मौजूदा दौर में होने वाली बीमारी हमारे खानपान पर काफी असर डालती है। वहीं यदि परहेज न किया जाए तो बीमारी और भी ज्यादा घातक हो सकती है। थायराइड की बीमारी के साथ भी कुछ ऐसा ही है। इसलिए जरूरी है कि थायरायड डायट प्लान किया जाए। इस डाइट प्लान से मरीज को तो लाभ पहुँचता ही है साथ ही स्वस्थ लोगों में थायराइड होने का खतरा भी कम हो जाता है।
हाइपोथाइरायडिज्म
थायराइड डाइट प्लान जानने से पहले हमें हाइपोथाइरायडिज्म के बारे में जानना बेहद ही जरूरी होता है। हाइपोथाइरायडिज्म की बीमारी तब होती है जब शरीर में दो थायराइड हार्मोन कम हो जाते हैं। उसके तहत ट्राईआयोडोथायरोनिन (टी3) (triiodothyronine (T3)) और थाइरोक्सिन (टी4) (thyroxine (T4)) का लेवल काफी नीचे हो जाता है। इस मामले में थायराइड डायट प्लान हेल्थ कंडीशन को सुधारने में मदद करता है। इस केस में पूरी शिद्दत के साथ मरीज को कुछ खाद्य पदार्थ का सेवन न कर व कुछ अन्य खाद्य पदार्थों को खाकर थायराइड लेवल को बैलेंस कर सकते हैं। ताकि हमारा शरीर इन हार्मोन को आसानी से एब्जॉर्ब कर सके।
हाइपरथायराइडिज्म
हाइपरथायराइडिज्म की बीमारी तब होती है जब शरीर में ज्यादा थायराइड हार्मोन होते हैं। इस अवस्था को थायरोटॉक्सीकोसिस (thyrotoxicosis) भी कहा जाता है। इस मामले में ओवरएक्टिव या बढ़े हुए थायराइड ग्लैंड सामान्य से ज्यादा मात्रा में हार्मोन का उत्पादन करते हैं। ऐसे में इस मामले में थायराइड डाइट प्लान की जरूरत पडती है।
थायरायड के कारण होने वाली परेशानी
शरीर में मौजूद थायराइड खास प्रकार के केमिकल्स का रिसाव करते हैं, जिससे शरीर का मेटाबॉलिज्म सुचारू रूप से काम करता है। वर्तमान में चार प्रकार के थायराइड संबंधी समस्याएं होती है। उसी के तहत हाइपोथायराइडिज्म (Hypothyroidism) में हमारा शरीर पर्याप्त मात्रा में हार्मोन प्रोड्यूस नहीं कर पाता है, वहीं हाइपरथायराइडिज्म ( hyperthyroidism ) के तहत हमारा शरीर सामान्य से ज्यादा मात्रा में हार्मोन प्रोड्यूस करता है। थायराइड ट्यूमर और थायराइड कैंसर के कारण भी हमारा हार्मोन इम्बैलेंस हो सकता है। इन तमाम मेडिकल कंडीशन के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता पड़ती है। वहीं हम चाहें तो थायराइड डाइट प्लान को अपनाकर हम समस्याओं को कम कर सकते हैं।
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थायराइड डाइट प्लान अपनाने से पहले लें डॉक्टर की सलाह
थायराइड डाइट प्लान को अपनाने से पहले हमेशा डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। दवाओं को लेकर या फिर आप थायराइड डाइट प्लान के तहत जिन खाद्य पदार्थ का सेवन कर रहे हैं उसके रिएक्शन को लेकर डॉक्टर की सलाह लें। उदाहरण के तौर पर थायराइड की दवा कुछ दवाओं जैसे बेटा ब्लॉकर्स (beta-blockers) और हाई आयरन फूड (high-iron foods) के साथ इन्टरैक्शन कर सकता है। इसलिए दवा संबंधी और खानपान लेकर हमेशा डॉक्टर की सलाह लें।
थायराइड डाइट प्लान के तहत वैसे फूड्स जिसे आप आसानी से खा सकते हैं
- मछली : बता दें कि मछली में सेलेनियम नाम का न्यूट्रिएंट्स होता है। जो थायराइड की बीमारी में काफी लाभकारी होता है। सेलेनियम जलन को रोकने में लाभकारी होता है। इसलिए एक्सपर्ट इसे थायराइड डाइट प्लान में शामिल करने की सलाह देते हैं।
- नट्स : ब्रॉजिल नट्स, मैकाडेमिया नट्स, हेजेलनट्स नट्स में काफी मात्रा में सेलेनियम पाया जाता है। जो थायराइड फंक्शन को सुचारू रूप से काम करने में मदद करते हैं। रोजाना के लिए न्यूट्रिएंट्स पाने के लिए आप इसे एक या दो नट्स को दूसरे नट्स के साथ सेवन कर सकते हैं। उतने में ही आपके शरीर को जरूरतभर के लिए नट्स मिल जाएगा।
- ग्रेन्स : सुझाव दिया जाता है कि इसे थायराइड की दवाओं के कुछ घंटे पहले सेवन करना चाहिए या फिर दवा खाने के कुछ घंटे बाद में सेवन करना चाहिए।
- फ्रेश फल और सब्जियां : कुछ खास प्रकार के खाद्य पदार्थ जैसे ब्लू बेरीज, चेरीज, स्वीट पोटैटो (शकरकंद), शिमला मिर्च जैसे खाद्य पदार्थं को थायराइड डाइट प्लान में शामिल कर सकते हैं। बता दें कि इन खाद्य पदार्थ में काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और न्यूट्रीएंट्स पाया जाता है। इसका सेवन करने से हार्ट डिजीज की संभावनाएं कम हो जाती है।
- डेयरी : फोर्टीफाइड मिल्क में सिर्फ विटामिन डी नहीं होता बल्कि उसमें कैल्शियम, प्रोटीन और आयोडीन जैसे खास तत्व पाए जाते हैं। इनका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है।
- बीन्स : थायराइड डाइट प्लान में आप चाहे तो बीन्स को शामिल कर सकते हैं। बता दें कि बींस में काफी मात्रा में एनर्जी देने वाले पोषक तत्व होते हैं। जो हमारे शरीर से हायपोथायराडिज्म को कम करने में मददगार होते हैं। बींस में प्रोटीन के साथ एंटीऑक्सीडेंट, कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेड्स और विटामिन्स और मिनरल्स पाया जाता है। इसे थायराइड डाइट प्लान में शामिल कर हम कई बीमारियों से निजात पा सकते हैं।
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सैचुरेटेड फैट का सेवन कम से कम करें
थायराइड डाइट प्लान के तहत सबसे जरूरी है कि सैचुरेटेड फैट (saturated fat) का सेवन कम से कम करें। वैसे व्यक्ति जो थायराइड की बीमारी से ग्रसित हैं, खासतौर पर हायपोथायराइडिज्म के केस में संभावनाएं रहती है कि हाई कोलेस्ट्रोल हो सकती है। इसके कारण मरीजों को हार्ट डिजीज संबंधी बीमारी हो सकती है। वहीं सैचुरेटेड फैट का सेवन कम से कम कर (फलों और सब्जियों को मिलाकर) हम जहां हार्ट डिजीज के खतरे को कम करते हैं वहीं शरीर में कोलेस्ट्रोल लेवल का बैलेंस बनाकर रखते हैं। इतना ही नहीं थायराइड डाइट प्लान के तहत एक्सपर्ट हमें आयरन रिच फूड जैसे लीन मीट ( lean meat), बींस और समृद्धि अनाज (enriched grains) खाने का सुझाव देते हैं। बता दें कि हाइपरथायराइड की बीमारी से ग्रसित ज्यादा लोग एनिमिक हो जाते हैं। ऐसे में उनके शरीर में आयरन की मात्रा ज्यादा नहीं होने से उनका शरीर रेड ब्लड सेल्स नहीं बना पाता है। ऐसे में सिलिनियम और जिंक जिस खाद्य पदार्थ में ज्यादा पाया जाए उसका सेवन करने से हम इस समस्या से निजात पा सकते हैं, वहीं हमारा थायराइड सामान्य रूप से काम कर सकता है।
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थायराइड डाइट प्लान के लिए जरूरी फैक्ट्स
थायराइड डाइट प्लान को अपनाने से पहले यह जानना बेहद ही जरूरी है कि इस बीमारी से पीड़ित लोगों को क्या करना चाहिए और उन्हें क्या नहीं करना चाहिए। जिससे उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।
थायराइड डाइट प्लान अपनाने के दौरान क्या करें
- खाने में अनाज को शामिल करें,दाल (cereals) खाने के साथ फलियों का सेवन करें (legumes)
- फलों और सब्जियों का सेवन करेंट
- मछली
- सी विड्स (sea weeds)
- सेलेनियम रिच फूड (Selenium rich foods) का सेवन करें। इसमें ब्राजिल नट्स, अंडे, व्हाइट बटन मशरूम, पिंटो बींस व राजमा, सनफ्लावर, चिया सीड्स, फ्लेक्स सीड्स, ब्राउन राइस खाना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
- थायरोसीन रिच फूड (Tyrosine rich foods) का सेवन जितना संभव हो करना चाहिए। इस थायराइड डाइट प्लान के तहत कोशिश यही होनी चाहिए कि खाने में चीज, फिश, चिकेन, अंडे, नट्स और सीड्स के साथ वाइल्ड राइस खाना फायदेमंद होता है।
- आयोडाइज्ड डायट की बात करें थायराइड सही से काम करेें इसके लिए आयोडीन बेहद ही जरूरी है, ताकि थायरोक्सीन का प्रोडक्शन हो सके। गर्भवती महिलाओं के मामले में यह काफी जरूरी है, ताकि शिशु के दिमाग का शुरुआती दिनों में सही से विकास हो सके। यदि आप हायपोथायरॉडिज्म की बीमारी से पीड़ित हैं तो आपको वैसे खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए जिसमें आयोडीन हो, लेकिन आप हाइपरथायराडिज्म की बीमारी से जूझ रहे हैं तो आपको आयोडीन की मात्रा (जिस खाद्य पदार्थ में आयोडीन पाया जाता है- नमक) का सेवन कम करना चाहिए।
थायराइड डाइट प्लान के तहत इनका सेवन न करें
- पत्तेदार सब्जियां (Cruciferous vegetables)
- सोय
- ग्लूटेन
- फैटी फूड
- शुगरी फूड
- एलकोहल और कैफीन
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एक नजर डाइट चार्ट पर
बात यहां खाने पीने की हो रही है तो पारंपरिक खानपान की ताकत को जानना जरूरी है, आइए वीडियो के जरिए जानते हैं क्या होती है पारंपरिक खानपान की ताकत
नोट- थायरायड से संबंधित परेशानियों से बचने के लिए आप यह हेल्दी डायट प्लान कर सकते हैं। आपके लिए डायट प्लान आपके हेल्थ कंडीशन के अनुसार आप अपने डॉक्टर से बात कर इसमें कुछ बदलाव कर सकते हैं।
रविवार के लिए
- ब्रेकफास्ट सुबह आठ से 8:30 – तीन डोसा, एक से आधा कप सांबर, एक चम्मच मेथी चटनी, एक ग्लास दूध, एक कप चाय
- मिड मील सुबह 11-11:30 – मीडियम साइज में भोजन ग्रहण करें
- लंच दो से 2:30 – एक कप चावल, दो चपाती, 150 ग्राम चिकन करी, एक ग्लास बटर मिल्क
- शाम चार से साढ़े चार- तीन बिस्किट, एक ग्लास दूध या चाय में से कोई एक
- डिनर रात 8 से साढ़े 8 बजे- तीन चपाती (आटा, ज्वार, बाजरा), लौकी मेथी की सब्जी, आधा कप वेजीटेबल सलाद
सोमवार के लिए
- ब्रेकफास्ट सुबह आठ से 8:30 – सब्जियों के साथ एक क रोस्टेड ओट्स उपमा, एक ग्लास दूध या एक कप चाय
- मिड मील सुबह 11-11:30 – एक केला
- लंच दो से 2:30 –चार चपाती, आधा कप फ्रेंच बींस करी, आधा कप अरबी की सब्जी और एक ग्लास दूध
- शाम चार से साढ़े चार- एक कप ग्रीन ग्रैम स्प्राउट्स नींबू के साथ, एक ग्लास दूध या चाय में कोई एक
- डिनर रात 8 से साढ़े 8 बजे- तीन चपाती, आधा कप करेले की सब्जी, आधा कम सलाद
मंगलवार के लिए
- ब्रेकफास्ट सुबह आठ से 8:30 – सब्जियों के साथ एक कप उपमा, एक ग्लास दूध या चाय
- मिड मील सुबह 11-11:30 – सौ ग्राम मस्क मेलन (खरबूजा)
- लंच दो से 2:30 – एक कप चावल, दो रोटी, सौ ग्राम ग्रिल्ड मछली (टूना, सैलेमोन, सारजीन, ब्लैक पॉमफ्रीट में कोई एक), आधा कप राजमा करी
- शाम चार से साढ़े चार- दो अंडो का ब्रेड ऑमलेट, आटा का ब्रेड तीन स्लाइस, एक ग्लास दूध या चाय
- डिनर रात 8 से साढ़े 8 बजे- तीन रोटी, आधा कम तोरी की सब्जी, आधा कप वेजीटेबल सलाद
हायपरथायरॉइडिज्म की बीमारी के बारे में जानने के लिए खेलें क्विज : Quiz: गले में इस तरह की परेशानी हो सकती है हायपरथायरॉइडिज्म की बीमारी
बुधवार के लिए
- ब्रेकफास्ट सुबह आठ से 8:30 – आलू, गोभी या मेथी में कोई एक दो पराठा, दो चम्मच चटनी, एक ग्लास दूध, एक कप चाय
- मिड मील सुबह 11-11:30 – सौ ग्राम अनार
- लंच दो से 2:30 –चार चपाती, आधा कप बींस करी, आधा कप शिमला मिर्च की सब्जी, एक ग्लास दूध
- शाम चार से साढ़े चार- आटा का तीन रस्क, एक ग्लास दूध या एक कप चाय
- डिनर रात 8 से साढ़े 8 बजे- तीन रोटी, आधा कप कच्चे केले की सब्जी, आधा कप वेजीटेबल सलाद
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गुरुवार के लिए
- ब्रेकफास्ट सुबह आठ से 8:30 – चार इडली, आधा कम सांबर, एक कप नारियल की चटनी, एक ग्लास दूध या चाय में कोई एक
- मिड मील सुबह 11-11:30 – एक सेब
- लंच दो से 2:30 – एक कप चावल, दो रोटी, सौ ग्राम मछली (टूना, सैलेमोन, सारजीन, ब्लैक पॉमफ्रीट में कोई एक) करी, बींस की सब्जी
- शाम चार से साढ़े चार- एक रोस्टेड लड्डू, एक ग्लास दूध या चाय में कोई एक
- डिनर रात 8 से साढ़े 8 बजे- तीन रोटी, आधा कप आलू बैंगन सब्जी, आधा कप वेजीटेबल सलाद
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शुक्रवार के लिए
- ब्रेकफास्ट सुबह आठ से 8:30 – आधा कप ओट्स और एक ग्लास दूध
- मिड मील सुबह 11-11:30 – एक मीडियम साइज का अमरूद
- लंच दो से 2:30 – चार रोटी, आधा कप चना दाल, आधा कप मेथी की सब्जी, एक दूध का ग्लास
- शाम चार से साढ़े चार- नींबू के साथ आधा कप उबाला हुआ चना, एक ग्लास दूध व एक कप चाय
- डिनर रात 8 से साढ़े 8 बजे- तीन रोटी, आधा कप भिंडी की सब्जी, एक कप वेजीटेबल सलाद
शनिवार के लिए
- ब्रेकफास्ट सुबह आठ से 8:30 – वेजीटेबल चीज सैंडविच, तीन से चार आटा का ब्रेड के साथ, ब्रेड में टमाटर, खीरा, प्याज, एक ग्लास दूध, एक कप चाय में कोई एक
- मिड मील सुबह 11-11:30 – सौ ग्राम तरबूज
- लंच दो से 2:30 – एक कप चावल, दो रोटी, आधा कप 150 ग्राम चिकेन करी, आधा कप पटल की सब्जी, एक ग्लास दूध
- शाम चार से साढ़े चार- एक कप चूड़ा, एक ग्लास दूध या चाय में कोई एक
- डिनर रात 8 से साढ़े 8 बजे- तीन चपाती (आटा, ज्वार, बाजरा में कोई एक), आधा कप टिंडा की सब्जी, आधा कप वेजीटेबल सलाद
थायराइड डाइट प्लान के पहले लें एक्सपर्ट की सलाह
बता दें कि हर व्यक्ति की हेल्थ कंडीशन अलग अलग हो सकती है। यह डाइट एक स्वस्थ्य व्यक्ति की है। वहीं यदि कोई इस थायराइड डाइट प्लान को अपनाना चाहता है तो डॉक्टरी सलाह जरूर लेनी चाहिए। बता दें कि वैसे लोग जिन्हें कोई बीमारी हो, दवा का सेवन करते हो, नियमित तौर पर शराब का सेवन करते हो, गर्भवती या शिशु को दूध पिलाते हो तो वैसे लोगों के मामले में डायट बदल सकता है। आपका डाइट प्लान आपके थायराइड कंडीशन के हिसाब से भी बदल सकता है। आपको हायपोथायराइड है या फिर हाइपरथायराइड, इसलिए कोई भी डाइट प्लान शुरू करने से पहले डॉक्टर से बात करें।
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