आहार आपके शरीर को कई तरह से प्रभावित करता है। उच्च रक्तचाप यानी कि हाई ब्लड प्रेशर को कम करने से परे के अलावा DASH डायट के और भी लाभ होते हैं। पौष्टक आहार लेना शरीर के सही क्रियान्वयन के लिए जरूरी होता है। डैश डायट लेने से वजन कम होना और कैंसर के जोखिम को कम करना भी शामिल है। डैश डायट लेने के दौरान आपको यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि DASH डायट सिर्फ वजन कम करने के लिए ही उपयोगी है। डैश डायट मूल रूप से रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए डिजाइन किया गया था। वजन घटाने के लिए इसे अपनाना सही है या नहीं, इस बारे में अपने डॉक्टर से जरूर जानकारी प्राप्त करें। यह डायट हार्ट डिजीज, मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम, डायबिटीज और कुछ तरह के कैंसर के जोखिम को भी कम करने में मदद करती है।
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डैश डायट से कैसे कम होता है ब्लड प्रेशर?
जब वेसल्स से जिस गति से ब्लड गुजरता है, उससे ही ब्लड प्रेशर की माप की जाती है। अगर किसी भी व्यक्ति की ब्लड वैशल से तेजी से ब्लड गुजर रहा है तो उसका ब्लड प्रेशर हाई रहेगा। इसे दो प्रकार से समझा जा सकता है।
सिस्टोलिक प्रेशर (Systolic Pressure) : हार्ट बीट के समय ब्लड वेसल्स में प्रेशर।
डाईस्टोलिक प्रेशर (Diastolic Pressure) : जब हार्ट रेस्ट की अवस्था में होता है, उस समय ब्लड वेसल्स में प्रेशर।
जब डॉक्टर से ब्लड प्रेशर चेक कराया जाता है तो डॉक्टर नंबर में माप लिख कर देता है। असल में ये सिस्टोलिक प्रेशर और डाईस्टोलिक प्रेशर होता है।
व्यक्ति का नॉर्मल ब्लड प्रेशर – 120/80
व्यक्ति का हाई ब्लड प्रेशर -140/90
स्टडी में ये पाया गया है कि कुछ व्यक्तियों ने डैश डायट अपनाकर अपना ब्लड प्रेशर कम किया है। साथ ही उन व्यक्तियों के वेट में ज्यादा अंतर देखने को नहीं मिला। डैश डायट में सोडियम की मनाही की वजह से ब्लड प्रेशर में कमी आती है। लो सॉल्ट डैश डायट लेने से व्यक्तियों के सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में 12 mmHg और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर में 5 mmHg की कमी पाई गई। वहीं, नॉर्मल ब्लड प्रेशर वाले जिन लोगों ने डैश डायट अपनाई, उनके सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में 4 mmHg और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर में 2 mmHg की कमी पाई गई।