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प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट: बढ़ाएं अपनी स्ट्रेंथ इन आसान एक्सरसाइजेज से!

और द्वारा फैक्ट चेक्ड Nikhil deore


Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/12/2021

    प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट: बढ़ाएं अपनी स्ट्रेंथ इन आसान एक्सरसाइजेज से!

    व्यायाम करना हमारे लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना सही आहार का सेवन करना। एक्सरसाइज के महत्व और फायदों के बारे में हम भी जानते हैं। हेल्दी और फिट रहने के लिए आजकल लोग अलग-अलग प्रकार के वर्कऑउट्स को प्राथमिकता देते हैं, जिनमें से एक हैं प्लायोमेट्रिक। इस तरह के वर्कआउट में एक्सप्लोसिव बॉडी मूवमेंट्स जैसे जम्प्स (Jumps) और हॉप्स (Hops) आदि शामिल होते हैं। प्लायोमेट्रिक ट्रेनिंग (Plyometric Training) का मुख्य उद्देश्य है अधिकतर पावर आउटपुट और कंट्रोल्ड इम्पेक्ट। प्लायोमेट्रिक के एक प्रकार को प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit) के नाम से भी जाना जाता है। यह ट्रेनिंग एथलीट्स के लिए बेहद लाभदायक है, ताकि उनकी पावर, स्पीड आदि को सुधारा जा सके। जानिए क्या हैं प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit)। लेकिन, उससे पहले प्लायोमेट्रिक एक्सरसाइजेज के बारे में जान लेते हैं। 

    प्लायोमेट्रिक एक्सरसाइज क्या हैं? (Plyometric Exercises)

    सबसे सामान्य प्लायोमेट्रिक एक्सरसाइज (Plyometric Exercises) में जंपिंग वेरिएशंस शामिल हैं, जैसे बॉक्स जम्प्स, (Box Jumps) स्क्वॉट जम्प्स (Squats Jumps), सिंगल लेग होप (Single leg Hop) आदि। यह सभी व्यायाम लेग मसल्स के लिए फायदेमंद हैं जैसे  ग्लूट्स(glutes), क्वाड्स(quads) और हैमस्ट्रिंग(hamstrings) आदि। इनसे लोअर बॉडी पॉवर(Lower body power) भी बढ़ती है। हालांकि, अपनी अपर बॉडी के लिए आप क्लैप पुशअप्स (Clap Pushup) कर सकते हैं। यह सामान्य पुशअप्स की तरह ही होते हैं, इसमें केवल पुशऑप्स करते हुए आपको क्लैप करना होता है। प्लायोमेट्रिक एक्सरसाइज की एडवांस्ड फॉर्म है। ऐसे में इसे करने से पहले आपको किसी ट्रेंड कोच या ट्रेनर का मार्गदर्शन अवश्य लेना चाहिए।

    प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit) को करने से आपके शरीर को कई लाभ होते हैं जैसे मसल्स साइज बढ़ता है, मसल्स टोंड होते हैं और फ्लेक्सिबिलिटी के साथ एंड्यूरेंस भी बढ़ती है। इस कार्डियो में कुछ नया नहीं है, लेकिन यह दूसरे कार्डियो से बेहतर है। जानिए प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit) के फायदे क्या हैं? 

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    प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट के फायदे क्या हैं? (Benefits of (Plyometric )please check the spelling  Cardio Circuit)

    प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit) में पूरे शरीर की अच्छे से कार्डियो एक्सरसाइज हो जाती है। इसमें कम समय में आपके मसल्स को अधिक लाभ होता है, इस एक्सरसाइज के अन्य फायदे इस प्रकार हैं: 

    • प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit) क्विक और प्रभावी हैं। 
    • इनसे एंड्यूरेंस, स्पीड और स्ट्रेंथ में बढ़ोतरी होती है। 
    • बैलेंस और कोऑर्डिनेशन के लिए फायदेमंद है।
    • कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस (Cardiovascular fitness) को सुधारने में मददगार है। 
    • वजन को कम करने में प्रभावी है और इसे करने से एथेलेटिक परफॉरमेंस सुधरती है। 
    • इन व्यायामों को करने के लिए आपको किसी खास चीज को जरूरत नहीं होती। 

    यह व्यायाम, सामान्य तौर पर उन लोगों के लिए बेहतरीन हैं जो पहले ही शारीरिक रूप से फिट हैं और खुद को और बेहतर बनाना चाहते हैं। यह व्यायाम सामान्य होने के साथ ही बेहद इंटेंस हैं। इन व्यायामों को लगातार करने से स्ट्रेंथ और पावर बढ़ती है, जिससे आपको शेप में रहने में मदद मिलती है। प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit) का बड़ा फायदा यह भी है कि इन्हें आप घर या जिम कहीं भी कर सकते हैं। अब जानिए कि कैसे हैं यह कार्डियों एक्सरसाइज, स्टैंडर्ड कार्डियो से बेहतर?

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    स्टैंडर्ड कार्डियो से प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट कैसे बेहतर हैं?

    प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit) से सामान्य कार्डियो से अधिक कैलोरी बर्न होती है। इसके लिए आपको सिर्फ अपनी हार्ट रेट को एलिवेट करने पर फोकस करना होगा। कार्डियो आपके मसल्स को बिल्ड करने में मददगार नहीं है, हालांकि इससे आपका एंड्यूरेंस और स्टैमिना बढ़ सकता है। प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit) में खास एक्सरसाइज से जैसे एक्सप्लोडिंग पुशअप(Exploding Push ups), लेग हॉप्स (Leg hops), बॉक्स जम्प्स (Box Jumps) आदि के माध्यम से मसल ग्रुप को टारगेट किया जाता है। हालांकि, इसके लिए आपके शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। लेकिन ध्यान रहे इस एक्सरसाइज को करते हुए आपको अपनी क्षमता से अधिक कुछ नहीं करना है।

    अगर आप सही से इस व्यायाम को करेंगे तो आप अधिक कैलोरीज का बर्न होना नोटिस करेंगे। प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट को, स्टैंडर्ड कार्डियो वर्कआउट (Standard Cardio workout) से अधिक इंटेंस वर्कआवर के लिए डिजाइन किया गया है। अगर कैलोरी को बर्न करना आपका मुख्य उद्देश्य है तो यह वर्कआउट आपके लिए बेहद लाभदायक है। यही नहीं, शरीर को टोन करने के लिए भी यह व्यायाम आपके काम आ सकता है और प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit), स्टैंडर्ड कार्डियो की जगह ले सकता है। जानिए प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit) एक्सरसाइजेज के लिए आपको किन चीजों की जरूरत है 

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    प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट एक्सरसाइजेज के लिए आपको किन चीजों की जरूरत है?

    प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit) में बहुत सी जंपिंग की जाती है।  इसके साथ ही पेट का मूवमेंट भी जरूरी है जिससे हार्ट रेट को अप रहने में मदद मिलती है। इन व्यायामों को बहुत लो इम्पेक्ट और सिम्पल तरीके से भी किया जा सकता है। लेकिन, लगभग 80% प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट एक्सरसाइजेज को कार्डियो ही माना जाता है। प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit) एक्सरसाइजेज के लिए सबसे पहले आपका शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होना आवश्यक है।

    इसे साथ ही आपको योगा मेट या व्यायाम करने के लिए अन्य बेसिक चीजों की जरूरत होगी। आप इन्हें करते हुए रेजिस्टेंस बैंड्स (Resistance bands), जम्प रोप्स (Jump ropes) और हाय क्वालिटी स्नीकर्स का प्रयोग भी कर सकते हैं। इनके अलावा आपको खुली जगह की आवश्यकता भी होगी ताकि आप अच्छे से व्यायाम कर सकें। कोई भी व्यायाम करने के लिए किसी ट्रेनर की मदद अवश्य लें। अब जानते हैं प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit) एक्सरसाइजेज के उदाहरणों के बारे में।

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    प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट एक्सरसाइजेज कौन सी हैं? (Plyometric Cardio Circuit)

    प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit) हो या कोई अन्य एक्सरसाइज, इनकी शुरुआत हमेशा वॉर्मअप से करनी चाहिए। व्यायाम करने से पहले वॉर्मअप बेहद जरूरी है। एक्सरसाइज से पहले वॉर्मअप करने से चोट लगने के जोखिम से बचा जा सकता है। यह वॉर्मअप किसी भी तरह का हो सकता है जैसे स्ट्रेचिंग (Stretching), जॉगिंग (Jogging), रनिंग (Running) आदि। जानिए प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit) एक्सरसाइजेज कौन सी हैं

    स्क्वॉट थ्रस्ट (Squat Thrust)

    स्क्वॉट थ्रस्ट एक हाय इंटेंसिटी एक्सरसाइज हैस्क्वॉट थ्रस्ट (Squat Thrust) की अधिक इंटेंसिटी से कई लाभ होते हैं। इससे आपकी जांघों की पावर (Thigh Power), कोर की स्टेबिलिटी (Core Stabilities) और कूल्हों के लचीलेपन (Hip Flexibility) में सुधार होगा। जानिए इस व्यायाम को कैसे किया जा सकता है:

    • इस एक्सरसाइज को करने के लिए सबसे पहले किसी साफ जगह का चुनाव करें और उस पर कोई दरी या मेट बिछा लें। 
    • अब इस पर बिलकुल सीधा खड़ा हो जाएं। इस दौरान आपके कंधे बिलकुल सीधे होने चाहिए और दोनों पैरों में थोड़ा अंतर होना जरूरी है। 
    • अब स्क्वॉट पोजीशन में बैठ जाएं।
    • इसके बाद आपको प्लांक पोजीशन (Plank position) लेनी हैं, जिसमें आपके हाथ व पैरों की उंगलियां जमीन से टच करेंगे और आपकी कमर और टांगे बिलकुल सीधी होंगी।
    • इस पोजीशन से जब आपको बिलकुल सीधा खड़ा होना है तो जंप करते हुए खड़े हों। 
    • इस दौरान जंप करते हुए अपनी बाजुओं को पूरा ऊपर ले जाएं।
    • इसी तरह से इस व्यायाम को दोबारा करने के लिए फिर से स्क्वॉट पोजीशन में बैठ जाएं। 
    • इस व्यायाम को बार-बार दोहराएं।

    प्लियोमेट्रिक कार्डियो सर्किट, Plyometric Cardio Circuit

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    जम्प स्क्वॉट्स (Jump squats)

    प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit) में अगली एक्सरसाइज है जम्प स्क्वॉट्स। इसके करने के लिए आपको केवल समय और थोड़ी जगह की जरूरत है। शरीर के निचले हिस्से को मजबूत करने के यह व्यायाम आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। जानिए किस तरह से किया जा सकता है यह व्यायाम:

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    बॉक्स जम्प (Box Jump)

    बॉक्स जम्प्स क्लासिक प्लायोमेट्रिक मूव हैं। इसे करने के लिए आप एक बॉक्स की जरूरत है, जो आठ से बारह इंच ऊंचा हो। अपनी क्षमता के अनुसार आप छोटा या बड़ा बॉक्स भी ले सकते हैं। आपका बॉक्स मजबूत होता चाहिए। आप चाहें, तो चौड़ी सीढ़ियों का प्रयोग भी कर सकते हैं। जानिए कैसे किया जा सकता है इस व्यायाम को:

    • बॉक्स जम्प एक्सरसाइज (Box jump exercise) को करने के लिए सबसे पहले बॉक्स को अपने सामने रख लें।
    • अब इसके सामने इस तरह से खड़े हो जाएं कि आपके पैरों में पर्याप्त अंदर हो।
    • अपने घुटनों को मोड़ लें और अपने हिप्स को मिनी स्क्वॉट (Mini squats) की पोजीशन में नीचे की तरफ ले जाएं।
    • तुरंत अपनी हील्स को पुश करें और बॉक्स के ऊपर जंप करें।
    • लेकिन, बॉक्स पर लैंड करते हुए अपने घुटनों को मोड़ लें और अपना संतुलन बनाते हुए बॉक्स से नीचे उतरें।
    • इस एक्सरसाइज को जल्दी-जल्दी और संतुलन बनाते हुए दोहराएं।
    • आप जितनी देर कर सकें इस व्यायाम को दोहरा सकते हैं

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    स्की एब्स (Ski abs)

    प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit) में इस व्यायाम को बेहद लाभदायक माना जाता है। इस व्यायाम को करना आसान भी है और बेहद प्रभावी भी है। आपकी मसल्स के लिए भी इसे फायदेमंद माना जा सकता है। जानिए किस तरह से किया जा सकता है इस व्यायाम को:

    • इस व्यायाम की शुरुआत आपको प्लैंक पोजीशन से करना होगा जिसमें आपके पैर जुड़े होने चाहिए। 
    • आप अपने पैरों को जुड़े हुए ही रहने दें इसी स्थति में अपने पैरों को जंप करते हुए अपनी राइट तरफ ले जाएं 
    • इसके बाद फिर से पैरों को प्लैंक पोजीशन में ले आएं और इसी प्रक्रिया को लेफ्ट साइड दोहराएं।  
    • इस मूव में जंप करते हुए आप अपनी कलाई को मोड़ सकते हैं। 
    • लैंड करते हुए आपके पैर आपकी कोहनी से आगे की ओर होने चाहिए।
    • इस व्यायाम को आप बार बार दोहरा सकते हैं

    यह तो थे प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit) के कुछ व्यायामों के उदाहरणों के बारे में जानकारी। अब पाएं इन्हें करने के कुछ खास टिप्स।

    प्लियोमेट्रिक कार्डियो सर्किट, Plyometric Cardio Circuit

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    प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट के लिए टिप्स (Tips for Plyometric Cardio Circuit)

    उम्मीद है कि प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी इन व्यायामों को करते हुए आप डिफीकल्टी को बढ़ा या कम कर सकते हैं। लेकिन, किसी भी व्यायाम को अपनी क्षमता से अधिक इंटेंसिटी या समय तक करना आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। अगर आप बिगिनर हैं तो सबसे पहले प्लैंक वैरिएशंस को सीखें, ताकि आपका शरीर मजबूत हो सके। प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit) के कुछ टिप्स इस प्रकार हैं:

    • सर्किट ट्रेनिंग आराम से करें।
    • अपने वर्कआउट को आसान बनाने के लिए ऐसी एक्सरसाइजेज को चुनें, जो लो इम्पैक्ट हों और जिनके लिए आपको कम रेंज ऑफ़ मोशन की जरूरत हो।
    • अगर आपने अभी इन व्यायामों को करना शुरू किया है तो एक्सरसाइजेज को धीरे-धीरे से करें ताकि आप प्रॉपर फॉर्म को सीख सकें।
    • शुरूआत में इंटरवेल्स के बीच में लंबी ब्रेक्स लें लेकिन बाद में इनका समय कम कर दें। 
    • शुरू में आप वर्कआउट की डिफीकल्टीज, इंटेंसिटी और समय को बढ़ा सकते हैं। 
    • समय-समय पर अपनी एक्सरसाइजेज में बदलाव करते रहें ताकि आपके शरीर को एक ही व्यायाम की आदत न पड़ जाए। 
    • व्यायाम को करने से पहले ऐसे कपड़ों का चुनाव करें, जो आरामदायक हों इसके साथ ही पानी की बोतल और एक छोटा तौलिया भी अपने पास रखें

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    हमेशा कुछ नए फिटनेस ट्रेंड चलते रहते हैं, जो बेहद लोकप्रिय होते हैं। इनके लोकप्रिय होने का कारण यह है कि यह फायदेमंद होते हैं। इन्हीं में से एक है प्लायोमेट्रिक कार्डियो सर्किट (Plyometric Cardio Circuit)। यह एक्सरसाइज हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (High intensity interval training) के समान है, लेकिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Strength Training)  एलिमेंट के बिना यह स्ट्रिक्टली कार्डियो है। इस इंटेंस वर्कआउट को आप घर पर भी कर सकते हैं। अगर आपने अभी इसे करना शुरू ही किया है तो इसे शार्ट इंटरवेल में शुरू करें। किसी भी व्यायाम को शुरू करने से पहले डॉक्टर, ट्रेनर और किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूरी है। खासतौर, पर अगर आपको कोई मेडिकल समस्या हो या आप कोई दवाई ले रहे हों।

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