यदि आपके दातों में सेंसटिविटी की समस्या है, तो आपको बहुत ठंडा या गर्म खाना खाने पर दर्द और असहजता महसूस हो सकती है। टूथ सेंसटिविटी को डेंटिन हायपरसेंसटिविटी भी कहा जाता है। यह रूट कैनाल या टूथ फिलिंग के दौरान कुछ समय के लिए आपको तकलीफ दे सकती है। इसके अलावा टूथ सेंसटिविटी आपको मसूड़ों की समस्या, टूटे और दरार पड़े दांतो की वजह से, मसूड़ों की डेंसिटी में कमी की वजह से भी हो सकती है। कुछ लोगों को मैं पतले इनैमल के कारण भी सेंसटिविटी की दिक्कत हो सकती है। रोजाना
ओरल हाइजीन को मेंटेन रखकर और कुछ खास टूथपेस्ट का इस्तेमाल करके सेंसटिविटी से छुटकारा पाया जा सकता है।
ओरल कैंसर (Oral cancer)
इस बारे में डॉ हितेश आर सिंघवी, सलाहकार, हेड एंड नेक सर्जन, फोर्टिस अस्पताल मुलुंड, का कहना है,"ओरल कैंसर में मसूड़ों, जीभ, होंठ, गालों और मुंह के फ्लोर के कैंसर समावेश होता है। ओरल कैंसर की समस्या को डेंटिस्ट बेहतर पहचान सकते हैं।इसके अलावा तंबाकू का इस्तेमाल और स्मोकिंग की वजह से ओरल कैंसर की तकलीफ हो सकती है।
खराब मौखिक स्वच्छता के कई सामान्य कारक हैं, जिनमें तंबाकू चबाना, शराब, सुपारी चबाना, दांतों का कम दौरा, प्रतिरक्षात्मक स्थिति, निम्न सामाजिक-आर्थिक स्थिति और शिक्षा का निम्न स्तर शामिल हैं। अध्ययनों से पता चला है कि ये सभी कारक मौखिक स्वच्छता को काफी खराब करते हैं।
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ओरल हेल्थ की समस्या : ऐसे करें डायग्नोज (Diagnosing oral diseases)
ओरल हेल्थ की समस्या को कुछ तरीकों से पहचाना जा सकता है, जिसमें डेंटल एक्स रे, एमआरआय स्कैन, सीटी स्कैन और एंडोस्कोपी का समावेश होता है। डेंटल एक्स रे की मदद से डॉक्टर आपके दांतों की जड़ को आसानी से देख सकते हैं, जिससे पता लगाया जा सकता है कि आपको मसूड़ों से जुड़ी कोई समस्या तो नहीं है।
ओरल हेल्थ : क्योंकि ट्रीटमेंट है जरूरी! (Treatment of oral diseases)
डेंटल समस्याओं में को कई तरह से ठीक किया जा सकता है, जिसमें प्रोफेशनल क्लीनिंग के साथ-साथ डेंटिस्ट के पास रूटीन चेकअप भी एक समाधान है। इसके अलावा डेंटिस्ट आपको अलग-अलग ट्रीटमेंट दे सकते हैं,जिसमें मसूड़ों से जुड़ी समस्याओं, इंफेक्शन और दूसरी प्रॉब्लम्स का समाधान मौजूद है।चलिए जानते हैं ओरल हेल्थ (Oral Health) को बनाए रखने के लिए इन समस्याओं का समाधान कैसे करें।
क्लीनिंग (Cleanings)
प्रोफेशनल क्लीनिंग से आपके दांतों पर मौजूद प्लाक को आसानी से हटाया जा सकता है, जिसे ब्रश या फ्लॉसिंग की मदद से निकाला जाता है। इसके अलावा दातों में मौजूद टार्टर को भी प्रोफेशनल क्लीनिंग के जरिए साफ किया जा सकता है। इस प्रक्रिया को डेंटल हाइजीनिस्ट के जरिए पूरा किया जाता है। टार्टर के निकाले जाने के बाद डेंटल हाइजीनिस्ट हाय पावर टूथब्रश से आपके दातों को साफ करते हैं, जिसके बाद फ्लॉसिंग और रिंसिंग के साथ आपके दातों को क्लीन किया जाता है। इस डीप क्लीनिंग की प्रक्रिया को रूट प्लानिंग और स्केलिंग के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रक्रिया से ना सिर्फ आपके दातों पर मौजूद टार्टर निकाला जाता है, बल्कि गम लाइन की भी अंदर तक सफाई की जाती है।
फ्लोराइड ट्रीटमेंट (Fluoride treatments)
डेंटल क्लीनिंग के अलावा डेंटिस्ट आपको फ्लोराइड ट्रीटमेंट की सलाह भी दे सकते हैं, जो कैविटी से आपके दांतो को बचाती है। फ्लोराइड एक नेचुरल मिनिरल के तौर पर माना जाता है, यह आपके दातों के इनैमल को मजबूत बनाता है और दातों को बैक्टीरिया और एसिड से दूर रखता है।
एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)
इन ट्रीटमेंट के अलावा यदि आप गम इंफेक्शन से जूझ रहे हैं, तो आपको डेंटिस्ट द्वारा एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह भी दी जा सकती है। गम इंफेक्शन जल्दी ही आपके जबड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है, इसीलिए डेंटिस्ट आपको एंटीबायोटिक्स प्रिसक्राइब कर सकते हैं। एंटीबायोटिक्स के अलावा डॉक्टर माउथ जेल, ओरल टैबलेट और कैप्सूल के रूप में भी आपको दवा दे सकते हैं।
टूथ फिलिंग (Fillings)
यदि आपके दांतो को ज्यादा नुकसान पहुंचा है, तो डेंटिस्ट आपको कैविटी से निपटने के लिए टूथ फिलिंग की भी सलाह दे सकते हैं। इसमें डेंटिस्ट आपके दातों में ड्रिल करके उसमें कंपोजिट भरते हैं। इसके साथ-साथ क्राउंस और सीलेंट्स की प्रक्रिया से भी दांतों की देखभाल की जा सकती हैं।
रूट कैनाल (Root canal)
यदि आपको टूथ डेकेय की समस्या हो चुकी है, तो रूट कैनाल के जरिए डेंटिस्ट आपकी मदद कर सकते हैं। रूट कैनाल के दौरान दांतों में मौजूद नर्व को या तो बदला जाता है या निकाल दिया जाता है। और उसकी जगह पर बायो कंपोज़िट मटेरियल या एड्हेसिव सीमेंट भर दिया जाता है। इस तरह आपके दातों को नुकसान पहुंचाने से बचाया जा सकता है और आपको दर्द से राहत मिलती है।
सर्जरीज (Surgery for Oral problems)
डेंटल और ओरल प्रॉब्लम से लड़ने के लिए सर्जरीज का सहारा भी लिया जा सकता है, जिसमें फ्लैप सर्जरी, बोन ग्राफ्टिंग, सॉफ्ट टिशु ग्राफ्ट, टूथ एक्सट्रैक्शन और डेंटल इंप्लांट्स जैसी सर्जरीज का भी सहारा लिया जाता है। दांतो से जुड़ी अलग-अलग समस्याओं के लिए इन सर्जरीज की सलाह डेंटिस्ट आपको दे सकते हैं।
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ओरल हेल्थ की दिक्कत का ये है समधान!