आजकल स्वस्थ और फिट रहने के लिए लोग अपने खानपान यानी डायट का खास ख्याल रखते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि अगर आपको डायबिटीज है तो आपको अपने आहार का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। आपने डायबिटीज के लिए शुगर फ्री खाद्य पदार्थों के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन क्या आप ग्लूटेन फ्री आहार के बारे में जानते हैं? अगर नहीं जानते, तो कोई बात नहीं। क्योंकि आज हम बात करने वाले हैं डायबिटीज और ग्लूटेन (Diabetes and Gluten) के बारे में। आइए, जानते हैं डायबिटीज और ग्लूटेन (Diabetes and Gluten) के बीच के लिंक के बारे में विस्तार से। सबसे पहले ग्लूटेन के बारे में जान लेते हैं।
ग्लूटेन (Gluten) क्या है?
ग्लूटेन आजकल एक बहस का विषय बन चुका है। क्योंकि कुछ एक्सपर्ट यह मानते हैं कि ग्लूटेन सीलिएक डिजीज (Celiac Disease) से पीड़ित लोगों के अलावा अन्य लोगों के लिए भी पूरी तरह से सुरक्षित है। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट यह मानते हैं कि ग्लूटेन अधिकतर लोगों के लिए हानिकारक होता है। यू.एस फ़ूड और ड्रग (U.S. Food and Drug) के अनुसार ग्लूटेन एक तरह की प्रोटीन है, जो अनाज में पाई जाती है जैसे गेहूं, राई और जौ आदि। जिस अनाज में ग्लूटेन सामान्यतया पाई जाती है, उनमें गेहूं सबसे सामान्य है। हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि ग्लूटेन डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए नुकसानदायक हो। अधिकतर डायबिटीज से पीड़ित रोगियों को ग्लूटन फ्री डायट का पालन नहीं करना पड़ता है। हालांकि, कुछ डायबिटीज के रोगियों के लिए ग्लूटेन फ्री डायट (Gluten Free Diet) का सेवन लाभदायक हो सकता है।
ऐसा माना जाता है कि ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें ग्लूटेन होता है, वो ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को बढ़ाते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) और सीलिएक डिजीज (Celiac Disease) के बीच में लिंक है, जिससे गंभीर ग्लूटेन इनटॉलेरेंस (Severe gluten intolerance) हो सकती है। अगर किसी रोगी को लगता है कि उनकी डायट का हेल्थ पर प्रभाव पड़ रहा है, तो उन्हें अपने आहार में ग्लूटेन को कट कर देना चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। आइए अब जानते हैं कि डायबिटीज और ग्लूटेन (Diabetes and Gluten) के बीच के लिंक के बारे में?
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डायबिटीज और ग्लूटेन के बीच में क्या लिंक है? (Diabetes and Gluten)
डायबिटीज और ग्लूटेन (Diabetes and Gluten) के बीच में लिंक डायबिटीज के प्रकार पर निर्भर करता है। डायबिटीज के दो मुख्य प्रकार हैं टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज। आइए जानते हैं डायबिटीज के इन प्रकारों और ग्लूटेन के बीच के संबंध के बारे में:
- टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes): टाइप 1 डायबिटीज और सीलिएक डिजीज (Celiac Disease) दोनों के बीच में गहरा संबंध है। यह दोनों ऑटोइम्यून कंडिशंस हैं। डायबिटीज और सीलिएक डिजीज दोनों की स्थिति में ग्लूटेन को नजरअंदाज करना जरूरी माना गया है।
- टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes): टाइप 2 डायबिटीज ऑटोइम्यून कंडीशन नहीं है। इसका सीलिएक डिजीज (Celiac Disease) से कोई लिंक नहीं है। हालांकि, ग्लूटेन को इस डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए सुरक्षित माना जाता है। लेकिन, ग्लूटेन वाले कई खाद्य पदार्थों जैसे ब्रेड और बिस्किट्स में शुगर और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं। इन खाद्य पदार्थों के सेवन से ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) पर खास प्रभाव पड़ता है। इसलिए, डायबिटीज से पीड़ित लोगों को इनका कम मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।
इसके साथ ही आपको इस बात के बारे में जानकारी होना भी आवश्यक है कि ग्लूटेन फ्री फ़ूड में कार्बोहायड्रेट्स और कैलोरीज भी होती हैं। इस फ़ूड का ब्लड ग्लूकोज (Blood Glucose) पर प्रभाव पड़ता है और इससे वजन भी बढ़ सकता है। इसलिए ऐसे में ब्लड ग्लूकोज को मॉनिटर करना बेहद जरूरी है। ग्लूटेन वो प्रोटीन है, जो कुछ अनाजों जैसे गेहूं, जौं आदि में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। इसके यह चीजें भी ग्लूटेन होता है:
- सीरियल्स (Cereals)
- क्रैकर्स (Crackers)
- ब्रेड (Bread)
- बियर (Beer)
- पास्ता (Pasta)
- केक और पेस्ट्री (Cakes and pastries)
यह तो थी और ग्लूटेन (Diabetes and Gluten) के बारे में जानकारी। अब जानते हैं डायबिटीज के प्रकार और ग्लूटेन के बारे में विस्तार से।
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टाइप 1 डायबिटीज और ग्लूटेन (Type 1 diabetes and gluten)
जैसा की पहले ही बताया गया है कि टाइप 1 डायबिटीज और सीलिएक डिजीज दोनों ऑटोइम्यून कंडिशंस (Autoimmune Conditions) हैं। सीलिएक डिजीज (Celiac Disease) से पीड़ित लोगों को अन्य इम्यून डिजीज (Immune Disease) होने का खतरा अधिक होता है। जिसमें टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) भी शामिल है। सीलिएक डिजीज के कारण डायबिटीज के लक्षणों को मैनेज करना बेहद मुश्किल हो जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि ग्लूटेन का सेवन करने से गट लायनिंग (Gut Lining) में सूजन हो सकती है। इससे गट की फ़ूड एब्जॉर्ब करने की क्षमता पर प्रभाव पड़ सकता है। अगर किसी व्यक्ति को सीलिएक डिजीज या नॉन सीलिएक ग्लूटेन सेंसिटिविटी है, तो उन्हें ग्लूटेन युक्त आहार का सेवन करने से बचना चाहिए। यह चीज उन लोगों पर भी अप्लाई होती है, जिन्हें डायबिटीज नहीं है।
हालांकि वैज्ञानिक अभी भी इस बारे में शोध कर रहे हैं कि किस तरह से ग्लूटेन, टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित (Type 1 Diabetes) उन लोगों को प्रभावित कर सकती है, जिन्हें सीलिएक डिजीज नहीं है। कुछ शोध यह भी बताते हैं कि सीलिएक डिजीज और डायबिटीज दोनों से प्रभावित लोगों में लो कोलेस्ट्रॉल लेवल (Low Cholesterol level), लो ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन वैल्यूज (Low glycated hemoglobin values) आदि की संभावना होती है। एक अन्य स्टडी के अनुसार डायबिटीज और सीलिएक डिजीज (Celiac Disease) से पीड़ित जो लोग ग्लूटेन फ्री डायट (Gluten Free Diet) का पालन करते हैं, उनका ब्लड प्रेशर उन लोगों से कम होता है, जो केवल डायबिटीज से पीड़ित हैं। जानिए डायबिटीज की विभिन्न स्थितियों और ग्लूटेन (Diabetes and Gluten) के बारे में।
बच्चे और नवजात शिशु (Children and infants)
ऐसा माना जाता है कि टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित 10 प्रतिशत से कम बच्चों को सीलिएक डिजीज (Celiac Disease) के लक्षणों का अनुभव हो सकता है। डॉक्टर टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चों में सीलिएक डिजीज (Celiac Disease) के लिए साल में एक या दो बार टेस्ट करने की सलाह देते हैं। एक स्टडी के अनुसार ग्लूटेन फ्री डायट (Gluten Free Diet), टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चों के लिए लाभदायक हो सकती है।
प्रेग्नेंसी (Pregnancy)
ऐसा भी माना जाता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान ग्लूटेन फ्री डायट (Gluten Free Diet) का सेवन करने से शिशु में टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) का जोखिम कम हो सकता है। हालांकि, एक अन्य अध्ययन के अनुसार मां की डायट और शिशु में टाइप 1 डायबिटीज का कोई संबंध नहीं है। यानी अभी इस बारे में भी अधिक शोध की जरूरत है। अगर आपके दिमाग में इस बारे में कोई भी सवाल या चिंता हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
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टाइप 2 डायबिटीज और ग्लूटेन (Type 2 diabetes and gluten)
अध्ययन से इस बात का कोई प्रूफ नहीं मिला है कि ग्लूटेन फ्री डायट, टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) से बचाव और इसे मैनेज करने में लाभदायक है। कुछ शोधकर्ता इस बात को मानते हैं कि ग्लूटेन फ्री डायट (Gluten Free Diet) मोटापा और टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के रिस्क को कम कर सकती है। हालांकि, इसके बारे में अभी कम जानकारी उपलब्ध है और अधिक रिसर्च की जानी जरूरी है। हालांकि, टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) की स्थिति में ग्लूटेन को नजरअंदाज करने की सलाह नहीं दी जाती है। अब जानते हैं डायबिटीज और ग्लूटेन (Diabetes and Gluten) फ्री फूड्स के बारे में।
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डायबिटीज और ग्लूटेन फ्री फूड्स (Diabetes and Gluten free foods)
अगर किसी को डायबिटीज की समस्या है और वो ग्लूटेन फ्री डायट (Gluten Free Diet) लेता है, तो हो सकता है कि शुरुआत में वो कम विकल्पों का चुनाव करें। हालांकि डायबिटीज और ग्लूटेन (Diabetes and Gluten) फ्री डायट में हेल्दी फूड्स की विस्तृत रेंज उपलब्ध है। मील प्लानिंग करने से आप ब्लड ग्लूकोज लेवल को सही बनाए रखने के साथ ही दैनिक पोषण संबंधी आवश्यकताओं को भी पूरा कर सकते हैं। डायटीशियन, डायबिटीज और सीलिएक डिजीज से पीड़ित लोगों के लिए सही और न्यूट्रिशियस फ़ूड को चुनने में मदद कर सकते हैं।
ग्लूटेन फ्री फ़ूड में कार्बोहायड्रेट्स और फैट की मात्रा ग्लूटेन युक्त आहार की तुलना में अधिक हो सकती है और इसमें फायबर की मात्रा कम हो सकती है। इसके कारण रोगी को अपने आहार में न्यूट्रिशियस हाय फायबर और ग्लूटेन फ्री फ़ूड को शामिल करना चाहिए। यही नहीं, ग्लूटेन फ्री डायट (Gluten Free Diet) लेने से कैल्शियम (Calcium), विटामिन डी (Vitamin D), बी विटामिन्स (B Vitamins), आयरन (Iron) और अन्य मिनरल्स की भी कमी हो सकती है। ऐसे में इस डायट का पालन करने से पहले डॉक्टर और डायटीशियन से अवश्य राय ले लें। डायबिटीज और सीलिएक डिजीज (Celiac Disease) से पीड़ित लोगों को जिन ग्लूटेन फ्री फूड्स और ड्रिंक्स को लेने की सलाह दी जाती है, वो इस प्रकार हैं:
- 1% फैट मिल्क, चीज़,फोर्टिफाइड सोया मिल्क
- अंडे, चिकन, फिश
- मेवे, ऑलिव आयल, एवोकाडो
- गाजर, हरी बीन्स, खीरा, ब्रोकली, गोभी, मशरुम, प्याज, शिमला मिर्च, पालक और टमाटर
- पीनट बटर , बीन्स ,और फलियां
- ग्लूटेन फ्री अनाज जैसे क्विनोआ, बाजरा, ज्वार आदि
- पेय पदार्थ जिनमें शुगर और कैलोरीज कम हों
जैसा की पहले ही बताया गया है कि ग्लूटेन फ्री डायट (Gluten Free Diet) का पालन करने से आपको पर्याप्त मात्रा में फायबर नहीं मिल पाता है। लेकिन, आप ऐसे में कुछ सब्जियों को अपने आहार में शामिल कर के पर्याप्त मात्रा में फायबर ग्रहण कर सकते हैं। क्योंकि सब्जियां डायबिटीज के लिए भी एक अच्छा विकल्प हैं। इसके साथ ही बीन्स, सीड्स और मेवे आदि का सेवन करने से भी आपको पर्याप्त फायबर मिल सकता है। यह तो थी डायबिटीज और ग्लूटेन (Diabetes and Gluten) के बारे में जानकारी। लेकिन, अब ग्लूटेन फ्री डायट और ब्लड शुगर लेवल के बारे में जानना भी आवश्यक है, जानिए इसके बारे में।
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ग्लूटेन फ्री डायट और ब्लड शुगर लेवल (Gluten free diet and Blood Sugar level)
अगर आपको सीलिएक डिजीज (Celiac Disease) है, तो अपने ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को मॉनिटर करना बेहद जरूरी है। क्योंकि, सीलिएक डिजीज के कारण स्मॉल इंटेस्टाइन डैमेज हो सकता है। जिससे जिस आहार को हम खाते हैं, वो सही से एब्जॉर्ब नहीं हो पाता है। लेकिन, जब आप ग्लूटेन फ्री डायट को लेना शुरू करते हैं, तो आपका स्मॉल इंटेस्टाइन हील होना शुरू होता है। यानी, आप फिर से न्यूट्रिएंट को आसानी से एब्जॉर्ब कर पाते हैं।
यही नहीं, इससे अस्थायी रूप पर आपके ब्लड शुगर पर भी प्रभाव पड़ता है। इसलिए अपने ब्लड शुगर लेवल पर खास ध्यान दें। लेकिन, ऐसे में आपका डायबिटीज टेस्ट रिजल्ट भी अस्थायी रूप से बदतर आ सकते हैं। क्योंकि, जब आपका शरीर अधिक न्यूट्रिएंट्स को एब्सॉर्ब करता है तो आपका वजन और कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने लगता है। ऐसा भी पाया गया है कि जब डायबिटीज और सीलिएक डिजीज से पीड़ित बच्चे ग्लूटेन फ्री आहार का सेवन करते हैं, तो उनमें हीमोग्लोबिन A1C लेवल्स (Hemoglobin A1C levels) बढ़ सकते हैं।ऐसे में, अगर आप ग्लूटेन फ्री डायट (Gluten Free Diet) का सेवन भी कर रहे हैं, तब भी अपने ब्लड शुगर को मैनेज करने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें। इससे आपको डायबिटीज और सीलिएक डिजीज आदि को मैनेज करने में मदद मिलेगी।
डायबिटीज और ग्लूटेन (Diabetes and Gluten) के बारे में अधिक जानकारी के लिए भी अपने डॉक्टर से अवश्य सलाह लें। ग्लूटेन फ्री खाद्य पदार्थ बहुत ही अधिक महंगे भी हैं। ऐसे में, अगर आपके लिए ग्लूटेन फ्री आहार मेडिकली जरूरी नहीं है, तो डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए हेल्दी और संतुलित डायट का पालन करना बेहतर है। शोधकर्ताओं ने ग्लूटेन फ्री डायट (Gluten Free Diet) का डायबिटीज कंट्रोल में प्रभाव को लेकर कई स्टडीज की हैं। लेकिन, यह स्टडीज अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं। डॉक्टर्स के पास इस बात के पर्याप्त सुबूत नहीं हैं कि वो डायबिटीज से पीड़ित हर रोगी को ग्लूटेन फ्री आहार को लेने की सलाह दे सकें।
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उम्मीद है कि डायबिटीज और ग्लूटेन (Diabetes and Gluten) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। डॉक्टर उन लोगों की सीलिएक डिजीज (Celiac Disease) के लिए जांच करते हैं जिन्हें टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) है। क्योंकि इन दोनों कंडिशंस में गहरा सम्बन्ध है। जिन लोगों लोगों को सीलिएक डिजीज (Celiac Disease) है या नॉन सीलिएक ग्लूटेन सेंसिटिविटी (Non celiac gluten sensitivity) और डायबिटीज है, उन्हें ग्लूटेन अवश्य नजरअंदाज करना चाहिए। इस दौरान आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं इसमें आपके डॉक्टर और डायटीशियन दोनों मदद कर सकते हैं। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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