परिचय
लिंग का टेढ़ापन (पेरोनी रोग) क्या है? (What is Peyronie’s Disease)
पेरोनी रोग पुरुषों के लिंग से संबंधित एक बीमारी है, जिसकी स्थिति में लिंग का आकार टेढ़ा हो जाता है। इसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) कहा जाता है। हालांकि, लिंग का टेढ़ापन पुरुषों के प्रजनन क्षमता को प्रभावित नहीं कर सकता है। लेकिन, लिंग का टेढ़ापन उनके निजी जीवन को प्रभावित कर सकता है। लिंग का टेढ़ापन या पेरोनी रोग लिंग के ऊतकों को किसी तरह का नुकसान होने के कारण हो सकता है। इन ऊतकों में स्कार बनने लग सकते हैं। जैसे चोट लगने या जलने के बाद त्वचा पर निशान रह जाते हैं, उसी तरह स्कार ऊतकों में एक तरह का निशान स्थायी रूप से बनाने लगता है। लिंग के ऊतकों में बनने वाले इन स्कार्स को पट्टिका या प्लेक (Plaque) भी कहा जाता है। ये निशान लिंग के अंदर बनते है।
लिंग में टेढ़ेपन की समस्या ऊपर या नीचे की तरफ यानी पेरोनी रोग होने पर किसी पुरुष का लिंग ऊपर या फिर नीचे की तरफ झुक कर टेढ़ा हो सकता है। लिंग ऊपर की तरफ मुड़ा है या नीचे की तरफ इसके अनुसार ही प्लेक का स्थान व आकार निर्धारित हो सकता है। लिंग का टेढ़ापन धीरे-धीरे बढ़ सकता है हालांकि, कुछ स्थतियों में पेरोनी रोग अचानक से भी हो सकता है। इसके शुरूआती लक्षणों में लिंग में गांठ बनने और दर्द का अनुभव हो सकता है। जो उपचार न मिलने के कारण बढ़ भी सकता है। लिंग के टेढ़ापन की समस्या लिंग के इरेक्शन को प्रभावित कर सकती है। इसकी समस्या में पुरुषों को शारीरिक संबंध बनाने के दौरान ज्यादा दर्द का अनुभव हो सकता है।
और पढ़ें : उम्र के बढ़ने से लिंग में क्या बदलाव होता है? कैसे रखें लिंग को स्वस्थ
लक्षण
लिंग का टेढ़ापन (पेरोनी रोग) के लक्षण क्या हैं? ( Symtoms of Peyronie’s Disease)
जानें इन कारणों से हो सकती हैं मेंस में हॉर्मोनल होर्मोनल इम्बैलेंस की समस्या और उपचार
अक्सर हॉर्मोनल प्रॉब्लम काे महिलाओं से जोड़ा जाता है,लेकिन ऐसा नहीं है। हॉर्मोनल प्रॉब्लम पुरुषों को भी होती हैं। ऐसे कई हॉर्मोन है, जो महिलाओं और पुरुषों दोनों में पाया जाता है, जैसे की ईस्ट्रोजन, थायराइड प्रॉब्लम और टेस्ट्रोजन की प्रॉब्ल्म आदि। हॉर्मोन का शरीर में कई प्रकार की भूमिका होती है। अगर किसी एक हॉर्मोन का संतुलन बिगड़ जाए, तो शरीर में कई तरह की दिक्कते हो सकती हैं। अगर देखा जाए तो पुरुषों में हॉर्मोंस के असंतुलन सबसे ज्यादा देखा जाता है। लेकिन सबसे पहले जानें की पुरुषों में हॉर्मोनल असंतुलन का क्या कारण है। जानें पुरुषों में होने वाले हॉर्मोनल प्रॉब्लम के बारे में-
शरीर में होने वाले हॉर्मोनल असंतुलन के प्रकार (Types of Hormonal Imbalance)
हमारे शरीर में हॉर्मोन की अगल-अलग भूमिका होती है। ऐसे कई हॉर्मोन हैं। पुरुषों के शरीर में हाॅर्मोन की बात करें तो सबसे अच्छे हॉर्मोन उनमें 20 साल की उम्र में होते हैं। उसके बाद 40 वर्ष की आयु तक, अधिकांश पुरुषों में हॉर्मोनल प्रॉब्लम अधिक देखी जाती है। इसके बाद 80 साल की उम्र तक आते-आते शरीर के अधिकतर हॉर्मोन बिगड़ चुके होते हैं। इसके होने वाले असंतुलन के कारण पुरुषों में इस तरह की समस्या देखने को मिल सकती है।
- सेक्स लाइफ का खराब होना (Bed Sex Life)
- चोट लगने में कई तरह की समस्याएं
- तनाव और अवसाद आदि (Tension)
और पढ़ें: पुरुषों के लिए हॉर्मोन डायट क्यों जरूरी है?
पुरुषों में हाॅर्मोनल असंतुलन के प्रकार
पुरुष हाॅर्मोनल असंतुलन तीन प्रकार के देखे जाते हैं, जोकि इस प्रकार हैं:
एंड्रोपॉज (Andropause): इसे पुरुषों में रजोनिवृत्ति यानि कि मेल मेनोपॉज के रूप में भी जाना जाता है, यह पुरुषों में हाेने वाले हार्मोनल असंतुलन का सबसे सामान्य कारण है।
हायपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism): यह स्थिति तब होती है जब थायरॉयड ग्रंथि अंडरएक्टिव हो जाती है।
और पढ़ें : Peyronies : लिंग का टेढ़ापन (पेरोनी रोग) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपायऔर पढ़ें:
पुरुष हाॅर्मोनल असंतुलन के लक्षण (Symptoms of Hormonal Imbalance)
हॉर्मोंस का असंतुलन शरीर को कई प्रकार से प्रभावित करता है। शरीर में होने वाले हाॅर्मोनल प्रॉबल का कारण बढ़ती उम्र और अधिक वजन होता है।पुरुषों में होने वाले हाॅर्मोनल असंतुलन के लक्षणों में शामिल हैं, जैसे कि:
- नपुंसकता की समस्या
- थकान महसूस होना
- डिप्रेशन होना
- मांसपेशियों में दिक्कत महसूस होना
- बालों का झड़ना
- मानसिक तनाव और अन्य समस्या
- इमोशनल प्राॅब्लम
और पढ़ें : Diphtheria : डिप्थीरिया (गलाघोंटू) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
हार्मोन्स असंतुलित होने के कारण (Causes Of A Hormonal Imbalance)
अगर पुरुषों में होने वाले हॉर्मोनल असंतुलन के कारणों की बात करें, तो ऐसे कई कारण हैं, जिनके होने पर हॉर्मोनल ग्रंथियां प्रभावित होती हैं, जैसे कि
- डायबिटीज की समस्या
- हायपोथायराइडिज्म
- शरीर में किसी प्रकार का टयूमर
- जेनेटिक प्रॉब्लम होने पर
- किसी प्रकार की दवाओं का सेवन
- अधिक तनाव लेना
- एड्रीनल प्रॉब्लम
- कैंसर का ट्रीटमेंट
- पिटयूटरी टयूमर
- यौवनावस्था का दौर
- वृद्धावस्था का चरण
और पढ़ें: पुरुषों में हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी के फायदे और नुकसान क्या हैं?
पुरुषों में हार्मोन असंतुलन (Hormonal Imbalance) के लक्षण
पुरुष विकास के शारीरिक और मानिसक विकास में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन प्रभावित होता है, तो उनमें निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- पुरुषों के स्तन ऊतक का विकास होना, जिसे मेन्स बूब्स (Gynecomastia) की स्थिति कही जाती है
- नपुंसकता
- मांसपेशियों का घटना
- सेक्स ड्राइव में कमी होना
- बांझपन
- दाढ़ी और शरीर के बालों की वृद्धि में कमी होना
- ऑस्टियोपरोसिस डिजीज, हड्डी में पाए जाने वाले तरल पदार्थ का कम होना
और पढ़ें : BHRT: बायो-आइडेंटिकल हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी क्या होता है? क्या यह सेफ है?
लड़कों में हार्मोन असंतुलन (Hormonal Imbalance) के लक्षण
सामान्य तौर पर यौवन शुरू होने के दौरान ही लड़के और लड़कियों के शरीर में सेक्स हार्मोन का उत्पादन शुरू होता है। कुछ बच्चों में यौवन की शुरूआत जल्दी, तो कुछ बच्चों में देरी से हो सकती है। अगर उनके यौवन में देरी का कारण हार्मोन अंसतुलन है, तो उनमें हाइपोगोनाडिज्म (Hypogonadism) नामक स्वास्थ्य स्थिति की समस्या हो सकती है, हाइपोगोनाडिज्म के लक्षणों में शामिल हैं:
लड़कों में हाइपोगोनाडिज्म के लक्षण
- मांसपेशियों का विकास नहीं होना
- आवाज में भारीपन नहीं आना, जिसके कारण लड़कों के आवाज लड़कियों की तरह ही पलती हो सकती है
- शरीर के बाल कम उगते हैं, जैसे- दाढ़ी न आने की समस्या
- लिंग और अंडकोष का विकास प्रभावित होना
- शरीर के धड़ के मुताबिक हाथों-पैरों का अधिक लंबा होना
- स्तन ऊतक का विकास होना, मेन्स बूब्स (Gynecomastia) की स्थिति
और पढ़ें :जानें मेल मेनोपॉज क्या है? महिलाओं की तरह पुरुषों में भी होता है मेनोपॉज
पुरुषों में होने वाले हॉर्मोनल अंसतुलन प्रॉब्लम का उपचार
पुरुषों में होने वाले हॉर्मोनल प्राॅब्लम के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन इसके उपचार के लिए जरूरी है कि दवाओं के साथ अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं। अच्छी लाइफस्टाइल आपको शरीर में हॉर्मोनल असंतुलन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। जोने कैसी हो आपकी लाइफ स्टाइल।
वेट कंट्राेल होना है जरूरी
इस बारे में सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर एस के शर्मा का कहना है कि लिंग का टेढ़ापन (पेरोनी रोग) के लक्षण क्या हो सकते हैं, इसके बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है। लेकिन, फैमिली हिस्ट्री के कारण इसका जोखिम अधिक बढ़ सकता है। सामान्य तौर पर इसके लक्षण धीरे-धीरे हो सकते हैं। हालांकि, कुछ स्थितियों में इसके लक्षण 12 से 15 घंटों के अंदर भी दिखाई दे सकते हैं। इसके निम्न लक्षणों में शामलि हो सकते हैंः
- लिंग का लचीलापन कम होना
- लिंग इरेक्शन के दौरान दर्द महसूस करना
- इरेक्शन (स्तंभन) के दौरान लिंग का एक तरफ झुकना या मुड़ना
- लिंग में दर्द होना
- सेक्स के दौरान दर्द होना
- शारीरिक संबंध बानने में परेशानी महसूस करना
- संभोग करने के बाद लिंग में बहुत ज्यादा दर्द या सूजन होना
- इरेक्शन के बाद लिंग का सामान्य से छोटा दिखाई देखा
- लिंग में गांठ महसूस करना
और पढ़ें : लिंग के साइज को बड़ा करवाना क्या सच में फायदेमंद है?
कारण
लिंग का टेढ़ापन (पेरोनी रोग) के क्या कारण हो सकते हैं? ( Causes of Peyronie’s Disease)
पेरोनी रोग का मुख्य कारण क्या हो सकता है, इस बारे में विशेषज्ञों के पास सटीक जानकारी नहीं है। हालांकि, ऐसे कई कारक हो सकते हैं, जो लिंग के टेढ़ापन का कारण बन सकते हैं, जैसेः
लिंग के उत्तकों में चोट लगना
लिंग के ऊतकों को चोट लगने के कारण भी हो सकता है। जिसके कारण लिंग के अंदर रक्तस्राव हो सकता है। जिसे आमतौर पर नोटिस नहीं किया जा सकता है और धीरे-धीरे यह लिंग का टेढ़ापन बन सकता है।
आनुवांशिक स्थिति
पेरोनी रोग आनुवांशिक स्थिति भी हो सकती है। अगर किसी पुरुष को इसकी समस्या है, तो भविष्य में यह समस्या उसकी संतान को भी प्रभावित कर सकता है।
दवाओं का साइड इफेक्ट
कुछ मामलों में दवाओं के साइड इफेक्ट के कारण भी लिंग का टेढ़ापन हो सकता है। हालांकि, इसके लिए किस तरह की दवा जिम्मेदार हो सकती है, इसके बारे में उचित अध्ययन करने की आवश्यकता है। लेकिन कुछ दवाओं के सेवन से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, जैसे-
बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers): इन दवाओं का सेवन दिल से जुड़ी समस्याओं और हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए किया जा सकता है।
डिलान्टिन (Dilantin): इस दवा का इस्तेमाल मिर्गी व अन्य तरह के दौरे को रोकने के लिए किया जा सकता है।
सेक्स करते समय कोई गलती करना
सेक्स करते समय लिंग का अचानक से मुड़ना भी लिंग के टेढ़ेपन का कारण बन सकता है।
[mc4wp_form id=’183492″]
किस तरह के कारक लिंग के टेढ़ापन का जोखिम बढ़ा सकते हैं? (Risk Factors for Peyronie’s Disease)
निम्न स्थितियां लिंगा का टेढ़ापन के जोखिम को बढ़ाने का कारक बन सकते हैंः
- लिंग में छोटी-मोटी चोट लगना, जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है
- कनेक्टिव टिश्यू डिसऑर्डर की समस्या
- बढ़ती उम्र
- धूम्रपान की आदत
- कुछ प्रकार की सर्जरी
- कुछ प्रकार की रेडिएशन थेरेपी
- हाइपरटेंशन की समस्या होना
- डायबिटीज की समस्या होना
और पढ़ें: इरेक्टराइल डिसफंक्शन से हैं परेशान तो पी शॉट (P-Shot) ट्रीटमेंट आ सकता है काम
निदान
लिंग का टेढ़ापन (पेरोनी रोग) के बारे में पता कैसे लगाएं? (How to diagnosed Peyronie’s Disease)
कुछ मामले में पेरोनी रोग अपने आप ही ठीक हो जाता है। हालांकि, अगर आपको ऊपर बताए गए किस भी तरह के लक्षण हफ्ते भर से अधिक बने हुए हैं, तो आप इसके बारे में पता लगाने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। आपके डॉक्टर आपकी स्थिति के अनुसार आपको निम्न टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं, जैसेः
- निजी जीवन से जुड़े सवाल पूछना, जैसे- सेक्स के दौरान दर्द या कठिनाई महसूस करना
- लिंग की जांच करना। ये पता करना कि कहीं लिंग में स्कार ऊतकों का कठोर हिस्सा बना है या नहीं
- अल्ट्रासाउंड करना
- एक्स-रे करना
- लिंग के उत्तकों की बायोप्सी करना
और पढ़ें :लिंग मोटा, लंबा और बड़ा करने का तरीका जानें
रोकथाम और नियंत्रण
[mc4wp_form id=’183492″]
लिंग का टेढ़ापन (पेरोनी रोग) को कैसे रोका जा सकता है? (How can curvature of the penis (Peyronie’s disease) be prevented?)
लिंग का टेढ़ापन (पेरोनी रोग) एक दुर्लभ समस्या है। इसके होने का जोखिम एक फीसदी से भी कम पुरुषों में हो सकता है। हालांकि, इसकी स्थिति से बचे रहने के लिए आपको निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसेः
- सेक्स पुजिशन के दौरान काफी सावधानी बरतना
- लिंग या लिंग के आस-पास किसी भी तरह की छोटी-मोटी या बड़ी चोट लगने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना
- बढ़ती उम्र के कारण होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए उचित आहार खाना
- उचित मात्रा में शारीरिक गतिविधियां करना
- स्तंभन दोष की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से उचित उपचार लेना
- समय-समय पर अपने लिंग के आकार और रंग की जांच करना। अगर किसी भी तरह का बदलाव नजर आए, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
- शारीरिक रूप से बहुत ज्यादा थके होने पर सेक्स करने से बचें
- बहुत ज्यादा शराब पीने के बाद भी सेक्स न करें।
और पढ़ें : Eosinophilia: इओसिनोफिलिया क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
उपचार
लिंग का टेढ़ापन (पेरोनी रोग) का उपचार कैसे किया जाता है? (How is penis curvature (Peyronie’s disease) treated?)
लिंग का टेढ़ापन या पेरोनी रोग का उपचार करने के लिए आपके डॉक्टर पहले कुछ महीनों के लिए आपको उचित सावधानी बरतने की सलाह दे सकते हैं। अधिकतर मामलों में इसकी समस्या अपने आप या कुछ जरूरी सावधानी बरतने के बाद ही ठीक हो सकती है। हालांकि, अगर इसके बाद भी इसकी समस्या ठीक नहीं होती है, तो आपके डॉक्टर आपको सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। जो निम्न हो सकते हैं, जैसेः
पैलिकेशन (Plication)
इसकी प्रक्रिया में डॉक्टर लिंग की बड़ी साइड के तरफ ऑपरेशन करके लिंग की बड़ी साइड को छोटा कर देते हैं और स्कार या प्लेक को बाहर निकाल देते हैं। इस सर्जरी की पूरी प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर लिंग को सीधा रखते हैं, जिससे मरीज का लिंग सेक्स के दौरान इरेक्शन बना पाए। हालांकि, इससे लिंग की लंबाई कम हो सकती है।
प्लेक रिमूवल (Plaque removal)
इस सर्जरी की प्रक्रिया में डॉक्टर प्लेक या स्कार वाले ऊतकों को लिंग से निकाल देते हैं, जिससे लिंग की छोटी साइड खुल जाती है और लिंग सीधा होने लगता है। इसके बाद लिंग से प्लेक निकाले गए खाली स्थान में सर्जन ग्राफ्ट भर देते हैं। यह ग्राफ्ट व्यक्ति के ही शरीर के किसी अन्य हिस्से से निकाली जा सकती है।
दवाओं की सलाह देना
कुछ स्थितियों में डॉक्टर दवाओं की भी सलाह दे सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैंः
- पेंटोक्सिफाइलिन (Pentoxifylline) – इसका सेवन खाने वाली दवा के रूप में करना चाहिए।
- कोलेजिनेज (Collagenase) – इसका सेवन इंजेक्शन के माध्यम से किया जा सकता है। इंजेक्शन से इस दवा को लिंग में इंजेक्ट किया जा सकता है।
अगर आपका इससे जुड़ा किसी तरह का कोई सवाल है, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और पेरोनी रोग से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।