नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड साल 2002 के रिपोर्ट अनुसार ग्रामीण इलाकों में 2.4 प्रतिशत लोग डायबिटीज टाइप 2 के पेशेंट हैं, तो वहीं शहरी इलाके में 11.6 प्रतिशत लोग डायबिटीज टाइप 2 के शिकार हैं। रिपोर्ट के अनुसार ये आंकड़े भी बढ़ते जा रहें हैं, लेकिन हम रिसर्च रिपोर्ट्स एवं एक्सपर्ट के सलाह अनुसार डायबिटीज टाइप 2 रिवर्सल (Diabetes Type 2 Reversal) प्रक्रिया आपसे शेयर करने जा रहे हैं, जो इस बीमारी से निजात दिलाने में मददगार हो सकते हैं। डायबिटीज टाइप 2 रिवर्स करने के उपाय जानने से पहले टाइप 2 डायबिटीज से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को जानना जरूरी है, तभी तो इस इस बीमारी से बचाव संभव है।
- डायबिटीज टाइप 2 क्या है?
- डायबिटीज टाइप 2 के लक्षण क्या हैं?
- डायबिटीज टाइप 2 के कारण क्या हैं?
- डायबिटीज टाइप 2 रिवर्सल (Diabetes Type 2 Reversal) कैसे किया जा सकता है?
चलिए इन सवालों का जवाब एक-एक कर समझने की कोशिश करते हैं।
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डायबिटीज टाइप 2 (Diabetes Type 2 Reversal) क्या है?
डायबिटीज टाइप 2 की समस्या होने पर ब्लड में शुगर या ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा बनने लगती है। इंसुलिन हॉर्मोन ब्लड से ग्लूकोज को सेल्स तक पहुंचाने में सहायक होता है, जिससे बॉडी को एनर्जी मिलती है, लेकिन टाइप 2 डायबिटीज (Diabetes Type 2) होने पर शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन की ओर प्रतिक्रिया नहीं कर पाती है, जिससे शरीर में बहुत कम मात्रा में इंसुलिन (Insulin) बनता है। दरअसल जब कोशिकाओं को इंसुलिन की आवश्यकता होती है, तो पेन्क्रियाज उन्हें इंसुलिन नहीं भेज पाता है। इस स्थिति को इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin Resistance) भी कहा जाता है। इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए कोई उपाय न करने पर ब्लड ग्लूकोज का स्तर (Blood glucose level) तेजी से बढ़ता है, जो भविष्य में गंभीर हो सकता है। अगर यह परेशानी ज्यादा बढ़ जाए, तो भविष्य में परेशानी और ज्यादा बढ़ने की संभावना बनी रहती है। वैसे बीमारी कितनी भी गंभीर क्यों ना हो, लेकिन शरीर में दस्तक देने के साथ-साथ शरीर में कुछ बदलाव भी महसूस किये जाते हैं। आर्टिकल में टाइप 2 डायबिटीज के लक्षणों को आगे समझेंगे, जिससे इस डायबिटीज टाइप 2 रिवर्सल (Diabetes Type 2 Reversal) प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू हो सके और इस बीमारी से निजात मिल सके।
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डायबिटीज टाइप 2 के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Diabetes Type 2 Reversal)
डायबिटीज टाइप 2 की समस्या होने पर शरीर में कई तरह के नेगेटिव चेंजेस हो सकते हैं, जिसके लक्षण निम्नलिखित हैं। जैसे-
- बार-बार भूख लगना
- जरूरत से ज्यादा प्यास लगना
- बार-बार पेशाब जाना
- लेजी महसूस होना
- शरीर को ताकत नहीं मिलना
- वजन कम होना
- मुंह सूखना
- त्वचा पर खुजली महसूस होना
- देखने में परेशानी महसूस होना
- हाथ पैर सुन्न होना या झुनझुनी महसूस होना
इन लक्षणों के अलावा डायबिटीज टाइप 2 के लक्षण धीरे-धीरे बढ़ने लगते हैं। जैसे-
- यीस्ट इंफेक्शन होना (Yeast Infection)
- कटने या घाव होने पर जल्द ठीक ना होना
- त्वचा पर काले धब्बे पड़ना
- पैरों में दर्द महसूस होना
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पुरुषों में टाइप 2 डायबिटीज की समस्या होने पर इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या हो सकती है और इसके अलावा अन्य लक्षण भी देखे जा सकते हैं, जो इस प्रकार हैं। जैसे-
- आर्मपिट, ठोढ़ी और प्राइवेट ऑर्गेन के आसपास की त्वचा का रंग गहरा पड़ना
- सेक्स (Sex) की इच्छा कम होना
- बार-बार चक्कर आना
- सिरदर्द महसूस होना
- जरूरत से ज्यादा पसीना आना
- कमजोरी महसूस होना
- नींद आना
- चिड़चिड़ापन महसूस होना
अगर इन लक्षणों को इग्नोर ना किया जाए, तो डायबिटीज टाइप 2 रिवर्सल (Diabetes Type 2 Reversal) संभव माना जाता है। डायबिटीज टाइप 2 रिवर्सल (Diabetes Type 2 Reversal) से पहले इसके कारणों को जान लेते हैं।
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डायबिटीज टाइप 2 के कारण क्या हैं? (Cause of Type 2 Diabetes )
टाइप 2 डायबिटीज के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
जीन (Genetics)- ह्यूमन बॉडी में मौजूद DNA हर व्यक्ति में अलग-अलग तरह का होता है, जो शरीर में मौजूद इंसुलिन (Insulin) को प्रभावित करता है।
वजन बढ़ना (Weight gain)- नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार शरीर का वजन अगर जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए, तो इंसुलिन की मात्रा कम हो सकती है और व्यक्ति टाइप 2 डायबिटीज का शिकार हो सकता है या शिकार हो सकती हैं।
मेटाबोलिक सिंड्रोम (Metabolic Syndrome)- इंसुलिन रेजिस्टेंस होने पर व्यक्ति प्रायः हाय ब्लड शुगर (High Blood Sugar), हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure), हाय कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol), ट्राइग्लिसराइड (Triglyceride) और कमर के आसपास एक्स्ट्रा फैट (Fat) होने की वजह से डायबिटीज टाइप 2 (Diabetes Type 2) की संभावना ज्यादा रहती है, डायबिटीज टाइप 2 रिवर्सल (Diabetes Type 2 Reversal) से जुड़ी बातों को समझकर और उन्हें फॉलो कर इस परेशानी को कम करने या धीरे-धीरे ठीक करने में सहायता मिल सकती है।
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डायबिटीज टाइप 2 रिवर्सल (Diabetes Type 2 Reversal) कैसे किया जा सकता है?
डायबिटीज टाइप 2 रिवर्सल के लिए निम्नलिखित 2 बातों का ध्यान अवश्य रखें। जैसे:
1. ब्लड शुगर लेवल मॉनिटर करते रहें।
2. आवश्यकता पड़ने पर इंसुलिन या दवा लें।
डायबिटीज टाइप 2 रिवर्सल (Diabetes Type 2 Reversal) के लिए इन ऊपर बताये 2 बातों का ध्यान रखने के साथ-साथ डॉक्टर्स वजन कम करने की सलाह देते हैं। वजन कम करने के लिए डायट और एक्सरसाइज पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है। इसी के साथ-साथ डायबिटीज टाइप 2 रिवर्सल (Diabetes Type 2 Reversal) के लिए निम्नलिखित बातों का भी ध्यान रखना आवश्यक होता है। जैसे:
- रेग्यूलर हेल्दी एवं बैलेंस डायट फॉलो करना (Healthy and balance diet)
टाइप 2 डायबिटीज के साथ-साथ किसी भी अन्य बीमारी से बचने के लिए बढ़ते वजन को कंट्रोल करना बेहद आवश्यक है, क्योंकि शरीर में मौजूद एक्सेस फैट इंसुलिन के प्रॉडक्शन पर नेगेटिव इमपैक्ट डालता है। डायबिटीज टाइप 2 रिवर्सल (Diabetes Type 2 Reversal) के लिए निम्नलिखित डायट फॉलो करें। जैसे:
- कैलोरी (Calories) एवं कार्बोहायड्रेट्स (Carbohydrates) की मात्रा कम करें।
- लीन प्रोटीन (Lean protein) जैसे चिकन (Chicken), मछली (Fish), लो फैट वाले खाद्य पदार्थ (Low-fat dairy), सोया (Soy) एवं बीन्स (Beans) का सेवन करें।
- मीठे का सेवन कम से कम करें या ना करें।
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार खानपान पर ध्यान रखकर डायबिटीज टाइप 1 (Diabetes Type 1) या डायबिटीज टाइप 2 रिवर्सल (Diabetes Type 2 Reversal) संभव किया जा सकता है।
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- नियमित एक्सरसाइज करना (Regular Exercise)
रोजाना व्यायाम करना सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है। इसलिए डायबिटीज टाइप 2 रिवर्सल (Diabetes Type 2 Reversal) रूटीन में वर्कआउट को शामिल करें, लेकिन एक्सरसाइज की शुरुआत से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। इसके साथ ही अगर आपको पहले से वर्कआउट करने की आदत नहीं है, तो धीरे-धीरे एक्सरसाइज की शुरुआत करें। जैसे:
- हल्के व्यायामों से शुरुआत करें और धीरे-धीरे फिटनेस एक्सपर्ट की सलाह अनुसार एक्सरसाइज बढ़ाएं।
- अगर आप एक्सरसाइज नहीं कर पा रहें हैं, तो डायबिटीज टाइप 2 रिवर्सल (Diabetes Type 2 Reversal) के लिए नियमित टहलना भी लाभकारी माना जाता है।
- डायबिटीज टाइप 2 रिवर्सल (Diabetes Type 2 Reversal) के लिए योग की भी मदद ली जा सकती है।
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नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार डायबिटीज टाइप 2 रिवर्सल (Diabetes Type 2 Reversal) के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी (Bariatric surgery), कुछ वक्त के लिए मददगार हो सकती है। दरअसल पारस इंस्टीट्यूट ऑफ बैरिएट्रिक सर्जरी (Paras Institute of Bariatric Surgery) में पब्लिश्ड रिपोर्ट अनुसार बैरिएट्रिक सर्जरी की मदद से डायबिटीज (Diabetes), हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure), स्लीप एपनिया (Sleep Apnea) एवं बॉडी के बढ़ते एक्स्ट्रा फैट (Body fat) को कम करने में मदद मिलती है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार 10 में हर 1 व्यक्ति डायबिटीज का शिकार है, जिनमें से 90 से 95 प्रतिशत लोग टाइप 2 डायबिटीज (Diabetes Type 2) की समस्या से पीड़ित हैं। वैसे भले ही ये आंकड़ें डराने वाले हों, लेकिन डायट और वजन को ध्यान में रखकर इस परेशानी को कम की जा सकती है।
अगर आप डायबिटीज टाइप 2 या डायबिटीज टाइप 2 रिवर्सल (Diabetes Type 2 Reversal) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। अगर आप इस समस्या से पीड़ित हैं, तो खुद से किसी के कहने पर इलाज ना करें और विशेषज्ञों से जरूर सलाह लें।
डायबिटीज से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को नीचे दिए इस क्विज के माध्यम से भी जानें
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