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सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज : क्या है दोनों के बीच संबंध?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/11/2021

    सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज : क्या है दोनों के बीच संबंध?

    जब व्यक्ति को डायबिटीज (Diabetes) की समस्या होती है, तो इसके कारण सरक्यूलर सिस्टम की ब्लड वेसल डैमेज हो सकती है, जिससे व्यक्ति को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आज हम बात करने जा रहे हैं सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज (Circulatory system and diabetes) के बारे में। सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज एक दूसरे से किस तरह जुड़े हुए हैं, यह जानकारी होना आपके लिए बेहद जरूरी है। हमारे शरीर का कार्य सुचारू रूप से चलाने के लिए शरीर में अलग-अलग कार्यप्रणाली शामिल होती हैं। इन कार्य प्रणालियों को सिस्टम कहा जाता है। आज हम एक ऐसे ही सिस्टम के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसका स्वस्थ रहना हमारे लिए बेहद जरूरी माना जाता है। हम बात कर रहे हैं सरक्यूलर सिस्टम (Circulatory system) की। ये हमारे शरीर के अलग-अलग अंगों तक ब्लड पहुंचाने का काम करता है, जिससे शरीर का काम ठीक ढंग से चलता रहे। जाहिर सी बात है यह सिस्टम ब्लड के साथ हमारे शरीर को एनर्जी देने के लिए ग्लूकोज, न्यूट्रीएंट्स इत्यादि भी अलग-अलग अंगों तक पहुंचाता है। पहले जानते हैं डायबिटीज से जुड़ी यह जरूरी जानकारी।

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    क्यों होती है डायबिटीज (Diabetes) की समस्या?

    डायबिटीज (Diabetes) की तकलीफ का सीधा असर हमारे इम्यून सिस्टम पर पड़ता है। आमतौर पर जब व्यक्ति खाना खाता है, तो शरीर भोजन से मिले शुगर को तोड़कर उसका इस्तेमाल कोशिका में उर्जा बनाने के लिए करता है। इस कार्य को पूरा करने के लिए पैंक्रियाज को इंसुलिन का उत्पादन करना पड़ता है। इंसुलिन हॉर्मोन शरीर में एनर्जी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन जब आप डायबिटीज (Diabetes) की गिरफ्त में होते हैं, तो यही पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन पैदा नहीं कर पाती। इसकी वजह से शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ता चला जाता है। जब शरीर में ब्लड शुगर लेवल ज्यादा बढ़ जाता है, तो शरीर के कामकाज पर इसका प्रभाव पड़ता है और शरीर की कार्यप्रणाली कमजोर होती चली जाती है।

    यदि समय पर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल ना किया जाए, तो डायबिटीज अपने साथ-साथ कई अन्य जटिलताओं को भी साथ ले आता है। आपके साथ ऐसी स्थिति ना हो, इसलिए जरूरत है आपको डायबिटीज के लक्षण पहचानने की। आइए जानते हैं डायबिटीज के लक्षणों के बारे में। 

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    पहचानें डायबिटीज के लक्षणों को! 

    यह तो सभी जानते हैं कि डायबिटीज (Diabetes) के दो प्रमुख प्रकार होते हैं, टाइप वन डायबिटीज और टाइप टू डायबिटीज। टाइप वन डायबिटीज में पैंक्रियाज इंसुलिन बनाना बंद कर देता है, जिसकी वजह से बीमार व्यक्ति को इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं। वहीं टाइप टू डायबिटीज (Type 2 diabetes) में पैंक्रियाज में इंसुलिन बनाने की रफ्तार कम हो जाती है, जिसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है। लेकिन जब आपको डायबिटीज की समस्या रहती है, तब आपको यह लक्षण दिखाई दे सकते हैं – 

  • बार-बार प्यास लगना 
  • ज्यादा पेशाब होना
  • वजन घटना
  • थकावट महसूस होना
  • ऐसे भी कुछ लक्षण हैं जो व्यक्तिगत रूप से किसी को महसूस हो सकते हैं और किसी को नहीं। जिनमें शामिल हैं:

    • मतली और उलटी।
    • धुंधला दिखाई देना।
    • महिलाओं में बार-बार योनि संक्रमण।
    • मुंह सूखना।
    • जख्म या कट्स भरने में ज्यादा समय लगना।
    • त्वचा में खुजली होना, खासतौर पर कमर और जेनिटल एरिया के आस-पास।

    जब आपको यह लक्षण दिखाई दें, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जितनी जल्दी आप डॉक्टर से संपर्क करेंगे, उतनी ही जल्दी आप ब्लड शुगर लेवल को सामान्य स्तर पर ला सकते हैं। जैसा कि आपने जाना डायबिटीज (Diabetes) की समस्या किसी भी व्यक्ति को बड़ी परेशानी में डाल सकती है, इसलिए सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज (Circulatory system and diabetes) के बीच तालमेल बैठाना बेहद जरूरी माना जाता है। आइए अब जानते हैं कि आखिर सरक्यूलर सिस्टम (Circulatory system)  है क्या।

    क्या है सरक्यूलर सिस्टम? (Circulatory system)

    सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज

    जैसा कि आप जानते हैं डायबिटीज (Diabetes) की समस्या अपने साथ अलग-अलग तरह की कॉम्प्लिकेशन लेकर आती है और इन कॉम्प्लिकेशन का शिकार बनता है हमारा सरक्यूलर सिस्टम। सरक्यूलर सिस्टम बॉडी का एक ऐसा जरूरी सिस्टम माना जाता है, जो शरीर के भिन्न-भिन्न भागों में ब्लड के जरिए ऑक्सीजन न्यूट्रिएंट्स और हॉर्मोंस पहुंचाने का काम करता है। इससे शरीर के सेल्स और ऑर्गन ठीक ढंग से काम कर पाते हैं। सरक्यूलर सिस्टम (Circulatory system)  का मुख्य अंग ह्रदय माना जाता है, जो ब्लड पंप करके सरक्यूलर सिस्टम के जरिए शरीर के अलग-अलग हिस्सों में ब्लड पहुंचाने का काम करता है। सरक्यूलर सिस्टम के अंतर्गत आने वाली ब्लड वेसल्स अलग अलग टाइप की होती हैं, इसमें बड़ी से बड़ी आर्टरी के साथ-साथ छोटी-छोटी ब्लड वेसल्स, जिसे कैपिलरीज कहा जाता है इत्यादि का समावेश होता है। कैपिलरी वेंस के जरिए ब्लड को दोबारा हार्ट तक पहुंचाती है। यही वजह है कि सरक्यूलर सिस्टम हमारे शरीर के लिए जरूरी माना जाता है। लेकिन यदि व्यक्ति डायबिटीज से ग्रसित हो, तो सरक्यूलर सिस्टम पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है। इसलिए सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज (Circulatory system and diabetes) को सामान्य बनाए रखना आपके लिए बेहद जरूरी माना जाता है। इसके बारे में अधिक जानकारी से पहले आइए अब जानते हैं सरक्यूलर सिस्टम आखिर कौन कौन से काम करता है।

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    क्या हैं सरक्यूलर सिस्टम के काम?

    सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज (Circulatory system and diabetes) एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। लेकिन इसे ठीक ढंग से समझने के लिए आपको सरक्यूलर सिस्टम का काम समझना होगा। दरअसल सरक्यूलर सिस्टम (Circulatory system) शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए यह काम करता है –

    • बॉडी सेल्स तक ब्लड के जरिए ऑक्सीजन,न्यूट्रिएंट्स और ग्लूकोज पहुंचाना
    • कार्बन डाइऑक्साइड और वेस्ट प्रोडक्ट को वेंस की मदद से बाहर ले जाना अलग-अलग हॉर्मोंस को अंगों तक पहुंचाना
    • इंफेक्शन से लड़ने के लिए वाइट ब्लड सेल्स को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना
    • बॉडी टेंपरेचर सामान्य बनाए रखना

    यह सभी काम शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी माने जाते हैं, इसलिए सरक्यूलर सिस्टम (Circulatory system) के बिना हमारा शरीर ठीक ढंग से काम नहीं कर पाता। अब जरा सोचिए जब आपका सरक्यूलर सिस्टम किसी समस्या के चलते अफेक्ट होता है, तो आपको कितने गंभीर परिणाम दिखाई दे सकते हैं। यही वजह है कि सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज (Diabetes) के बीच तालमेल बिठाना जरूरी माना जाता है। आइए अब जानते हैं सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज (Circulatory system and diabetes) के बीच क्या संबंध है।

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    सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज : क्या है दोनों के बीच संबंध? (Circulatory system and diabetes)

    जैसा कि हमने पहले बताया, सरक्यूलर सिस्टम (Circulatory system) शरीर के अलग-अलग कामों के लिए जरूरी माना जाता है। यह ब्लड वेसल्स के जरिए न्यूट्रीएंट्स, ऑक्सीजन इत्यादि जरूरी तत्व एक अंग से दूसरी अंगों तक ले जाता है। इन्हीं जरूरी तत्वों में से एक है ब्लड ग्लूकोज। यही वजह है कि सरक्यूलर सिस्टम ब्लड ग्लूकोज लेवल को भी रेग्यूलेट करता है। सरक्यूलर सिस्टम ग्लूकेगन नामक हॉर्मोन लिवर तक पहुंचाता है, जो लिवर को ग्लूकोज ब्लड में रिलीज करने का सिग्नल देता है। यदि ब्लड ग्लूकोस लेवल जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है, तो ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है। वहीं यदि शरीर में जरूरत से ज्यादा ब्लड वेसल्स डैमेज हो जाए, तो शरीर के कार्य पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है। इस तरह सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज (Diabetes) एक दूसरे से जुड़े हुए माने जाते हैं। लेकिन सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज (Circulatory system and diabetes) से जुड़े कई ऐसे कॉम्प्लिकेशन हैं, जो व्यक्ति को झेलने पड़ सकते हैं। आइए अब जानते हैं सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज से जुड़े कॉम्प्लिकेशन के बारे में।

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    सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज : क्या हैं इससे जुड़े कॉम्प्लिकेशन? (Circulatory system and diabetes)

    जैसा कि आपने जाना सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज (Circulatory system and diabetes) एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। जब हाय ब्लड शुगर की वजह से ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचता है, तो डायबिटीज कॉम्प्लिकेशन से व्यक्ति घिर सकता है। इन डायबिटीज कॉम्प्लिकेशन में से एक है न्यूरोपैथी, जिसे नर्व डैमेज के नाम से भी जाना जाता है। यह समस्या तब होती है जब नर्व को ब्लड पहुंचाने वाली ब्लड वेसल्स डैमेज होती है। सरक्यूलर सिस्टम (Circulatory system) के डैमेज होने से खास तौर पर पैरों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है और इसकी वजह से व्यक्ति को फुट अल्सर और एंप्यूटेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

    इसके अलावा जब ब्लड वेसल्स डैमेज होकर ठीक ढंग से खून को अंगों तक नहीं पहुंचा पाती, तो ब्लड वेसल्स से जुड़े ऑर्गन पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है और ऑर्गन डैमेज होने की समस्या भी हो सकती है। इसमें कई बार व्यक्ति किडनी डैमेज की समस्या से जूझता है। जब किडनी डैमेज होती है, तो ब्लड ठीक तरह से फिल्टर नहीं हो पाता और किडनी फेलियर होने की समस्या होती है। यह दोनों ही समस्याएं सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज (Circulatory system and diabetes) के कॉम्प्लिकेशन के रूप में जानी जाती है।

    हमारे शरीर के लिए सरक्यूलर सिस्टम (Circulatory system) एक जरूरी सिस्टम माना जाता है, लेकिन डायबिटीज के चलते जब इस सिस्टम पर बुरा प्रभाव पड़ता है, तो व्यक्ति को कई तरह की डायबिटिक कॉम्प्लिकेशन हो सकती है। इसलिए सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज (Circulatory system and diabetes) के बीच तालमेल बिठाना बेहद जरूरी माना जाता है। सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज को सामान्य बनाए रखने के लिए आपको रेग्यूलर चेकअप के साथ-साथ अपने खानपान और लाइफस्टाइल का ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। साथ ही साथ आपको अपने ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रखने की जरूरत पड़ती है। यदि ब्लड शुगर लेवल मेंटेन न रखा जाए, तो इसका सीधा असर सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज के संतुलन पर पड़ता है। इसलिए डॉक्टर से सलाह से सरक्यूलर सिस्टम और डायबिटीज (Diabetes) को सामान्य बनाए रखना जरूरी माना जाता है।

    डिस्क्लेमर

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