शन

    इसे अन्नानास भी कहा जाता है। किडनी को हेल्दी रखने के लिए आप अपनी डायट में इसे शामिल कर सकते हैं। संतरा, केला और कीवी की तरह इसमें पोटैशियम की मात्रा ज्यादा नहीं होती है। इसलिए ये किडनी के लिए हेल्दी है। इसके साथ ही पाइनेप्पल में फाइबर, कैल्शियम, विटामिन-ए, मैग्नीशियम, विटामिन सी और ब्रोमेलेन (एंजायम जो इंफ्लामेशन को कम करने में मदद करता है) पाया जाता है। एक कप पाइनेप्पल में पाए जाने वाले खनिज निम्न हैं।

    सोडियम- 2 mg

    पौटेशियम- 180 mg

    फास्फोरस- 13mg

    किडनी पेशेंट डायट में क्रेनबेरीज को भी शामिल करना न भूलें

    क्रेनबेरी यूरिनरी ट्रैक्ट और किडनी दोनों के लिए फायदेमंद है। इन छोटे, तीखे फलों में ए-टाइप प्रोएंथोसाइनिडिंस (proanthocyanidins) नामक फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो बैक्टीरिया को मूत्र पथ और मूत्राशय की परत से चिपके रहने से रोकते हैं और इस प्रकार संक्रमण को रोकते हैं। जिससे यह किडनी के लिए भी फायदेमंद हो जाते हैं। क्रेनबेरीज को आप सूखा, जूस बनाकर या पकाकर भी खा सकते हैं। लगभग 100 ग्राम क्रेनबेरीज में निम्न मिनरल्स पाए जाते हैं। क्रेनबेरीज विटामिन सी और फाइबर का भी अच्छा सोर्स हैं।

    सोडियम- 2 mg

    पौटेशियम- 80 mg

    फास्फोरस- 11 mg

    और पढ़ें: चिकनगुनिया होने पर मरीज का क्या होना चाहिए डायट प्लान(diet plan)?

    ब्लूबेरीज को किडनी रोगी डायट में शामिल करना भूलें

    ब्लूबेरीज में एंथोायनिन नामक एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो हृदय रोग, कैंसर और डायबिटीज से बचा सकते हैं। साथ ही यह किडनी के लिए भी हेल्दी है क्योंकि इसमें कम मात्रा में सोडियम, फास्फोरस और पोटेशियम पाया जाता है।

    सोडियम- 1.5 mg

    पोटेशियम- 114 mg

    फास्फोरस- 18mg

    इसके साथ ही इसमें कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, शर्करा, विटामिन-A, विटामिन-C, विटामिन B-6, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए सेहत के लिए यह कई तरह से फायदेमंद है।

    किडनी पेशेंट डायट में एप्पल को करें शामिल

    एप्पल में पेक्टिन नामक महत्वपूर्ण फाइबर होता है। पेक्टिन किडनी डैमेज के लिए जिम्मेदार कुछ फैक्टर जैसे कि हाई ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है। इसलिए आप इस फल को आहार में शामिल कर किडनी को हेल्दी रख सकते हैं। साथ ही इसमें कार्ब्स, फाइबर, विटामिन-सी, पोटैशियम और विटामिन-के पाया जाता है।

    अब हम समझ सकते हैं कि डॉक्टर और हमारे बुजुर्ग क्यों हमेशा फल खाने की सलाह देते हैं। फलों के फायदे एक नहीं अनेक हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए फलों को जरूर अपने आहार में शामिल करें। साथ ही हरी सब्जियों को अपने डेली रूटीन का हिस्सा बना लें और नियमित एक्सरसाइज करें। ऐसे में बीमार होने के चांसेज कम हाे सकते हैं।

    ध्यान दें

    उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और किडनी पेशेंट डायट से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

    डिस्क्लेमर

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