जीवन में स्वास्थ्य का महत्व हम सभी समझते हैं। साथ ही हम बाहर से दिखने वाले शरीर के अंगों जैसे कि बाल और त्वचा का ख्याल भी रखते हैं। लेकिन, इन सबके बीच हम अक्सर ओरल हेल्थ (Oral Health) पर उतना ध्यान नहीं देते हैं। आपको यह जानकार आश्चर्य हो सकता है कि भारत में 80 प्रतिशत लोग किसी न किसी प्रकार की ओरल हेल्थ यानी मुंह की समस्या से परेशान हैं। इसके बाद भी लोग ओरल हेल्थ (Oral Health) की तरफ ध्यान नहीं देते हैं। मुंह की सफाई ठीक से न होने पर कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। यहां तक कि दांतों का ख्याल न रखने पर 70 प्रतिशत तक दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, इस आर्टिकल में हम आपको ओरल हेल्थ से जुड़ी जरूरी बातें बताएंगे। लेकिन इससे पहले जान लेते हैं कि ओरल हेल्थ (Oral Health) क्यों जरूरी है!
ओरल हेल्थ (Oral Health) है जरूरी!
आपके लिए ओरल हेल्थ मेंटेन करना बेहद जरूरी माना जाता है। हमारे मुंह की स्वच्छता का असर हमारे पूरे स्वास्थ्य पर पड़ता है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन (NCBI) के अनुसार दांतों में होने वाली बीमारी की वजह से दिल और दिमाग तथा अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए ओरल हेल्थ से जुड़ी परेशानी को नज़रंदाज नहीं करना चाहिए। इसके अलावा साल 2010 में जर्नल ऑफ इंडियन सोसायटी ऑफ पीरियडोंटोलॉजी में प्रकाशित एक लेख में जारी निष्कर्ष के मुताबिक, मसूड़ों की बीमारी के कारण किसी व्यक्ति को हृदय रोग का खतरा लगभग 20 फीसदी तक बढ़ सकता है। इसके अलावा ओरल प्रॉब्लम्स ब्रेन से जुड़ी समस्याओं का खतरा भी बढ़ा सकती है। इसलिए ओरल हेल्थ (Oral Health) बेहतर बनाए रखना आपके लिए जरूरी हो जाता है। चलिए अब जानते हैं ओरल हेल्थ से जुड़ी कुछ ऐसी समस्याओं के बारे में, जिनका इलाज समय पर करना बेहद जरूरी है।
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क्या हैं गुड ओरल हेल्थ (Oral Health) के साइंस?
गुड ओरल हेल्थ किसे कहा जाता है, अगर हम आपसे ये सवाल करें, तो क्या आप इसका जवाब दे सकेंगे? अगर नहीं, तो हम आपकी मदद करते हैं! दरअसल, गुड ओरल हेल्थ के कुछ लक्षण होते हैं, यदि ये लक्षण आपको ख़ुद में दिखाई दें, तो समझ जाइए कि आपकी ओरल हेल्थ (Oral Health) तारीफ़ के काबिल है।
- ब्रशिंग और फ्लॉसिंग के दौरान आपके मसूड़ों में से ख़ून नहीं बहता।
- आपके मसूड़ों का रंग गुलाबी है।
- आपके मुंह से बदबू नहीं आती।
- आपके दांत साफ और स्मूद महसूस होते हैं।
- आपके दांत सेंसेटिव नहीं है।
- आपकी जीभ गुलाबी, साफ और मॉइस्ट है।
- चबाने पर आपके दांतों में दर्द नहीं होता।
- आपके मसूड़ों में किसी तरह की कोई तकलीफ़ नहीं होती।
यदि आप ख़ुद में ये लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो आपकी ओरल हेल्थ अच्छी मानी जाएगी। ये सारे लक्षण गुड ओरल हेल्थ की निशानी है, जिसे सही ओरल हाइजीन अपना कर पाया जा सकता है।
ओरल हेल्थ : ये समस्याएं (Oral Problem) पहुंचा सकती है तकलीफ!
अब तक आप ये तो जान गाए होंगे कि ओरल हेल्थ सभी के लिए क्यों जरूरी है। ओरल हेल्थ (Oral Health) का यदि ख्याल न रखा जाए, तो आपको इन तकलीफ़ों को झेलना पड़ सकता है। आइए जानते हैं ओरल हेल्थ से इन तकलीफ़ों के बारे में।
कैविटीज (Cavities)
कैविटीज़ को टूथ डिकेय या कैरीस के नाम से भी जाना जाता है। इस समस्या में दांतो को हमेशा के लिए नुकसान पहुंच सकता है या उन में छेद हो सकते हैं। यह लोगों में होनेवाली एक आम समस्या के तौर पर देखी जाती है। यह तब होता है, जब बैक्टीरिया, फूड और एसिड आपके दातों में प्लाक के रूप में एक लेयर तैयार करते हैं। इससे आपके दातों पर मौजूद एसिड धीरे-धीरे दांतो के इनैमल और कनेक्टिव टिशु को खत्म करने लगता है। जिससे आपके दातों को परमानेंट डैमेज पहुंचता है।
गम डिज़ीज (जिंजिवाइटिस – Gingivitis)
पीरियोडोंटाइटिस (Periodontitis)
पीरियडोंटाइटिस में मसूड़ों में होने वाला इन्फेक्शन आप के जबड़े और हड्डियों तक पहुंच जाता है, जिसकी वजह से पूरे शरीर में सूजन और दर्द की समस्या होती है।
टूटे और मुड़े हुए दांत (Cracked or broken teeth)
अक्सर आपने लोगों के दांतों में दरार पड़ते या उन्हें टूटते हुए देखा होगा। यह समस्या मुंह में हुए घाव, कड़े पदार्थों को चबाने की वजह से हो सकती है। दातों में दरार पड़ने की वजह से आपको तेज दर्द का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा होने पर आपको तुरंत डेंटिस्ट से संपर्क करना चाहिए, जिससे टूटे और दरार पड़े हुए दांतों का इलाज किया जा सके।
सेंसेटिव टीथ (Sensitive teeth)
ओरल कैंसर (Oral cancer)
इस बारे में डॉ हितेश आर सिंघवी, सलाहकार, हेड एंड नेक सर्जन, फोर्टिस अस्पताल मुलुंड, का कहना है,"ओरल कैंसर में मसूड़ों, जीभ, होंठ, गालों और मुंह के फ्लोर के कैंसर समावेश होता है। ओरल कैंसर की समस्या को डेंटिस्ट बेहतर पहचान सकते हैं।इसके अलावा तंबाकू का इस्तेमाल और स्मोकिंग की वजह से ओरल कैंसर की तकलीफ हो सकती है।खराब मौखिक स्वच्छता के कई सामान्य कारक हैं, जिनमें तंबाकू चबाना, शराब, सुपारी चबाना, दांतों का कम दौरा, प्रतिरक्षात्मक स्थिति, निम्न सामाजिक-आर्थिक स्थिति और शिक्षा का निम्न स्तर शामिल हैं। अध्ययनों से पता चला है कि ये सभी कारक मौखिक स्वच्छता को काफी खराब करते हैं।
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ओरल हेल्थ की समस्या : ऐसे करें डायग्नोज (Diagnosing oral diseases)
ओरल हेल्थ की समस्या को कुछ तरीकों से पहचाना जा सकता है, जिसमें डेंटल एक्स रे, एमआरआय स्कैन, सीटी स्कैन और एंडोस्कोपी का समावेश होता है। डेंटल एक्स रे की मदद से डॉक्टर आपके दांतों की जड़ को आसानी से देख सकते हैं, जिससे पता लगाया जा सकता है कि आपको मसूड़ों से जुड़ी कोई समस्या तो नहीं है।
ओरल हेल्थ : क्योंकि ट्रीटमेंट है जरूरी! (Treatment of oral diseases)
डेंटल समस्याओं में को कई तरह से ठीक किया जा सकता है, जिसमें प्रोफेशनल क्लीनिंग के साथ-साथ डेंटिस्ट के पास रूटीन चेकअप भी एक समाधान है। इसके अलावा डेंटिस्ट आपको अलग-अलग ट्रीटमेंट दे सकते हैं,जिसमें मसूड़ों से जुड़ी समस्याओं, इंफेक्शन और दूसरी प्रॉब्लम्स का समाधान मौजूद है।चलिए जानते हैं ओरल हेल्थ (Oral Health) को बनाए रखने के लिए इन समस्याओं का समाधान कैसे करें।
क्लीनिंग (Cleanings)
फ्लोराइड ट्रीटमेंट (Fluoride treatments)
एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)
टूथ फिलिंग (Fillings)
रूट कैनाल (Root canal)
सर्जरीज (Surgery for Oral problems)
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ओरल हेल्थ की दिक्कत का ये है समधान!
ओरल हेल्थ हर उम्र के लोगों के लिएजरूरी है और साथ ही यह हर उम्र के लोगों के लिए बड़ी समस्या भी साबित हो सकती है। ओरल हेल्थ आपकी ओवर ऑल हेल्थ को इफेक्ट कर सकती है। व्यस्कों तो इसके बारें में जानकारी लेकर खुद की ओरल हाइजीन का ख्याल रख सकते हैं। लेकिन बच्चे और बुजुर्गों को इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती और साथ ही उनके लिए यह समस्या बहुत बड़ी भी हो सकती है। ओरल हेल्थ (Oral Health) को बनाए रखने के लिए टिप्स:
- दिन में दो बार ब्रश करें।
- एक बार ब्रश करने में तीन मिनट का समय दें।
- ब्रश करते समय दांतों और मसूड़ों पर ब्रश को ज्यादा रगड़ें नहीं, बल्कि, हल्के हाथों से ब्रश को इधर-उधर घुमाएं।
- ब्रश करने के बाद उंगली से धीरे-धीरे मसूड़ों की मालिश करें, इससे मसूड़े मजबूत होते हैं।
- दांतों के बीच फंसे टुकड़ों को निकालने के लिए फ्लॉस (धागे से दांतों की सफाई) का इस्तेमाल करें।
- फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट और माउथवॉश का इस्तेमाल करें।
- कुछ भी खाने के बाद कुल्ला जरूर करें।
- दांतों की तरह ही रोजाना जीभ की सफाई करनी भी जरूरी है।
- जीभ की सफाई के लिए टंग क्लीनर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- हर रोज अपने मुंह की जांच करें। अगर किसी तरह की सूजन, कटने के निशान या कोई स्पॉट नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- साल में कम से कम दो बार किसी अच्छे डेंटिस्ट से अपने ओरल हेल्थ (Oral Health) की जांच करवाएं।
बच्चों को ओरल हेल्थ को बनाए रखना भी पेरेंट्स के लिए एक चुनौती हो जाती है। इसके अलावा छोटी उम्र में ही बच्चों में ओरल हाइजीन का ख्याल रखकर उन्हें भविष्य के लिए तैयार किया जा सकता है। बच्चों में ओरल हेल्थ (Oral Health) को बनाए रखने के लिए कुछ टिप्स हैं:
बच्चों के ओरल हाइजीन को बनाए मजेदार
बच्चों को ओरल हेल्थ (Oral Health) के लिए जागरूक करने के लिए उन्हें समझाएं कि ओरल हाइजीन उनके लिए क्यों जरूरी है। साथ ही उन्हें यह भी बताना चाहिए कि ओरल हेल्थ का ख्याल न रखने पर उन्हें कौन सी बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा दांत व मसूड़ों में परेशानी होने पर वे कैसे अपनी पसंदीदा आइसक्रीम और कैंडी का मजा नही ले पाएंगे। साथ ही पेरेंट्स बच्चों की ओरल हाइजीन को मजेदार बनाकर उन्हें यह करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं:
- बच्चों को अपना टूथब्रश चुनने की आजादी दें। ऐसे में वे अपनी पसंद के कार्टून कैरेक्टर वाला ब्रश चुन सकते हैं, साथ ही इसके साथ वे अपने पसंदीदा कैरेक्टर के साथ खेलते हुए अपनी ओरल हेल्थ (Oral Health) का ध्यान रख सकेंगे।
- बच्चों को उनकी पसंद के फ्लेवर का टूथपेस्ट लाकर दें। अपनी पसंद का फ्लेवर होने पर बच्चे ब्रश करते समय नखरे नहीं दिखाएंगे।
- बच्चों की ओरल हाइजीन के बारे में किताबें पढ़ें या वीडियो देखें और जानकारी इकट्ठा करके उनसे इस बारे में बात करें।
- बच्चों की ओरल हाइजीन को मेंटेन करने के लिए टाइमर का भी इस्तेमाल कर सकते है। जान लें कि बच्चों को कम से कम दो मिनट के लिए अपने दांत ब्रश करने चाहिए, समय का ख्याल रखने के लिए उनका पसंदीदा गाना बजा सकते हैं।
- बच्चों की ओरल हाइजीन अच्छी होने पर उन्हे मोटिवेट करें। उन्हें मीठी चीजें न दें। इसके बदले में बच्चों को फल या कुछ और हेल्दी चीजें दें
बच्चों की ओरल हाइजीन बेहतर करने के बहुत से उपाय हैं लेकिन पेरेंट्स का इन पर ध्यान देना जरूरी है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान ओरल हेल्थ (Oral Health during Pregnancy)
साथ ही प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी ओरल हेल्थ का ख्याल रखने की जरूरत होती है। मॉर्निग सीकनेस और हॉर्मोनल बदलाव के कारण गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। प्रेग्नेंट महिलाएं कुछ टिप्स को फॉलो करके इन समस्याओं से बच सकती हैं।
- गर्भावस्था के दौरान मॉर्निंग सिकनेस होना भी एक आम समस्या है। ऐसे में अगर दांतों को ब्रश करने में परेशानी हो, तो ऐसा टूथपेस्ट चुनें जिसका स्वाद माइल्ड हो।
- प्रेग्नेंसी के दौरान मसूड़ों में सेंसटिविटी भी हो जाती है। ऐसे में क्लोरिनेटेड पानी का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। इस तरह के पानी के इस्तेमाल से दांत कमजोर हो जाते हैं और साथ ही हिलने की भी समस्या हो सकती है। कई मामलों में इसके लक्षण अभी नहीं एक उम्र के बाद दिख सकते हैं।
- किसी भी तरह की ओरल हाइजीन की समस्या में बिना डॉक्टर के पारमर्श के एक्स-रे या किसी अन्य तरह की जांच भी न कराएं।
ओरल हेल्थ प्रॉब्लम : मिथ्स हैं, तो फैक्ट्स भी हैं!
मिथ: मसूड़ों से खून आना कोई बड़ी बात नहीं है।
मिथ : ओरल हाइजीन में फ्लॉसिंग की कोई जरूरत नहीं है।
मिथ : दांतों में दर्द हो, तभी डेंटल चेकअप की जरूरत है।
ओरल हेल्थ : क्योंकि खान पान का ध्यान रखना भी है जरूरी (Food for oral health)
कुछ भी खाने से पहले यह जरूर जान लें कि वह आपके दांतों या मूसूड़ों पर किस तरह का प्रभाव डाल सकता है।
- कोशिश करें कि मीठा कम खाएं।
- बाजार में मिलने वाले सॉफ्ट ड्रिंक या कोल्ड ड्रिंक न पिएं।
- दूध या दूध से बनी चीजें, मांस, मछली, प्याज, लहसुन जैसी चीजें दांतों के बीच में फंस सकती हैं। इसलिए खाने के बाद साफ पानी से कुल्ला जरूर करें।
- दिन भर पानी की अधिक मात्रा पिएं।
- ताजी और रेशेदार सब्जियों का अधिक सेवन करें।
- फास्ट फूड से दूर बनाएं।
- धूम्रपान से दूरी बनाएं रहें। तंबाकू खाने से मुंह का कैंसर हो सकता है। इसके अलावा, धूम्रपान मसूड़ों की बीमारी, मुंह से दुर्गंध आना, दांतों का पीला पड़ना जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।
- मुंह में ड्राईनेस की समस्या बार-बार आती हो, तो शुगर फ्री गम चबाना लाभकारी हो सकता है। इससे मुंह में लार बनती रहेगी।
तो यह थे ओरल हेल्थ (Oral Health) से जुड़े कुछ जरूरी टिप्स, जो आपके मुंह का स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करेंगे। अगर आपका मुंह स्वस्थ रहेगा, तो कई तरह की बीमारियां भी आपसे दूर रहेंगी।
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