न्यूट्रिशन कम्युनिटी में सबसे विवादास्पद मुद्दों में से एक यह है कि क्या दूध का सेवन हेल्दी है या बीमारी का एजेंट है। खासकर तब जब आपको डायबिटीज (Diabetes) हो। क्या डायबिटीज में दूध का सेवन (Milk consumption in diabetes) नहीं करना चाहिए? अक्सर यह कहा जाता है कि दूध डायबिटीज रोगियों के लिए हेल्दी नहीं है। हालांकि, डायबिटीज में सभी प्रकार के दूध का सेवन करने की मनाही नहीं है। आपको दूध में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व जैसे कैल्शियम और प्रोटीन की जरूरत होती है, लेकिन हर तरह के मिल्क में सैचुरेटेड फैट (Saturated fat), कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) और शुगर के लेवल (Sugar level) पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। यह आर्टिकल आपको यह निर्धारित करने में मदद करेगा कि डायबिटीज में दूध (Milk in diabetes) का सेवन करना है या नहीं? यहां दी गई जानकारी आपको अपनी आहार संबंधी जरूरतों के लिए सबसे अच्छा मिल्क चुनने में मदद करेगी।
दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्व कौन से हैं?
डेयरी आपकी डायट के लिए जरूरी है क्योंकि इसमें कैल्शियम (Calcium) भरपूर मात्रा में पाया जाता है, लेकिन इसमें फैट और कार्ब्स में भी अधिक मात्रा हो सकता है, जिससे यह डायबिटीज वाले लोगों के लिए जोखिम भरा हो सकता है।
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एक कप होल फैट मिल्क (Whole-fat milk) में होता है:
- लगभग 152 कैलोरी
- लगभग 7 ग्राम फैट
- लगभग 12 ग्राम कार्बोहाइड्रेट
एक कप कम वसा वाले दूध (Reduced-fat milk) में होता है:
- लगभग 122 कैलोरी
- लगभग 5 ग्राम फैट
- लगभग 12 ग्राम कार्बोहाइड्रेट
एक कप कम वसा वाले दूध (Low-fat milk) में होता है:
- लगभग 106 कैलोरी
- लगभग 5 ग्राम फैट
- लगभग 12 ग्राम कार्बोहाइड्रेट
एक कप वसा रहित दूध में (Fat-free milk) होता है:
- लगभग 84 कैलोरी
- लगभग 1 ग्राम से कम फैट
- लगभग 12 ग्राम कार्बोहाइड्रेट
डायबिटीज और हाय-फैट डायट्स से हार्ट डिजीज (Cardiovascular disease) का खतरा बढ़ता है। अपने आहार में फैट को मैनेज करके, आप इस रिस्क को कम करने में मदद कर सकते हैं। ध्यान रखें कि आप अच्छी मात्रा में हेल्दी फैट खाते हुए अनहेल्दी फैट को कम करें। गुड फैट्स (Good fats) डायबिटीज को मैनेज करने में आपकी मदद करते हैं। अब जान लेते हैं डायबिटीज में दूध से जुड़ी खास जानकारी।
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डायबिटीज में दूध: दूध का सेवन और टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) में क्या है संबंध?
कुछ कंट्रोवर्सियल स्टडीज हुई हैं जो गाय के दूध के सेवन को जुवेनाइल ऑनसेट डायबिटीज (Juvenile onset diabetes) से लिंक करती हैं, जिसे आमतौर पर टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) के रूप में जाना जाता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि गाय के दूध की प्रोटीन कम्पोजिशन, विशेष रूप से A1 बीटा-कैसिइन (A1 beta-casein) मॉलिक्यूल, ह्यूमन मिल्क से मौलिक रूप से भिन्न होती है और ह्यूमन्स के लिए इसे पचाना बेहद कठिन हो सकता है।
हालांकि, अधिक शोध की आवश्यकता है, अध्ययनों से पता चलता है कि गाय के दूध में मौजूद बोवाइन इंसुलिन (Bovine insulin) के साथ ए1 बीटा-कैसीन (A1 beta-casein) जेनेटिक रूप से अतिसंवेदनशील बच्चों में जिनमें एक एचएलए (ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजन) कॉम्प्लेक्स होता है, ऑटोम्यून्यून रिएक्शन (autoimmune reaction) को ट्रिगर कर सकता है। यह ऑटोइम्यून रिएक्शन शरीर को बीटा-सेल्स के खिलाफ एंटीबॉडी प्रोड्यूस करने का कारण बनता है – सेल्स जो पैंक्रियास इंसुलिन का उत्पादन करती हैं – धीरे-धीरे इन कोशिकाओं को नष्ट कर देती हैं और टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) का कारण बनती हैं।
डायबिटीज में दूध का सेवन और टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के बीच क्या है लिंक?
आपको जानकर हैरानी होगी कि 16 स्टडीज से पता चलता है कि फुल-फैट मिल्क वास्तव में डायबिटीज, ओबेसिटी और हार्ट डिजीज से बचा सकता है। दूध के फैट में में पाया जाने वाला एक फैटी एसिड, ट्रांस-पामिटोलिक एसिड (Trans-palmitoleic acid) इंसुलिन के लेवल के साथ-साथ इंसुलिन सेंस्टिविटी में भी सुधार कर सकता है। वहीं, एक अध्ययन में, ब्लड में ट्रांस-पामिटोलिक एसिड के हाई लेवल वाले प्रतिभागियों में निम्न स्तर वाले लोगों की तुलना में डायबिटीज डेवलप होने का रिस्क 60% कम था।
इसके अलावा, डेयरी प्रोडक्ट्स में फैट में ब्यूटायरेट (butyrate) भी होता है जो न केवल गट फ्लोरा (Gut flora) में सुधार करने के लिए जाना जाता है बल्कि सूजन को भी रोकता है जो डायबिटीज और हार्ट डिजीज जैसी क्रोनिक बीमारियों के डेवलपमेंट से जुड़ा हुआ है। फाइटैनिक एसिड (Phytanic acid), डेयरी फैट में मौजूद एक अन्य फैटी एसिड, और दूध में एक नैचुरल ट्रांस फैट संयुग्मित लिनोलेनिक एसिड (Conjugated linolenic acid) भी डायबिटीज, हृदय रोग और कैंसर के रिस्क को कम करने के लिए उपयोगी पाया गया है।
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अगर मुझे डायबिटीज में दूध का सेवन करना चाहिए? (Should I consume milk if I am diabetic?)
डायबिटीज में दूध का सेवन करना सबकी अपनी पसंद है और यह कई फैक्टर्स पर आधारित है, जिनमें शामिल हैं:
- एक्टिविटी लेवल
- कुल कैलोरी इन्टेक
- सैचुरेटेड और अनसैचुरेटेड फैट इन्टेक
- अन्य पेय पदार्थों का सेवन
- ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग रिजल्ट्स
डायबिटीज में किस प्रकार के दूध का सेवन करना सुरक्षित है? (Which type of milk is safe to consume in diabetes?)
यदि आप डायबिटीज में दूध का सेवन करना चाहते हैं, तो फैट फ्री दूध (जो कि ग्रेन फ्री हो), ऑर्गेनिक, घास-पात खाने वाली गायों से आने वाला दूध आपके लिए उपयुक्त रहेगा। 2013 के एक अध्ययन से पता चलता है कि अन्य प्रकार के दूध की तुलना में चरागाह वाली गायों (Pasture-fed cows) के दूध में हार्ट-हेल्दी ओमेगा-3 फैटी एसिड अधिक हो सकता है। इस दूध में प्रति कप 12 ग्राम कार्ब्स और 8 ग्राम प्रोटीन होता है। इसके अलावा आप इनका भी सेवन कर सकते हैं-
- अनस्वीटेंड बादाम दूध (Unsweetened Almond Milk) : यह कैल्शियम युक्त दूध लैक्टोज फ्री होता है। एक कप में 40 कैलोरी, 2 ग्राम कार्ब्स और जीरो सैचुरेटेड फैट होता है। इसका पौष्टिक, विशिष्ट स्वाद इसे डायबिटीज में पीने योग्य बनाता है।
- अनस्वीटेंड ऑर्गेनिक सोयामिल्क (Unsweetened Organic Soymilk) : डायबिटीज में दूध के अल्टरनेटिव के तौर पर सोयामिल्क को चूज किया जा सकता है। सोयामिल्क एक हाई कैल्शियम, डेयरी-फ्री ऑप्शन है। यह विटामिन बी-12 में हाई है और इसके एक कप में 4 ग्राम कार्ब्स होते हैं।
- लो-फैट वाला बकरी का दूध (Low fat goat milk) : कम फैट वाले बकरी के दूध में प्रति कप 11 ग्राम कार्ब्स और 8 ग्राम प्रोटीन होता है। यह कैल्शियम से भरपूर होता है।
- अनस्वीटेंड अलसी का दूध (Unsweetened Flax Milk) : इसके प्रति कप में केवल 1 ग्राम कार्ब्स और 25 कैलोरी होती है। यह अधिकांश एलर्जी से मुक्त है और 1,200 मिलीग्राम ओमेगा-3 फैटी एसिड की आपूर्ति करता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ऊपर दिए गए मिल्क टाइप्स अनस्वीटेंड हैं। यदि इस प्रकार के दूध में एडेड शुगर होती है, तो उनमें अधिक कार्बोहाइड्रेट भी होते हैं।
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अगर आपको मधुमेह है तो आप कितना दूध पी सकते हैं? (How Much Milk Can You Drink If You Have Diabetes?)
इस प्रश्न का कोई स्पष्ट उत्तर नहीं है क्योंकि डायबिटीज या इंसुलिन रेजिस्टेंस वाले कोई भी दो व्यक्ति एक जैसा रिएक्शन नहीं देते हैं। आपके लिए यह पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप दूध पीने से पहले और उसके 30 मिनट बाद अपने ब्लड शुगर लेवल को जरूर चेक करें। ध्यान रखें कि इंसुलिन सेंस्टिविटी पूरे दिन बदलती रहती है – दूसरे शब्दों में, यदि आप सुबह और रात में दूध पीना पसंद करते हैं, तो हर बार अपने ब्लड शुगर लेवल का टेस्ट करना सुनिश्चित करें।
यदि आपको डायबिटीज डायग्नोस हुई है, तो आपका डॉक्टर शायद आपको एक डायटीशियन से संपर्क करने की सलाह दे सकता है। डायटीशियन हर दिन आपके द्वारा खाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट काउंट को चेक करता है। उस ही के आधार पर वह डायबिटीज में दूध या अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन की सलाह दे सकता है। किसी भी प्रकार के दूध का चयन करते समय लेबल ध्यान से पढ़ें। एडेड शुगर से सचेत रहें। सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा चुना गया दूध पोषण प्रदान करता हो जो आपके पर्सनल डायट गोल को पूरा करता हो।
उम्मीद करते हैं कि आपको डायबिटीज में दूध के सेवन से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में डायबिटीज में दूध के सवाल से जुड़ा अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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