डायबिटीज के समस्या किसी भी व्यक्ति के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है। यही वजह है कि डायबिटीज के समस्या से निपटने के लिए आपको सही खानपान का चुनाव करना जरूरी माना जाता है। जब आप किसी खास तरह की डायट को अपनी जरूरत के मुताबिक फॉलो करते हैं, तो डायबिटीज की समस्या में आराम पाया जा सकता है। आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसी ही डायट के बारे में, जो टाइप टू डायबिटीज (Type 2 Diabetes)की समस्या में मददगार साबित हो सकती है। आज हम बात करने जा रहे हैं T2DM लोगों के लिए लो कार्ब और लो सैचुरेटेड फैट डायट ((Low Carb Low Saturated Fat Diet) के बारे में। T2DM लोगों के लिए लो कार्ब और लो सैचुरेटेड फैट (Low Carb Low Saturated Fat Diet For T2DM People) डायट बेहद कारगर साबित हो सकती है। खासतौर पर ब्लड शुगर लेवल को नार्मल बनाए रखने में यह मददगार साबित हो सकती है। लेकिन T2DM लोगों के लिए लो कार्ब और लो सैचुरेटेड फैट डायट के बारे में अधिक जानकारी लेने से पहले आइए डायबिटीज से जुड़ी यह जरूरी बातें जानते हैं।
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क्या है डायबिटीज (Diabetes) की समस्या?
डायबिटीज (Diabetes) की तकलीफ का सीधा असर हमारे इम्यून सिस्टम पर पड़ता है। आमतौर पर जब व्यक्ति खाना खाता है, तो शरीर भोजन से मिले शुगर को तोड़कर उसका इस्तेमाल कोशिका में उर्जा बनाने के लिए करता है। इस कार्य को पूरा करने के लिए पैंक्रियाज को इंसुलिन का उत्पादन करना पड़ता है। इंसुलिन हॉर्मोन शरीर में एनर्जी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन जब आप डायबिटीज की गिरफ्त में होते हैं, तो यही पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन (Insulin) पैदा नहीं कर पाती। इसकी वजह से शरीर में ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) बढ़ता चला जाता है। जब शरीर में ब्लड शुगर लेवल ज्यादा बढ़ जाता है, तो शरीर के कामकाज पर इसका प्रभाव पड़ता है और शरीर की कार्यप्रणाली कमजोर होती चली जाती है।
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यदि समय पर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल ना किया जाए, तो डायबिटीज (Diabetes) अपने साथ-साथ कई अन्य जटिलताओं को भी साथ ले आता है। आपके साथ ऐसी स्थिति ना हो, इसलिए जरूरत है आपको डायबिटीज के लक्षण पहचानने की। आइए जानते हैं डायबिटीज के लक्षणों के बारे में।
ये हो सकते हैं डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of Diabetes)
यह तो सभी जानते हैं कि डायबिटीज के दो प्रमुख प्रकार होते हैं, टाइप वन डायबिटीज (Type 1 Diabetes) और टाइप टू डायबिटीज (Type 2 Diabetes)। टाइप वन डायबिटीज में पैंक्रियाज (Pancreas) इंसुलिन बनाना बंद कर देता है, जिसकी वजह से बीमार व्यक्ति को इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं। वहीं टाइप टू डायबिटीज में पैंक्रियाज में इंसुलिन बनाने की रफ्तार कम हो जाती है, जिसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है। लेकिन जब आपको डायबिटीज की समस्या रहती है, तब आपको यह लक्षण दिखाई दे सकते हैं –
- बार-बार प्यास लगना
- ज्यादा पेशाब होना
- वजन घटना
- थकावट महसूस होना
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ऐसे भी कुछ लक्षण हैं जो व्यक्तिगत रूप से किसी को महसूस हो सकते हैं और किसी को नहीं। जिनमें शामिल हैं:
- मतली और उल्टी (Nausea and vomiting)
- धुंधला दिखाई देना
- महिलाओं में बार-बार योनि संक्रमण।
- मुंह सूखना
- जख्म या कट्स भरने में ज्यादा समय लगना
- त्वचा में खुजली होना
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जब आपको यह लक्षण दिखाई दें, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जितनी जल्दी आप डॉक्टर से संपर्क करेंगे, उतनी ही जल्दी आप ब्लड शुगर लेवल को सामान्य स्तर पर ला सकते हैं। इसलिए समय रहते डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी माना जाता है। जैसा कि आपने जाना डायबिटीज के समस्या किसी भी व्यक्ति के लिए परेशानी का सबब बन सकती है, इसलिए डायबिटीज (Diabetes) को समय रहते कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। जैसा कि आपने जाना डायबिटीज की समस्या आपके लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है, लेकिन इससे जुड़े कॉम्प्लिकेशन के बारे में भी आपको सही जानकारी होना बेहद जरूरी है। T2DM लोगों के लिए लो कार्ब और लो सैचुरेटेड फैट डायट (Low Carb Low Saturated Fat Diet) के बारे में जानने से पहले आइए जानते हैं डायबिटीज से जुड़े कॉम्प्लिकेशन आपको किस तरह हो सकते हैं।
कौन से हैं डायबिटीज से जुड़े कॉम्प्लिकेशन? (Diabetes complications)
डायबिटीज की समस्या एक ऐसी समस्या है, जो अपने साथ कई तरह की बीमारियों को न्यौता देती है। यह धीरे-धीरे आपके शरीर में घर करती जाती है, लेकिन इससे जुड़ी सही जानकारी होने पर आप इसके लक्षणों पर ध्यान देकर इसका इलाज जल्द से जल्द करवा सकते हैं। डायबिटीज के कॉम्प्लिकेशन के रूप में आपको यह तकलीफें दिखाई दे सकती हैं –
- आंखों की समस्या
- इंफेक्शन
- ब्लड प्रेशर
- कोलेस्ट्रॉल
- नर्व डैमेज
- पाचन संबंधी समस्याएं
- किडनी डैमेज
- हड्डियों से जुड़ी समस्याएं
यह सभी समस्याएं आपको डायबिटीज के चलते हो सकती हैं, इसलिए इन समस्याओं को डायबिटीज कॉम्प्लिकेशन के रूप में देखा जाता है। दरअसल डायबिटीज से जुड़ी यह सभी समस्याएं किसी भी व्यक्ति को बीमार कर सकती हैं, इसलिए डायबिटीज को सामान्य बनाकर इन कॉम्प्लिकेशन को दूर रखने की कोशिश करनी चाहिए। यही वजह है कि सही डायट के जरिए आप अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में लाकर डायबिटीज से जुड़े कॉम्प्लिकेशन को सामान्य बनाए रख सकते हैं। आइए अब जानते हैं T2DM लोगों के लिए लो कार्ब और लो सैचुरेटेड फैट (Low Carb Low Saturated Fat Diet For T2DM People) डायट से जुड़ी यह जरूरी बातें।
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T2DM लोगों के लिए लो कार्ब और लो सैचुरेटेड फैट (Low Carb Low Saturated Fat Diet For T2DM People) डायट क्यों है जरूरी?
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन में छपी एक रिसर्च के मुताबिक T2DM लोगों के लिए लो कार्ब और लो सैचुरेटेड फैट (Low Carb Low Saturated Fat Diet For T2DM People) डायट बेहद कारगर मानी जाती है। इस रिसर्च में 24 सप्ताह तक 93 टाइप टू डायबिटीज से ग्रसित वयस्कों पर क्लिनिकल ट्रायल किया किया गया, जिसके मुताबिक यह बात सामने आई कि खास तरह के ईटिंग पैटर्न, जिसमें कम कार्बोहाइड्रेट, कम फैट और ज्यादा प्रोटीन का इस्तेमाल किया गया, उनमें कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और डायबिटीज की समस्या में बेहतरी पाई गई।
साथ ही T2DM लोगों के लिए लो कार्ब और लो सैचुरेटेड फैट डायट (Low Carb Low Saturated Fat Diet) की वजह से लोगों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहतर पाया गया। इस रिसर्च में यह साबित हुआ कि डायबिटीज ट्रीटमेंट के तौर पर लाइफ़स्टाइल मॉडिफिकेशन और सही डायट का इस्तेमाल करने पर डायबिटीज मैनेजमेंट थेरेपी का असर कारगर रूप में देखा जा सकता है। साथ ही इससे वेट मैनेजमेंट भी बेहतर रूप से होता हुआ दिखाई दिया। जरूरत से ज्यादा वजन भी डायबिटीज की समस्या में खतरनाक माना जाता है, इसलिए T2DM लोगों के लिए लो कार्ब और लो सैचुरेटेड फैट डायट कारगर साबित हो सकता है।
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वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक T2DM लोगों के लिए लो कार्ब और लो सैचुरेटेड फैट (Low Carb Low Saturated Fat Diet For T2DM People) डायट क्लीनिकल ग्लाइसेमिक कंट्रोल और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की बेहतरीन के लिए कारगर साबित हुआ। इस रिसर्च में यह साबित हुआ कि T2DM लोगों के लिए लो कार्ब और लो सैचुरेटेड फैट डायट (Low Carb Low Saturated Fat Diet), टाइप टू डायबिटीज मैनेजमेंट के डायटरी अप्रोच के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
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T2DM लोगों के लिए लो कार्ब और लो सैचुरेटेड फैट डायट एक ऐसी डायट के रूप में देखा जा सकता है, जो डायबिटीज के साथ-साथ ह्रदय रोग से ग्रसित लोगों की सेहत को बेहतर बनाए। लेकिन T2DM लोगों के लिए लो कार्ब और लो सैचुरेटेड फैट (Low Carb Low Saturated Fat Diet For T2DM People) डायट अलग-अलग तरह से कारगर मानी जा सकती है। इससे डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति की सेहत सीधे तौर पर प्रभावित होती है, इसलिए डॉक्टर की सलाह के बाद ही और अपनी जरूरत के मुताबिक T2DM लोगों के लिए लो कार्ब और लो सैचुरेटेड फैट डायट (Low Carb Low Saturated Fat Diet) का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। डॉक्टर व्यक्ति की स्थिति को जांच कर T2DM लोगों के लिए लो कार्ब और लो सैचुरेटेड फैट डायट का चुनाव कर सकते हैं।
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