के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist
अल्फा लिपॉइक एसिड एक कैमिकल है, जो विटामिन की तरह है। इसे एंटी-ऑक्सिडेंट कहा जाता है। यीस्ट, लिवर, गुर्दे, पालक, ब्रोकली और आलू अल्फा लिपॉइक एसिड के अच्छे स्रोत माने जाते हैं। दवाइयों में इस्तेमाल के लिए इसे प्रयोगशाला में भी बनाया जाता है।
अल्फा लिपॉइक एसिड का इस्तेमाल डायबिटीज और डायबिटीज के नर्व से जुड़े लक्षणों जैसे जलने, दर्द और पैर और बाजुओं की कंपकंपाहट में मौखिक रूप से किया जाता है। इसके अलावा, इंजेक्शन के रूप में समान लक्षणों में इसे नस में लगाया जाता है। नर्व से जुड़े इस प्रकार के लक्षणों को जर्मनी में अल्फा लिपॉइक के हाई डोज को मंजूरी दी जा चुकी है।
अल्फा लिपॉइक एसिड एक एंटी-ऑक्सिडेंट के तौर पर कार्य करता है, जो क्षति और चोट की स्थिति में दिमाग को सुरक्षा प्रदान करता है। इसके अलावा, इसका एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव लिवर की कई बीमारियों में मददगार साबित होता है।
डायबिटीज के मरीजों में नर्व के दर्द के लिए (diabetic neuropathy)
डायबिटीज से पीड़ित लोगों में जलन, दर्द और पैरों और बाजुओं की कंपकपाहट में अल्फा लिपॉइक एसिड का मौखिक या इंजेक्शन (IV) को 600-1800 mg में लेने से राहत मिलती है। लक्षणों में सुधार होने में कम से कम तीन से पांच हफ्ते का समय लग सकता है। हालांकि, अल्फा लिपॉइक एसिड का कम डोज प्रभावी नजर नहीं आता है।
त्वचा की झुर्रियां: क्रीम जिसमें अल्फा लिपॉइक एसिड 5% हो, वह सूरज से त्वचा को पहुंचने वाले नुकसान से होने वाले फाइन लाइन्स और त्वचा का रूखापन कम हो सकता है। साथ ही अल्फा लिपॉइक एसिड वाले प्रोडक्ट और अन्य इनग्रीडिएंट्स एजिंग स्किन का रूखापन और झुर्रियों को कम कर सकते हैं।
कैंसर के इलाज से पैरों और हांथ की नर्व डैमेज होने पर: शुरुआती रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कीमोथेरिपी से नर्व डैमेज में अल्फा लिपॉइक एसिड का सेवन करने से क्षति कम होती है। साथ ही इसके प्रोडक्ट में मौजूद अन्य इनग्रीडिएंट्स से भी यह फायदा हो सकता है।
डायबिटीज: टाइप-2 से पीड़ित लोगों में अल्फा लिपॉइक एसिड का मौखिक रूप से सेवन या इंजेक्शन लेने पर ब्लड शुगर लेवल में सुधार होता है। हालांकि कुछ ऐसे भी सुबूत मौजूद हैं, जो यह बताते हैं कि इसका ब्लड शुगर लेवल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। वहीं, टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित लोगों में यह ब्लड शुगर लेवल में सुधार करता हुआ नजर नहीं आता।
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प्रेग्नेंसी के दौरान मौखिक रूप से अल्फा लिपॉइक एसिड का सेवन संभवतः सुरक्षित हो सकता है। चार हफ्तों तक गर्भवती महिलाओं ने सुरक्षित रूप से 600 mg अल्फा लिपॉइक एसिड का सेवन किया है। प्रेग्नेंसी के शुरुआती 10वें हफ्ते से अल्फा लिपॉइक का सेवन शुरू किया गया और यह 37वें हफ्ते तक जारी रहा।
ब्रेस्टफीडिंग: स्तनपान के दौरान अल्फा लिपॉइक एसिड का सेवन सुरक्षित है या नहीं, इस संबंध में विश्वसनीय जानकारी उपलब्ध नहीं है। सुरक्षा के लिहाज से इस दौरान इसका सेवन करने से बचें।
बच्चों: बच्चों में अल्फा लिपॉइक एसिड का मौखिक रूप से अधिक मात्रा में सेवन असुरक्षित हो सकता है। 14 महीने के लड़कियों में इसके सेवन से दौरा पड़ना, उल्टी और अचेतना (बेहोशी की एक हालत) जैसे मामले सामने आए हैं और 20 महीन के लड़कों, जिन्होंने 2400 mg तक अल्फा लिपॉइक एसिड एक सिंगल डोज में लिया उनमें भी समान लक्षण सामने आए।
डायबिटीज: अल्फा लिपॉइक एसिड ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है। ऐसी स्थिति में आपका डॉक्टर डायबिटीज की दवाइयों के डोज में फेरबदल कर सकता है।
सर्जरी: अल्फा लिपॉइक एसिड ब्लड शुगर को कम कर सकता है। सैद्धांतिक रूप से अल्फा लिपॉइक एसिड सर्जरी के दौरान और इसके बाद ब्लड शुगर कंट्रोल में हस्तक्षेप कर सकता है। तय सर्जरी से दो सप्ताह पहले इसका सेवन बंद कर दें।
अधिक मात्रा में एल्कोहॉल/ थायमिइन (thiamine) की कमी: एल्कोहॉल बॉडी में विटामिन बी1 की मात्रा को कम कर सकता है। बॉडी में विटामिन बी1 की कमी के दौरान अल्फा लिपॉइक एसिड का सेवन करना गंभीर साइड इफेक्ट्स की संभावना को बढ़ा देता है। यदि आप अधिक मात्रा में एल्कोहॉल का सेवन करते हैं और अल्फा लिपॉइक एसिड भी ले रहे हैं तो आपको थिमाइन सप्लिमेंट्स लेना चाहिए।
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अल्फा लिपॉइक एसिड एक एंटी-ऑक्सिडेंट होता है। ऐसी कुछ चिंताए हैं कि एंटी-ऑक्सिडेंट कैंसर में इस्तेमाल होने वाली कुछ दवाइयों की प्रभाविकता को कम कर देती हैं। हालांकि रिएक्शन होगा कि नहीं यह कहना जल्दबाजी होगी।
एंटीडायबिटीज दवाइयां: अल्फा लिपॉइक एसिड ब्लड शुगर को कम कर देता है। डायबिटीज की दवाइयों का इस्तेमाल भी ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए होता है। ऐसे में दोनों का एक साथ सेवन करने से ब्लड शुगर और भी कम हो सकता है।
हालांकि इस रिएक्शन को जानने के लिए अतिरिक्त सुबूतों की आवश्यकता है। ऐसे में अपने ब्लड शुगर लेवल को मॉनिटर करें।
निम्नलिखित दवाइयां अल्फा लिपॉइक एसिड के साथ रिएक्शन कर सकती हैं:
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डायबिटीज: डायबिटीज से पीड़ित लोगों में नर्व के दर्द के लक्षणों में सुधार करने के लिए प्रतिदिन 300-800 mg अल्फा लिपॉइक एसिड का सेवन।
मोटापे के लिए: 1800 mg अल्फा लिपॉइक एसिड 20 हफ्तों तक लिया जा चुका है।
त्वचा पर इस्तेमाल
एजिंग स्किन: 5% अल्फा लिपॉइक एसिड वाली क्रीम का चेहरे पर दिन में तीन बार इस्तेमाल किया गया है।
नसों या शिराओं में इंजेक्शन के जरिए: डायबिटीज से पीड़ित लोगों में नर्व के दर्द से राहत पाने के लिए डॉक्टर द्वारा 500-1200 mg अल्फा लिपॉइक एसिड प्रति दिन दिया गया है।
बच्चों: डायबिटीज से पीड़ित बच्चों में 300 mg अल्फा लिपॉइक एसिड दिन में दो बार इंसुलिन के साथ दिया जा चुका है।
डायट्री सप्लिमेंट के तौर पर अल्फा लिपॉइक एसिड का अडल्ट्स के लिए सामान्य डोज:
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