आपकी उम्र या एथलेटिक क्षमता चाहे कैसी भी हो, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग(strength training) शरीर का लचीलापन, गतिशीलता बढ़ाने और बेहतर प्रदर्शन के लिए आवश्यक है। फिटनेस के हर स्तर पर आपके लिए स्ट्रेंथ ट्रेंड होना भी जरूरी है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग(strength training) के अच्छे परिणामों के लिए आपको जिम में घंटों समय नहीं बिताना पड़ता। इन स्ट्रेंथ एक्सरसाइजेज(strength exercises) से मांसपेशियां, हड्डियां और जॉइंट मजबूत होते हैं, अधिक कैलोरी बर्न होती है और चोट के कम जोखिम करने में मदद मिलती है। पाएं, स्ट्रेंथ एक्सरसाइज(strength exercise) के बारे में पूरी जानकारी।
स्ट्रेंथ एक्सरसाइज क्या है?
स्ट्रेंथ एक्सरसाइज, एक्सरसाइज़ के उस डिज़ाइन को कहा जाता है, जिसमें शरीरिक गतिविधि द्वारा शरीर की स्ट्रेंथ को बढ़ाया जाता है। इस एक्सरसाइज़ में वेट ट्रेनिंग से लेकर अलग-अलग तरह की शारीरिक गतिविधियों का सामवेश होता है। स्ट्रैंथ एक्सरसाइज से वजन तो कम होता ही है। इसके साथ ही यह आपकी मसल्स को मजबूती देता है और मैटाबॉलिज्म को भी बढ़ाता है।
स्ट्रेंथ बढ़ाने वाली एक्सरसाइज कौन सी हैं? इन्हें करने का सही तरीका और उनके फायदे जानें
स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) करना बिगनर्स के लिए थोड़ी मुश्किल हो सकती है, लेकिन इससे लाभों को नकारा नहीं जा सकता। जानिए आप कौन सी स्ट्रेंथ एक्सरसाइजेज (strength exercises) को कर सकते हैं।
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लंजेज (Lunges)
यह स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों पर अच्छे से काम करती हैं। जिसमे हमारी हैमस्ट्रिंगस, ग्लूटस और क्वाड्रिसेप्स शामिल हैं।
कैसे करें
- इस स्ट्रेंथ एक्सरसाइज को करने के लिए सबसे पहले आप सीधा खड़े हो जाएं। आपके दोनों पैरों में पर्याप्त अंतर होना चाहिए।
- अब अपने दाएं पैर को आगे बढ़ाएं और अपने कूल्हों को तब तक जमीन की तरफ नीचे ले जाएं जब तक दायीं टांग 90-डिग्री के एंगल पर न हो। इस दौरान आपका बायां घुटना जमीन के समानांतर होना चाहिए।
- ध्यान रखें, कि आपका सामने वाला घुटना आपके पैर की उंगलियों से परे नहीं होना चाहिए।
- इस प्रक्रिया को दोहराएं।
डम्बल शोल्डर प्रेस (Dumbbell shoulder press)
इस स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) से आपके कंधों और बाजुओं में मांसपेशियों को फायदा होगा और इससे आपकी कोर और छाती की मांसपेशियां भी मजबूत होंगी।
कैसे करें
- इस स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (strength training) को करने से पहले सीधा जमीन पर खड़ा हो जाएं।
- डम्बल लें और उन्हें अपने कंधे ऊंचाई तक ले जाएं।
- अब इन डम्बलस को तब तक अपने सिर के ऊपर तक ले जाएं, जब तक आपकी बाजुएं बुरी तरह से खुल नहीं जाती।
- इसी स्थिति में आप कुछ देर रहें और इसके बाद डम्बल को अपनी कंधे की ऊंचाई तक वापस ले आएं।
- इस प्रक्रिया को दोहराएं।
प्लैंक (Plank)
प्लैंक वो स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) है जो पूरे शरीर के स्टेबिलिटी में मदद करती है। इससे हमारे कोर, कमर के ऊपर का हिस्सा और कंधे सबका व्यायाम होता है।
कैसे करें
- इस स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (strength training) को करने के लिए अपनी हथेलियों को जमीन पर रखें।
- आपके हाथ उचित दूरी पर और कंधे सीधे आपकी कलाई के ऊपर हों।
- अब अपनी टांगों को पीछे की तरफ ले जाएं।
- इस स्थिति में कुछ देर रहें और इसके बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं।
- इस एक्सरसाइज को दोहराएं।
पुशअप्स (Pushups)
चेस्ट मसल्स की मजबूती के लिए यह स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) बेहतरीन है। यही नहीं, इससे कंधों, मसल्स, ट्राइसेप्स की भी अच्छी एक्सरसाइज होती है।
कैसे करें
- पुशअप्स करने के लिए सबसे पहले प्लैंक की स्थिति में आ जाएं, जिसमे आपकी हथेलियां कंधे के नीचे हों।
- अपनी पीठ को सीधा रखते हुए आप अपनी कोहनी को नीचे झुकाकर अपने शरीर को तब तक नीचे लाएं, जब तक आपकी छाती लगभग फर्श को न छू ले।
- अब एकदम से अपने शरीर को शुरुआती स्थिति में ले आएं।
- इस प्रक्रिया को दोबारा दोहराएं।
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स्क्वाट (Squat)
स्क्वाट न केवल अच्छी स्ट्रेंथ एक्सरसाइज है। बल्कि, यह एक से ज्यादा मसल ग्रुप पर काम करती है जिसमें ग्लूटस, क्वाड्स और कोर शामिल है।
कैसे करें
- स्क्वाट करने के लिए जमीन पर इस तरह से खड़े हो जाएं कि आपके पैरों के बीच में कुछ अंतर हो।
- अब बिलकुल सीधा देखें।
- छाती को बाहर, कंधे पीछे, और एब्स को टाइट रखें। अब धीरे-धीरे अपने कूल्हों को नीचे की ओर जितना हो सके उतना ले कर जाएं।
- ध्यान रहे, आपका वजन एड़ी में होना चाहिए, आपके पैर की उंगलियों में नहीं।
- जब आप खड़े हों तो भी आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए।
- इसी तरह से इस स्ट्रेंथ एक्सरसाइज(strength exercise) को दोहराएं।
ओवरऑल स्ट्रेंथ एक्सरसाइजेज के फायदे (benefits of strength exercise)
चाहे पुरुष हो या महिला, हर उम्र के लोग स्ट्रेंथ एक्सरसाइज कर सकते हैं। लेकिन, इन्हें करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। खासतौर पर अगर आप व्यायाम नहीं करते हैं। नियमित रूप से दिन में 20 से 30 मिनटों तक स्ट्रेंथ ट्रेनिंग(strength training) एक्सरसाइज करने से आपको निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं:
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मसल्स मास को बढ़ाने में लाभदायक
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, मसल्स मास कम होने लगता है। लेकिन स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) करने से मसल मास बढ़ता है।
हड्डियां रहें मजबूत
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (strength training) से हड्डियों का घनत्व बढ़ता है और फ्रैक्चर का खतरा कम होता है। यानी हड्डियों को मजबूत बनाने में यह लाभदायक सिद्ध हो सकती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।
हड्डियों के जॉइंट को बनाएं लचीला
स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) करने से हड्डियों के जोड़ लचीले बनते हैं, जिससे आर्थराइटिस के लक्षण भी कम हो जाते हैं।
वजन रहे नियंत्रित
स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) करने से जैसे ही आप मांसपेशियों को शेप में लाते हैं, आपका शरीर कैलोरी को आसानी से बर्न करना शुरू कर देता है। जिससे आपके वजन को नियंत्रित करना आसान हो जाता है। यह हमारे मेटाबोलिज्म को भी बढ़ाता है। इससे भी कैलोरी बर्न होने में मदद मिलती है।
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संतुलन को सुधारे
स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) करने से लचीलापन बढ़ता है। जिससे शरीर को बैलेंस बनाने में आसानी होती है और हम गिरने या चोट के खतरे से बच जाते हैं। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (strength training) कई पुरानी स्थितियों, जैसे गठिया, पीठ दर्द, मोटापा, हृदय रोग, अवसाद और मधुमेह के लक्षणों को कम करने में भी प्रभावी है।
सोचने की क्षमता बढ़ाए
कुछ शोध बताते हैं कि नियमित स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और एरोबिक व्यायाम बुजुर्गों में सोचने और सीखने के कौशल को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। स्ट्रेंथ एक्सरसाइज(strength exercise) करने से आप अपने जीवन की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं और रोजाना की एक्टविटीज को भी सुधार सकते हैं। मांसपेशियों की मजबूती से भी बेहतर संतुलन में योगदान मिलता है।
बिगनर्स के लिए स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise for beginners )कौन सी होनी चाहिए?
अगर आपने अभी व्यायम की शुरुआत की है और स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) करना चाहते हैं। तो आपको बहुत सोच-समझ और सही मार्गदर्शन के बाद ही इन एक्सरसाइजेज को करना चाहिए। बिगनर्स के लिए कुछ स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise for beginners)इस प्रकार हैं:
केटलबेल डेडलिफ्ट (Kettlebell Deadlift )
केटलबेल डेडलिफ्ट हैमस्ट्रिंग और ग्लूटस के मजबूती के लिए फायदेमंद है। थोड़ा अभ्यास करने के बाद आप इसमें निपुण हो सकते हो।
कैसे करें
- इसे करने के लिए केटलबेल को अपने दोनों हाथों से पकड़ पैरों के बीच में रख कर शुरुआत करें।
- अपने कंधों को चौड़ा और पैरों की उंगलियों को थोड़ा बाहर की तरफ रखें।
- अब धीरे से अपने घुटने मोड़ें और अपने कूल्हों को पीछे की तरफ धकेलें।
- रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
- अब अपने हील पर अपने भार डालते हुए खड़े हो जाएं।
- इस प्रक्रिया को दोहराएं।
द इनवर्टेड रौ (The inverted row)
द इनवर्टेड रौ पीठ के ऊपरी हिस्से के लिए बेहतरीन व्यायाम है। इसके साथ ही बिगनर के लिए अच्छी एक्सरसाइज है, जिनसे वो हेल्दी और मजबूत कंधे पा सकते हैं।
कैसे करें
- इस स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) को आप जिम में कर सकते हैं, क्योंकि जिम में आपको रोइंग मशीन मिल जाएगी।
- इस रोइंग मशीन को दोनों हाथों से इस तरह से पकड़ें कि आप सिर से लेकर पैर तक एक ही दिशा में हों, आपकी बाजुएं सीधी होनी चाहिए।
- कंधे के ब्लेडस को एक-दूसरे की ओर खींचकर एक्सरसाइज शुरू करें।
- अपने आप को ऊपर खींचें और बाजुओं को एक ही लाइन में रखें।
- इसके बाद शुरुआती स्थित में आएं।
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बेंट ओवर रौ (Bent Over row)
बेंट ओवर रौ एक ऐसी स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) है जो पुलअप्स जैसे सभी मसल्स ग्रुप पर काम करती है। इसे करने के लिए एक बारबेल या डम्बल का प्रयोग करें।
कैसे करें
- बारबेल या डम्बल को अपने कूल्हों की ऊंचाई के बराबर उठाएं।
- अपने घुटनों को थोड़ा मोड़ें, पीठ को सीधा रखें और अपने धड़ को तब तक आगे लाएं जब तक कि आपकी पीठ फर्श के लगभग समानांतर न हो।
- अब डम्बल को अपनी ओर उठाएं और सुनिश्चित करें कि आपकी कमर स्थिर रहे।
- अपनी कोहनी को अपने शरीर के पास रखें और अपने फोरआर्म्स से वज़न को खींचे।
- इसी स्थिति में अपनी कमर की मांसपेशियों को सिकुड़ने दें।
- इसी स्थिति में कुछ समय रहें और इसके बाद शुरुआती स्थिति में आ जाएं।
बाइसेप कर्ल्स (Bicep Curls)
बाइसेप कर्ल्स स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) प्रभावी रूप से शरीर के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियों पर काम करते हैं और स्टैमिना बनाने में मदद करती है।
कैसे करें
- इस स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) को करने के लिए जमीन पर सीधा खड़े हो जाएं और आपके पैरों में कुछ अंतर होना चाहिए।
- अपने दोनों हाथों में डम्बल पकड़ लें।
- अपनी किसी भी बाजु से शुरू करें। डम्बल अपनी बाहों को कोहनी पर मोड़ें और उन्हें कंधों की तरफ ऊपर लाएं।
- अपने शरीर की ओर ला कर डम्बल को मजबूती से पकड़ें।
- इसके साथ ही, अपने बाएं घुटने को फर्श के समानांतर लाएं।
- इस स्थिति में कुछ सेकंड तक रहें और फिर पहली स्थिति में आ जाएं।
- दूसरी तरफ से इस एक्सरसाइज को दोहराएं।
घर पर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (strength training) करते वक्त क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?
अगर आप प्रभावी स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) करना चाहते हैं, तो आपके पास प्रॉपर तकनीक का होना जरूरी है। इसके साथ ही आपको यह जानकारी भी होनी चाहिए कि सही से इसे न करने से आपको नुकसान हो सकता है। जानिए आपको स्ट्रेंथ एक्सरसाइज(strength exercise) के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं ।
क्या करना चाहिए
अपनी तकनीक पर ध्यान दें
हो सकता है कि आपने वेट एक्सरसाइज अपने दोस्त से सीखी हो। लेकिन, कई बार यह आपके लिए असुरक्षित साबित हो सकती है। गलत तकनीक से इन्हें करने से आपको मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन या फ्रैक्चर भी हो सकता है।
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सही वजन उठाएं
अगर आप स्ट्रेंथ एक्सरसाइजेज (strength exercises) की अभी शुरुआत कर रहे हैं। तो आपके लिए यह बात जानना बहुत जरूरी है कि आप सही वजन उठाएं। धीरे-धीरे जब आपका स्टेमिना बढ़ेगा, तब आप अधिक वजन उठा सकते हैं।
व्यायाम सही से करना सीखे
कोई भी व्यायाम करने में जल्दबाजी न करें। अच्छी फॉर्म और परिणाम के लिए यह बेहद जरूरी है, ताकि आप खुद को कोई नुकसान न पहुंचा लें। यदि आपको इस बात को लेकर निश्चिन्त नहीं हैं कि आप किसी खास एक्सरसाइज को सही तरीके से कर रहे हैं या नहीं। तो मदद के लिए ट्रेनर या अन्य फिटनेस विशेषज्ञ की सलाह लें।
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सांस लेना जारी रखें
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (strength training) करते हुए जब आप वज़न उठा रहे हों, तो आपको अपनी सांस रोककर नहीं रखनी है। इसके बजाय, जब आप वजन उठाते हैं तब सांस लें और वजन कम करें।
संतुलन बनाएं रखें
अपनी सभी प्रमुख मांसपेशियों पर काम करें – जिसमें पेट, कूल्हे, पैर, छाती, पीठ, कंधे और हाथ भी शामिल हैं। एक संतुलित तरीके से मांसपेशियों को मजबूत करें।
क्या न करें
जब आप स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) कर रहे हों, तो इन गलतियों को न करें:
वार्मअप ना छोड़ें
व्यायाम से पहले मांसपेशियां ठंडी होती हैं जिन्हें चोट लगने का खतरा अधिक होता है। इससे पहले कि आप वजन उठाएं, वाकिंग या अन्य एरोबिक व्यायामों से वार्मअप करें।
जल्दी न करें
वजन कम करने या खुद को शेप में रखने के लिए स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) करते हुए कोई जल्दी न करें। धीरे-धीरे और अपनी क्षमता के अनुसार कसरत करना ही लाभदायक है।
दर्द को नजरअंदाज न करें
अगर कोई व्यायाम दर्द का कारण बन रहा है, तो तुरंत व्यायाम करना छोड़ दें। डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही फिर से व्यायाम करना शुरू करें।
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किन हेल्थ कंडिशन में ये एक्सरसाइजेज नहीं की जा सकती हैं?
स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) किसी भी उम्र में की जा सकती है, लेकिन कुछ स्थितियों में इसे न करने की सलाह दी जाती है, जैसे
- अगर आपको अस्थमा हो तो इस एक्सरसाइज को न करें या डॉक्टर से पूछने के बाद ही करें।
- अगर आपको सांस संबंधी समस्या है तो भी स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) करने से बचे या डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें।
- अगर आपको कोई चोट लगी है तो चोट ठीक होने के बाद ही इसे करना आपके लिए लाभदायक होगा।
स्ट्रेंथ एक्सरसाइजेज (strength exercises) करने और इनके लाभ पाने के लिए सबसे जरूरी है सही जानकारी। कौन सी एक्सरसाइज कब और कैसे करनी है यह जानना आपके लिए बहुत आवश्यक है। इसके लिए आपको किसी ट्रेनर व विशेषज्ञ से मार्गदर्शन लेना चाहिए।
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