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डायबिटीज में हल्दी के सेवन के एक नहीं, बल्कि हैं कई फायदे!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/02/2022

    डायबिटीज में हल्दी के सेवन के एक नहीं, बल्कि हैं कई फायदे!

    डायबिटीज (Diabetes) एक ऐसी कॉमन कंडिशन है, जो ब्लड शुगर लेवल में असमानता के कारण होती है। शरीर के कामकाज के लिए एनर्जी की जरूरत पड़ती है, यह एनर्जी शरीर को खाने से मिलती है। जब शरीर खाने से यह एनर्जी ठीक ढंग से नहीं ले पाता, तो इसका सीधा असर ब्लड शुगर लेवल पर पड़ता है। यही डायबिटीज का कारण बनता है। डायबिटीज की समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है, इसलिए इस लाइफस्टाइल कंडिशन को सामान्य बनाए रखने के लिए सही डायट की जरूरत पड़ती है। आज हम बात करने जा रहे हैं डायबिटीज में हल्दी (Turmeric and diabetes) के इस्तेमाल के बारे में। डायबिटीज में हल्दी (Turmeric) का इस्तेमाल फायदेमंद माना जाता है।

    आइये जानते हैं कैसे डायबिटीज में हल्दी (Turmeric in diabetes) आपके लिए फायदे का सौदा बनती है। लेकिन इससे पहले आइए जानते हैं डायबिटीज से जुड़ी खास जानकारी। 

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    डायबिटीज (Diabetes) की गिरफ़्त में कुछ ऐसे आ जाते हैं आप! 

    डायबिटीज (Diabetes) की तकलीफ का सीधा असर हमारे इम्यून सिस्टम पर पड़ता है। आमतौर पर जब व्यक्ति खाना खाता है, तो शरीर भोजन से मिले शुगर को तोड़कर उसका इस्तेमाल कोशिका में उर्जा बनाने के लिए करता है। इस कार्य को पूरा करने के लिए पैंक्रियाज को इंसुलिन का उत्पादन (Insulin Production) करना पड़ता है। इंसुलिन हॉर्मोन शरीर में एनर्जी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन जब आप डायबिटीज की गिरफ्त में होते हैं, तो यही पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन (Insulin) पैदा नहीं कर पाती। इसकी वजह से शरीर में ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) बढ़ता चला जाता है। जब शरीर में ब्लड शुगर लेवल ज्यादा बढ़ जाता है, तो शरीर के कामकाज पर इसका प्रभाव पड़ता है और शरीर की कार्यप्रणाली कमजोर होती चली जाती है।

    यदि समय पर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल ना किया जाए, तो डायबिटीज अपने साथ-साथ कई अन्य जटिलताओं को भी साथ ले आता है। आपके साथ ऐसी स्थिति ना हो, इसलिए जरूरत है आपको डायबिटीज (Diabetes) के लक्षण पहचानने की। आइए जानते हैं डायबिटीज के लक्षणों (Diabetes symptoms) के बारे में। 

    और पढ़ें : समझें क्या है मधुमेह (डायबिटीज) टाइप-1 और टाइप-2

    पहचानें डायबिटीज के लक्षणों को! (Symptoms of Diabetes)

    यह तो सभी जानते हैं कि डायबिटीज के दो प्रमुख प्रकार होते हैं, टाइप वन डायबिटीज (Type 1 Diabetes) और टाइप टू डायबिटीज (Type 2 Diabetes)। टाइप वन डायबिटीज में पैंक्रियाज इंसुलिन बनाना बंद कर देता है, जिसकी वजह से बीमार व्यक्ति को इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं। वहीं टाइप टू डायबिटीज में पैंक्रियाज में इंसुलिन बनाने की रफ्तार कम हो जाती है, जिसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है। लेकिन जब आपको डायबिटीज की समस्या रहती है, तब आपको यह लक्षण दिखाई दे सकते हैं – 

    • बार-बार प्यास लगना जिसे पॉलीडिप्सिया (Polydipsia) कहते हैं।
    • ज्यादा पेशाब होना, अक्सर हर एक घंटे पर। इस स्थिति को पॉल्यूरिया कहते हैं
    • बिना किसी कारण के वजन घटना।
    • जल्दी थकावट महसूस होना।

    ऐसे भी कुछ लक्षण हैं जो व्यक्तिगत रूप से किसी को महसूस हो सकते हैं और किसी को नहीं। जिनमें शामिल हैं:

    • मतली और उलटी।
    • धुंधला दिखाई देना।
    • महिलाओं में बार-बार योनि संक्रमण।
    • मुंह सूखना।
    • जख्म या कट्स भरने में ज्यादा समय लगना।
    • त्वचा में खुजली होना, खासतौर पर कमर और जेनिटल एरिया के आस-पास।

    जब आपको यह लक्षण दिखाई दें, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जितनी जल्दी आप डॉक्टर से संपर्क करेंगे, उतनी ही जल्दी आप ब्लड शुगर लेवल को सामान्य स्तर पर ला सकते हैं। इसलिए समय रहते डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी माना जाता है। अब तक आपने जाना कि डायबिटीज (Diabetes) की समस्या कैसे आपके शरीर में घर कर लेती है। अब हम जानते हैं कि डायबिटीज में हल्दी (Turmeric and diabetes) आपको किस तरह फायदा पहुंचा सकती है।

    डायबिटीज में हल्दी का क्या है स्थान? (Turmeric and diabetes)

    डायबिटीज में हल्दी (Turmeric and diabetes)

    भारतीय किचन में हल्दी (Turmeric) का स्थान एक जड़ी-बूटी के तौर पर माना गया है। हल्दी के पौधे की जड़ से हल्दी बनती है, जो हमारे शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाती है। कई बार यह बीमारियों से बचाव में भी कारगर साबित होती है। इसमें मौजूद करक्यूमिन (Curcumin) एक एक्टिव कंपोनेंट माना जाता है, जो टाइप टू डायबिटीज (Diabetes) की समस्या में फायदेमंद हो सकता है। हल्दी हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है और गठिया के दर्द से भी आराम दिलाती है। यही वजह है कि हल्दी का इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों में आमतौर पर किया जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कई तरह के इंफेक्शन और सूजन से लड़ने में मदद करता है। लेकिन डायबिटीज में हल्दी (Turmeric and diabetes) किस तरह कारगर है, आइए जानते हैं।

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    डायबिटीज में हल्दी : फायदे एक नहीं, बल्कि कई हैं! (Advantages of Turmeric and diabetes)

    जैसा कि हम पहले बता चुके हैं, हल्दी में एक्टिव कंपोनेंट के तौर पर करक्यूमिन (Curcumin) काम करता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन, एनसीबीआई में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार करक्यूमिन शरीर में मौजूद ब्लड शुगर लेवल को कम करता है। इसके साथ-सा डायबिटीज (Diabetes) से रिलेटेड कॉम्प्लिकेशन में भी आराम पहुंचाता है। डायबिटीज से बचाव की बात करें, तो करक्यूमिन हमारे लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है। करक्यूमिन ब्लड शुगर लेवल को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है, जिसकी वजह से आप डायबिटीज को मैनेज कर सकते हैं। इस तरह डायबिटीज में हल्दी (Turmeric) का इस्तेमाल आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

    लेकिन कहा जाता है कि किसी चीज की अति अच्छी नहीं होती, इसलिए हर चीज को एक सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए। यही वजह है कि डायबिटीज में हल्दी (Turmeric and diabetes) का ज्यादा इस्तेमाल आपको कई तरह की परेशानियां दे सकता है। आइए जानते इन परेशानियों के बारे में।

    डायबिटीज में हल्दी (Turmeric and diabetes) : ज्यादा मात्रा कर सकती है मुश्किलें खड़ी 

    हालांकि डायबिटीज में हल्दी (Turmeric and diabetes) का सेवन सुरक्षित माना जाता है, लेकिन जब डायबिटीज में हल्दी का ज्यादा सेवन किया जाए, तो इसमें मौजूद करक्यूमिन आपके लिए कुछ परेशानियों का सबब भी बन सकता है। रोजाना 4 ग्राम से ज्यादा करक्यूमिन (Curcumin) का सेवन आपको ये परेशानियां दे सकता है – 

    • नॉजिया (Nausea)
    • डायरिया (Diarrhea)
    • अपच (Indigestion)

    यदि आप रोजाना 4 ग्राम से ज्यादा करक्यूमिन (Curcumin) का सेवन करते हैं, तो आपको आगे चलकर लिवर प्रॉब्लम भी हो सकती है। इसके अलावा यदि आपको गॉलब्लेडर से संबंधित परेशानियां हैं, तो आपको हल्दी (Turmeric) का सेवन डॉक्टर की सलाह के बगैर नहीं करना चाहिए। इसके अलावा डॉक्टर आपकी जरूरत के अनुसार हल्दी के सेवन की सलाह दे सकते हैं, इस तरह आप डायबिटीज में हल्दी (Turmeric and diabetes) का फायदा बेहतर रूप से उठा सकते हैं। यह तो थी डायबिटीज (Diabetes) में हल्दी की बात। लेकिन सिर्फ हल्दी के बूते ही आप डायबिटीज को मैनेज नहीं कर सकते। आपको इसे मैनेज करने के लिए अन्य बातों का भी ध्यान रखना होता है। आइए जानते हैं वह कौन सी बातें हैं।

    और पढ़ें: बच्चों में डायबिटीज के लक्षण से प्रभावित होती है उसकी सोशल लाइफ

    डायबिटीज (Diabetes) में डायट ही नहीं, इन बातों का भी रखना होता है ख्याल! 

    वैसे तो डायबिटीज (Diabetes) को मैनेज करने के लिए सही डाइट बेहद जरूरी है, इसलिए आपको डायट से संबंधित बातों का ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। लेकिन डायट (Diet) के साथ-साथ आपको रोजाना एक्सरसाइज, लाइफस्टाइल बैलेंस की भी जरूरत पड़ती है। 

    इसके अलावा आपको होल फूड खाने की सलाह दी जाती है, जिसमें सब्जियां, फल और अनाज का समावेश होता है। ध्यान रखने वाली बात यह है कि डायबिटीज में हल्दी (Turmeric and diabetes) के अलावा आपको हाय फाइबर (High fiber) और लो शुगर फूड खाने की जरूरत पड़ती है, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल सामान्य बना रहे।

    वहीं यदि आपकी डायबिटीज (Diabetes) की समस्या ज्यादा बढ़ती है, तो आपको डॉक्टर की सलाह के बाद इंसुलिन से जुड़ी मेडिसिन की जरूरत भी पड़ सकती है। इसलिए समय-समय पर आपको डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत पड़ सकती है। साथ ही डायट, एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल से जुड़ी बातों का ध्यान रखते हुए दवाई लेने की भी जरूरत पड़ सकती है। आइए अब जानते हैं डायबिटीज में हल्दी (Turmeric) के सेवन से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

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    डायबिटीज में हल्दी : सेवन से पहले पढ़ लें ये बातें! (Turmeric and diabetes)

    वैसे तो डायबिटीज में हल्दी एक सप्लिमेंट के तौर पर ली जा सकती है, लेकिन यह जानना जरूरी है कि यह आपके शरीर को सूट होती है या नहीं। डायबिटीज में हल्दी के सेवन से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जो इस प्रकार हैं –

    • यदि आप डायबिटीज में हल्दी (Turmeric and diabetes) से जुड़े सप्लिमेंट ले रहे हैं, तो आपको सप्लिमेंट पैकेट के अंतर्गत लिखी हुई जानकारी ध्यान से पढ़ने की जरूरत पड़ती है। इसके डोजेज से जुड़ी जानकारी आपको डॉक्टर की सलाह के बाद ही लेनी चाहिए।
    • डायबिटीज में हल्दी के सेवन से यूरिनरी ऑक्सलेट लेवल (Urinary oxalate level) बढ़ सकता है, जिसकी वजह से व्यक्ति को एनीमिया की समस्या हो सकती है। यदि आपको किडनी स्टोन (Kidney stone) और एनीमिया (Anemia) की समस्या है, तो आपको डायबिटीज में हल्दी (Turmeric) खाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी जरूरी मानी जाती है।
    • हम में से कई लोग ऐसे हैं, जिनका पाचन तंत्र (Digestive system) काफी सेंसिटिव होता है। ऐसे लोगों में डायबिटीज में हल्दी (Turmeric and diabetes) के सेवन से पेट से संबंधित समस्याएं हो सकती है। इसलिए आपको हल्दी की सीमित मात्रा लेनी चाहिए।
    • ध्यान रखें कि डायबिटीज में हल्दी (Turmeric) का सेवन पकाकर नहीं किया जाना चाहिए। जब आप हल्दी को पका लेते हैं, तो इसकी मेडिसिनल प्रॉपर्टीज कम हो जाती है, जो आपको पूरा फायदा नहीं दे पाती। इस तरह डायबिटीज में हल्दी के सेवन से पहले आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

    और पढ़ें: जेस्टेशनल डायबिटीज क्या है? जानें इसके लक्षण और उपचार विधि

    डायबिटीज में हल्दी का सेवन आमतौर पर आसानी से किया जा सकता है, लेकिन यदि आपको कुछ शारीरिक समस्याएं हैं, तो आपको डॉक्टर की सलाह के बाद ही डायबिटीज में हल्दी (Turmeric and diabetes) का सेवन करना चाहिए। जब आप डॉक्टर की सलाह से हल्दी का सेवन करते हैं, तो आपको कुछ समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही साथ इसके साइड इफेक्ट होने का खतरा भी कम हो जाता है, इसलिए डायबिटीज में हल्दी (Turmeric) का सेवन हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें।

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