हम लोग जो भी खाते हैं, उसका असर शरीर में होता है। अगर शरीर में पौष्टक खाना पहुंचता हैं तो हमारी सेहत अच्छी रहती है। वहीं, अधिक वसायुक्त खाना खाने से शरीर को नुकसान पहुंचता है और साथ ही कई बीमारियां भी शरीर को घेर लेती है। डायट का सीधा संबंध ब्लड प्रेशर से भी होता है। हमारे देश हाई ब्लड की समस्या से बहुत से लोग ग्रसित हैं। ऐसे में हाई ब्लड प्रेशर वाले व्यक्तियों के लिए किस तरह की डायट होनी चाहिए, ये बात बहुत महत्वपूर्ण होती है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको डैश डायट (DASH diet) से बारे में जानकारी दे रहे हैं। डैश डायट की हेल्प से जहां एक हाई ब्लड प्रेशर से राहत मिलती है, वहीं दूसरी ओर अन्य स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि क्या होती है डैश डायट और कैसे इसे अपनाना चाहिए।
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डैश डायट (DASH Diet) क्या होती है?
डैश( DASH)डायटरी अप्रोचेज टू स्टॉप हाइपरटेंशन डायट का प्रयोग उन लोगों के लिए उपयोगी रहता है, जिन्हें हाइपरटेंशन की समस्या होती है। हाइपरटेंशन को हाई ब्लड प्रेशर के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही डैश डायट का यूज हार्ट डिजीज को दूर करने में भी किया जाता है। डैश डायट का फोकस मुख्य रूप से वेजीटेबल्स, होल ग्रेन्स और लीन मीट पर रहता है। डैश डायट का उपयोग करने की सलाह रिचर्स के बाद की गई। जब शोधकर्ताओं को ये महसूस हुआ कि डैश डायट के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या कम हो गई है, तो इस डायट का सुझाव दिया जाने लगा। डैश डायट में रेड मीट, फैट, शुगर और सॉल्ट को लेने की अनुमति नहीं होती है।
डैश डायट (DASH Diet) लेने से क्या लाभ होते हैं?
आहार आपके शरीर को कई तरह से प्रभावित करता है। उच्च रक्तचाप यानी कि हाई ब्लड प्रेशर को कम करने से परे के अलावा DASH डायट के और भी लाभ होते हैं। पौष्टक आहार लेना शरीर के सही क्रियान्वयन के लिए जरूरी होता है। डैश डायट लेने से वजन कम होना और कैंसर के जोखिम को कम करना भी शामिल है। डैश डायट लेने के दौरान आपको यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि DASH डायट सिर्फ वजन कम करने के लिए ही उपयोगी है। डैश डायट मूल रूप से रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए डिजाइन किया गया था। वजन घटाने के लिए इसे अपनाना सही है या नहीं, इस बारे में अपने डॉक्टर से जरूर जानकारी प्राप्त करें। यह डायट हार्ट डिजीज, मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम, डायबिटीज और कुछ तरह के कैंसर के जोखिम को भी कम करने में मदद करती है।
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डैश डायट से कैसे कम होता है ब्लड प्रेशर?
जब वेसल्स से जिस गति से ब्लड गुजरता है, उससे ही ब्लड प्रेशर की माप की जाती है। अगर किसी भी व्यक्ति की ब्लड वैशल से तेजी से ब्लड गुजर रहा है तो उसका ब्लड प्रेशर हाई रहेगा। इसे दो प्रकार से समझा जा सकता है।
सिस्टोलिक प्रेशर (Systolic Pressure) : हार्ट बीट के समय ब्लड वेसल्स में प्रेशर।
डाईस्टोलिक प्रेशर (Diastolic Pressure) : जब हार्ट रेस्ट की अवस्था में होता है, उस समय ब्लड वेसल्स में प्रेशर।
जब डॉक्टर से ब्लड प्रेशर चेक कराया जाता है तो डॉक्टर नंबर में माप लिख कर देता है। असल में ये सिस्टोलिक प्रेशर और डाईस्टोलिक प्रेशर होता है।
व्यक्ति का नॉर्मल ब्लड प्रेशर – 120/80
व्यक्ति का हाई ब्लड प्रेशर -140/90
स्टडी में ये पाया गया है कि कुछ व्यक्तियों ने डैश डायट अपनाकर अपना ब्लड प्रेशर कम किया है। साथ ही उन व्यक्तियों के वेट में ज्यादा अंतर देखने को नहीं मिला। डैश डायट में सोडियम की मनाही की वजह से ब्लड प्रेशर में कमी आती है। लो सॉल्ट डैश डायट लेने से व्यक्तियों के सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में 12 mmHg और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर में 5 mmHg की कमी पाई गई। वहीं, नॉर्मल ब्लड प्रेशर वाले जिन लोगों ने डैश डायट अपनाई, उनके सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में 4 mmHg और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर में 2 mmHg की कमी पाई गई।
डैश डायट (DASH Diet) चाहते हैं अपनाना तो सही मात्रा का रखें ध्यान
साबुत अनाज (Whole Grains)
साबुत अनाज में मुख्य रूप से साबुत गेहूं या साबुत अनाज की ब्रेड, साबुत अनाज का नाश्ता अनाज, ब्राउन राइस, बुलगुर (bulgur), क्विनोआ (quinoa) और ओटमील शामिल हैं।
डैश डायट में साबुत आनाज को शामिल करने के कुछ उदाहरण
- साबुत अनाज की रोटी का 1 टुकड़ा
- 1 औंस (28 ग्राम) सूखा, साबुत अनाज सीरियल
- 1/2 कप (95 ग्राम) पके हुए चावल, पास्ता या अनाज
- सब्जियां: प्रति दिन 4-5 सर्विंग्स
- डैश डायट में सभी सब्जियों को शामिल किया जा सकता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां
- 1 कप (लगभग 30 ग्राम) कच्ची, पत्तेदार हरी सब्जियां जैसे पालक या काले (kale)
- कटा हुआ सब्जियों का 1/2 कप (लगभग 45 ग्राम) – कच्चा या पकाया हुआ – जैसे ब्रोकली, गाजर, स्क्वैश (squash) या टमाटर
- फल: प्रति दिन 4-5
अगर आप डैश डायट ले रहे हैं तो आप बहुत से फल खा रहे होंगे। कुछ फल जैसे सेब, नाशपाती, आड़ू, जामुन और उष्णकटिबंधीय फल जैसे अनानास और आम शामिल हो सकते हैं।
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फल
- 1 मीडियम सेब
- सूखे एप्रिकॉट के 1/4 कप (50 ग्राम)
- ताजा या डिब्बाबंद आड़ू का 1/2 कप (30 ग्राम)
- डेयरी उत्पाद: प्रति दिन 2-3 सर्विंग्स
- डैश डायट में डेयरी उत्पाद वसा में कम होना चाहिए। उदाहरण में स्किम दूध और कम वसा वाले पनीर और दही को शामिल करना चाहिए।
डेयरी उत्पाद
- कम वसा वाले दूध का 1 कप (240 मिली)
- कम वसा वाले दही का 1 कप (285 ग्राम)
- कम वसा वाले पनीर के 1.5 औंस (45 ग्राम)
- लीन चिकन, मांस और मछली– प्रति दिन 6 या कुछ सर्विंग
- मांस का लीन कट खाने में आपके लिए सही रहेगा। कभी-कभार या सप्ताह में एक या दो बार रेड मीट ले सकते हैं।
नॉनवेज खाने के दौरान रखें ध्यान
- 1 औंस (28 ग्राम) पका हुआ मांस, चिकन या मछली
- 1 अंडा
- नट, बीज और फलियां- प्रति सप्ताह 4-5 सर्विंग्स
- इनमें बादाम, मूंगफली, हेजलनट्स, अखरोट, सूरजमुखी के बीज, फ्लैक्ससीड्स, किडनी बीन्स, दाल और मटर को शामिल किया जा सकता है।
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नट सीड्स फलियां
- 1/3 कप (50 ग्राम) नट
- अखरोट मक्खन के 2 बड़े चम्मच (40 ग्राम)
- 2 बड़े चम्मच (16 ग्राम) बीज
- पकी हुई फलियों का 1/2 कप (40 ग्राम)
- वसा और तेल: 2-3 प्रति दिन सर्विंग
- डैश डायट में अन्य तेलों की तुलना में वनस्पति तेलों को लेना सही माना जाता है। ऑयल में कैनोला, मक्का, जैतून या कुसुम जैसे मार्जरीन तेल शामिल हैं। यह कम वसा वाले मेयोनेज और हल्के सलाद ड्रेसिंग के लिए यूज किए जा सकते हैं।
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ऑयल यूज करने के दौरान मात्रा
- सॉफ्ट मार्जरीन का 1 चम्मच (4.5 ग्राम)
- वनस्पति तेल का 1 चम्मच (5 मिलीलीटर)
- मेयोनेज (mayonnaise) का 1 बड़ा चमचा (15 ग्राम)
- सलाद ड्रेसिंग के 2 बड़े चम्मच (30 मिलीलीटर)
- कैंडी और एडेड शुगर्स- प्रति सप्ताह 5 या कम सर्विंग्स
- शक्कर को डैश डायट में कम मात्रा में लिया जाता है, इसलिए कैंडी, सोडा और टेबल शुगर की उचित मात्रा को ही खाने में शामिल करें। डैश डायट में अरिफाइंट शुगर और अंटरनेटिव शुगर सोर्स शामिल नहीं किए जाते हैं।
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शुगर
- 1 बड़ा चम्मच (12.5 ग्राम) चीनी
- 1 बड़ा चम्मच (20 ग्राम) जेली या जैम
- नींबू पानी का 1 कप (240 मिली)
डायट लेने के दौरान रखें ध्यान
- दोपहर के भोजन और रात के खाने में सब्जियों की अधिक मात्रा जोड़ें।
- अपने भोजन में या नाश्ते में फलों को शामिल करें। डिब्बाबंद और सूखे फल का उपयोग करना आसान है, लेकिन जांच लें कि उनमें कहीं चीनी तो नहीं है। अधिक चीनी का उपयोग शरीर के लिए सही नहीं है।
- सलाद ड्रेसिंग के के लिए कम वसा वाले ऑयल का यूज करें।
- कम वसा वाले या स्किम डेयरी उत्पादों का सेवन सामान्य रूप से करें।
- मांस को एक दिन में 6 औंस तक सीमित करें। हो सके तो अपने भोजन को शाकाहारी बनाएं।
- अपने आहार में अधिक सब्जियां और सूखी बीन्स शामिल करें।
- चिप्स या मिठाई खाने के बजाय अनसॉल्टेड या नट्स, किशमिश, कम वसा वाले और वसा रहित दही, जमे हुए दही आदि का सेवन करें।
- जिन उत्पादों में सोडियम की मात्रा कम है, उन्हें अपने खाने में शामिल करें। ऐसा करने से ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहेगा।
यदि आपका ब्लड प्रेशर नियंत्रण में नहीं है और आप अपनी डायट में बदलाव करना चाहते हैं तो इस बारे में एक बार डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। डैश डायट को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।
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