स्लीप एप्निया (Sleep Apnea) नींद विकार की समस्या है, जिसमें सोते समय सांस लेने में तकलीफ होती है। सोते समय व्यक्ति की सांस बार-बार बंद होने लगती है। इस कारण दिमाग और शरीर को पर्याप्त ऑक्सिजन (Oxygen) भी नहीं मिल पाती है। स्लीप एप्निया के मरीजों की सांसें रात में सोते समय अटकती है। दरअसल इसके बारे में उन्हें खुद भी पता नहीं होता है। सोते समय सांस रुकने की प्रक्रिया कुछ सेकेंड से लेकर कुछ मिनटों तक भी रह सकती है।
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किन लोगों में अधिक हो सकता है स्लीप एप्निया का जोखिम?
आमतौर पर, ओवरवेट (Overweight) और मोटापे (Obesity) की समस्या से पीड़िता लोगों में इसके होने का जोखिम अधिक हो सकता है। इसके अलावा, काफी हद तक या एक आनुवांशिक (Genetical) या परिवार समस्या भी हो सकती है। शोध के अनुसार नींद से जुड़ी ये परेशानी महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक होती है। कुछ बच्चे जिनको टांसिल होता है उनमें भी इस तरह की परेशानी देखी जा सकती है।
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स्लीप एप्निया के प्राकर (Types of Sleep Apnea)
स्लीप एप्निया (Sleep Apnea) दो प्रकार के होते है:
1. ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (Obstructive Sleep Apnea)
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (OSA), एक ऐसी बीमारी है, जिसका संबंध नींद (Sleep) और सांस (Breathing) दोनों से है। यह तब होता है, जब वायुमार्ग में ब्लॉकेज हो जाती है। इस वजह से नाक का कुछ हिस्सा या पूरी नाक जाम हो जाती है और आप मुंह से सांस लेने लगते हैं। इसलिए, आपने देखा होगा कि ज्यादातर लोग जब खर्राटे (Snoring) लेते हैं, तो उनका मुंह पूरा या आधा खुला होता है।
2. सेंट्रल स्लीप एप्निया (Central Sleep Apnea)
सेंट्रल स्लीप एप्निया (CSA) में वायुमार्ग ब्लॉक नहीं होता है, लेकिन इसमें आपका दिमाग मसल्स को सांस लेने का संकेत नहीं दे पाता।
स्लीप एप्निया (Sleep Apnea) के लक्षण:
- सोते समय तेज खर्राटे (Snoring) आना
- नींद में बेचैनी महसूस होना
- सोते समय दम घुटने जैसा महसूस होना या सांस आने में रुकावट आना
- सोते समय पसीना आना और सीने में दर्द (Chest pain) महसूस करना
- दिन में ज्यादा सोना और दिनभर सुस्त रहना
- सुबह उठने के बाद सिर में दर्द (Headache) होना
- भरपूर नींद के बाद भी सुस्त और थका हुआ महसूस होना
- याद्दाश्त कमजोर होना और किसी चीज पर ध्यान न लगा पाना
आपको स्लीप एप्निया (Sleep Apnea) होने का खतरा ज्यादा हो सकता है, अगर:
- आप पुरुष हैं तो
- आपका वजन ज्यादा है
- आपकी उम्र 40 से ऊपर है तो
- अगर आपकी गर्दन का साइज 17 इंच से ज्यादा है तो
- आपको टॉन्सिल्स (Tonsils) है या आपकी जुबान बड़ी है
- आपके परिवार में किसी और को है तो
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स्लीप एप्निया के कारण और क्या हो सकता है? (Cause of Sleep Apnea)
स्लीप एप्निया की समस्या किसी भी व्यक्ति की शारीरिक संरचना या चिकित्सा स्थितियों के कारणों पर निर्भर कर सकती है। इनमें मोटापा (Obesity), बड़े टॉन्सिल, अंतःस्रावी विकार, न्यूरोमस्कुलर विकार (Neuromuscular disorder), हार्ट (Heart) और किडनी फेलियर (Kidney failure) की समस्या, कुछ आनुवंशिक सिंड्रोम और समय से पहले जन्म होने जैसे कारण भी शामिल हो सकते हैं।
इसके अलावा निम्न स्थितियां भी इसका कारण बन सकती हैं, जिनमें शामिल हैंः
- हाय ब्लड प्रेशर
- हार्ट अटैक
- डायबिटीज
- डिप्रेशन
- ADHD का और बिगड़ना
- सिर दर्द
- मोटापाः मोटापे की समस्या इसके सबसे सामान्य कारणों में से एक हो सकता है। आमतौर पर वयस्क लोगों में मोटापे के कारण स्लीप एप्निया की समस्या सबसे अधिक देखी जाती है। इस स्थिति वाले लोगों के गर्दन में फैट बढञने लगता है जिसके कारण सोते समय उनका ऊपरी वायुमार्ग ब्लॉक हो जाता है।
- जेनेटिक सिंड्रोमः आनुवंशिक सिंड्रोम चेहरे या ब्रेन की संरचना को प्रभावित करते हैं, विशेष रूप से ऐसे सिंड्रोम जो चेहरे की छोटी हड्डियों का कारण बनते हैं या जीभ के छोटे होने का कारण बनते हैं। इन आनुवांशिक सिंड्रोमों में
- हार्ट और किडनी फेलियरः ऐसे लोग जिन्हें हार्ट या किडनी फेलियर की समस्या होती है, उनमें भी इसका खतरा सबसे अधिक देखा जा सकता है। ऐसे लोगों की गर्दन में एक तरल पदार्थ जमा होने लगता है, जो वायुमार्ग के ऊपरी पथ को ब्लॉक कर देता है और इस समस्या को जन्म देता है।
- समय से पहले जन्म होनाः ऐसे शिशु जिनका जन्म प्रेग्नेंसी के 37वें सप्ताह से पहले हुआ होता है, उनमें भी इसका खतरा सबसे अधिक देखा जाता है। इसके कारण बच्चे के ब्रेन के विकास में भी बाधा आ सकती है।
- न्यूरोमस्कुलर स्थितिः न्यूरोमस्कुलर स्थिति होने पर हमारा ब्रेन पर वायुमार्ग और सीने की मांसपेशियों तक संदेशों को पहुंचाने में असमर्थ हो जाता है, जिसके कारण स्लीप एप्निया का जोखिम बढ़ जाता है। इनमें से कुछ स्थितियां हैं स्ट्रोक, एमियोट्रोफिक लेटरल स्केलेरोसिस, मायोटोनिक डिस्ट्रोफी, पोस्ट-पोलियो सिंड्रोम, डर्माटोमायोसाइटिस, मायस्थेनिया ग्रेविस और लैम्बर्ट-ईटेट मायस्थेनिक सिंड्रोम जैसी स्वास्थ्य स्थितियों का भी कारण बन सकती हैं।
स्लीप एप्निया का इलाज कैसे कर सकते हैं? (Treatment for Sleep Apnea)
स्लीप एप्निया का इलाज करने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना जरूरी है। इसके लिए नीचे बताए गए बदलाव लाएं :
- वजन कम करें
- नशीले पदार्थों के सेवन से बचें
- सोने का तरीका बदलें
- धूम्रपान (Smoking) बंद करें
- अपनी पीठ के बल न सोएं
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स्लीप एप्निया का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Sleep Apnea)
स्लीप एप्रिया का निदान करने के लिए नींद विशेषज्ञ व्यक्ति के सोने के पैटर्न और प्रक्रिया को समझने के लिए उसके नींद का आंकलन करते हैं। सोते समय व्यक्ति की सांस कितनी तेज या कितनी धीमी होती है इसकी जांच करते हैं। साथ ही, सोते समय कितनी देर के लिए कितनी बार व्यक्ति की सांसें रुकती है इसका भी अध्ययन करते हैं। इसके साथ ही, इस दौरान नींद विशेषज्ञ यह भी निर्धारित करते हैं कि इन घटनाओं के दौरान व्यक्ति के रक्त में ऑक्सीजन का स्तर कम होता है या नहीं।
“डॉ रीमा चौधरी, सलाहकार न्यूरोलॉजिस्ट, फोर्टिस अस्पताल, मुलुंड, का कहना है कि फोर्टिस द्वारा किए एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि COVID-19 महामारी की शुरुआत के बाद से, भारतीय वयस्कों ने सोने में कठिनाई (37%), सोते रहने में कठिनाई (27%) और रात के दौरान जागना (39%) जैसी नई नींद की चुनौतियों का अनुभव किया। अध्ययन में पाया गया है कि स्लीप एपनिया वाले 80% रोगियों को दिन में नींद और आलस का अनुभव होता है, जबकि केवल 52% लोग जिन्हें स्लीप एपनिया नहीं होता है, वे ऐसा ही अनुभव करते हैं। 47% प्रतिभागियों ने यह भी कहा कि स्लीप एपनिया, उनके रिश्तों को प्रभावित कर रहा है। स्लीप एपनिया हृदय की स्थिति, स्ट्रोक, तंत्रिका संबंधी विकार, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा सहित गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। इसलिए समय पर अच्छी नींद जरूरी है।”
स्लीप एप्निया का उपचार कैसे किया जा सकता है?
नींद से जुड़ी इस विकार का उपचार करने के लिए कंटीन्यूअस पॉजिटिव एयर प्रेशर (CPAP) के उपचार के साथ-साथ जीवनशैली में भी उचित परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है। अगर इस नींद विकार की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह हार्ट अटैक (Heart attack), ग्लूकोमा (Glaucoma), डायबिटीज (Diabetes), कैंसर (Cancer) और संज्ञानात्मक और व्यवहार संबंधी विकार जैसी गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों के होने का जोखिम भी बन सकता है।
स्लीप एप्निया की समस्या को समझें और ऊपर बताई गई बातों को ध्यान रखें। अगर आप इसे एक आम समस्या समझ के नजरअंदाज करेंगे, तो यह समस्या और बढ़ सकती है। इसलिए, जरूरी है कि इसका समय रहते इलाज करा लें। ज्यादा जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।
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