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घर पर सब्जी उगाना चाहते हैं? जानें ऑर्गेनिक फॉर्मिंग की आसान प्रॉसेस

घर पर सब्जी उगाना चाहते हैं? जानें ऑर्गेनिक फॉर्मिंग की आसान प्रॉसेस

कोरोना वायरस जैसी महामारियां न सिर्फ सड़कों के हलचल को प्रभावित करती हैं, बल्कि फूड प्रोडक्शन के कारोबार से लेकर खेती करने वाले किसानों के कारोबार को भी शून्य कर देती हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि, दूषित पानी, हवा और खेती में इस्तेमाल किए जाने वाले खाद। आमतौर पर खेती के लिए कीटनाशकों का अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए कई तरह के रोगों का कारण बन सकता है। इन सब समस्याओं से बचने के लिए लोग घर पर सब्जी उगाना पसंद करने लगे हैं।

हालांकि, खेतों की तरह आज लोगों के पास मिट्टी युक्त बड़ी जमीन नहीं है, लेकिन लोग कई तरह से घर पर सब्जी उगाना सीख रहे हैं। छत पर सब्जी उगाने की विधि से लेकर किचन गार्डनिंग और छोटे-बड़े गमलों में भी लोग घर पर सब्जी उगाना आजमा रहे हैं। अगर आप भी घर पर सब्जी कैसे उगाएं का तरीका जानने चाहते हैं, तो हमारा ये आर्टिकल आपके काम आ सकता है। तो, चलिए छत पर सब्जी उगाने का तरीका जानने से पहले जानते हैं, ऑर्गेनिक फूड और इनऑर्गेनिंक फूड में अंतर क्या है।

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ऑर्गेनिक फूड और इनऑर्गेनिक फूड में अंतर

ऑर्गेनिक फूड और इनऑर्गेनिंक फूड में कई तरह की आसामान्यताएं होती हैं हालांकि, दोनों का उद्देश्य फसलों के विकास को बढ़ावा देना ही होता है। कार्बनिक खाद्य पदार्थ यानी ऑर्गेनिक फूड घरेलू और प्राकृतिक तौर पर प्राप्त किए गए रसायन होते हैं। जबकि, जैविक खाद्य पदार्थ इनऑर्गेनिक फूड के लिए रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग करके उगाया जाता है।

ऑर्गेनिक फूड क्या है?

ऑर्गेनिक फूड को उगाने के लिए किसी भी तरह के केमिकल का उपयोग नहीं किया जाता है। ये पूरी तरह से प्राकृतिक तत्वों से पोषित किए जाते हैं। ऑर्गेनिक फूड उगाने के लिए ऑर्गेनिक खाद के तौर पर किचन के वेस्ट मेटेरियल, जैसे सब्जियों और फलों का छिलका, पेड़ों की सूखी हुई पत्तियां और राख जैसे पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है। आजादी के बाद जहां कई अन्य देशों के साथ भारत ने भी रासायनिक खादों के इस्तेमाल में वृद्धि की थी। हालांकि, अब भारत के साथ-साथ अन्य देश भी ऑर्गेनिक खादों के विचार को बढ़ावा दे रहे हैं।

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ऑर्गेनिक फूड के फायदे

ऑर्गेनिक फूड के फायदे निम्न हैं, जिनमें शामिल हैंः

  • जैविक खेती की प्रक्रिया पर्यावरण के लिए अच्छी होती है।
  • स्थानीय वन्यजीवों के लिए स्वास्थ्यकारी होती है।
  • जैविक खाद्य पदार्थों में गैर-पोषक खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक पोषक तत्व होते हैं।

इनऑर्गेनिक फूड क्या है?

इनऑर्गेनिक फूड के उत्पादन की प्रक्रिया के दौरान ऑर्गनिक खाद की जगह सिंथेटिक्स खादों का इस्तेमाल किया जाता है। इनके इस्तेमाल से फसलों के पैदावार तो अधिक होती ही है, साथ ही फलों का विकास भी कम से कम समय में हो जाता है। हालांकि, इनमें मिलाए गए रासायन स्वास्थ्य के लिए गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

इनऑर्गेनिक फूड के नुकसान

इनऑर्गेनिक फूड के नुकसान निम्न हैं, जिनमें शामिल हैंः

  • इनका अधिक इस्तेमाल करने से शरीर के आंतरिक अंगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है, कई शोधों में इसका दावा भी किया जा चुका है, कि इनऑर्गेनिक फूड्स के अधिक इस्तेमाल से कैंसर को बढ़ावा दिया जा सकता है।

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घर पर सब्जी उगाना है, तो इन आसान तरीकों का करें इस्तेमाल

घर पर सब्जी उगाना न सिर्फ सेहत के लिए लाभकारी है, बल्कि यह आपकी सेहत के साथ-साथ आपके घर की सेहत का भी ख्याल रख सकता है। घर पर सब्जी उगाने के लिए आपको अधिक पैसे खर्च करने की भी जरूरत नहीं होती है। इसके लिए आप घर के ही पुरानी वस्तुओं का इस्तेमाल कर सकते हैं।

रीसायकल और रीयूज से घर पर सब्जी उगाना

घर पर सब्जी उगाना आसान है। फैंसी या मिट्टी के बर्तनों और गमलों की बजाय, आप घर में सब्जियों को उगाने के लिए प्लास्टिक की बोतलों, बाल्टियों और न इस्तेमाल किए जाने वाले बाथटब का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। हालांकि, आपको किस तरह का ऑर्गेनिक फूड उगाना है उसके हिसाब से ही इन वस्तुओं का चुनाव करें। आप मध्यम आकार के बाथटब में गोभी, फूलगोभी, शिमला मिर्च, मूली, लहसुन और प्याज जैसे ऑर्गेनिक फूड उगा सकते हैं। वहीं, धनिया, पालक और मेथी जैसे सब्जियों के लए एक मध्यम आकार का कटोरा भी काफी होता है।

घरेलू मिट्टी से घर पर सब्जी उगाना

रसोई की बागवानी के लिए मिट्टी भी पोषक तत्वों से भरपूर होनी चाहिए। अच्छे क्वालिटी के ऑर्गेनिक फूड के लिए मिट्टी में प्रचुर मात्रा में कई तरह के माइक्रोबियल होने जरूरी होते हैं। आमतौर पर सड़ी-गली या नमी युक्त मिट्टी छोटी फसलों के लिए अच्छी मानी जाती है। अपने तैयार किए गए गमले की मिट्टी को पोषित करने के लिए आप उसमें सब्जियों और फलों के छिलकों को डाल सकते हैं। इसके लिए इस्तेमाल हो चुके चाय और सड़ी-गली या खराब हो गई सब्जियों और फलों को भी मिट्टी में मिला सकते हैं। इसके अलावा, गाय-भैंस का गोबर और राख मिट्टी के लिए सबसे उच्च किस्म की खाद मानी जाती है। इन बातों को फॉलो कर आप घर पर सब्जी उगाना सरल बना सकते हैं।

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दिन में 3 से 4 बार पानी दें

घर पर सब्जी उगाना शुरू करने के साथ ही उनका ध्यान रखना भी जरूरी होता है। इसके लिए तैयार किए गए गमलों को ऐसी जगह पर रखें जहां उन्हें पर्याप्त मात्रा में धूप और हवा मिल सके। कोशिश करें कि उन्हें एसी वाले कमरे में न ही रखें। साथ ही, दिन में तीन से चार बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी दें। पानी सिर्फ इतना ही दें की मिट्टी नमी युक्त बनी रही। गमलों को एक ही बार में पानी से नहीं भरना चाहिए।

अगर अब आप घर पर सब्जी उगाना चाहते हैं, तो सलाद से इसकी शुरूआत कर सकते हैं, जिसके लिए आप इन सब्जियों को अपने घर पर उगा सकते हैंः

लेट्यूस (Lettuce)

लेट्यूस को सलाद पत्ता भी कहा जाता है। दिखने में यह काफी हद तक पत्ता गोभी जैसा होता है। आप घर पर सब्जी उगाना चाहते हैं, तो इसे बड़ी ही आसानी से उगा सकते हैं। इसमें कैलोरी, शुगर और फैट की कम मात्रा होती है। लेट्यूस की खेती न केवल इसकी पत्तियों के लिए की जाती है बल्कि इसके तनों और बीजों के लिए भी की जाती है।

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घर पर लेट्यूस सब्जी उगाना

  • इसके लिए किस बड़े कटोरे या मध्यम आकार के टब में मिट्टी भरें।
  • इस बर्तन के ऊपर का 5 से 8 फीट तक का हिस्सी खाली रखें बाकी मिट्टी से भर दें।
  • अब अगले पांच दिनों तक आपको इस मिट्टी को दिन में कई बार नम करना होगा। इसके बाद आप इस मिट्टी में बीज डाल सकते हैं।
  • अगर आपका गमला बड़ा है, तो आप इसके बीच क्यारियों में भी लगा सकते हैं, अन्यथा आप इसके बीज ऐसे ही गमले की मिट्टी में फैला दें।
  • फिर मिट्टी को ऊपर से मिक्स कर दे। ताकि, बीच मिट्टी के अंदर चले जाएं। अब थोड़ी मात्रा में पानी दें।
  • अगले 10 से 15 दिनों में ये बीच पत्तों का आकर ले लेंगे,जिन्हें आप 40 से 50 दिनों के बाद सालाद के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे। हालांकि, ध्यान रखें कि जब इसके ये बीच पत्तों का आकार का ले लें, तो आपके पानी दो से तीन में सिर्फ एक बाद ही देना चाहिए।

इसी तरह आप अन्य सब्जियों को भी अपने घर में उगा सकते हैं। हालांकि, बस उनकी जरूरत के हिसाब से उनके गमलों में पानी दें। अगर आप बीज के माध्यम से गमलों में सब्जियां उगाना चाहते हैं, तो इसके लिए पालक, मेथी, धनिया, बथुआ, व्हीट ग्रास, मटर, फूलगोभी, पत्तागोभी, गाजर और मूली जैसे सब्जियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, टमाटर, मिर्च, प्याज, लहसुन जैसे सब्जियों को उगाने के लिए आपको इनके छोटे पैधे नर्सरी से आसानी से मिल सकते हैं।

हमें उम्मीद है कि घर पर सब्जी उगाना कैसे आसान बनाया जा सकता है विषय पर लिखा यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। घर पर सब्जी हर प्रकार से सेहत के लिए अच्छा है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Organic Foods: What You Need to Know. https://www.helpguide.org/articles/healthy-eating/organic-foods.htm. Accessed on 20 March, 2020.
Organic vs Inorganic Foods. https://www.bigoven.com/organic-vs-inorganic-foods. Accessed on 20 March, 2020.
Is Buying Organic Really Worth It?. https://www.huffingtonpost.in/entry/buying-organic-worth-it_n_57481117e4b03ede4414733d?ri18n=true. Accessed on 20 March, 2020.
What is Organic Food, and is it Better Than Non-Organic?. https://www.healthline.com/nutrition/what-is-organic-food. Accessed on 20 March, 2020.
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Organic foods: Are they safer? More nutritious?https://www.mayoclinic.org/healthy-lifestyle/nutrition-and-healthy-eating/in-depth/organic-food/art-20043880

Accessed on 24 March, 2020

Current Version

20/05/2020

Ankita mishra द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Shikha Patel


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

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Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/05/2020

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